Legal Notice Kya Hota Hai और लीगल नोटिस कैसे भेजा जाता है एवं इसको कैसे ड्राफ्ट करें व फॉर्मेट में क्या-क्या अनिवार्य है जाने हिंदी में
दोस्तों आज का हमारा विषय है Legal Notice आप सभी जानते होंगे कि Legal Notice क्या होता है? जब भी हम कोई केस किसी एडवोकेट या किसी वकील के पास केस लेकर जाते हैं तो उसे शुरू करने से पहले वह बोलते हैं कि केस दर्ज करने से पहले आप Legal Notice भेज दीजिए। कुछ लोगों को लगता है कि शायद यह वकील अपने एक्स्ट्रा पैसे बनाने के लिए बोल रहा है। तो कुछ लोगों को समझ आ जाता है कि Legal Notice जरूरी है।दोस्तों आज अपना आर्टिकल के माध्यम से आपसे लीगल नोटिस के बारे में बात करूंगा। दोस्तों में बताना चाहता हूं कि लीगल नोटिस हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण नोटिस है। आइए आपको बताते हैं कि लीगल नोटिस के क्या महत्व है?
लीगल नोटिस क्या है?
लीगल नोटिस का मतलब है कि किसी विरोध पार्टी को किसी प्रकार का ब्लेम, चेतावनी या फिर कोई शर्त मानने की एक कानूनी धमकी देना। जैसे कि हमारा लेनदेन किसी पार्टी से चल रहा है। कई बार लोग व्यवसाय भी एक दूसरे के साथ मिलकर करने लगते हैं। और इन सबकी वजह से कठिनाई उत्पन्न होने लगती है जब कभी किसी कार्य के लिए दूसरे पर निर्भर रहते हैं तो दो लोगों के बीच में विश्वास का होना अनिवार्य माना जाता है कई बार हमारा विश्वास कमज़ोर पड़ने लगता है तो इसमें हम कानून का सहारा लेना ज्यादा सही समझते हैं ऐसे में हम Legal Notice देकर मामले से छुटकारा पा सकते हैं। जो कोई काम आपके बस में नहीं रहता तब लीगल नोटिस का सहारा लेना सही रहता है।
Legal Notice का मकसद
लीगल नोटिस एक तरह की धमकी व चेतावनी होती है। जो दूसरी पार्टी को भेजी जाती है। जब आपका काम समय के अंदर। पूरा नहीं होता यह एक तरह से आप कि इंटेंशन दूसरी पार्टी को देती है समझाने के लिए कि अगर यह काम समय पर नहीं हुआ तो क्या हो सकता है?
लीगल नोटिस का जवाब नहीं दे तो क्या होता है?
यदि आप कानूनी नोटिस का जवाब नहीं देते तो सबसे अधिक संभावना है कि व्यक्ति न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर करें। एक बार मानहानि का मुकदमा अदालत में दायर होने के बाद अदालत आप को सामान भेजने और विपरीत पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए भेजेगी।
Legal Notice कैसे भेजा जाता है?
Legal Notice भेजने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें।
- सबसे पहले आपको अपना लीगल नोटिस अपने परेशानी बयां कर के साथ भेजना होगा उसमें एक अंतिम समय होगा जो होगा 30 से 60 दिनों तक का अपनी परेशानी से निबटने का यह रजिस्टर्ड एड पोस्ट के द्वारा भेजा जाता है।
- नोटिस भेजने के बाद उसकी एक कॉपी अपने पास सेव रखें। यह आपको कोर्ट में दिखाने के काम आएगी।
- जितने समय का पीरियड दिया है उस समय तक इंतजार करें।
- जिसके खिलाफ केस भेजा है वह या तो इन दिनों के अंदर अंदर आपसे बात करेगा या फिर कोर्ट में आएगा यह केस सेटल करने के लिए।
लीगल नोटिस के फॉर्मेट में क्या-क्या अनिवार्य है?
लीगल नोटिस के फॉर्मेट में यह कुछ पॉइंट्स होना अनिवार्य हैं।
- Name and required information
- Description
- Place of residence of notice sender
- Aspects of the effect
- The monetary relief claimed by the sender of the notice
- The gist of the legal basis for the relief claimed
Legal Notice को कैसे ड्राफ्ट करें?
लीगल नोटिस को ड्राफ्ट करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यान से पढ़ें।
- सबसे पहले आपको ऊपर डेट लिखनी होगी फिर उसके बाद जिससे लीगल नोटिस भेज रहे हैं। उसका पूरा नाम व पता लिखें।
- सब्जेक्ट में आप लीगल नोटिस का टाइटल लिखें । ताकि उसे पता चल सके कि लीगल नोटिस किस लिए भेजा है?
- फिर अपना मोड चुने। किस मोड से आपको भेजना है जैसे के स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड या कोरियर।
- फिर अपना पूरा नाम और पता लिखने के बाद जिस को नोटिस भेजना है। उस को संबोधित करते हुए अपनी बात कहें कम शब्दों में।
- अपनी शर्त और बातों को मानने के लिए एक सीमा दे आखिरी सीमा 15 दिन की होती है। आप 7 दिन की भी सीमा दे सकते हैं।
- आखिर में लीगल नोटिस के पेज पर अपने सिग्नेचर करें।
- इस तरह से आपका लीगल नोटिस तैयार होता है।
Conclusion
उम्मीद करता हूं कि इस आर्टिकल के माध्यम से आपको समझ आ गया होगा के लीगल नोटिस क्या होता है व लीगल नोटिस भेजने की क्या प्रक्रिया होती है? आगे भी इसी तरह आपके लिए और विश्व के बारे में बात करूंगा।