Gramin Dak Sevak Kya Hai और ग्रामीण डाक सेवक कैसे बने एवं GDS वैकेंसी, मासिक वेतन, सिलेबस व जरूरी दस्तावेज क्या है जाने हिंदी में
आज के समय में बहुत से गांवों में अभी भी इंटरनेट की सेवा नहीं पहुंच पाई हैं इसलिए भारत सरकार ने भारतीय पोस्ट ऑफिस के माध्यम से अपनी सभी योजनाओं की जानकारी देश के सभी गांवों तक पहुंचाने के लिए डाक सेवकों की भर्ती की योजना को बनाया है। जिससे ग्रामीण लोगों तक सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी पहुँच सकें और वह इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। इसलिए Gramin Dak Sevak के आवेदको के लिए भी ग्रामीण क्षेत्रों को ही चुना गया है ताकि गांव के ही लोग डाक सेवक बन सकें और उन्हें सरकारी नौकरी का लाभ तो मिलेगा ही साथ में वह अपने लोगों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का काम भी करेंगे। इसीलिए भारत सरकार ने ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती की योजना को शुरू किया है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
ग्रामीण डाक सेवक क्या है ?
सबसे पहले हम बात करेंगे ग्रामीण डाक सेवा के बारे में तो आइए हम आपको बताते हैं कि ग्रामीण डाक सेवक क्या है, घर घर जाकर लोगो को लेटर देना ही डाक सेवा कहलाता है। यह एक ऐसी नौकरी है जिसमें लोगों की सेवा करनी होती है। डाक सेवा के अंतर्गत और भी बहुत से कार्य आते हैं जैसे बैंक के पासबुक, चेक बुक, किसी तरह का डिमांड ड्राफ्ट, पैसा आदि कुछ भी पहुंचाना है तो वह यह काम बखूबी करते हैं। चाहे लोगों को एलआईसी (LIC) के बारे में बताना हो या किसी तरह के अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में बताना है।
किसी भी तरह का एक फॉर्म भरवाना हो या योजना के बारे में बताना है यह सारे काम ग्रामीण डाक सेवक ही करते हैं और यह एक डाकिया का भी काम करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना पड़ता है इसलिए इन्हें ग्रामीण डाक सेवक कहा जाता है।
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Gramin Dak Sevak (GDS)
हम कितना भी आगे क्यों न बढ़ जाए हम कितना भी एडवांस (modern) क्यों ना हो जाए जो चीज एक सही तरीके से होती हैं वह इन्हीं लोगों के कारण होती हैं क्यूंकि आजकल इंटरनेट के माध्यम से बहुत से लोग नकली पॉलिसी और बहुत कुछ कामों से लोगों को बेवकूफ बना जाते हैं। आजकल के टेक्नोलॉजी वाले समय में भी बहुत लोगों के पास सारी facilities नहीं है और उन्हें डाक सेवा का जरूरत पड़ता है कई बार ऐसा होता है कि छोटे–छोटे गांव कस्बों में कुछ जरूरी सूचना पहुंचाने के लिए डाक सेवकों को जाना पड़ता है। ग्रामीण डाक सेवक पोस्ट ऑफिस की सारी योजनाओं को गावं तक पहुंचाने का एक बहुत ही अच्छा माध्यम है।तो आइए आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से ग्रामीण डाक सेवा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेंगे
ग्रामीण डाक सेवक
भारतीय डाक सेवा भारत सरकार के ही अधीन कार्य करती है यह एक विभाग है जो इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। और इसी के जरिए भारत सरकार अपनी योजनाओं को हर गांव तक पहुंचाना चाहती है इसी उद्देश्य से ग्रामीण डाक सेवकों को बढ़ाने की योजना को अंजाम दिया जा रहा है क्योंकि अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पाती और वह इससे कोई फायदा नहीं उठा पाते इसीलिए भारतीय डाक विभाग ने इस योजना के जरिए हर गांव तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया है इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को डाक सेवक बनने का मौका दिया जाएगा और इससे उन्हें फायदा यह भी होगा कि उन्हें सरकारी नौकरी मिल जाएगी।
ग्रामीण डाक सेवा वैकेंसी
इंडिया पोस्ट ने शाखा डाकपाल बीपीएम, सहायक शाखा पोस्ट मास्टर एबीपीएम के पदों के लिए ग्रामीण डाक भर्ती अधिसूचना 2020 की घोषणा की है। इंडिया पोस्ट हरियाणा मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सर्कल से आवेदन आमंत्रित कर रहा है। ग्रामीण डाक सेवा भर्ती के तहत जनरल और ओबीसी श्रेणी के तहत अधिकतम वैकेंसी जारी की गई हैं।
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Gramin Dak Sevak वैकेंसी बीपीएम/ एबीपीएम पोस्ट
- प्रत्येक गांव ग्राम पंचायत में डाकघर की एक शाखा होगी जिसे ग्रामीण सेवक कहा जाता है।
- बीपीएम या शाखा पोस्टमास्टर का काम ग्रामीण डाक से संबंधित शाखा के कामकाज को प्रशासित होगा।
- अगर ग्राम पंचायत में एक से अधिक गांव होते हैं तो आपको वहां एमडी एमसी और पैकर्स का नेतृत्व करना होगा जिससे वहां नियुक्त किया जाएगा
- अपनी शाखा में अधिकतम संख्या में खाता खोलने के का काम भी आपको ही सुनिश्चित करना होगा।
