Short Stories Kya Hoti Hai और नैतिक शिक्षा के साथ 5 पंक्तियाँ लघु कहानियाँ एवं 5 Lines Short Stories with Moral in Hindi
छोटे बच्चों को जब भी कोई चीज सिखाई जाती है तो उन्हें प्रायोगिक तौर पर या फिर ऐसी कहानियों के माध्यम से शिक्षा दी जाती है जिसको वह अपने जीवन में बेहतर तरीके से कर सके इसलिए लघु कहानियों के माध्यम से ही उन्हें नैतिक शिक्षा देने का कार्य किया जाता है जिससे वह बेहतर तरीके से सीख पाते हैं ऐसे में इस लेख में पांच पंक्तियां लघु कहानियां आपको बताई जाएगी जिससे आप भी अपने बच्चों को इन कहानियों के माध्यम से नैतिक शिक्षा प्रदान कर सकें तो लिए हम आपको 5 Lines Short Stories with Moral बताने का कार्य करते हैं।
5 Lines Short Stories with Moral in Hindi
यदि आप भी अपने बच्चों को नैतिक शिक्षा के माध्यम से जीवन की बेहतर शिक्षा देना चाहते हैं तो आज इस लेख में हम कहानियों के द्वारा उन नैतिक शिक्षाओं का ज्ञान दी गई जिससे आपके बच्चे जीवन में एक बेहतर नैतिकता के साथ खुद को प्रकट कर सकेंगे तो लिए हम आपको 5 Lines Short Stories with Moral बताने का प्रयास करते हैं।
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नैतिक शिक्षा के साथ 5 पंक्तियाँ लघु कहानियाँ
अब हम आपको इस लेख में पांच पंक्तियां वाली लघु नैतिक कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि आपके लिए बच्चों को सीखाने के लिए उपयोगी साबित होगी।
झूठा सियार बना जंगल का राजा
- एक बार एक सियार जंगल में भटक कर आ गया था और वह चलते-चलते एक नीले रंग के हौदे में गिर जाता है जब वह बाहर निकलता है तो उसका पूरा शरीर नीले रंग का हो जाता है जिसके बाद जंगल के सभी जानवर उसको देख कर इधर-उधर भागने लगते हैं और उससे डरने लगते हैं तब वह सभी जानवरों को संबोधित करते हुए कहता है कि तुम लोग डरो नहीं मैं ईश्वर का दूत हूं मुझे ईश्वर ने तुम लोग की रक्षा के लिए भेजा है और आज से मैं ही तुम लोग का राजा रहूंगा और यह बात जंगल के सभी जानवर मान लेते हैं एक बार जब सियार अपना दरबार लगा कर बैठा था तभी उसके कान में उसकी प्रजाति के सियार के चिल्लाने की आवाज जाती है जिससे वह भी जोर जोर से चिल्लाने लगता है तब जाकर सभी जानवर समझ जाते हैं ये कोई ईश्वर का दूत नहीं बल्कि एक मामूली सा सियार ही है जिसके बाद सभी जानवर उसे पीट-पीटकर मार डालते हैं।
नैतिक शिक्षा: झूठ बोलने की आदत एक दिन आप को मौत के घाट भी उतार सकती है इसलिए झूठ कभी नहीं बोलना चाहिए।
चूहे ने बचाई शेर की जान
