H-1B वीजा क्या है – एच-1बी वीजा कैसे मिलता है?

एच-1बी वीजा क्या है और ये कैसे मिलता है एवं H-1B Visa Ki Full Form Kya Hoti Hai व इसकी अवधि कितनी होती है जाने हिंदी में

दोस्तों आज का हमारा विषय है एच-1बी वीजा क्या है।सुनने में तो ऐसा लग रहा है कि किसी वैक्सीन का नाम है जो इम्युनिटी बढ़ाता हो पर नहीं दोस्तों h1b एक वीजा का नाम है जो लोगों को अमेरिका में काम करने के लिए लोगों को प्रदान किया जाता है। तमाम तरीके के वीजा होते हैं यह उन्हीं में से एक है।अगर आप भी अपने देश से बाहर जाकर अमेरिका में काम करना चाहते हैं तो आपको H-1B Visa लेने की आवश्यकता पड़ेगी। पर हाल ही में सुनने में आया है कि ट्रंप ने इन वीजा को एक्सपायर कर दिया है तो चलिए जानते हैं एच-1बी वीजा के बारे में संपूर्ण जानकारी

H-1B Visa Kya Hai

h1b विजा एक गैर आप्रवासी वीजा होता है जो संयुक्त राज्य में आव्रजन और राष्ट्रीय अधिनियम की धारा 101 के तहत दिया जाता है यह वीजा अमेरिकी कंपनियों को विभिन्न व्यवसायों में विदेशी काम करो का आस्थाई रूप से रोजगार देने की अनुमति देता है। नियम के अनुसार किसी विदेशी को किसी अन्य देश में जाने के लिए विजा़ या किसी अन्य देश की अनुमति लेनी पड़ती है। ऐसा ही एक वीजा भारत के लोगों को अमेरिका में नौकरी करने के लिए लेना पड़ता है जिसका नाम है H-1B Visa अमेरिकी कानून के हिसाब से एक वित्तीय वर्ष मैं अधिकतम 65000 विदेशी नागरिकों को h1b विजा दिया जा सकता है। भारत और चीन के लोग इस विश्व का सबसे अधिक इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका में यह नियम है कि जो व्यक्ति वीजा के लिए अप्लाई करता है उसको पहले अमेरिकी आव्रजन विभाग को इंटरव्यू देना पड़ता है।

H-1B Visa Ki Full Form Kya Hoti Hai
H-1B Visa

यह भी पढ़े: पासपोर्ट कैसे बनवाएं

एच-1बी वीजा की फुल फॉर्म क्या है?

एच-1बी वीजा की फुल फॉर्म है immigration and nationality act यह हिंदी में आप्रवासन और राष्ट्रीयता अधिनियम के नाम से जाना जाता है।

H-1B वीजा लेने के लिए पात्रता?

अगर किसी को h1b विजा लेना होता है तो उसके पास एक ग्रेजुएशन डिग्री होनी अनिवार्य है। और साथ-साथ उससे 12 साल काम करने का एक्सपीरियंस होना अनिवार्य है। इसमें कुछ शर्तें भी रखी जाती हैं जैसे कि जिस व्यक्ति को बुलाया जा रहा है उस व्यक्ति का काम में कुशल होना अनिवार्य है नौकरी के लिए मांगी गई डिग्री और वीजा के आवेदक की डिग्री एक ही होना अनिवार्य है। अब तक के पास यूएस की कोई बैचलर डिग्री प्राप्त करना जरूरी होगा। इसके अलावा आपको बता दें कि h1b विजा के लिए हर कोई आवेदन नहीं कर सकता है इसीलिए व्यक्ति को कंपनी की ओर से आवेदन करना अनिवार्य होगा।

एच-1बी वीजा की अवधि?

