डिजिटल कैमरा (Digital Camera) क्या है और DSLR Camera कैसे काम करता है ?

Digital Camera Kya Hai और DSLR Camera कैसे काम करता है एवं डिजिटल कैमरा के प्रकार, पार्ट व लाभ के बारे में जाने

जब भी हम कहीं घूमने जाते हैं या फिर किसी फैमिली फंक्शन में जाते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में आता है कि हम खूब सारी पिक्चर्स लेंगे। और पिक्चर  खींचने के लिए हमें कैमरे की जरूरत पड़ती है। पर आजकल की जनरेशन में मोबाइल ऐसे ऐसे आ गए हैं कि आपको डिजिटल कैमरे की जरूरत ही नहीं।  मोबाइल द्वारा काफी शानदार फोटो आप खींच। सकते हैं। जब Digital Camera की बात आती है तो सबसे पहले हमारे दिमाग में आता है एक कैमरा हो तो DLSR।  आजकल हर कोई DLSR लेना चाहता है। क्योंकि उससे फोटो की क्वालिटी भी अच्छी आती है और उससे काफी सारे काम भी हो सकते हैं। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से डिजिटल कैमरे से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे डिजिटल कैमरा क्या है और यह कैसे वर्क करता है? यह सब बताएंगे।

Digital Camera (डिजिटल कैमरा )

डिजिटल कैमरा Eastman  kodak के Steven Sasson द्वारा 1975  में स्थापित किया गया था।डिजिटल कैमरा डिजिटल मेमोरी में तस्वीरों को कैप्चर करता है आज अधिकांश कैमरा डिजिटल है और जबकि अभी भी संपत्ति ट्रिपल कैमरा है कई और कमरों को अब मोबाइल उपकरणों को टच स्क्रीन कंप्यूटर में शामिल किया जा रहा है जो अन्य उद्देश्यों के साथ लाइफ वीडियो आराम करने के नियमों का उपयोग कर सकते हैं। टेलिफोनी और दूसरे को इमेज सीधे संपादित और अपलोड करना परिभाषित कैमरे अभी भी आम तौर पर प्रयोग द्वारा उपयोग किए जाते हैं।

  • डिजिटल कैमरे से फोटो अच्छी क्वालिटी की और बिल्कुल परफेक्ट आती है यह सभी तरह के फोटो को डिजिटली का असर करता है। इसलिए आपको फोटो अच्छी नजर आती है और यह अपने कैमरे में भी सेव हो जाती हैं और उससे पसंद ना आने पर आप डिलीट भी कर सकते हैं।
  • डीएसएलआर  एक बहुत ही बेहतरीन कैमरा होता है और इसकी कीमत और ज्यादा बेहतरीन होती है। डीएसएलआर की शुरुआत कीमत सिर्फ 25000 रुपए से शुरू होती है।
Digital Camera
Digital Camera

यह भी पढ़े: मोबाइल फ़ोन को CCTV कैमरा कैसे बनाये

हिस्ट्री ऑफ Digital Camera

डिजिटल कैमरे का आविष्कार सन 1975 में एस्टिवन सेसन ईस्टमैन ने किया था।  डिजिटल कैमरा 1990 के दशक में लोगों के बीच में आया था। वर्ष 2000 में तो इस तरह के कैमरों ने फिल्मी जगत में भी अपनी पहचान बना ली थी और सन 2010 के बाद तो यह कैमरे स्मार्टफोन में भी आने लगे।

पैरामीटर इन डिजिटल कैमरा

एक फिल्म कैमरे की तरह, एक डिजिटल कैमरा में कुछ पैरामीटर भी होते हैं। ये पैरामीटर इमेज की स्पष्टता का निर्णय लेते हैं। लेंस के माध्यम से प्रवेश करने और सेंसर को हिट करने वाले लाइट को कंट्रोल किया जाना चाहिए। इसके लिए, पैरामीटर हैं-

1- Aperture – Aperture कैमरे में खुलने के व्यास को संदर्भित करता है। इसे आटोमेटिकली या मैन्युअल मोड में भी सेट किया जा सकता है। प्रोफेशनल मैन्युअल मोड पसंद करते हैं, क्योंकि वे इमेज पर अपना पर्सनल टच ला सकते हैं।

2- Shutter Speed- शटर स्‍पीड aperture के माध्यम से गुजरने वाले लाइट का रेट और मात्रा को संदर्भित करती है। यह केवल आटोमेटिक हो सकता है। एपर्चर और शटर स्‍पीड दोनों एक अच्छी इमेज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