- एमडी की मदद से आपको समृद्धि योजना और पीएलआई या डाक जीवन बीमा पॉलिसी आदि जैसी सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देना होगा।
- बी पी एम रजिस्टर पोस्ट स्पीड पोस्ट मनी ऑर्डर पार्सल आदि भी बुक करना है और आपको शाखा का नेतृत्व भी करना होगा।
एबीपीएम पोस्ट वैकेंसी – ग्रामीण डाक सेवक जॉब
- सहायक शाखा पोस्ट मास्टर की जॉब प्रोफाइल में बिक्री के सभी कार्य सम्मिलित होंगे जैसे डाक टिकट जमा, भुगतान अन्य पर डाक टिकट की स्टेशनरी, लेखन सामग्री और वितरण आईपीपीबी के तहत लेन-देन काउंटर कर्तव्यों में शाखा पोस्ट मास्टर की सहायता से हाथ में डिवाइस स्मार्टफोन विभाग द्वारा आपूर्ति की जाती है।
- आईपीपीबी के लिए किया गया कार्य टीआरसीए की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि यह प्रोत्साहन के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए मार्केटिंग मेलों का आयोजन, व्यवसाय की खरीद और शाखा पोस्ट मास्टर द्वारा सौंपे गए किसी भी अन्य कार्य की आवश्यकता होगी। आईपीओ/ एएसपीओ/ एसपीओ/ एसएसपीओ/ एसआरएम/ एसएसआरएम आदि एबीपीएम को भी संयुक्त ड्यूटी करना आवश्यक होगा।
Gramin Dak Sevak (GDS) का मासिक वेतन
भारतीय ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगारी को देखते हुए भारत सरकार ने इस योजना को शुरू किया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण डाक सेवक बन सके। पहले के जमाने में डाक सेवकों की सैलरी बहुत कम होती थी लेकिन अब भारत सरकार ने इसको बढ़ाने का फैसला किया है और सभी Gramin Dak Sevak (GDS) की सैलरी को 10000 रूपए से लेकर 14000 रूपए तक करने का फैसला लिया है ग्रामीण क्षेत्रों की परेशानियों को देखते हुए यह भारत सरकार का एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंच सके। और ग्रामीण क्षेत्रों का ज्यादा से ज्यादा विकास हो सके तभी हमारा देश तरक्की कर पाएगा।
ग्रामीण डाक सेवक का सिलेबस
- सबसे पहले भारत का इतिहास, भारत के आर्थिक मुद्दे, अंतरराष्ट्रीय मुद्दे।
- भारत का भूगोल (Geogrphical) राष्ट्रीय समाचार भारतीय संस्कृति (Indian Cultures) वैज्ञानिक अवलोकन राजनीति विज्ञान भारत के प्रसिद्ध स्थान भारत और उसके पड़ोसी देशों के बारे में विश्व संगठन देश।
- राजधानियां विज्ञान और नवाचार में अविष्कार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय करंट अफेयर किताबें और लेखक महत्वपूर्ण तिथियां प्रसिद्ध स्थान राष्ट्रीय नित्य संगीत और साहित्य जनजातियों कलाकारों ऐतिहासिक महत्व के पर्यटन स्थल मूर्तियां संगीत वाद्य यंत्र आदि।
- दूसरी श्रेणी में हमें तर्क लॉजिकल रीजनिंग की क्षमता अरे मैं पढ़ना है. हमें अंग्रेजी के बारे में भी पढ़ना है अंग्रेजी की भी 10 तक की knowledge काफी है उसके बाद हमें अंकगणित यानी mathematics भी पढ़ना है वह भी 10th की सिलेबस जो सीबीएसई ओर आईसीएसई में पढ़ाई जाती है बस इतना ही पढ़ना है।
Gramin Dak Sevak (GDS) बनने के लिए जरूरी दस्तावेज
- ग्रामीण डाक सेवक बनने के लिए आपका भारतीय होना जरूरी है।
- स्थाई निवास प्रमाण पत्र
- जन्म तिथि प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड नंबर
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर
- राशन कार्ड की
- हाई स्कूल की मार्कशीट
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष और ज्यादा से ज्यादा 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक की कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए ताकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी तरह से लोगों से बातचीत कर सके और योजनाओं के बारे में बता सके।
- इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को सुनकर भारत सरकार तक पहुंचा सके।
- सरकारी योजनाओं के फॉर्म भरने के लिए ग्रामीण लोगों की मदद कर सके।
ग्रामीण डाक सेवक कैसे बने?
- भारत सरकार ने ग्रामीण डाक सेवक बनाने की प्रक्रिया को एक अभियान के तौर पर शुरू किया है और समय-समय पर इसकी अधिसूचना ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंचाई जा रही है और सभी ग्रामीण क्षेत्रों से आवेदन पत्र मागें जा रहे हैं।
- इसकी न्यूनतम योग्यता हाई स्कूल है ग्रामीण डाक सेवक की भर्ती मेरिट के आधार पर की जाएगी और जिन ग्रामीण आवेदकों की हाईस्कूल परीक्षा में अच्छी परसेंटेज आई है
- सरकार पहले उन्हें मौका देगी और उनहें भारतीय डाक सेवकों की नौकरी आसानी से मिल जाएगी इसके लिए सबसे पहले उन्हें आवेदन करना होगा आवेदन करने के बाद अगर उनका नाम मेरिट लिस्ट में आ गया तो उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा
- अगर उनके दस्तावेज सही पाए गए और उनके अंक भी ज्यादा हुए तो उन्हें नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा इस प्रक्रिया के बाद वह भारतीय ग्रामीण डाक सेवक बन पाएंगे।