Digital Signature क्या है और डिजिटल सिग्नेचर कैसे बनवाएं?

Digital Signature Kya Hai और डिजिटल सिग्नेचर कैसे बनवाएं एवं इसे बनाने का तरीका व इसके लाभ तथा उपयोग क्या है जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

जिस तरह से कागज़ पर किये गए सिग्नेचर इस सबूत होता है कि किसी कागज पर लिखी गयी सभी बातें हमारी मरजी से हैं या हम इससे सहमत हैं | उसी प्रकार डिजिटल सिग्नेचर इलेक्ट्रॉनिक तरीके  से किया गया एक हस्ताक्षर ही है | यह एक इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से बनाया गया एक डिजिटल सिग्नेचर होता है जिस तरह हमें अपने ईमेल या फेसबुक के अकाउंट में लॉगिन करने के लिए अपने आई डी और पासवर्ड की जरूरत होती है यह आई डी और पासवर्ड भी एक तरह  का Digital Signature ही है | परन्तु इसे केवल ईमेल अथवा फेसबुक ही स्वीकार करते हैं |

दूसरा जब कभी भी हम किसी वेबसाइट अथवा ऐप पर अपना अकाउंट बनाते हैं | तो वह हमसे ‘वन टाइम पासवर्ड’ मांगता है | जो की कुछ समय की लिए ही रहता है | और एक बार ही प्रयोग किया जा सकता यह भी डिजिटल सिग्नेचर की ही तरह है |

डिजिटल सिग्नेचर क्या है ?

Digital Signature जैसे आपके आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर और डिजिटल सिग्नेचर को देने वाली संस्था मैथ और कंप्यूटर अल्गोरिथम की सहायता से तैयार किया गया एक ऐसा कोड होता है जिसे केवल आप ही जानते हैं जब कभी भी आपको डिजिटल हस्ताक्षर करने की जरूरत होती तो आप उस कोड की सहायता से अपने डिजिटल सिग्नेचर कर सकते हैं क्यूंकि किसी भी अन्य व्यक्ति को वह गोपनीय कोड की जानकारी नहीं होती है इसलिए कोई भी आपके डिजिटल सिग्नेचर की कापी नहीं कर सकता है। इसलिए आज के कंप्यूटर युग में डिजिटल सिग्नेचर का होना बहुत जरूरी हो गया है। यह किसी भी आम व्यक्ति के लिए नहीं है यह बहुत बड़ी कंपनी या सरकारी दस्तावेजों के लिए ही काम करता है जैसे कि आजकल हर तरह का प्रमाण पत्र ऑनलाइन हो गया है तो उस पर अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर ही काम करते हैं।

Digital Signature
Digital Signature Kya Hota Hai

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डिजिटल सिग्नेचर के लाभ

  • यहां हम आपको Digital Signature के लाभ के बारे में बता रहे हैं डिजिटल सिग्नेचर से किसी भी दस्तावेज़ जो की किसी प्रक्रिया में पेश किया जा रहा है
  • उसकी प्रमाणिकता देखी जा सकती है कि यह सही है या गलत है।डिजिटल सिग्नेचर की एक खास बात यह है कि एक बार अगर आप किसी डॉक्यूमेंट पर आपने अपने डिजिटल सिग्नेचर कर दिए तो इसके बाद उस दस्तावेज़ को बदला नहीं जा सकता और न ही उसके साथ किसी प्रकार की छेड़खानी की जा सकती है।
  • अगर ऐसा होता है तो डिजिटल सिग्नेचर मान्य नहीं माना जाता और सिस्टम उसे स्वीकार नहीं करता है और इस सुविधा के कारण दस्तवेजो की नकल से बचा जा सकता है |
  • डिजिटल सिग्नेचर करने के लिए प्राइवेट”की”केवल उपयोगी को ही मालूम होती है इसलिए उपयोगी अपने द्वारा डिजिटल साइन किये गए किसी भी दस्तावेज़ को भविष्य में इनकार  नहीं सकता हैं |