दोस्तों एच-1बी वीजा की अवधि 3 वर्ष की होती है जिसे अधिकतम 6 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस अवधि के समाप्त होने के बाद आवेदक को अमेरिका में नागरिकता प्राप्त करने हेतु आवेदन करना होता है जिसके बाद उसे ग्रीन कार्ड मिल जाता है। और अगर h1b वीजा की अवधि समाप्त हो जाती है और आवेदक को ग्रीन कार्ड प्राप्त नहीं होता है तो उसे 1 वर्ष के लिए अमेरिका से बाहर रहना पड़ता है और 1 वर्ष के बाद उसे h1b वीजा के लिए फिर से आवेदन करना पड़ता है।

यह भी पढ़े: ECR Or Non ECR Passport क्या होता है

H-1B वीजा न्यू अपडेट

22 जून की रात अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप  ने h1b विजा को साल के अंत तक के लिए सस्पेंड कर दिया। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक इस फैसले  की दो वजह है  पहली है कोरोनावायरस और दूसरी है अमेरिका फर्स्ट  मतलब के अमेरिका के लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके उपलब्ध कराना।  एच-1बी वीजा का सस्पेंशन 24 जून से लागू होगा मतलब के इस बीच नए वीजा तो लागू नहीं होंगे  साथ ही अमेरिका में रह रहे जिस भी व्यक्ति का वीजा  24 जून से लेकर साल के अंत तक  के बीच में एक्सपायर हो रहा है  उससे अब रिन्यू करवाने में भारी दिक्कत आएगी।

एच-1बी वीजा की विरोध की वजह?

 अमेरिका में पिछले काफी सालों से इस विषय को लेकर काफी विरोध हो रहा है। लोगों का मानना है कि कंपनियां इस फ्रीजर का गलत तरह से इस्तेमाल करती हैं। उनकी शिकायत है कि यह विषय से कर्मचारियों को जारी किया जाना चाहिए जो अमेरिका में मौजूद नहीं है, लेकिन कंपनियां इसका इस्तेमाल आम कर्मचारियों को रखने के लिए कर रही हैं। अमेरिका के लोगों का मानना है कि कंपनियां H-1B वीजा का इस्तेमाल करके  विदेशी कर्मचारियों को कम सैलरी पर रख लेती हैं।

पिछले कई सालों से इस मुद्दे को लेकर काफी लड़ाइयां भी लड़ी जा चुके हैं। दोस्तों मैं आपको बता दूं कि 2015 में अमेरिकी की एक मशहूर कंपनी डिज्नी को एक काफी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। उस कंपनी के कर्मचारियों का कहना था कि  कंपनी में H-1B वीजा धारा कर्मचारियों  को कम सैलरी पर रखा जा रहा है। इसी तरह से 2013 में भारतीय आईटी कंपनी इन्फोसिस को ऐसे ही एक मामले को लेकर करीब ₹250000000 का जुर्माना भरना पड़ा था।

भारत की चिंता की क्या वजह है?
  • टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो जैसी बड़ी भारतीय आईटी कंपनी को करीब 60% रेवेन्यू अमेरिका से आता है। और साथ ही साथ यह सभी बड़ी कंपनियां H1b वीजा धारकों को काम करवाती हैं।
  • अमेरिका मंत्रालय के अनुसार हर साल दिए जाने वाले कुल 85000 एच-1बी वीजा में से 60 फ़ीसदी भारतीय कंपनी को दिए जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में इन्फोसिस के कुल कर्मचारी में 60 फ़ीसदी से ज़्यादा h1b वीजा धारक हैं। इसके अलावा वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में h1b वीजा धारकों ने करीब 70% भारतीय हैं।
  • इसी चीज को देखते हुए साफ हो जाता है कि यदि अमेरिका ने एच-1बी वीजा के नियमों में बदलाव किया तो इससे सबसे ज्यादा भारी नुकसान भारतीय इंजीनियरों भारतीय कंपनी को होगा। साथ ही साथ इसका बुरा प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। मैं आपको बता दूं कि भारतीय जीडीपी में भारतीय आईटी कंपनी का योगदान 9.5% के करीब है और इन कंपनियों पर पड़ने वाला कोई भी फर्क सीधे हम भारतीय जीडीपी पर पड़ेगा इसीलिए यह भारत के लिए एक बहुत ही चिंता की बात है।
Conclusion

प्रिय दोस्तों उम्मीद करती हूं कि आपको मेरा आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि एच-1बी वीजा क्या है अथवा  यह कैसे इस्तेमाल किया जाता है आगे भी इसी तरह आपको और चीजों के बारे में जानकारी प्रदान करती रहूंगी। अगर आपको कोई भी कठिनाई आती है तो आप हम से नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। आप का कमेंट हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

Leave a comment