RTO Officer Kon Hota Hai और आरटीओ ऑफिसर कैसे बने एवं बनने का तरीका क्या है व बनने के लिए शैक्षित योग्यता, आयु सीमा क्या है जाने हिंदी में
जब भी आप सड़कों पर हाईवे पर कहीं वाहन चेकिंग देखते होंगे तो वहां पर आपको पुलिस के अधिकारी जरूर दिखाई देते होंगे परंतु एक अधिकारी जो की गाड़ी में बैठ कर सभी कागजों को देख रहा होता है ऐसे में हमारे दिमाग में एक बात घूमने लगती है कि यह व्यक्ति कौन है तो बताते चलें कि ऐसे व्यक्ति को ही हम आरटीओ(RTO) ऑफीसर कहते हैं जोकि कहीं पर भी वाहन चेकिंग करने का अधिकार रखता है तथा इसके साथ ही साथ परिवहन से संबंधित सभी प्रकार के कार्यों को उसी के द्वारा किया जाता है
आज के समय में बहुत से युवा अपनी तैयारी करके RTO ऑफिसर बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं भी देते रहते हैं तो यदि आप RTO ऑफिसर के बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख के माध्यम से हम आपको RTO Officer क्या है तथा कैसे बने उससे संबंधित सभी जानकारियां प्रदान करेंगे।
RTO Officer Kya Hota Hai
जैसा कि आपको बताते चलें कि RTO Officer जो होता है वह सभी राज्यों के हर एक जिले में तैनात होता है जिसके द्वारा Motor Vehicle Act के तहत कार्य किया जाता है और उस अधिनियम के अंतर्गत जितना भी कार होता है उसको निस्तारण करने का जो कर्तव्य है वह भी आरटीओ अधिकारी के अंतर्गत आता है जिसमें वह रजिस्ट्रेशन डेटाबेस मैनेजमेंट ड्राइविंग लाइसेंस वह Vehicle Registration, Database Management, Driving Licence, Vehicle Transfer आदि।भारत में सड़कों पर चल नहीं जितनी भी गाड़ियां हैं वह सभी व्यवस्थित रूप से पंजीकरण होती हैं जो कि अपने-अपने शहरों में आरटीओ अधिकारी के अंतर्गत उसके डेटाबेस में स्थापित होती हैं अब भारत सरकार के परिवहन विभाग के अंतर्गत RTO Officer की नियुक्ति की जाती है। आरटीओ के द्वारा ही शहरों में परिवहन की व्यवस्था को संभालने का कार्य किया जाता है।
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आरटीओ ऑफिसर का फुल फॉर्म क्या होता है
यदि आरटीओ की फुल फॉर्म की बात करें तो यह Regional Transport Officer (RTO) होता है जो कि भारत के किसी भी राज्य के शहर में सिर्फ एक ही तैनात किया जाता है जिसके अंतर्गत शहर के सभी परिवहन का पंजीकरण दर्ज होता है तथा उससे संबंधित सभी जानकारियां का Data Base वह अपने पास रखता है।
आरटीओ(RTO) का कार्य क्या होता है
जैसा कि आपको बताया गया कि RTO Officer जो होता है वह किसी भी शहर में परिवहन विभाग के अंतर्गत होने वाले सभी कारण वह निस्तारण करने का कार्य करता है और वह एक उच्च अधिकारी के तौर पर कार्य करता है तो आइए निम्नलिखित हम आपको RTO के कार्य से संबंधित जानकारी देते हैं
- शहर में जितने भी नए वाहनों का Registration होता है वह RTO के द्वारा ही किया जाता है।
- किसी भी राज्य के शहर में एक आरटीओ तैनात किया जाता है जिसके द्वारा ही Motor Vehicle Tax की वसूली की जाती है।
- किसी भी प्रकार के लाइसेंस बनाना तथा रिन्यू करने का जो कार्य होता है वह RTO Officer के अंतर्गत ही किया जाता है।
- यदि कोई नया आवेदक है ड्राइविंग लाइसेंस के लिए तो उसकी अपनी देखरेख में ड्राइविंग परीक्षा लेने का कार्य।
- शहर में जितने ही वाहन सड़कों पर चल रहे हैं उनके रजिस्ट्रेशन से संबंधित सभी जानकारियां अपने पास रखना
- वाहन चेकिंग में वाहनों के दस्तावेज एवं इंश्योरेंस की जांच करने का कार्य।
- यदि कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो वहां मौके पर पहुंचकर पंजीकरण वाहन की जांच करना
- किसी भी पुराने वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का कार्य
- यदि कोई व्यक्ति विदेश में जाकर ड्राइविंग करना चाहता है तो उसके लिए अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस जारी करने का कार्य।
आरटीओ(RTO) Officer कैसे बने?