Digital Signature पर कार्य करने का तरीका

डिजिटल सिग्नेचर हर उपयोग करने वाले के लिए बिलकुल ही अलग और अपने जैसा अकेला ही होता है | यह एक खास कंप्यूटर अल्गोरिथम पर काम  करता है | जिसे पी के आई कहते हैं Digital Signature की सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी इसी कंप्यूटर अल्गोरिथम का प्रयोग करके दो या दो से अधिक कोड बनाती है जिसे की या कुंजी  कहते हैं इन दो कोड में से एक पब्लिक कोड होता है और एक प्राइवेट कोड होता है | इसमें से पब्लिक कोड सार्वजनिक होती है और निजी कोड गोपनीय होती है | जिसे केवल उपयोग करने वाला ही जानता है | जब कभी भी उपभोक्ता कही पर डिजिटल सिग्नेचर करता है तो वह इसी निजी कोड का प्रयोग करता है इसलिए यह और भी ज्यादा सुरक्षित हो जाता है।

डिजिटल सिग्नेचर 3 तरह से उपयोग में लाया जाता है

  • इसके जरिए डिजिटल सिग्नेचर करने वाले व्यक्ति की पहचान उसके ईमेल अकाउंट की मदद से की जाती है |
  • इसके जरिए डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा दी जाने  वाली संस्था यह तय करती है कि आपके द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट सही या नहीं और आप उसकी स्वीकृति दे रहे है और इसके गलत पाए जाने की जिम्मेदारी आपकी होगी इसे कोई भी आम व्यक्ति अथवा किसी बिज़नेस कंपनी द्वारा उपयोग किया जा सकता है।
  • यह डिजिटल सिग्नेचर सबसे सुरक्षित और  गोपनीय माना जाता है | क्यूंकि इस यह डिजिटल सिग्नेचर प्रदान करने वाली संस्था द्वारा सीधे जारी किया जाता है और इसे प्राप्त करने हेतु वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से Digital Signature की सुविधा प्रदान करने वाली संस्था के सामने जाना  पड़ता है
  •  बिना व्यक्तिगत रूप से हाजिर  हुए संस्था आपको यह सुविधा प्रदान नहीं करेगी और आप इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे इसलिए यह सुविधा सबसे ज्यादा सुरक्षित और गोपनीय मानी जाती है।
डिजिटल सिग्नेचर का उद्देश्य 

दोस्तों आज के जमाने में जहां सबकुछ डिजिटल होता जा रहा है और कागज़ी कार्यवाही को कम से कम करने के  उद्देश्य पर जोर दिया जा रहा है | इस स्थिति में डिजिटल सिग्नेचर का महत्व और भी बढ़ जाता है | आज सरकारी कार्यो का टेंडर हो या घर के खरीदारी या बेचना, इनकम टैक्स रीटर्न भरना, कंपनी का रजिस्ट्रेशन करना हो सभी कार्य डिजिटल होते जा रहे हैं वो ऑनलाइन इंटरनेट की सहायता से भरे जा रहे हैं | ऐसी परिस्थिति में डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल और भी जरूरी हो गया है

किसी भी कार्य हेतु कागज़ो को सत्यापित करने का काम ,ऑनलाइन फॉर्म भरने का काम,ऑनलाइन जी एस टी भरना हो और बहुत से काम डिजिटल सिग्नेचर की सहायता से घर बैठे अथवा अपने ऑफिस पर बैठे बैठे बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। इसलिए इस डिजिटल ज़माने में डिजिटल हस्ताक्षर और भी जरूरी हो गया है यह इसका मुख्य उद्देश्य है।

डिजिटल सिग्नेचर कैसे बनवाएं

  • डिजिटल सिग्नेचर बनवाने के लिए सबसे पहले आप को एक डिजिटल सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है और  आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि डिजिटल सिग्नेचर को पूर्ण रूप से सर्टिफिकेट अथॉरिटी द्वारा ही दिया जाता है
  • जिसको सी ए के नाम से जानते हैं जिसको इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 24 के अंतर्गत डिजिटल सिग्नेचर जारी करने की सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त होता है।सी,ए डिजिटल सर्टिफिकेट को जरनेट करने के बाद उसे डिजिटल सिग्नेचर बनाकर आपको आपका सिग्नेचर दे देता है।
  • डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा को देने वाली संस्था की सेवा प्रदान करने के लिए ली जाने वाली फीस अलग अलग संस्थाओ की अलग अलग हो सकती है |
  • इसके जरिए जारी किए गए डिजिटल सिग्नेचर की वैधता एक साल या दो साल  तक की होती है| इन संस्थाओं से डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्राप्त करने में आम तौर पर एक  से दो हफ्तों  का समय लग सकता है ।

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