3- Focal Length- फोकल लेंथ एक फैक्‍टर है जिसे निर्माता द्वारा डिजाइन किया जाता है। यह लेंस और सेंसर के बीच की दूरी है। यह सेंसर के आकार पर भी निर्भर करता है। यदि सेंसर का आकार छोटा है, तो फोकल लम्बाई भी कम होती हैं।

4- Lens- डिजिटल कैमरा के लिए मुख्य रूप से चार प्रकार के लेंस उपयोग किए जाते हैं। वे कैमरे की लागत के अनुसार अलग-अलग होते हैं, और फोकल लम्बाई एडजसट भी करते हैं। वो हैं-

1-  Fixed-focus, fixed-zoom lens- वे बहुत आम हैं और सस्ते कैमरों में उपयोग किए जाते हैं।

2- Optical-zoom lenses with automatic focus – ये फोकल लेंथ एडजसमेंट के साथ लेंस होते हैं। इनमें “wide” और “telephoto” ऑप्‍शन भी होते हैं।

3-  Digital zoom – फुल साइज इमेज को इमेज सेंसर के केंद्र से पिक्सल लेकर प्रोडयुस किया जाता है। यह मेथड रिजोल्‍युशन के साथ-साथ कैमरे में उपयोग किए जाने वाले सेंसर पर भी निर्भर करती है।

4-  Replaceable lens systems – कुछ डिजिटल कैमरे 35 मिमी कैमरा लेंस के साथ अपने लेंस को रिप्‍लेस करते हैं ताकि बेहतर इमेज प्राप्त हो सकें।

डिजिटल कैमरा के प्रकार

DSLR Camera-

 यह एक हाई लेवल कैमरा होता है इसमें  बहुत एडवांस लेंस का प्रयोग किया जाता है यह इस्तेमाल होता है फोटोस और वीडियोस को डिजिटल फॉर्मेट में कैप्चर करने के लिए आजकल हर जगह डीएसएलआर कैमरे का ही प्रयोग किया जाता है।इसकी कुछ विशेषताएं कुछ इस प्रकार है

  • ऑटोफोकस प्राप्त करने के लिए मिरर बॉक्स में विशेष प्रकार के सेंसर सेट किए जाते हैं।
  • लाइव प्रिव्‍यू मोड है।
  • 18 मिमी से 36 मिमी तक डाइगोनल स्‍पेस के साथ 2 से 1 तक क्रॉप फैक्‍टर के साथ बहुत हाई एंड सेंसर।
  • कम रोशनी पर भी हाई क्‍वालिटी इमेज।
  • एक विशेष एपर्चर पर फिल्‍ड की डेप्‍थ बहुत कम है।
  • फोटोग्राफर स्थिति के लिए आवश्यक लेंस चुन सकते है और आसानी से अदला-बदली भी कि जा सकती है।
  • इमेजर के सामने एक फोकल प्लेन शटर का उपयोग किया जाता है।

 Line scan Camera- 

इस प्रकार के कैमरों का उपयोग हाई इमेज रिजोल्‍यूशन को बहुत तेज गति से कैप्चर करने के लिए किया जाता है। इस मैकेनिज़म को संभव बनाने के लिए, मैट्रिक्स सिस्टम के बजाय इमेज सेंसर का एक पिक्सेल उपयोग किया जाता है। इस कैमरे के साथ लगातार चल रही मटेरियल की तस्वीरों की एक स्ट्रिम ले जाया जा सकता है। लाइन-स्कैन कैमरा द्वारा प्रोडयुस डेटा 1-D होता है। इसे 2-D बनाने के लिए कंप्यूटर में प्रोसेस किया जाता है। यह 2D डेटा हमारी आवश्यकताओं को प्राप्त करने के लिए आगे प्रोसेस किया जाता है।

Compact digital Camera-

 इन कैमरों को डेली यूज़ मतलब हर पार्टी में ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस समय जो इमेज खींची जाती है वह जेपीईजी फॉरमैट में से होती है। यह कैमरे छोटे होते हैं ताकि इन्हें कैरी करने में कोई कठिनाई ना आए।

  • कॉम्पैक्ट और सरल।
  • इमेज को कंप्यूटर में JPEG फाइल फॉर्मेट में स्‍टोर किया जा सकता है।
  • फोटो लेने से पहले लाइव प्रिव्‍यू देखा जा सकता है।
  • अंधेरे में फोटो लेने के लिए लो पावर फ्लैशेस उपलब्ध है।
  • क्‍लोजर फोकस क्षमता के साथ ऑटो फोकस सिस्‍टम भी शामिल है।
  • ज़ूम कैपेसिटी।

Digital rangefinder camera-

 इस कैमरे का प्रयोग से वस्तुओं की दूरी नापने के लिए किया जाता है। यह कैमरा सिर्फ फिल्म में काम में इस्तेमाल होता है।इस कैमरे से दूर की फोटोग्राफी संभव है। हालांकि अन्य कैमरों को दूर की तस्वीरों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन वे रेंजफाइंडर तकनीक का उपयोग नहीं करते।