- एक बार एक चूहा भटक कर शेर की गुफा में जा पहुंचा और वह सोते हुए शेर के ऊपर उछल कूद करके खेलने लगा तभी अचानक से शेर की आंखें खुल जाती है और वह झपट्टा मारकर चूहे को पकड़ लेता है ऐसे में चूहा अपनी जान की मिन्नतें मांगने लगता है और कहता है कि आप मुझे छोड़ दीजिए एक दिन मैं भी आपके काम आऊंगा इतना सुनकर शेर जोर जोर से हंसने लगता है और कहता है कि तू इतना छोटा सा प्राणी है तू मेरे किस काम आ सकता है परंतु फिर भी शेर ये सोचता है कि इस छोटे से जानवर को खाकर मेरा पेट तो भरेगा नहीं चलो इसको छोड़ देते हैं लेकिन कुछ दिनों बाद जब शेर को एक शिकारी अपने जाल में फंसा लेता है तो चूहे की नजर पड़ जाती है और वह जाकर तुरंत अपने दांतो से उस जाल को कुतर देता है और शेर आजाद हो जाता है तब जाकर शेर से माफी मांगता है और उस चूहे से दोस्ती कर लेता है।
नैतिक शिक्षा: छोटी से छोटी चीज आपके कब काम आ जाए या कभी किसी को नहीं पता होता इसलिए कभी किसी का छोटे पन की वजह से मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
लकड़हारे ने बेटों को सिखाया एकता का पाठ
- एक बार एक लकड़हारा अपने चार बेटों के साथ रहता था और चारों बेटे आपस में बहुत ज्यादा लड़ते थे जिससे लकड़हारा काफी ज्यादा परेशान रहता था फिर एक बार उसने उन चारों बेटे को सुधारने का ठान लिया वह चारों बेटों को अपने पास बुलाता है और उन्हें एक-एक लकड़ियां देता है और उसे तोड़ने को कहता है जिसे चारों बेटे झटपट आसानी से तोड़ देते हैं फिर उसके बाद उन्हें चार लकड़ियों का एक बंडल बांध कर देता है और उन्हें पुनः तोड़ने को कहता है परंतु इस बार चारों में से कोई भी बेटा और लकड़ी के बंडल को नहीं छोड़ पाता है तब जाकर लकड़हारा उन्हें समझाता है कि यदि तुम लोग अलग-अलग रहोगे और एक दूसरे से लड़ते रहोगे तो तुम्हारा फायदा कोई दूसरा उठा कर तुम चारों को तोड़ने का प्रयास करेगा परंतु यदि तुम चारों एक साथ रहोगे तो कोई भी तुम्हें तोड़ नहीं सकता।
नैतिक शिक्षा: एकता में बहुत शक्ति होती है यदि आपस में मिलकर रहें तो कोई भी आपका बाल बांका भी नहीं कर सकता।
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ज्यादा बोलने से कछुए ने गवाई जान
- एक नदी किनारे एक कछुआ रहता था जिसे बोलने की बहुत ज्यादा आदत थी परंतु वह दिल का काफी ज्यादा अच्छा था जिसकी वजह से वह नदी किनारे सभी जानवरों से दोस्ती कर बैठा था उसी नदी पर दो सारस रहते थे जिनसे कछुए की काफी ज्यादा अच्छी दोस्ती थी एक दिन कछुआ सारस को उड़ता हुआ देख उनसे कहता है कि मेरी भी उड़ने की इच्छा है क्या मैं आप दोनों के साथ उड़ सकता हूं परंतु सारस उन्हें समझाता है कि तुम्हें पंख नहीं है तुम नहीं उड़ सकते लेकिन कछुआ जिद करने लगता है तब जाकर सारस मान जाते हैं और वह एक डंडी लेकर आते हैं जिसके अगल-बगल दोनों सारस पकड़ लेते हैं और बीच में मुंह से कछुआ उस डंडी को दबा लेता है और वह उड़ने लगता है परंतु अपने बोलने की आदत की वजह से जब आसमान की ऊंचाइयों पर कछुआ पहुंच जाता है तो वह सारस से बात करने लगता है जिससे उसके मुंह से वह छड़ी छूट जाती है और वह नीचे सीधे जमीन पर गिरता है जिससे उसे काफी ज्यादा चोट आती है।
नैतिक शिक्षा: सदैव कम बोले और स्थिर बोले ज्यादा बोलना भी आपकी जान का खतरा बन सकता है।
चालाक किसान ने पड़ोसी को सिखाया सबक
