WTO Kya Hota Hai और इसकी फुल फॉर्म क्या होती है एवं विश्व व्यापार संगठन कार्य विशेषता व उद्देश्य क्या है जाने हिंदी में
हमारे विश्व में सभी देश व्यापार जगत के मामले में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं ऐसे में परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो व्यापार ही देश की आर्थिक व्यवस्था को आगे बढ़ाता है परंतु कभी-कभी कुछ ऐसी परिस्थितियों से भी सामना हो जाता है जिससे हमें अपने Business में काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है तो कहीं कहीं यह देखने को मिलता है कि व्यापार ठप हो चुका होता है इन्हीं परिस्थितियों से हालात को काबू करने के लिए एक संगठन बनाया गया जिसे विश्व व्यापार संगठन(World Trade Organization)कहते हैं हम आशा करते हैं कि आपने यह नाम पहले भी सुना होगा परंतु यदि आप WTO के बारे में नहीं जानते हैं तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इसके बारे में सभी प्रकार की जानकारी साझा करेंगे तो आइए निम्नलिखित हम आपको डब्ल्यूटीओ के बारे में विस्तार से बताते हैं।
विश्व व्यापार संगठन (WTO) क्या है?
विश्व व्यापार संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो कि सभी देशों के व्यापार जगत में होने वाले व्यवस्था को व्यवस्थित करता है तथा उन सभी व्यापार ओं का लेखा-जोखा तैयार करता है एवं उसके साथ संपूर्ण विश्व में जितने भी देश व्यापार जगत में एक दूसरे के साथ लगे हुए हैं उनको नियमों के हिसाब से व्यापार करने का तरीका भी निर्धारित करता है आज के समय में WTO में लगभग 160 से अधिक देश सम्मिलित हैं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय संगठन के अंतर्गत व्यापार करते हैं। अंग्रेजी में इसे World Trade Organization के नाम से जाना जाता है तथा विश्व में यह सभी देशों के व्यापार के लिए एक Trainer के रूप में कार्य करता है शायद यही वजह है कि सभी देश के बनाए गए नियमों का पालन भी करते हैं।
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WTO की स्थापना कब हुई?
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना सन 1995 में की गई थी जिसमें सभी देशों को एक साथ करके एक संगठन बनाया गया तथा व्यापार की नीतियों तथा नियमों को इसमें सम्मिलित करके सभी देशों को इसके अंतर्गत व्यापार करने के लिए व्यवस्थित किया गया वर्तमान समय में WTO का मुख्यालय जेनेवा में स्थित है जिसमें लगभग 700 से ज्यादा लोग कार्य करते हैं जिसमें तमाम देशों के कर्मचारी भी सम्मिलित है और यह विश्व की एक मुख्य संस्थाओं में से मानी जाती है।
World Trade Organization में सम्मिलित कुछ प्रमुख देश
विश्व व्यापार संगठन(WTO) में वर्तमान समय में लगभग 160 से ज्यादा सदस्यों को जोड़ा जा चुका है परंतु इनमें कुछ मुख्य सदस्य हैं जो कि व्यवस्थित तौर पर अपना योगदान देते रहते हैं जो कि निम्नलिखित है।
- Argentina
- Yaman
- Czech Republic
- Afghanistan
- Zambia
- Albania
- Angola
- Zimbabwe
- Sypres
- Australia
- Cuba
- Armenia
विश्व व्यापार संगठन के मुख्य उद्देश्य
जब WTO की स्थापना की गई थी तो उस समय सभी सदस्यों ने मिलकर एकमत में यह राय मानी थी की व्यापार जगत में जितने भी नियम कानून बनाए जाएंगे तथा उन्हें व्यवस्थित रूप से निर्धारित किया जाएगा वह सभी कार्य विश्व व्यापार संगठन के अंतर्गत होगा उसके बाद WTO के द्वारा ही व्यापार जगत में सभी नियम निर्धारित किए गए तथा जो भी समस्या व्यापार में आती है उसका निराकरण भी इसी के द्वारा किया जाता है जिससे व्यापार को देश में उच्च स्तर तक ले जाए जा सके तथा सभी देशों में रोजगार का अवसर प्राप्त हो सके जिससे बेरोजगारी दूर की जा सके और जो भी पिछड़े देश हैं उनकी जीवनशैली में सुधार लाया जा सके जिससे आने वाला समय एक अच्छे भविष्य की तरफ ले जा सके।
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World Trade Organization(WTO) का मुख्य कार्य
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना ही इसलिए की गई थी ताकि समूचे विश्व पर इसका असर पड़े तथा इसके बनाए गए नियमों का सभी देश पालन करें तो आइए निम्नलिखित हम इसके मुख्य कार्य के बारे में आपको बताते हैं।