बहुत से ऐसे अभ्यार्थी हैं जो पिछले कई वर्षों से RTO बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रहे हैं परंतु कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं जो कि आरटीओ बनना चाहते हैं लेकिन उसके बारे में उन्हें सटीक जानकारी नहीं होती ऐसे में इस Article के माध्यम से हम आपको आरटीओ कैसे बनते हैं उससे संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां देने जा रहे हैं:
RTO बनने के लिए योग्यता
सबसे पहले हम आपको बता दें कि आरटीओ बनने के लिए आपको राज्य स्तर का राज्य सिविल सेवा परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा जिसे हम PCS के तौर पर जानते हैं इसके बाद ही आप एक RTO Officer की नौकरी प्राप्त कर सकते हैं तो आइए निम्नलिखित आरटीओ बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए वह हम आपको बताते हैं।
- सबसे पहले आपको यदि आरटीओ की तैयारी शुरू करनी है तो किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय से Graduation की डिग्री प्राप्त करना अनिवार्य है।
- यदि आप राज्य सिविल सेवा परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं तो उसके लिए आपको Graduation में न्यूनतम 40 से 3 अंक लाने होंगे उसके बाद ही आप इस परीक्षा में बैठ सकते हैं।
- यदि आप एक आरटीओ बनना चाहते हैं तो उसके लिए आपको शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम होना पड़ेगा।
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आरटीओ(RTO) बनने के लिए आयु सीमा
राज्य सिविल सेवा परीक्षा के अंतर्गत कराए जाने वाली RTO Officer की जो परीक्षा होती है उसमें कुछ आयु सीमा भी निर्धारित की गई है जिसका जिक्र हम निम्नलिखित आपके सामने करने जा रहे हैं।
- आपको बताते चलें कि RTO Officer बनने के लिए जो आयु सीमा निर्धारित किया गया है वह कई राज्यों में अलग-अलग निर्धारित की गई है
- यदि संपूर्ण भारत में सभी राज्यों को मिलाकर राज्य सिविल सेवा परीक्षा के आयु सीमा की बात की जाए तो ये 19 वर्ष से 38 वर्ष तक के अभ्यार्थी आसानी से इस परीक्षा में बैठ सकते हैं।
- जिसमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की कोई आयु में छूट नहीं दी गई है परंतु वही पिछड़ा वर्ग और एसटी एससी वर्ग के अभ्यार्थी हैं उनको 5 वर्ष और 7 वर्ष तक की छूट प्रदान की गई है।
- आपको बताते चलें कि RTO Officer बनने के लिए जो आयु सीमा निर्धारित किया गया है वह कई राज्यों में अलग-अलग निर्धारित की गई है
- यदि संपूर्ण भारत में सभी राज्यों को मिलाकर राज्य सिविल सेवा परीक्षा के आयु सीमा की बात की जाए तो ये 19 वर्ष से 38 वर्ष तक के अभ्यार्थी आसानी से इस परीक्षा में बैठ सकते हैं।
- जिसमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की कोई आयु में छूट नहीं दी गई है परंतु वही पिछड़ा वर्ग और एसटी एससी वर्ग के अभ्यार्थी हैं उनको 5 वर्ष और 7 वर्ष तक की छूट प्रदान की गई है।
RTO बनने की चयन प्रक्रिया क्या है
