आंगनबाड़ी क्या है- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi Worker) कैसे बने?

Anganwadi Kya Hai और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कैसे बने एवं प्रदान की जाने वाली सुविधाएं क्या है व Selection Process of Anganwadi Worker

आंगनबाडी केंद्र का शुभारंभ 1985 में किया गया था जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के 1 से 3 साल तक के बच्चों को शिक्षित करने का कार्य किया जाता है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से सुरक्षित रखने का कार्य भी किया जाता है। वर्ष 1985 में केंद्र सरकार की शुरुआत एकीकृत बल विकास सेवा कार्यक्रम के तौर पर की गई थी लेकिन अब वर्तमान समय में केंद्र सरकार अन्य राज्यों की सहायता से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों एवं महिलाओं को कुपोषण से बचाने के कार्य कर रहे हैं। तो चलिए आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से आंगनबाड़ी से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेंगे। यदि आप भी Anganwadi केंद्र के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

Anganwadi Kya Hai

जिस तरह सरकारी कार्यालयों में लोग काम करते हैं इसी तरह आंगनवाड़ी केंद्रों में भी सरकारी कार्यकर्ता काम करते हैं। आगनवाड़ी को अंग्रेज़ी भाषा में Courtyerd Shelter भी कहते हैं। इन केंद्रों में गांव के बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है। आंगनबाड़ी में गांव के बच्चों की प्रीस्कूल एक्टिविटीज कराई जाती है जिसमें उन्हें दाखिला होने से पहले खेलकूद, उनका खाना पीना एवं शिक्षा संबंधी ज्ञान आदि शामिल होता है। उसके अलावा ग्रामीण गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य, रेगुलर चेकअप का भी कराया जाता हैं

जिसका संचालन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करती है। आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना ज़्यादातर गांव या बस्तियों में की जाती है जहां बच्चे आकर शिक्षा हासिल कर सके और खेल सके। आंगनबाड़ी में बच्चों को पोषण आहार भी दिया जाता है ताकि उनका स्वास्थ्य बना रहे हैं। सरकार द्वारा हर गांव के आंगनबाड़ी के लिए बजट पास किया जाता है। हर आंगनबाड़ी केंद्र को ग्राम स्तर की 400 से 800 लोगों की जनसंख्या पर बनाया जाता है।

Anganwadi Kya Hai
Anganwadi

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आंगनबाड़ी में प्रदान की जाने वाली सुविधाएं

  • बच्चों को पोषक आहार देकर कुपोषण से सुरक्षित रखना।
  • 6 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों का टीकाकरण कराना।
  • गर्भवती महिलाओं की जांच एवं टीकाकरण करवाना।
  • नवजात और छह से कम उम्र के बच्चों की देखभाल करना।
  • 3 से 6 साल के बच्चों की प्री-स्कूल activities कराना।
  • कुपोषण या गंभीर बीमारी के केस को अस्पताल, समुदाय स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल आदि में भेजना।
  • घरों में दौरों के दौरान बचों में विकलांगता की पहचान करना तथा उन मामलों को  निकटतम पीएचसी अथवा जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र में भेजना।
  • दस्त, हैजा आदि के आपातकालीन मामलों को स्वास्थय केंद्र में भेजना।
  • किशोरों के लिए विभिन्न स्कीमों के क्रियान्यवन में मदद करना।

आंगनबाड़ी भर्ती के नियम

यदि आप भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए गए नियमों को पूरा करना है:-

  • महिला आवेदक को अपनी योग्यता को पूर्ण करना होगा और जहां हो रहती है वहां का निवास प्रमाण पत्र देना होगा।
  • उम्मीदवार आवेदन करने के लिए न्यूनतम 10 वीं पास होना चाहिए। सहायिका के तौर पर कम से कम 5 वर्ष कार्य किया हो और 50 वर्ष से कम आयु हो।
  • सहायता से काव्य कृति को पदोन्नति करते समय आरक्षण नियम वाली का ध्यान रखा जाए।
  • यदि ग्राम सभा में सहायिका नहीं है तो ग्राम सभा से गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • यदि विधवा महिला नहीं है तो तलाकशुदा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आंगनवाड़ी सहायिका के लिए आय व निवास के संबंध में उपजिलाधिकारी और तहसीलदार द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र मान्य होगा।
  • गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले आवेदक ना होने पर गरीबी रेखा के ऊपर आवेदकों के विषय में विचार किया जाएगा।
आंगनवाडी की नौकरी करने के कौन पात्र है?