Bridge camera

ब्रिज कैमरे को अक्सर single-lens reflex cameras (SLR) के लिए गलती से माना जाता है। हालांकि उनके पास कैरेक्टरिस्टिक समान होते हैं, लेकिन उनके फीचर अलग-अलग होते हैं। इसकी कुछ विशेषताएं हैं-

  • फिक्स्ड लेंस
  • छोटे इमेज सेंसर
  • इमेज लेने से पहले लाइव प्रिव्‍यू
  • कंट्रास्ट-डिटेक्ट मेथड और मैन्युअल फोकस का उपयोग करके ऑटो फोकस।
  • सेसिटिविटी को कम करने के लिए इमेज स्‍टैबिलाइजेशन मेथड।
  • इमेज को raw डेटा के साथ ही कंप्रेस JPEG फॉर्मेट में स्‍टोर किया जा सकता है।

Electronic Viewfinder (EVF)-

 यह सिर्फ बहुत बड़े सेंसर और इंटरचेंजेबल लेंस का कॉम्बिनेशन है। प्रिव्‍यू एक ईवीएफ का उपयोग कर बनाया गया है। इनमें DSLR जैसा कोई कॉम्‍प्‍लीकेटेड मैकेनिजम नहीं है।

डिजिटल कैमरा के पार्ट

यदि आप डिजिटल कैमरों के लिए नए हैं, तो आप सोच रहे होंगे कि उन सभी हिस्सों – बटन, LED और विंडोज़ क्या हैं। यहां एवरेज डिजिटल कैमरा के प्रमुख कंपोनेंट का एक क्विक परिचय दिया गया है।

Shutter Button – पिक्‍चर लेने के लिए इस बटन को प्रेस करें।

Control Buttons –

विभिन्न कैमरा सेटिंग्स एडसमेंट करने के लिए।

Shooting Mode Dial –

विभिन्न सिन मोड को बदने, एक्सपोजर ऑप्‍शन एडजस्‍ट करने, और इसी तरह के अन्य ऑप्‍शन।

Microphone – मूवी क्लिप और वॉयस एनोटेशन के लिए ऑडियो कैप्चर करने के लिए, या यहां तक ​​कि साउंड-ट्रिगर पर सेट किए गए सेल्‍फ-टाइमर को एक्टिवेट करने के लिए।

Focus-Assist Light – मंद प्रकाश की स्थिति में कैमरा फोकस मदद करता है।

Electronic Flash – आपके सिन में अतिरिक्त प्रकाश प्रदान करता है। कुछ प्रोफेशनल ग्रेड DSLR को छोड़कर ऑन-बोर्ड फ्लैश सभी कैमरों पर उपलब्ध होता हैं। कभी-कभी मंद, कम रोशनी की स्थिति के दौरान थोड़ा अतिरिक्त प्रकाश प्रदान करने के लिए यह उपयोगी हो सकता है।

Optical Viewfinder – अपने पिक्‍चर को फ्रेम और कंपोज करने के लिए।

Zoom Lens and Control –

इमेज के आकार को बढ़ाता या कम करता है। लेंस एक कैमरा के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है। लाइट, लेंस के माध्यम से प्रवेश करता है, और यह वह जगह है जहां फोटो प्रोसेस शुरू होती है। लेंस या तो बॉडी पर फिक्‍स होती हैं या इंटरचेंज किया जा सकता है। वे focal length, aperture, और अन्य डिटेल्‍स में भी भिन्न हो सकते हैं।

Tripod Socket-  आपको कैमरे को एक फर्म सपोर्ट से अटैच करने की अनुमति देता है।

Docking Port – फोटो ट्रांसफर करने, बैटरी रिचार्ज करने, प्रिंट बनाने, या अन्य कार्यों को करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

Battery Compartment –कैमरे को पावर देने वाले सेल्‍स यहां पर होते हैं।

Power Switch- कैमरा ऑन या ऑफ करने के लिए।

ndicator LED – कैमरा का स्‍टेटस दिखाने के लिए।

LCD (liquid crystal display) panel- LCD स्क्रीन बॉडी के पीछे होती है और वे भिन्न साइज की हो सकती है। डिजिटल कॉम्पैक्ट कैमरे पर, LCD ने आम तौर पर व्यूफिंडर को पूरी तरह बदलना शुरू कर दिया है। DSLR पर, LCD मुख्य रूप से शूटिंग के बाद फोटो देखने के लिए है होते हैं, लेकिन अब कुछ कैमरों में “लाइव मोड” भी होता है।

