Allahabad University Kya Hai और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की स्थापना कब हुई एवं यूनिवर्सिटी का इतिहास क्या है व इसे मान्यता कब मिली थी
आज के समय में शिक्षा का जो महत्व है वह संपूर्ण विश्व पर एक गहरा असर छोड़ रहा है धीरे धीरे अब लगभग सभी जगहों पर साक्षरता में तेजी देखने को मिली है चाहे वह कोई देश हो या प्रदेश ऐसे में सबसे बड़ा जो कारण होता है शिक्षा के जगत को आगे बढ़ाने का वह वहां के School, College, University पर निर्भर करता है जिससे लोगों ने शिक्षा की जो भावना है वह उत्पन्न होने लगती है यही कारण रहा है कि भारत में बहुत सी ऐसी University है जो सदियों पुरानी मानी जाती हैं चाहे वह नालंदा हो तक्षशिला या फिर वर्तमान युग में BHU,JNU,DU,JMI या फिर AU(Allahabad University) इस आर्टिकल के माध्यम से भारत की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी इतिहास आपसे साझा करेंगे और उसके बारे में उन महत्वपूर्ण को उजागर करेंगे जिसकी बदौलत आज इलाहाबाद यूनिवर्सिटी(AU) एक जाना माना नाम हो चुकी है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का इतिहास क्या है
पूर्व के Oxford के नाम से चर्चित Allahabad University की स्थापना 1887 ईस्वी में अल्फ्रेड फायर के द्वारा कराई गई थी वर्तमान समय में जितने भी यूनिवर्सिटी देश में है उनमें से सबसे पुरानी मानी जाती है सबसे पहले 1866 ईसवी में इसका नाम Myor कॉलेज था जो कि संयुक्त प्रांत के गवर्नर रहे विलियम म्योर के नाम पर रखा गया था क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले इलाहाबाद में एक कॉलेज और यूनिवर्सिटी की मांग रखी थी जिसके बाद इस म्योर कॉलेज की स्थापना की गई ठीक है उसके बाद सन 1869 में एक कमेटी बनाकर कॉलेज की आधारशिला का उद्घाटन किया गया जिसके सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने। उस समय भारत के तत्कालीन वायसराय और गवर्नर जनरल रहे टामस जार्ज बैरिंग में भी इस कॉलेज की आधारशिला में अपना योगदान दिया था।
Allahabad University को बनाने में लगा खर्च
शुरुआती दौर में जब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को बनाने का कार्य किया गया था तो उस समय यह प्रतीत हो रहा था कि कुछ ही दिन में यह प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी बनकर तैयार हो जाएगी परंतु जब जैसे-जैसे काम बढ़ता गया वैसे ही इसमें विलंब भी होता चला गया उस समय 1874 तक कॉलेज की इमारतों को बनाने का लक्ष्य रखा गया था परंतु इसे पूरा बनने में लगभग 12 साल लग गए थे और 1887 तक इसमें लगभग 9 लाख से 10 लाख रुपए का खर्चा भी हो चुका था उस दरमियान यूनिवर्सिटी के Central Block को बनाने का कार्य काफी तेजी से किया गया था।
Allahabad University को मान्यता कब मिली?