यदि कोई अभ्यार्थी आरटीओ बनना चाहता है और उसके लिए वह तैयारी भी कर रहा है तो ऐसे में उसे सबसे पहले RTO Officer बनने की जो चयन प्रक्रिया है उसके बारे में जानना जरूरी है तो हम आपको बताते चलें कि आरटीओ बनने के लिए राज्य स्तर की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है जिसके बाद आपको एआरटीओ(ARTO) के पद पर तैनाती दी जाती है तथा कुछ वर्षों के बाद आपके अच्छे कार्यों से प्रेरित होकर सरकार आपको RTO के पद पर पदोन्नत कर देती है तो आइए निम्नलिखित हम आपको आरटीओ बनने की चयन प्रक्रिया के बारे में बताते हैं।
- Written Exam
- Physical Test
- Interview
- Joining
पहला चरण:Written Exam (लिखित परीक्षा)
यदि कोई अभ्यर्थी RTO Officer बनने के लिए लिखित परीक्षा देने जा रहा है तो उसके लिए हम बताते चलें की उनसे वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं जोकि 2 घंटे के समय में पूरे करने होते हैं और सवालों की जो संख्या होती है वह 20 होती है जोकि 200 नंबर का होता है।ऐसे में यदि अभ्यार्थी Written एग्जाम अच्छे से पास कर लेता है तो उसे अगले चरण के लिए बुलाया जाता है।
द्वितीय चरण:Physical Test
यदि कोई अभ्यार्थी लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण कर लेता है तो उसके बाद उसे शारीरिक परीक्षा देने के लिए बुलाया जाता है जिसमें उससे स्वास्थ्य से संबंधित जांच की जाती है जैसे आंखों की रोशनी की जांच कान की जांच हाइट सीना आदि यह सभी उसकी मेडिकल जांच के द्वारा जानकारी एकत्र की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके की उम्मीदवार को किसी भी प्रकार की कोई बीमारी तो नहीं है।
तृतीय चरण:Interview (साक्षात्कार)
इसके बाद इसमें सफलता प्राप्त कर लेने वाले अभ्यर्थी को इस पद के लिए नियुक्त कर लिया जाता है |यदि कोई उम्मीदवार लिखित एवं फिजिकल परीक्षा को पास कर लेता है तो उसे अंत में अंतिम चरण की परीक्षा यानी साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है ऐसे में उम्मीदवार के सामने एक साक्षात्कार विभाग की कमेटी होती है जो कि अभ्यार्थी की मानसिक जांच के साथ-साथ उसके जवाबों को सुनकर उसकी तैयारियों का पता लगाती है तथा उस Interview में 100 नंबर में से अंक प्रदान किए जाते हैं
चतुर्थ चरण:Joining (नियुक्ति)
यदि कोई अभ्यार्थी उपरोक्त तीनों चरण को सफलतापूर्वक पार कर लेता है और अंत में वह एआरटीओ के पद के लिए नामित हो जाता है तो उसे सबसे पहले Joining करने के लिए Training पर भेजा जाता है जहां पर वह ट्रेनिंग के अंतर्गत सभी कार्यों को भली-भांति सीख लेता है और अंत में उसे जोइनिंग प्रदान कर दी जाती है जिसमें वह अपने क्षेत्र में RTO Officer के रूप में तैनात होकर परिवहन व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने का कार्य करता है।
आरटीओ(RTO) का वेतनमान कितना होता है
यदि आरटीओ के वेतनमान की बात किया जाए तो RTO Officer का जो वेतनमान होता है वह वाली 4200 ग्रेड पे के आधार पर प्रदान किया जाता है जिसके द्वारा उसे 38000 से ₹70000 तक की Salary प्रदान की जाती है इसके साथ ही साथ नौकरी में Experience बढ़ते रहते हुए वेतनमान भी बढ़ता रहता है और उन्हें सरकार की तरफ से कई प्रकार की सुविधा भी प्रदान की जाती है जैसे मेडिकल भत्ता खानपान भत्ता धुलाई भत्ता स्वास्थ्य भत्ता मकान भत्ता आदि भी एक आरटीओ को मिलता है |