- एक बार एक किसान को अपने खेतों में सिंचाई के लिए पानी की सख्त आवश्यकता थी जो कि उसे कहीं भी नहीं मिल रहा था तब जाकर उसने पड़ोसी के कुए पर नजर पड़ती है और वह कुआं उस पड़ोसी से खरीद लेता है परंतु जब सुबह कुएं से पानी लेने जाता है तो पड़ोसी उसे रोक देता है और कहता है कि मैंने तो तुम्हें सिर्फ कुंवा बेचा है पानी नहीं,ऐसे में तुम पानी लेने के हकदार नहीं हो जिससे किसान काफी ज्यादा अचंभित हो जाता है लेकिन उसे एक नई तरकीब सूझी, वह तुरंत पड़ोसी से कहता है ठीक है जब तुमने मुझे अपना कुआं ही बेचा है तो जल्दी से मेरे कुएं में से अपना पानी निकाल लो क्योंकि मेरे कुएं में तुम्हारा पानी रखने का भी कोई अधिकार नहीं है यह बात सुनते ही पड़ोसी शर्म से लज्जित हो जाता है और वह किसान से माफी मांग लेता है।
नैतिक शिक्षा: कभी किसी को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए जिसके कारण आपको भी परेशान होना पड़े।
लालची शेर हुआ भूख से बेहाल
- एक दिन एक जंगल में एक शेर भूख से काफी ज्यादा विचलित होने पर इधर-उधर शिकार की तलाश में भटक रहा था परंतु उसे कुछ भी खाने को नहीं मिल रहा था तभी उसकी नजर एक खरगोश पर पड़ती है जिसे वह पकड़ लेता है परंतु उसे बहुत छोटा लगता है जिससे उसकी भूख नहीं मिट पाती इसलिए वह खरगोश को छोड़ देता है वह कहता है कि मैं आगे जाकर कुछ बड़ा ढूंढता हूं तभी उसकी नजर एक लोमड़ी पर पड़ती है और उसे दौड़ाने लगता है परंतु इतने दिनों से भूखे होने के कारण वह काफी ज्यादा थक चुका होता है जिससे लोमड़ी भाग जाती है और वह वहीं रुक जाता है तब वह सोचता है की चलो खरगोश को ही खा लेते हैं लेकिन जब वह वापस आता है तो देखता है कि वहां कोई खरगोश नहीं और वह खरगोश भाग गया ऐसे में उसे अपनी लालच का पता चलता है जिससे उसको काफी शर्मिंदगी महसूस होती है।
नैतिक शिक्षा: जितना प्राप्त हो उतने में ही खुश रहना चाहिए ज्यादा लालच बुरी बात होती है।
लालची बड़ा भाई सुई से हुआ घायल
- एक घर में दो भाई रहते थे जो बड़ा भाई था वह काफी ज्यादा निर्दयी था और अपने छोटे भाई को परेशान करता था उसका खाना कपड़ा सब इस्तेमाल कर लेता था परंतु उसे कुछ भी ना देता था एक दिन बड़ा भाई जंगल में लकड़ी तोड़ने गया जैसे ही वह पेड़ पर कुल्हाड़ी चलाने गया तो पेड़ बोलता है कि तुम मुझे मत काटो उसके बदले मैं तुम्हें सुनहरा सेव दूंगा जिसके लिए वह सहमत हो जाता है परंतु उसे बाद में समझ आता है कि क्यों ना इससे मैं एक सेब की जगह कई सारे सेब ले लूं और उसे धमकाने लगता है ऐसे में पेड़ को गुस्सा आ जाता है और वह सुइयों की बौछार बड़े भाई पर कर देता है जिससे उसका शरीर घायल हो जाता है तब जाकर छोटा भाई यह देखकर दौड़े-दौड़े आता है और अपने बड़े भाई के शरीर से धीरे-धीरे सभी सुइयों को निकाल देता है यह देख कर बड़ा भाई काफी लज्जित महसूस करता है और अपने छोटे भाई से माफी मांग लेता है।
नैतिक शिक्षा: लालची व्यक्ति को हमेशा नुकसान ही होता है इसलिए लालच कभी नहीं करना चाहिए।