जब म्योर कॉलेज की आधारशिला रख दी गई थी और स्थापना के बाद उसमें कक्षाएं आरंभ कर दी गई थी तो उसके बाद इलाहाबाद में एक महाविद्यालय के साथ-साथ यूनिवर्सिटीज की भी मांग तेजी से बढ़ने लगी थी ऐसे में एक नई इमारत ना बनाकर मयूर कॉलेज को ही यूनिवर्सिटीज की उपाधि देने का सोचा गया तब एक कानून पारित किया गया 23 सितंबर 1887 को यूनिवर्सिटी Act 17 के अंतर्गत Mumbai University और Madras University इसके बाद Allahabad University को मान्यता प्रदान कर दी गई थी ऐसे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का उदय 1887 में ही माना जाता है क्योंकि इसी दिन इस कॉलेज को एक नई पहचान मिल गई थी।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की उपलब्धि
आज भी Allahabad University को लगभग 135 साल हो चुके हैं परंतु इसमें हमेशा से ही एक व्यवस्था और अपनी गुणवत्ता के साथ कभी समझौता नहीं किया और निरंतर अपने हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करता रहा है इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पठन-पाठन कार्य भारतीय संस्कृति शोध व्यवस्था तथा भारतीय समाज को एक व्यवस्था के अंतर्गत पिरो कर जिस तरह से यह अपनी कार्यशैली पर खरा उतरा है इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है किया एक सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज में गिना जाता है
यही कारण है कि देश विदेश के छात्र यहां पर एडमिशन लेते हैं और अपनी शैक्षिक सत्र के द्वारा हुए बदलाव को निरंतर बनाकर रखने से और ज्यादा आकर्षित होते रहते हैं। आज भी इस बहुचर्चित यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए काफी मारामारी देखने को मिलती है देश विदेश से अनेकों छात्र लाखों की संख्या में यहां पर एडमिशन लेने के लिए कतार में लगे रहते हैं परंतु उन्हें ही एडमिशन मिल पाता है जो इस के योग्य होते हैं आज भी यहां के छात्रों में आदर्श व्यवस्था देखने को मिलती है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विभाग
केंद्रीय यूनिवर्सिटी(Central University) की लिस्ट में हमेशा से ही अव्वल रहने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हर प्रकार के कोर्स और डिग्रियां उपलब्ध है यहां पर बहुत से ऐसे विभाग है जोकि बहुत ही कम विश्वविद्यालय में देखने को मिलते हैं निम्नलिखित हम सिर्फ उन विभागों की लिस्ट आपके सामने उजागर करने जा रहे हैं जो काफी समय से कोर्स की लिस्ट में चर्चित माने जाते हैं।
कला संकाय विभाग
- अर्थशास्त्र
- भूगोल
- हिन्दी
- भाषाविज्ञान
- साहित्य
- मधयकालीन तथा आधुनिक इतिहास
- संगीत एवं निष्पादन कलाएँ (Music & Performing Arts)
- शारीरिक शिक्षा
- राजनीति विज्ञान
- मनोविज्ञान
- दर्शनशास्त्र
- संस्कृत
- समाजशास्त्र
- उर्दू
- पत्रकारिता तथा जनसंचार
- दृष्य कला
- ललित कला
विज्ञान संकाय विभाग
- परमाणु भौतिकी (HRI)
- जैवरसायन
- वनस्पति विज्ञान
- रसायन
- संगणक विज्ञान
- प्रतिरक्षा एवं रननीतिक अध्ययन
- इलेक्ट्रानिकी एवं संचार
- ऊर्जा विज्ञान
- गणित
- भौतिकी
- जन्तुविज्ञान
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध पुरातन छात्र
जैसा कि उपरोक्त आपको बताया गया कि Allahabad University एक केंद्रीय यूनिवर्सिटी है जो कि हमेशा से ही चर्चित मानी जाती रहेगी यहां से बहुत बड़े-बड़े और प्रसिद्ध राजनेता कलाकार और ऐसे चर्चित नाम निकले हैं आगे चलकर देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया निम्नलिखित हम उन छात्रों का नाम दर्शाने जा रहे हैं जिन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई को पूरा किया हुआ है।
राजनेता:
- मोतीलाल नेहरू,गोविंद वल्लभ पंत,चंद्रशेखर, एन डी तिवारी,विश्वनाथप्रताप सिंह,मुरली मनोहर जोशी,गुलजारी लाल नंदा,शंकर दयाल शर्मा,हेमवती नंदन बहुगुणा,विजय बहुगुणा, नूरुल हसन,अर्जुन सिंह आदि
लेखक & शिक्षाविद
- हरीश चन्द्र,हरिवंश राय बच्चन,सत्यप्रकाश सरस्वती,महादेवी वर्मा,बाबूराम सक्सेना,धीरेंद्र वर्मा,धर्मवीर भारती,आचार्य नरेंद्र देव,मोहम्मद हिदायतुल्लाह,दौलत सिंह कोठारी,गोविंद मिश्र,प्रेम चंद पांडे,गोरख प्रसाद आदि
अंतिम शब्द:
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Allahabad University(AU)के उन पहलुओं पर चर्चा की है जो कि एक इतिहास के तौर पर याद रखा जाता है इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का इतिहास हमेशा से ही काफी ज्यादा रोचक रहा है यहां पर हमेशा पठन-पाठन के कार्य को उत्तर जी दी गई है जिससे देश विदेश के बच्चों को आकर्षित करने का एक मुख्य साधन माना जाता है हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको काफी ज्यादा पसंद आया होगा जिससे आपको इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के बारे में विस्तृत तौर पर जानकारियां प्राप्त हुई होंगी।