Labour Court Kya Hai और लेबर कोर्ट ऑनलाइन कंप्लेंट कैसे करें एवं ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
लेबर कोर्ट जिसे हम श्रम न्यायालय के नाम से भी जानते हैं। लेबर कोर्ट के बारे में सभी लोगों ने सुना ही होगा। जैसे कि हम सभी लोग जानते हैं कि हमारे देश में हर व्यक्ति बिजनेस नहीं करता बहुत से लोग कंपनियां में काम करते हैं जिसमें अक्सर लेबर को लेकर बहुत सारे मामले सामने आते रहते हैं जैसे पैसे ना देना या फिर वर्कर्स का शोषण आदि। इन्हीं सब मुद्दों से निपटने के लिए सरकार द्वारा लेबर कोर्ट की व्यवस्था की गई है जिसके माध्यम से वर्कर अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार की शिकायत कर सकते हैं। तो चलिए फिर आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से लेबर कोर्ट से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने जा रहे हैं। यदि आप भी लेबर कोर्ट के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
Labour Court Kya Hota Hai?
जैसे कि हमने आपको अभी ऊपर बताया कि लेबर कोर्ट एक ऐसा न्यायालय हैं जहां पर कंपनी के मालिक द्वारा यदि किसी वर्कर के साथ किसी भी तरह का कोई दूर व्यवहार या पैसों के लेनदेन में किसी भी तरह की कोई समस्या आती है तो कर्मचारी श्रम न्यायालय शिकायत दर्ज करवा सकता है। शिकायत दर्ज होने के बाद लेबर कोर्ट ऐसे कंपनी मालिक के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर कर्मचारी को न्याय दिलाने में सहायता करती है इस कोर्ट में आप किसी भी प्रकार की समस्या होने पर मदद ले सकते हैं और यदि कंपनी मालिक द्वारा आपके साथ होने वाले शोषण की शिकायत कर के भी कर्मचारी न्याय प्राप्त कर सकता है। कर्मचारी बहुत सारे मामलों में लेबर कोर्ट की सहायता ले सकता है जो इस प्रकार है-
- बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल देना।
- सही समय पर तनख्वाह ना देना।
- कर्मचारी को उसकी मेहनत का उचित मूल्य ना देना।
- कर्मचारी के हितों पर विचार तथा उस पर ध्यान ना देना।
- निर्धारित समय से ज्यादा कर्मचारी से काम कराना।
- कर्मचारी की शारीरिक क्षमता से ज्यादा कार्य कराना।
- किसी कर्मचारी के साथ किसी भी प्रकार का शोषण किया जाता है तो उसकी भी शिकायत लेबर कोर्ट में की जा सकती है।
लेबर कोर्ट में शिकायत करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बताना चाहेंगे कि यदि कोई कर्मचारी लेबर कोर्ट में अपने कंपनी मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करना चाहता है तो उसे सबसे पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना बेहद जरूरी है क्योंकि यदि आप इन बातों पर ध्यान नहीं देंगे तो आप अपना केस हार भी सकते हैं।
- कर्मचारी के पास उस कंपनी या फर्म में काम करने का प्रमाण पत्र होना चाहिए जैसे कि नियुक्ति पत्र।
- हम जिस कंपनी में काम करते हैं वहां आपने कितने समय तक कार्य किया है उसका भी प्रमाण होना बेहद जरूरी है।
- यदि आपने नौकरी प्राप्त करने के लिए किसी भी तरह का कोई एग्रीमेंट साइन किया हो तो उसकी जानकारी या उसकी एक कॉपी आपके पास अनिवार्य होनी चाहिए।
- नोकरी पर लगते समय आपको कितना वेतन देने का निर्णय लिया गया था।
- इसके अलावा लेबर कोर्ट में आपको दो ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता होगी जो कंपनी के मालिक के खिलाफ गवाही दे सकें।
लेबर कोर्ट में केस दर्ज करने से पहले कर्मचारी को क्या करना चाहिए