देश की वह सभी महिलाएं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती हैं और आठवीं कक्षा से दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों की देखभाल कर रही हो। वे सभी महिलाएं जिनके आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का काम कर सकती हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए योग्यता
  • आवेदिका को राज्य का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • न्यूनतम आयु 21 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • इसके अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वाली महिलाओं को 5 वर्ष की छूट दी जाती है और ओबीसी महिलाओं को 3 वर्ष की।
  • आवेदिका विवाहित होनी चाहिए।
  • वेदिका कम से कम आठवीं परीक्षा पास होनी चाहिए।
  • यदि अगर महिला ग्रेजुएट हैं तो वो भी   आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए आवेदन कर सकती है।
  • आवेदिका को राज्य का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • न्यूनतम आयु 21 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • इसके अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वाली महिलाओं को 5 वर्ष की छूट दी जाती है और ओबीसी महिलाओं को 3 वर्ष की।
  • आवेदिका विवाहित होनी चाहिए।
  • वेदिका कम से कम आठवीं परीक्षा पास होनी चाहिए।
  • यदि अगर महिला ग्रेजुएट हैं तो वो भी   आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए आवेदन कर सकती है।

Selection Process of Anganwadi Worker

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सिलेक्शन प्रोसेस में अब पर्सनल इंटरव्यू भी होता है। जिसके लिए 25 अंक दिए जाते है। इन 25 अंकों को अलग अलग योग्यताओं के आधार पर दिया जाता है।
  • जिसमें 25 में से 10 अंक शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मिलते हैं। इसमें 7 अंक राज्य की तरफ से निर्धारित योग्यता पर दिए जाते हैं। जो निम्न प्रकार से हैं।
  • ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए – 2 अंक
  • पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए – 1 अंक
  • नर्सरी टीचर या बाल सेविका के रूप में 10 महीने या ज्यादा के अनुभव वाली महिला को – 3 अंक
  • पति से अलग रह रही महिला, अनाथ आश्रम में रहने वाली या तलाकशुदा आवेदक को – 3 अंक
  • 40 फीसदी या इससे अधिक विकलांग आवेदक को – 2 अंक
  • एससी/एसटी/ओबीसी महिला आवेदक को – 2 अंक
  • पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर – 3 अंक
  • किसी आवेदक की दो बेटियां होने पर – 2 अंक
  • दो महिला आवेदकों के नंबर समान होते हैं तो ऐसी स्थिति में उस महिला को प्राथमिकता दी जाती है जिसकी उम्र ज्यादा हो।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेलरी

Anganwadi Worker को 8 हजार रूपए और वहीं आंगनवाडी वर्कर की सहायिका को 4 हजार रूपए मानदेय के तौर पर दिए जाते हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र की देखरेख की ज़िम्मेदारी किसकी होती हैं

आंगनवाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता और सहायिका अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण रूप से निभाते हैं लेकिन इसके अलावा पूरे केंद्र पर प्रशासन की नजर भी रहती है। एसडीएम द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र की मॉनिटरिंग की जाती है।बच्चों की देखभाल ठीक से की जा रही है या नहीं एसडीएम कभी भी आकर यह चेक कर सकता है। स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, गर्भवती महिलाओं की देखभाल की जिम्मेदारी कार्यकर्ता और सहायिका ढंग से निभा रही हैं या नहीं। इसके लिए attendance register का भी निरीक्षण किया जाता है।

आंगनवाड़ी केंद्र में क्या- क्या सुविधाएँ होनी चाहिए?
  • एक भवन जो 63 वर्गमीटर/650 वर्ग फूट से कम न हो तथा कमरे XX3 वर्गमीटर के होने चाहिए।
  • बरामदा 6X1.5 वर्गमीटर होना चाहिए तथा वह बाधामुक्त होना चाहिए।
  • खेल का मैदान, खेल सामग्री तथा बाल हितैषी खिलौने
  • साफ – सफाई, जल और स्वच्छता सुविधाएँ
  • साफ और स्वच्छ रसोईघर – रसोई और स्टोर 6X3 वर्गमीटर होने चाहिए।
  • बाल – हितैषी शौचालय – 2 होने चाहिए (2X3 वर्गमीटर)
  • पहुँच के लिए ढलावदार सुविधाएँ
  • मजबूत तथा रिसावमुक्त छत वाला भवन
  • मजबूत खिड़कियाँ और दरवाजे
  • विद्युत कनेक्शन और सुविधा
  • फर्नीचर, पंखे, विस्तर
  • जल, बाल्टी, ब्रुश झाडु साबुन, अध्ययन सामग्री

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