5G क्या है- 5जी कैसे काम करेगा और इसकी स्पीड कितनी होगी जाने हिंदी में

5G Kya Hota Hai और 5जी कैसे काम करेगा एवं 5G की स्पीड कितनी होगी व 5G नेटवर्क की स्पीड कितनी होती है जाने हिंदी में

दोस्तों आज हम आपको 5G के बारे में बता रहे हैं कि 5G क्या होता है और 5G कैसे काम करता है 5G की स्पीड कितनी होती है इन सभी बातों की आज हम चर्चा करेंगे जैसे कि आप जानते हैं पहले 2जी आया उसके बाद 3जी फिर उसके बाद 4जी लेकिन अब 5G का जमाना आ गया है इसलिए हम इस आर्टिकल के जरिए आप लोगों को यह बता रहे हैं कि 5G में क्या क्या होगा? इस से क्या फायदे होंगे इस की स्पीड 4G से कितनी ज्यादा होगी? इन सब बातों को जानने के लिए इस आर्टिकल को आप ध्यान से पढ़ें।

5G Kya Hai?

अगर 5जी को आसान लफ्जों में कहें तो इसका मतलब हाई स्पीड इंटरनेट होता है और अगर इसका मुकाबला 4G से करें तो यह 4G से 100 गुना अधिक तेज होगा। जैसे कि हम 4जी में सोशल मीडिया यूट्यूब फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम व्हाट्सएप नेटफ्लिक्स वीडियो देखते हैं  या मैसेज का आदान प्रदान करना होता है लेकिन 5G में ऑटोनॉमस गाड़ियों  वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स ऐसी चीजों का इस्तेमाल भी कर सकेंगे। जैसे खुद चलने वाली कार फैक्ट्री में रोबोट का कार्य करना और स्मार्ट होम इन सब में आप दूर रहकर भी ऑपरेट कर सकते हैं। यह सभी टेक्नोलॉजी तैयार हैं लेकिन इसको यूज़ करने के लिए हाई स्पीड इंटरनेट चाहिए जो 5जी के माध्यम से ही मिल सकता है।

आप इमेजिन करें कि आप बिना ड्राइवर की कार यानी रोबोट कार अपने घर बैठकर चला रहे हैं और सिग्नल अटक गया तो 1 सेकंड में ही एक्सीडेंट हो सकता है इसलिए यह 4G से संभव नहीं है इस सपने को साकार करने के लिए 5G का ही इस्तेमाल करना पड़ेगा।

5G Kya Hai
5G Kya Hai

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5जी कैसे काम करेगा ?

5G नेटवर्क 30 से 300 गीगाहर्ट्ज़ millimeter-wave स्पेक्ट्रम मैं काम करने की क्षमता रखता है इस नेटवर्क के जरिए से हाई स्पीड मात्रा में डाटा भेज सकते हैं क्योंकि आवृत्ति ज्यादा होने की वजह से यह अपने आसपास के सिग्नल से बहुत कम प्रभावित होता है। अच्छी क्वालिटी का एलटीई 5G मोबाइल या ब्रॉडबैंड नेटवर्क में लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन माना जाता है 5G की हाई बैंड स्पेक्ट्रम इंटरनेट की स्पीड 20 जीपीबीएस यानी प्रीति सेकंड गीगाबाइट्स होती है इसका अगर 4जी से मुकाबला करें तो 4G में इंटरनेट की स्पीड आमतौर पर 1gbps नापी गई है। 5G में खास तौर पर तीन तरह के बैंड कार्य करते हैं लो, मीडियम और हाई फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम। जिसमें तीनों बैंड अपने इस्तेमाल के के साथ उनकी कुछ लिमिट भी है। तीनों तरह के बैंड निम्नलिखित है।

लो बैंड स्पेक्ट्रम

लो बैंड स्पेक्ट्रम की अगर बात करी जाए तो इसमें नेट की स्पीड और डाटा के आने जाने की ज्यादा से ज्यादा स्पीड 100 Mbps होती है।

मीडियम बैंड स्पेक्ट्रम

मीडियम बैंड स्पेक्ट्रम की तुलना अगर लो बैंड स्पेक्ट्रम से की जाए तो मीडियम बैंड स्पेक्ट्रम की स्पीड लो बैंड स्पेक्ट्रम से तेज होती है। लेकिन इसके अलावा इसकी कवरेज एरिया और सिग्नल की कुछ लिमिट होती है।

हाई बैंड स्पेक्ट्रम

निम्न बैंड स्पेक्ट्रम और मीडियम बैंड स्पेक्ट्रम की तुलना अगर हाई बैंड स्पेक्ट्रम से की जाए तो हाई बैंड स्पेक्ट्रम की स्पीड अधिक होती है लेकिन सिग्नल की कैपेसिटी बेहद लिमिटेड होती है यानी कि दूर तक नहीं जा सकती इसके लिए टावर करीब-करीब लगाए जाएंगे।

5G नेटवर्क की स्पीड कितनी होती है ?