Display control/Menu button –  LCD और मेनू में दिखाए गए इनफॉर्मेंशन को कंट्रोल करने के लिए।

Picture Review – आपके द्वारा पहले से लिए गए पिक्‍चर की समीक्षा करने के लिए इस बटन को प्रेस करें।

Cursor Pad – मेनू ऑप्‍शन पर नेविगेट करने के लिए।

Exposure Compensation Button-

यदि आप aperture को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आपको यह बटन प्रेस करके रखना होगा। यदि मैन्युअल मोड में नहीं है, तो यह बटन आपको एक्सपोजर कंपनसेशन को एडजस्‍ट करने की अनुमति देता है – यानी, इमेज को ब्राइट या डार्क कर सकते हैं, जबकि कैमर इसे पाने के लिए कौन सी सेटिंग्स का उपयोग करना हैं इसका निर्णय लेता है।

Set/Execute Button –किसी फीचर को एक्टिवेट करने या करंट सिलेक्‍शन में मेनू ऑप्‍शन सेट करने के लिए।

Memory Card Slot – डिजिटल मेमोरी कार्ड के लिए।

USB Port – यूएसबी केबल के लिए उपयोग।

File-save LE – यह लाइट आमतौर पर यह इंडिगेट करता है कि एक इमेज मेमोरी कार्ड में सेव हो रही है।

डिजिटल कैमरा केसे वर्क करता है

  • Digital Camera साधारण फिल्म कैमरों की तरह दिखते हैं लेकिन वे पूरी तरह से अलग तरीके से काम करते हैं। जब आप डिजिटल कैमरे के साथ एक पिक्‍चर लेने के लिए बटन दबाते हैं, तो aperture ओपन होता हैं और लेंस के माध्यम से कैमरे के सामने एक लाइट प्रवाहित होता हैं। अब तक, यह एक फिल्म कैमरे के समान ही है। इस पॉइंट से, हालांकि, सबकुछ अलग होता है।
  • डिजिटल कैमरा में कोई फिल्म नहीं होती। इसके बजाए, एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस होता है जो आने वाली प्रकाश किरणों को कैप्‍चर करता है और उन्हें इलेक्ट्रिकल सिग्‍नल में बदल देता है। यह लाइट डिटेक्टर दो प्रकारों में से एक होता है, या तो एक charge-coupled device (CCD) या एक CMOS इमेज सेंसर।
  • यदि आपने कभी अपने मॉनिटर या टेलीविजन स्क्रीन नजदिक से देखा है, तो आपने देखा होगा कि पिक्‍चर लाखों छोटे कलर्स के डॉटस् से बने होते हैं, जिन्हें या पिक्सल कहा जाता है।
  • लैपटॉप की LCD कंप्यूटर स्क्रीन भी पिक्सेल का उपयोग करके अपनी इमेजेज को बनाते हैं, हालांकि वे अक्सर देखने के लिए बहुत छोटे होते हैं। एक टेलीविजन या कंप्यूटर स्क्रीन में, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इन सभी रंगीन पिक्सल को बहुत तेज़ी से ऑन और ऑफ कर देते हैं। स्क्रीन से लाइट आपकी आंखों तक जाता है और आपका मस्तिष्क एक बड़ी, चलती तस्वीर को देखता है। एक डिजिटल कैमरा में, इसके बिल्कुल विपरीत होता है।
  • कैमरे के लेंस में ज़ूम करने वाली चीज़ से लाइट आता हैं। यह आने वाली “पिक्‍चर” इमेज सेंसर चिप पर हिट होता है, जो इसे लाखों पिक्सेल में विभाजित करता है। सेंसर प्रत्येक पिक्सेल के रंग और चमक को मापता है और इसे एक संख्या के रूप में स्‍टोर करता है। आपका डिजिटल फोटोग्राफ प्रभावी ढंग से संख्याओं की एक लंबी स्ट्रिंग होता है जिसमें प्रत्येक पिक्सेल के सटीक विवरण का वर्णन किया गया है।

Benefits of digital camera

  • डिजिटल कैमरे के द्वारा आप अपने सारे फोटोस  अथवा वीडियोस कंप्यूटर में ट्रांसफर करके सेव कर सकते हैं
  •  डिजिटल कैमरे का उपयोग का मोबाइल में भी किया जाता है।
  • Digital cameraसे आपको फोटो लिमिट की कोई परेशानी नहीं आती। पुराने जमाने के कैमरे की तरह।
  •  डिजिटल कैमरे से आपकी फोटो बेहद क्लियर आती है।
  •  Digital camera की फोटो जूम करने पर  उसके पिक्सेल नहीं  फटते।

Leave a comment