Benami Sampatti Kya Hoti Hai और बेनामी संपत्ति की शिकायत कहां करें एवं Benami Property Act Kya Hai एवं जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
आपको अपने इस लेख के माध्यम से बेनामी संपत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं क्योंकि सरकार द्वारा बेनामी संपत्ति कानून लागू कर दिया गया है। जैसे की हम सभी लोग जानते हैं कि देश में बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोकथाम करने के लिए सरकार द्वारा कई बड़े फैसले और अहम कदम उठाए जा रहे हैं। जिसमें से बेनामी संपत्ति को लेकर भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है। जैसे कि हम सभी लोग आए दिनों Benami Sampatti के बारे में सुनते रहते हैं लेकिन उस पर ध्यान इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसके बारे में कुछ जानकारी ही नहीं होती है। तो चलिए आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बेनामी संपत्ति से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां बहुत ही सरल और आसान भाषा में प्रदान करेंगे।
Benami Sampatti Kya Hai?
यदि कोई व्यक्ति संपत्ति खरीद कर भुगतान खुद करता है और उस संपत्ति को किसी दूसरे के नाम पर जैसे अपनी बीवी, बच्चे या अन्य किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदता है तो इस संपत्ति को ही बेनामी संपत्ति कहां जाता है। यदि आप कोई संपत्ति अपनी पत्नी या बच्चे के नाम पर खरीदते हैं और उस प्रॉपर्टी को आप इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाते हैं तो ऐसी संपत्ति बेनामी प्रॉपर्टी के अंतर्गत नहीं आती हैं लेकिन अगर आप खरीदी गई प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को सूचित नहीं करते हैं तो वह Benami Sampatti में आती है। इसके अलावा दूसरे नाम से बैंक अकाउंट में फिक्स डिपाजिट कराना भी बेनामी संपत्ति के अंतर्गत ही आता है।
- हमारे समाज में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अपने काले धन को छुपाने के लिए ऐसी संपत्ति पर निवेश कर देते हैं जो अपने नाम पर ना खरीद कर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर कर देते हैं।
- सबसे पहले 1988 में बेनामी संपत्ति को लेकर कानून लाया गया था जिसके बाद 2016 में इस कानून को संशोधित किया गया और 1 नवंबर 2016 से बेनामी संपत्ति को लेकर नया कानून संशोधित किया गया।
- इस कानून के तहत सरकार द्वारा बेनामी संपत्ति को ज़ब्त करने और उस को सील करने का पूरा अधिकार है। जिसके तहत उस व्यक्ति को भारी जुर्माना और जेल की सजा भी मिल सकती है। भृष्टाचार जैसे अपराध को रोकने के लिए ही सरकार द्वारा यह कानून बनाया गया है।
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बेनामी प्रॉपर्टी की सूचना देने वाले व्यक्ति को दिया जाएगा इनाम
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेकट टैक्स (सीबीडीटी) के एक अधिकारी द्वारा बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी Benami Sampatti से संबंधित कोई जानकारी अधिकारियों को देता है तो उसे लगभग 15 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक का इनाम दिया जाएगा।
- सूचना देने वाले व्यक्ति की सूचना अगर सही होती है तो तभी उसे इनाम की रकम दी जाएगी और इसके अलावा सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा।
- सूचना देने वाले व्यक्ति की जान और माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
- सीबीडीटी के अधिकारी का यह मानना है कि इनाम की घोषणा करने के बाद बेनामी प्रॉपर्टी से संबंधित सूचना हासिल करने में उन्हें काफी सहूलियत और आसानी प्राप्त होगी।
- यदि कोई व्यक्ति अधिकारी को बेनामी संपत्ति से संबंधित गलत सूचना देता है तो ऐसे व्यक्ति को प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू का लगभग 10% जुर्माना देना होगा और साथ ही साथ उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 5 वर्ष तक की सजा भी दी जा सकती है।
बेनामी प्रॉपर्टी की जांच करने वाले अधिकारी
- Benami Sampatti की जांच करने के लिए सरकार द्वारा चार आयोग का गठन किया गया है जिनकी देखरेख में बेनामी प्रॉपर्टी की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा जिसके बाद यदि कोई दोषी पाया गया तो उसको जुर्माने के साथ साथ कड़ी सजा भी दी जाएगी।
- इनिशिएटिंग ऑफिसर या पहल अधिकारी द्वारा बेनामी संपत्ति की आशंका होने पर तहकीकात करने का कार्य करेगी जिसके बाद बेनामी संपत्ति प्रमाणित हो जाने के बाद अप्प्रूविंग अथॉरिटी को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया को पूरा करने का कार्य एड्मिनिसट्रेटर अथॉरिटी या प्रशासन प्राधिकरण ओर एडजुडीकेटिंग अथॉरिटी करती हैं। इस तरह बेनामी संपत्ति की जांच की जाती है और सजा दी जाती है। यदि उस व्यक्ति अपराध सिद्ध होता है तो दोषी व्यक्ति को प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू का 25% के बराबर जुर्माना देना पड़ता है और 1 वर्ष से 7 वर्ष तक की जेल की सजा हो सकती है।
भारतीय बेनामी संपत्ति अधिनियम 1988
सरकार द्वारा बेनामी संपत्ति अधिनियम का संशोधन किया गया जिसके तहत दोषी व्यक्तियों को सजा का भी प्रावधान किया गया है। समय समय पर बेनामी संपत्ति में संशोधन भी किया गया है जो इस प्रकार हैं-
- यह कानून जम्मू और कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों के लिए पारित हुआ। सेक्शन 3, 5 और 8 का प्रावधान एक साथ सभी जगहों पर 19 मई 2018 से लागू किया गया।
- भारतीय कानून के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे के नाम पर कोई चल अथवा चल प्रॉपर्टी खरीदना है लेकिन उसका लाभ पहले वाले व्यक्ति को ही मिलता है ऐसी संपत्ति बेनामी प्रॉपर्टी के अंतर्गत आती है।
- इस अधिनियम के अंतर्गत सभी निर्धारित तत्व होंगे।
- Benami Property के अंतर्गत सभी तरह के गतिशील, स्थापित, वास्तविक, अवास्तविक और किसी तरह के हक या रुचि आदि सम्मिलित हैं।
बेनामी संपत्ति अधिनियम 2015
- कोई व्यक्ति अपने परिवार के किसी सदस्य या किसी अन्य नाम पर संपत्ति हरिता है लेकिन उसकी पूरी कमाई एक साथ दिखाई जाती है तो ऐसी संपत्ति को Benami Sampatti के अंतर्गत सम्मिलित नहीं किया जाता है।
- यदि कोई संपत्ति रखने वाला व्यक्ति जिम्मेदार है तो वह भी बेनामी संपत्ति में शामिल नहीं किया जाएगा।
- किसी व्यक्ति द्वारा अपने बीवी और बच्चे के लिए खरीदी गई संपत्ति जिसको वह अपनी खुद की कमाई से खरीदता है। वह भी Benami Sampatti नहीं मानी जाएगी।
Benami Property Act 2016
- वर्ष 2016 के अंतर्गत इस नए कानून के तहत कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति के लेनदेन में असली मालिक और कुछ पैसों का लालच देकर किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर संपत्ति रखता है तो वह Benami Sampatti के अंतर्गत आते हैं।