E Governance Kya Hota Hai और ई गवर्नेंस कितने प्रकार के होते है एवं इसका उद्देश्य, फायदे व नुकसान की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
वर्तमान समय में भारत में केंद्र सरकार ने Digital करण पर बहुत ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि पहले जब किसी भी सरकारी कार्यालय या फिर किसी भी प्रकार का टिकट चाहे वो ट्रेन का हो फ्लाइट कहो करना होता था तो उसके लिए या तो कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे या फिर कहीं ना कहीं जाकर ही कुछ कार्य करना पड़ता था जिसमे समय बहुत अधिक रखता था इसलिए भारत सरकार ने सभी चीजों को जितने भी इसका रहे हैं Online माध्यम से करके देश को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए एक बेहतरीन योजना जिसमें E-governance कहते हैं लांच की ई गवर्नेंस के द्वारा ही हम जितना भी Digital कार्य कर रहे हैं वह सब हो रहा है आजकल के माध्यम से हम आपको ई गवर्नेंस(E-Governance) क्या है इससे संबंधित जानकारी प्रधान करेंगे।
What is E Governance
केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई E-Governance एक प्रकार की ऐसी सेवा है जिसके द्वारा कोई भी नागरिक सरकारी कार्यों को पूर्ण तरीके से Internet का इस्तेमाल करके पूरी पारदर्शिता के साथ कर सकता है।अब नागरिक घर बैठे ही Online माध्यम से सभी सरकारी सुविधाओं का आनंद ले सकता है जिसमे इसकी समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है जिससे भ्रष्टाचार पर भी रोक लगाई जा रही है।
शायद यही कारण है भारत सरकार के इस प्रयास से नागरिक सभी योजनाओं का लाभ ले पा रहा है जिनमें बिजली बिल पानी बिल इनकम टैक्स रिटर्न रेलवे, फ्लाइट का टिकट तथा उसके साथ ही साथ सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन प्रक्रिया को भी इस माध्यम से जोड़ा गया है तथा आय जाति निवास प्रमाण पत्र भी E-Governance सेवा के माध्यम से आसानी से घर बैठे बनाया जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि कोर्ट कचहरी के चक्कर भी अब ज्यादा नहीं लगाने पड़ते हैं।
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ई गवर्नेंस सेवा से फायदा क्या है?
भारत सरकार की ई गवर्नेंस सेवा शुरू करने से भारतीय नागरिकों को बहुत ज्यादा आसानी प्राप्त हुई है जिसके माध्यम से वह अपने बहुत से ऐसे कार्य है जिसमें देर लगती थी वह अब सेकंडो और मिनटों में हो जाते हैं तो यह निम्नलिखित हम आपको E-Governance सेवा से फायदे क्या है वह बताते हैं।
- ई गवर्नेंस सेवा के द्वारा आप सभी कार्य Online माध्यम से किए जाएंगे जिसमें कागज का कम इस्तेमाल होगा और यदि कागज का कम इस्तेमाल होगा तो ऐसे में पेड़ों को कम काटा जाएगा और इससे पर्यावरण का संतुलन भी बना रहेगा।
- सरकारी दफ्तरों में होने वाले जो भ्रष्टाचार हैं वह समाप्त हो जाएंगे और ऐसे में सरकारी कार्यालयों में नागरिकों को चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
- E-Governance सेवा के माध्यम से घर बैठे नागरिकों को सभी सरकारी सूचनाएं एवं योजनाओं के बारे में जानकारियां प्राप्त हो जाएंगी।
- E-Governance योजना के माध्यम से लोगों को कोई भी कार्य कराने के लिए निर्धारित समय में पूरा हो जाएगा।
- जैसा कि भारत में सरकारी दफ्तरों में जाने से लोगों का जो डर बैठा हुआ है वह आप समाप्त हो जाएगा जिससे ऐसे लोग ऑनलाइन माध्यम से अपने कार्यों को आसानी से करा लेंगे।
E Governance योजना का उद्देश क्या है?
केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई E-Governance सेवा का जो उद्देश्य है वह यही है कि जितनी भी सरकारी सेवाएं हैं वह Internet के द्वारा देश के जितने भी आम नागरिक हैं जो कि अभी भी कार्यालयों में आने से हिचकीचाते हैं तथा उनका कार्य समय पर नहीं हो पाता उन ताकि सुविधाओं को पहुंचाया जा सके जिससे उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाना पड़े और उनका कार्य पूर्ण तरीके से हो सके इस योजना के माध्यम से सरकार और जनता के बीच का एक समन्वय बनेगा जिसमें धन और समय दोनों की ही बचत होगी इसके माध्यम से वाणिज्य कर Banking सेवाएं भूमि रिकॉर्ड जैसी अन्य सुविधाएं भी Internet के माध्यम से जनता को पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।
ई गवर्नेंस के कितने प्रकार है
ई-गवर्नेंस योजना को मुख्यता चार भागों में बांटा गया है जिसके अलग-अलग कार्य योजना के अंतर्गत किए जाते हैं जो कि हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।
Government to Government(G to G)
G to G का जो आशय है वह इस योजना के अंतर्गत यह है कि सरकार से सरकार तक का यानी कि किसी एक सरकारी विभाग से किसी अन्य दूसरे सरकारी विभाग की सेवा अथवा सूचना को आदान प्रदान करना या फिर दूसरी भाषा में कहें कि किसी दूसरे सरकारी कार्यालयों से संपर्क करना होता है जिसे हम गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट सेवा कहते हैं।
Government to Citizen(G to C)
जी 2 सी इस दूसरी सेवा का सीधा आशय यह है कि सरकार से नागरिक तक जाने की इस सेवा के द्वारा देश के किसी भी राज्य का कोई भी नागरिक सीधे सरकार से प्राप्त होने वाली सेवाओं का आनंद आसानी से उठा सकता है जैसे कि घर बैठे ही बिजली पानी की बिल जमा करना या फिर Online Ticket करना आदि।
Government to Business(G to B)
यह तीसरे प्रकार की योजना जिसे हम G to B के नाम से जानते हैं यह सरकार से व्यापारियों का सीधा संबंध को जोड़ता है जिसमें कई प्रकार की सेवाएं व्यापारियों को प्रदान की जाती है जिसमें देश का कोई भी नागरिक अपने व्यवसायिक क्षेत्र में सरकारी कार्यों को घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से आसानी से कर सकता है जैसे कि VAT के लिए Registration करना तथा किसी भी व्यापार के लिए Licence प्राप्त करना आदि।
Government to E(G to E)
E-Governance का चौथा प्रकार जो होता है वह जीतू यानी कि सरकार से कर्मचारियों का सीधा संबंध दर्शाता है जिसके अंतर्गत सरकार और सरकारी कर्मचारी दोनों ही आपस में एक दूसरे से संपर्क कर सकते हैं जो कि किसी भी विभाग के द्वारा जानकारी को किसी वेबसाइट के माध्यम से एक दूसरे को साझा किया जा सकता है।
E-Governance Services के अंतर्गत प्राप्त सुविधाएँ
जैसा कि आपको बताया गया कि ई गवर्नेंस सेवा जो है वह नागरिकों के लिए काफी ज्यादा फायदे वाली मानी गई है क्योंकि इसका चलन अब ज्यादा तौर पर देखने को मिल रहा है तो आइए निम्नलिखित हम आपको E-Governance के अंतर्गत जो सुविधाएं प्राप्त होती हैं उसके बारे में बताते हैं।
- Certificate Verification
- Online Pan Card
- Ration Card
- Rail Ticket Booking
- Bus Ticket Booking
- दैनिक बाजार भाव
- MGNREGA Apply
- ऑनलाइन शिकायत
- Online Appointment
- ऑनलाइन डिजिटल लॉकर
- Passport Service
- Voter ID
- Aadhaar Card
- Khatauni
- Voter List
E-Governance से संबंधित कुछ हानि
जैसा कि हम जानते हैं कि E-Governance सेवा से भारत के जितने भी नागरिक हैं उन्हें बहुत ज्यादा लाभ मिल रहा है परंतु इस योजना से कुछ हानि भी देखने को मिली है जोकि हम आप को निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।
- जब भी हम ई गवर्नेंस सेवा के माध्यम से कोई भी आवेदन फॉर्म भरते हैं तो ऐसे में हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी को भी साझा करना पड़ता है जो कि वर्तमान समय में काफी ज्यादा घातक साबित हो रहा है।
- आज भी भारत में कई ऐसे भी क्षेत्र है तथा वहां के लोग जो है उनके पास ना ही Computer है और ना ही मोबाइल जिससे उन्हें इस सुविधा का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है।
- बहुत से ऐसे गांव एवं कस्बे हैं जहां पर Internet की सुविधा नहीं है जिससे ई गवर्नेंस सेवा का फायदा वहां के निवासी नहीं उठा पा रहे हैं।
- जैसा कि हम जानते हैं कि भारत की जो साक्षरता है वह अभी भी कम है ऐसे में जितने भी निर्णय लोग हैं उनको इस योजना का सही तरीका मालूम नहीं जिससे वह अपनी निजी जानकारियों को दूसरे से साझा कर देते हैं जिससे दूसरा व्यक्ति उनकी प्रमाण पत्रों का फायदा उठा लेता है।