Aeroplane Mode Kya Hai और एरोप्लेन मोड कैसे कार्य करता है एवं इसका इस्तेमाल क्यों करते हैं व फ्लाइट मोड में नेट कैसे चलाये
दोस्तों आज के आधुनिक युग को टेक्नोलॉजी का युग कहा जाए तो ज्यादा अच्छा होगा क्योंकि इसमें आजकल एक से बढ़कर एक टेक्नोलॉजी मार्केट में आ रही है और उसको समझना भी जरूरी है बहुत से लोग इस टेक्नोलॉजी के बारे में नहीं जानते होंगे तो इस टेक्नोलॉजी का फायदा ही क्या है?आजकल मोबाइल लैपटॉप कंप्यूटर इन सभी में इतने फीचर्स आते हैं कि हम उन्हें देखते तो है पर हमारी समझ में नहीं आता कि यह काम कैसे करती हैं।इसी कड़ी में एक टेक्नोलॉजी का नाम है Aeroplane Mode या फ्लाइट मोड दोस्तों आज हम इसी के बारे में आपको जानकारी देंगे एरोप्लेन मोड क्या है और यह कैसे कार्य करता है ओर एरोप्लेन में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं |
एरोप्लेन मोड या फ्लाइट मोड क्या है ?
दोस्तों आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें एरोप्लेन मोड या फ्लाइट मोड के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए हम आपको बता दें की फ्लाइट मोड आपके स्मार्टफोन का यह फीचर है जब हम फ्लाइट मोड को ऑन करते हैं तो हमारा सारा नेटवर्क सिस्टम बंद हो जाता है ना तो हम किसी को कॉल कर सकते हैं और ना ही कॉल हमारे पास आएगी इंटरनेट का सिस्टम भी बंद हो जाता है इसके जरिए हम इंटरनेट की भी सारी गतिविधि पर नियंत्रण नहीं रख सकते हैं |
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Aeroplane Mode के लाभ
- यानी नेटवर्क सिस्टम का सारा आदान-प्रदान बंद हो जाता है और हम इस कंडीशन में आ जाते हैं एक जैसे कि हमारा फोन स्विच ऑफ हो गया।
- इस फीचर का इस्तेमाल खासतौर पर हवाई जहाज का सफर करते वक्त यूज किया जाता है क्योंकि जब हम हवाई जहाज में सफर करते हैं तो हमें एरोप्लेन कंपनी की तरफ से निर्देश दिए जाते हैं
- कि अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर ले या एरोप्लेन मोड पर लगा ले क्योंकि दोस्तों जब हम अपना फोन हवाई जहाज यात्रा करते वक्त फोन आन रखते हैं तो इससे पायलट को हवाई जहाज उड़ाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है क्योंकि वहां नेटवर्क नहीं होते और हमारा फोन नेटवर्क सर्च करता है
- इससे पायलट को अपने सिग्नल को पकड़ने में परेशानी का सामना करना पड़ता है एरोप्लेन का ज्यादातर सिस्टम सिग्नल पर आधारित होता है और वह नीचे सिग्नल प्राप्त करते हैं उनसे बातचीत करते हैं इसलिए उन्हें इन सारी गतिविधियों करने में काफी परेशानी होती है।
Aeroplane Mode बंद करने के बाद आप किन-किन फीचर्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
दोस्तों अब आपको बता रहे हैं कि एरोप्लेन मोड ऑन करने के बाद आप किन-किन फीचर्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते जैसे कि सेलुलर नेटवर्क इंटरनेट नेटवर्क ब्लूटूथ वाईफाई और लाई फाई। आप ऑफलाइन के सारे काम कर सकते हैं एरोप्लेन में बैठ कर भी आप अपना ऑफिस का ऑफलाइन सारे काम कर सकते हैं लेकिन नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं कर सकते। अलग-अलग मोबाइल कंपनी फीचर्स को अपने मोबाइल में अलग अलग नाम से देते हैं जैसे कि ऑफलाइन मॉड, फ्लाइट मोड, एरोप्लेन मोड, स्टैंडअलोन मोड आदि।
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क्या हवाई जहाज़ में वाईफाई इंटरनेट की सुविधा होती हैं