सबसे पहले यदि कर्मचारी को अपने कंपनी मालिक से किसी भी प्रकार की कोई शिकायत है तो वह अपने कंपनी के अधिकारी या मालिक से बात कर सकता है यदि उनके द्वारा कोई सहायता नहीं मिलती है तो ऐसी स्थिति में कर्मचारी किसी भी संबंधित थाने में जाकर लिखित शिकायत दर्ज करवा सकता है। और उच्च अधिकारी तथा मालिक को लिखित रूप में शिकायत पत्र दें और उसकी एक कॉपी अपने पास रखें अगर इसके बाद भी आपकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो आप लेबर कोर्ट में केस दर्ज करवा सकते हैं। जिसके बाद यदि आप सही होते हैं तो आपको न्याय अवश्य मिलेगा।
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लेबर कोर्ट में शिकायत दर्ज करने के बाद की पूरी प्रोसेस
- सबसे पहले आपको अपने नौकरी से संबंधित सभी दस्तावेजों को लेबर कोर्ट में लेकर जाना है ताकि आप कोर्ट में यह साबित कर सके कि आप उसी कंपनियां पर में कार्य करते थे।
- न्यायालय में शिकायत करने के बाद आपको कोर्ट द्वारा एक शिकायत प्रति प्रदान की जाएगी और साथ ही एक नोटिस कंपनी मालिक को भी भेजा जाएगा।
- यदि कोर्ट की सुनवाई के समय पर आपको और संबंधित कंपनी के मालिक को कोर्ट के उच्च अधिकारियों द्वारा बुलाया जा सकता है।
- इस स्थिति में आपका वहां उपस्थित होना अनिवार्य है।
- इसके बाद कर्मचारी और कंपनी के मालिक दोनों का ही पक्ष सुना जाएगा जिसके बाद ही समस्या का समाधान किया जाएगा।
- दोनों पक्ष सुनने के बाद न्यायालय द्वारा जो भी फैसला किया जाएगा वह कंपनी मालिक को हर हाल में मानना होगा।
सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित के लिए बनाए गए कानून
- औद्योगिक विवाद अधिनियम – 1947
- औद्योगिक रोज़गार (स्थाई आदेश) अधिनियम – 1946
- न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम – 1948
- मज़दूरी संदाय अधिनियम – 1936 – (खदान, महत्वपूर्ण बन्दरगाह और वायु परिवहन सेवाएँ)
- ठेका श्रम (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम – 1970
- प्रसूति लाभ अधिनियम – 1961
- बाल श्रम (निषेध एवंविनियमन) अधिनियम – 1986
- रेलवे कर्मचारियों के लिए रोज़गार के घंटे संबंधी विनियमन
- बोनस संदाय अधिनियम – 1965
- उपदान संदाय अधिनियम – 1972
- समान पारिश्रमिक अधिनियम – 1976
- अन्तर राज्यीय प्रवासी श्रमिक (रोज़गार एवं सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम – 1979
- भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (रोज़गार एवं सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम – 1996
भारत में स्थित लेबर कोर्ट
- दिल्ली
- जबलपुर (मध्यप्रदेश)
- आसनसोल (पश्चिम बंगाल)
- चंडीगढ़ (पंजाब)
- कानपुर (उत्तरप्रदेश)
- गुवाहाटी (असम)
- लखनऊ (उत्तरप्रदेश)
- कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
- हैदराबाद (आंध्रप्रदेश) अहमदाबाद (गुजरात)
- मुंबई (महाराष्ट्र)
- नागपुर (महाराष्ट्र)
- धनबाद (झारखंड)
- चेन्नई (तमिलनाडु)
- जयपुर (राजस्थान)
- बंगलौर (कर्नाटक)
लेबर कोर्ट में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है।
- आपके सामने एक फॉर्म ओपन होगा। इस फॉर्म में पूछी जा रही सभी आवश्यक जानकारी सही सही भरना है।
- सारी जानकारी भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- जैसे ही आप सबमिट बटन पर क्लिक करेंगे। आपकी शिकायत सफलतापूर्वक सबमिट हो जाएगी। और आपको एक कंप्लेंट नंबर भी प्रदान कर दिया जाएगा। जिसके माध्यम से आप कभी भी अपनी शिकायत की स्थिति को चेक कर सकते हैं।
Labor Court Helpline Number, Contact Details
- श्री आर.के.सरन, केन्द्रीय सरकार औद्योगिक अधिकरण कम श्रम न्यायालय नं.1, श्रम भवन, मुरली नगर, जगजीवन नगर, धनबाद -826003 फोन नं. 0326-2221010
- श्री किशोरी राम, केन्द्रीय सरकार औद्योगिक अधिकरण कम श्रम न्यायालय नं.2, श्रम भवन, मुरली नगर, जगजीवन नगर, धनबाद -826003 फोन नं. 0326-2230351 फैक्स:0326-2224516