मौद्रिक नीति समिति क्या है और Monetary Policy Committee के सदस्य व अध्यक्ष कौन है एवं इसके कार्य क्या होते है
वर्तमान समय में भारत सरकार के द्वारा मौद्रिक नीति समिति जिसे हम MPC(Monetary Policy Committee) के नाम से जानते हैं वह चलाई जा रही है जिसका सीधा संबंध बैंकों से होता है हम जानते हैं कि देश की जनता को चाहे कोई भी बैंक हो उसमें उनका अकाउंट जरूर होता है और बैंक का कार्य कभी ना कभी जरूर पड़ता है परंतु बैंक में लोन लेने के समय बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिनको इनकी जानकारी और उनके नियम के बारे में पता नहीं होता जिसके कारण और जानकारी ना होने की वजह से व कई मुश्किलों में भी पड़ जाते हैं
जैसा कि हमें पता है कि जितने भी बैंक हैं वह सभी RBI के अंतर्गत कार्यरत हैं और उन बैंकों की मनमानी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एमपीसी का गठन करके बैंकों की ब्याज दरों को निर्धारित करने का कार्य किया है तो आज इस Article के माध्यम से हम आपको Monetary Policy Committee(MPC) क्या है उससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां साझा करेंगे।
Monetary Policy Committee(MPC) क्या है
भारत सरकार ने 27 जून 2016 को एक समिति का गठन किया जिसका नाम मौद्रिक नीति समिति(MPC) रखा गया या बैंकों के द्वारा उच्च ब्याज दरों को रोकने के लिए तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम में संशोधन करने के बाद उनमें नीति निर्माण को एक नए तरीके से सुचारु रुप से चालू करने के लिए ऐसा कदम उठाया जिससे जो मुख्य ब्याज दर है वह उपयोग एवं पारदर्शी बनाने का कार्य किया जा सके इसीलिए इस नीति निर्माण को व्यवस्थित तौर पर करके नीति समिति को ही सौंप दिया गया जोकि अपने कार्यों के द्वारा जितने भी बैंक हैं उन पर मनमानी कार्य करने पर लगाम लगा सके और ऐसे में आम जनता जोकि बैंकों से लोन लेते हैं उनको कुछ छूट दी जा सके।
एमपीसी के सदस्य कौन है?
यदि Monetary Policy Committee(MPC) के सदस्य की बात किया जाए तो वर्तमान समय में इसके पैनल में 6 सदस्य हैं जोकि 3 स्वतंत्र सदस्य तथा तीन आरबीआई की तरफ से निर्धारित किए गए हैं आरबीआई के जो तीनों अधिकारी हैं उनमें से एक Governor, दूसरा Deputy Governor तथा तीसरा एक अन्य अधिकारी सदस्य के तौर पर रखा गया है और मौद्रिक नीति निर्धारण के कार्य के लिए साल में 4 बार इसकी बैठक होती है और यह सभी पहलू पर फैसला भी लेती है कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि बराबर के सदस्यों में मत पाए जाने में अंत में गवर्नर का फैसला ही निर्णायक माना जाता है और उसके बाद ही आरबीआई का गवर्नर नियम कानून को व्यवस्थित तौर पर सभी जगह निर्धारित करता है।
MPC के अध्यक्ष कौन है?