- यदि किसी भी देश में व्यापार को शुरू किया गया है परंतु किसी आपदा या समस्या के कारण उस व्यापार को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा तथा उससे देश की हालत और खराब हो रही है ऐसे में WTO अपने सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करके उस मुद्दे को सुलझाने का कार्य करता है
- यदि किसी देश में कोई बड़ा व्यापारी अन्य देशों के साथ व्यापार करना चाह रहा है तो उसके लिए कुछ नियम निर्धारित किया जाता है जो कि डब्ल्यूटीओ के द्वारा ही होता है।
- यदि किसी भी देश में आर्थिक बदलाव देखने को मिलता है तो उसको World Trade Organization के दिशा निर्देश पर विश्व बैंक एवं राहत कोष के माध्यम से सहयोग प्रदान किया जाता है जिससे वैश्विक आर्थिक स्थिति को संभाला जा सके तथा उस देश की आर्थिक समस्याओं को भी दूर किया जा सके।
- यदि कोई भी नए सिरे से अपना व्यापार शुरू कर रहा है तथा वह समूचे विश्व में इसे बढ़ाना चाहता है तो WTO के द्वारा उसके प्रशासन के परिचालन में सुविधाएं भी प्रदान की जाती है।
विश्व व्यापार संगठन के कुछ प्रमुख मौलिक सिद्धांत
जैसा कि आपको पता है कि जब भी किसी कंपनी या संस्था का निर्माण किया जाता है तो उसे चलाने के लिए कुछ मौलिक सिद्धांत भी बनाए जाते हैं जिसके अंतर्गत ही वह संस्था कार्य करती है तो आइए निम्नलिखित हम World Trade Organization के प्रमुख मौलिक सिद्धांत के बारे में आपको जानकारी प्रदान करते हैं।
- WTO कभी भी कोई दो देशों के बीच भेदभाव नहीं करेगा तथा ना ही उनकी गलत भावना का इस्तेमाल करेगा। तथा समूचे विश्व में जितने भी देश हैं वह सभी एक समान रूप से रहेंगे।
- यदि किसी भी देश के द्वारा किसी व्यापार में कोई उत्पाद का निर्माण किया गया है तो उसे समूचे विश्व में बाजारों में प्रस्तुत करना तथा उन उत्पादों को प्रोत्साहित WTO करेगा।
- WTO के सिद्धांत में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत दिया है कि सभी देशों के व्यापारिक नियमों को समझा जाएगा तथा उन्हीं हिसाब से कार्य किए जाएंगे जिससे उस देश की नीति में भी फायदा देखने को मिले।
- विकासशील देशों को व्यापार जगत में प्रोत्साहित किया जाएगा तथा विकसित देशों के साथ उनके व्यापार को आगे बढ़ाया जाएगा।
विश्व व्यापार संगठन के सभी सम्मेलन
World Trade Organisation अब तक 11 सम्मेलन पूर्ण हो चुका है तथा बहुत से मुद्दों पर इसमें खास चर्चाएं हुई है तथा व्यापार जगत को आगे बढ़ाने तथा सब्सिडी के मसले पर भी चर्चा की गई थी जिसमें भारत ने भी अपने कड़े रुख अपनाकर लोगों को अचंभित कर दिया था तो आइए WTO के द्वारा हुए अब तक सभी सम्मेलनों को दर्शाते हैं।
सम्मेलन | तिथि | मेजबान देश |
पहला | 9 to 13 Dec 1996 | Singapore |
दूसरा | 18 to 22 May 1998 | Switzerland |
तीसरा | 30 Nov to 3 Dec 1999 | America |
चौथा | 9 to 14 Nov 2001 | Katar |
पांचवा | 10 to 14 Sept 2003 | Mexico |
छठवां | 13 to 18 Dec 2005 | Hongkong |
सातवां | 30 Nov to 2 Dec 2009 | Switzerland |
आठवां | 15 to 17 Dec 2011 | Switzerland |
नौवां | 3 to 6 Dec 2013 | Indonesia |
दसवां | 15 to 18 Dec 2015 | Kenya |
ग्यारहवां | 10 to 13 Dec 2017 | Argentina |
WTO और भारत का रिश्ता
जब विश्व व्यापार संगठन की स्थापना की गई थी तो उसमें बहुत सारे एजेंडे बनकर तैयार हुए थे जिसमें कई सारे समझौते किए गए थे एक समान रूप से देखा जाए कृषि संबंधित योजनाओं के विकास के लिए भी एजेंडा तैयार किया गया था जिससे भारत को फल फूल सब्जी नकदी फसल आदि को अन्य देशों में अधिक मात्रा में बेचने पर बात कही गई थी जिससे भारत में कृषि जगत में बढ़ावा देखने को मिलता और किसानों को अत्यधिक लाभ प्राप्त होता परंतु हाल ही में सब्सिडी बढ़ जाने के कारण इन सभी परिस्थितियों को नकार दिया गया जिससे बाद में WTO को कई देशों के विरोध का सामना करना पड़ा था जिसमें से भारत भी मुख्य था।
Conclusion:निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको विश्व व्यापार संगठन(WTO)अंतरराष्ट्रीय संगठन है बढ़ावा देने तथा प्रोत्साहित करने के लिए रहता है इसके बारे में आपको जानकारियां प्रदान की है तथा इसके साथ ही साथ इस कार्यशैली को भी हमने बताने का प्रयास किया सम्मेलन हो चुके हैं कई देशों के द्वारा इसके सम्मेलन की मेजबानी की गई है हम आशा करते हैं कि यह Article आपको काफी ज्यादा पसंद आया होगा।