10000 फीट से ऊपर जो उड़ाने जाती हैं उनमें सेल्यूलर सिग्नल दे दिया जाए ऐसा कहना है अमेरिका की एफसीसी का। जिसके लिए कुछ नियमों को बदलने की कोशिश निरंतर की जा रही है। हालांकि अभी इस पर काफी सोच-विचार के बाद यह ऑप्शन रखा गया है कि केवल सेल्यूलर डाटा की हेल्प से मैसेज सेंड तो कर सकते हैं लेकिन कॉल नहीं कर सकते। सेल्यूलर डाटा को चलाने के लिए उड़ानों में कुछ पिको सेल लगाए जाएंगे क्योंकि एक तरह से यह टावर का काम करेंगे। सेटेलाइट से इसका कनेक्शन किया जाएगा ताकि उड़ान के सिग्नल को कोई हानि ना पहुंच पाए।
पीकू सेल लग जाने के बाद भी आपको अपना मोबाइल एयरप्लेन मोड पर लगाना आवश्यक होगा क्योंकि यह केवल 10000 फीट से ज्यादा ऊंची उड़ानों पर ही संभव होगा। इसके अलावा लैंडिंग और टेकऑफ़ में तो आपको अपना फोन एयरोप्लेन मोड में ही रखना पड़ेगा।इसलिए कुछ भी हो जाए आपके उपकरणों में एयरप्लेन मोड काफी जरूरी है और रहेगा।
क्या बैटरी कम खर्च होती है एयरोप्लेन मोड लगाने से
सभी मोबाइल में रेडियो बहुत सारी एनर्जी लेता है जैसे आप के टावर से सिग्नल लेना, वाईफाई नेटवर्क को ढूंढना आदि में बहुत सारी बैटरी खर्च हो जाती है। अगर हम जमीन पर हैं तब हम अपने मोबाइल की बैटरी को बचा सकते हैं। कभी कभी हम अपने मोबाइल पर एयरोप्लेन मोड लगा देते हैं बैटरी बचाने के लिए। यदि आपको अगर नहीं पता तो हम आपको बताना चाहेंगे कि एरोप्लेन मोड लगते ही आपके फोन पर कॉल और मैसेज आना बंद हो जाते हैं।
अपने मोबाइल फोन में कहां-कहां से आप एरोप्लेन मोड को ऑन कर सकते हैं ?
फ्लाइट मोड को ऑन ऑफ करने के लिए 3 तरीके अपना सकते है।
नोटिफिकेशन पैनल के द्वारा
जी हां दोस्तों ज्यादातर लोग इसी तरह एयरप्लेन मोड का इस्तेमाल करते हैं यह यह सबसे ज्यादा आसान तरीका है कि आप नोटिफिकेशन पैनल को नीचे की तरफ स्लाइड करें तो आपके सामने राइट साइड में एयरप्लेन का आइकन दिखाई देगा आप इसी आइकन पर क्लिक करके ऑन कर सकते हैं और फिर जब आपको ऑफ करना होता है तो इसी आइकन पर क्लिक करके ऑफ कर सकते हैं।
अपने मोबाइल की सेटिंग के द्वारा
आप अपने मोबाइल की सेटिंग के द्वारा भी इसे ऑन ऑफ कर सकते हैं इसके लिए अपने मोबाइल की सेटिंग में जाना होगा वहां पर आपको एयरप्लेन मोड का ऑप्शन दिखाई देगा उस पर क्लिक करें तो आपको इसके ऑन ऑफ करने का ऑप्शन दिखाई देगा आप वहीं से ऐसे ऑन ऑफ कर सकते हैं।
अपने मोबाइल के पावर ऑन ऑफ बटन के द्वारा
जब हम अपने मोबाइल का ऑन ऑफ स्विच को दबाते हैं तो हमारे सामने कई विकल्प आते हैं जिसमें पावर ऑफ, रीस्टार्ट, स्टैंडबाई और एयरप्लेन मोड का ऑप्शन भी दिखाई देता है इसके द्वारा भी हम एरोप्लेन मोड को ऑन या ऑफ कर सकते हैं।
Aeroplane Mode में एरोप्लेन मोड का इस्तेमाल क्यों करते हैं ?
दोस्तों जब भी हम फ्लाइट में सफर करते हैं तो फ्लाइट में एंट्री के वक्त हमें यह निर्देश दिया जाता है कि आप अपना मोबाइल बंद कर ले या उसे एरोप्लेन मोड पर लगा ले इसकी खास वजह होती है कि जब हम अपना मोबाइल ऑन रखते हैं तो वहां पर सिग्नल नहीं आते और हमारा मोबाइल नेटवर्किंग सिस्टम सिग्नल को सर्च करता रहता है और हमारा मोबाइल सिस्टम नेटवर्किंग सिस्टम हमारे आसपास एक मैग्नेटिक फील्ड बना देता है जिससे फ्लाइट के नेवीगेशन सिस्टम और सेंसर सिस्टम में रुकावट पैदा करता है जिससे पायलट को फ्लाइट को ऑपरेट करने में परेशानी होती है इसलिए हमें यह निर्देश दिया जाता है किया तो आप अपना मोबाइल बंद कर ले या एरोप्लेन मोड पर लगा ले इसीलिए हम मोबाइल को फ्लाइट मोड पर लगा लेते हैं ताकि हम अपना ऑफलाइन काम कर सकें।