यदि एमपी सी के अध्यक्ष की बात किया जाए तो आरबीआई का जो गवर्नर होता है वही MPC का अध्यक्ष भी होता है जो वर्तमान समय में शक्तिकांत दास जी हैं और इसके साथ ही साथ इसके जो अन्य पांच सदस्य हैं वह भारत सरकार के तरफ से तीन लोग तथा RBI की तरफ से 3 लोगों में से हैं जो कि हम आपको निम्नलिखित बता रहे हैं।
- पमि दुआ
- चेतन घाटे
- रविन्द्र ढोलकिया
- र. गांधी
- माइकल पत्रा
मौद्रिक नीति समिति की व्यवस्था क्या है
यदि Monetary Policy Committee(MPC) की व्यवस्था की बात किया जाए तो केंद्र सरकार के द्वारा ही बैंक ब्याज दरों पर नियंत्रण रखा जाता है और यह अर्थव्यवस्था के मुद्रा को घटने एवं पढ़ने में भी नियंत्रित करती है जिससे मूल था बनी हुई रहती है और उच्च विकास दर को भी बढ़ावा देखने को मिलता है अब भारत की मौद्रिक नीति जो है उसमें भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) उच्च पायदान पर प्राधिकृत है जो कि अर्थव्यवस्था में मूल्य स्थिरता को बनाए रखने के लिए इसका प्रयोग करती हैं और व्यवस्था की वर्तमान समय में काफी ज्यादा आवश्यकता भी देखने को मिलती है।
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Monetary Policy Committee के कार्य क्या है
मौद्रिक नीति समिति के द्वारा बहुत से ऐसे कार्य होते हैं जोकि भारत में आम जनता को काफी ज्यादा सहूलियत प्रदान करने का होता है जिससे बैंकों के ऋणों में नियंत्रण किया जा सकता है और भारत की अर्थव्यवस्था को भी आगे और भी ज्यादा मजबूत बनाया जाता है तो आइए निम्नलिखित हम आपको MPC कार्य का उल्लेख करते हैं।
- यदि कोई भी देश महंगाई पर आसानी से काबू कर लेता है तो इससे देश की अर्थव्यवस्था और मुद्रा नीति काफी ज्यादा मजबूत हो जाती है और ऐसे में देश में विकास कार्य तेजी से बढ़ने लगता है इससे Monetary Policy Committee(MPC) को मूल्य स्थिरता बनाए रखने में कामयाबी मिलती है।
- देश में जितने भी मौसमी आवश्यकताएं हैं और उत्पाद हैं उन पर बैंक रेट और मुद्रा आपूर्ति का नियंत्रित करके उन्हें विकास करने का कार्य किया जाता है जो कि उत्पादन के बिना प्रभावी किए हैं उधारी निकासी पर ऋण को कम से कम दर पर दिया जाता है।
- देश में जितने भी गैर आ सकता की चीजें हैं उनके निवेश में रुकावट करके निश्चित निवेश पर नियंत्रण रखकर उत्पादकता को बढ़ाने का कार्य किया जाता है
- कई कई जगह सामानों का भंडारण करके उन्हें बेचा जाता है ऐसे में माल की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाकर और संगठन के तहत स्वस्थ मुद्रा को रोकने का कार्य भी किया जाता है।
- जितने भी छोटे उद्धार करता है और जो भी प्राथमिक क्षेत्रों में लोन प्रदान किया जाता है उन लोन पर नियंत्रण बनाए रखना तथा आवंटन से जुड़ी सभी जानकारियों को एकत्रित करके रखने का कार्य किया जाता है
- मौद्रिक समिति नीति के द्वारा जितने भी विविधीकरण हैं और प्रतिस्पर्धा है लोगों के बीच उन को प्रोत्साहित करने तथा उनके आगे बढ़ाने के लिए हमेशा प्रोत्साहन करने का भी कार्य किया जाता है।
Conclusion:निष्कर्ष
इस Article के माध्यम से मौद्रिक समिति नीति(Monetary Policy Committee)के विषय में हमने आपको विस्तृत तौर पर जानकारी प्रदान करने का कार्य किया तथा इसके साथ ही साथ इसके अध्यक्ष और सदस्यों के बारे में भी आपको संक्षेप में जानकारी प्रदान की है तथा उनके कार्यों को भी हमने उपरोक्त बहुत ही अच्छे तरीके से उल्लेख किया है जिससे आपको काफी ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा हम आशा करते हैं कि आर्टिकल आपको काफी ज्यादा पसंद आया होगा।