5G नेटवर्क स्पीड की बात करें तो 5G नेटवर्क स्पीड 10 जीबीपीएस यानी 10 गीगाबाइट प्रति सेकंड है वहीं 4जी की स्पीड 100 एमबीपीएस यानी 100 मेगाबाइट प्रति सेकंड होती है इसका मतलब 5G नेटवर्क की स्पीड 4G नेटवर्क से 100 गुना अधिक होगी। इसी प्रकार डाउन लिंक स्पीड 20 गीगाबाइट पर सेकंड अपलिंक स्पीड 10 गीगाबाइट पर सेकंड होने की संभावना है।

4जी और 5G में क्या अंतर है ?

4जी और 5G में निम्नलिखित अंतर है जो हम आपको बता रहे हैं।

स्पीड

4जी की स्पीड 100 एमबीपीएस है जबकि 5G नेटवर्क स्पीड 10 जीबीपीएस है यानी 4जी से 100 गुना ज्यादा तेज स्पीड है।

मजबूत आधारिक संरचना

पूरी दुनिया में अगर मोबाइल बाजारों की बात करें तो चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल बाजार माना जाता है यहां स्मार्टफोन रखने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है ज्यादातर लोग इंटरनेट का यूज करना चाहते हैं इस हिसाब से अगर देखा जाए तो इंटरनेट यूज करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है पहले तो लोग मोबाइल से बात करना चाहते थे लेकिन अब इंटरनेट भी चलाना चाहते हैं जिससे 4G नेटवर्क पर बहुत ज्यादा लोड बढ़ गया है जहां 4G के यूजर 50,000 थे वहीं अब  150000 हैं। इसलिए  5जी मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ आने वाला है जो ज्यादा लोगों का बोझ झेल सकता है।

लेटेंसी में कमी

जब हम  किसी को मैसेज भेजते हैं तो मैसेज भेजने और जिसको हम भेजते हैं को रिसीव करता है इसमें जो वक्त लगता है उसे लेटेंसी में नापते हैं 4जी में इसमें थोड़ा बहुत समय लगता है लेकिन 5 जी में यह एकदम से हो जाएगा इधर मैसेज भेजा उधर रिसीव होगा।

बफरिंग में कमी आएगी

जब हम मोबाइल पर या लैपटॉप पर कोई वीडियो देखना शुरू करते हैं तो उसे प्ले करते वक्त एक पहिया सा घूमता है जिसे बफरिंग कहते हैं प्ले करने में समय इसलिए लगता है क्योंकि वीडियो कै सभी फ्रेम एक लाइन में लग जाते हैं लेकिन 5G में क्लिक करते ही वीडियो चालू हो जाएगी।

लोडिंग

जब आप इंटरनेट पर कोई वेबसाइट सर्च करते हैं और कीवर्ड डालते हैं तो 4G में 20ms/सेकंड का समय लगता है लेकिन 5जी में यह समय घटकर 5जी में 2ms/सेकेंड का रह जाएगा।

नेटवर्क कंजेशन

4G के इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है इसी कारण लोड बहुत हो गया है और सिग्नल वीक हो जाता है 5G के आ जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी।

ऑनलाइन गेमिंग

जब हम कोई ऑनलाइन गेम खेलते हैं जैसे पब्जी, एट बॉल पूल और बहुत से ऑनलाइन गेम है जैसे कि पब्जी में हम उसमें फायर बटन दबाते हैं तो फायर थोड़ी देर बाद होता है यह 4G नेटवर्क की वजह है लेकिन 5G में फायर बटन दबाते ही फायर होगा और एक माइक्रो सेकेंड से भी कम का वक्त लगेगा।

क्या 5G टेस्टिंग की वजह से कोरोना वायरस फैल रहा है अफवाहें 

5G की टेस्टिंग की वजह से कोरोना वायरस फैल रहा है आजकल इस बात की सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा हो रही है। एक्सपर्ट की माने तो 5जी की वजह से कोरोना वायरस नहीं फैल रहा क्योंकि बहुत से ऐसे देश हैं जहां पर 5G टेस्टिंग नहीं हुई है जिसमें अफ्रीका महाद्वीप के बहुत से गरीब देश हैं वह 5G टेस्टिंग नहीं हुई है लेकिन वहां कोरोना की महामारी फैली है इस बात से साबित होता है कि कोरोना 5G टेस्टिंग से नहीं फैल रहा। लेकिन भारत समेत कुछ देशों में 5G टेस्टिंग का विरोध हो रहा है लोगों का कहना है कि 5G टेस्टिंग की वजह से कोरोना वायरस फैल रहा है और कुछ लोगों का कहना है कि 4G की वजह से तमाम छोटे पक्षियों की संख्या में कमी आई है तो 5जी के क्या दुष्प्रभाव सामने आएंगे।

तो दोस्तों आज आपको हमने बताया कि 5G क्या है और इससे होने वाले फायदे के बारे में आपको पता चला और इससे क्या क्या अफवाहें फैल रही है यह भी आप लोगों ने जाना। उम्मीद करते हैं कि 5G के बारे में सारी बातें आपकी समझ में आ गई होंगी।