Clerk Kya Hota Hai और क्लर्क कैसे बने एवं बनने की तैयारी कैसे करे व इसका वेतनमान, कार्य व शैक्षित योग्यता क्या है जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
आज हम उस विषय पर चर्चा करेंगे जिसकी वर्तमान समय में नव युवकों में नौकरी पाने की होड़ मची हुई है। जिसकी तैयारी वह सालों से करते आ रहे हैं उस पद का नाम क्लर्क अथवा बाबू भी कह सकते हैं या सरकारी विभाग का ऐसा पद है जो तृतीय श्रेणी का होते हुए भी काफी ज्यादा मायने रखता है। वर्तमान समय में बहुत से विभागों में इनकी आवश्यकता पड़ती रहती है। जिसके लिए निरंतर भर्तियां होती रहती है। जोकि हर साल सभी विभागों की भर्तियों को सुयोजित तरीके से कराया जाता है। भारत में हर साल लगभग 30 लाख अभ्यार्थी क्लर्क की तैयारी करते हैं परंतु कुछ ही अभ्यार्थियों को नियुक्तियां मिल पाती है। इस लेख के द्वारा CLERK क्लर्क से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां दी गई है।
ClerK Kya Hai?
किसी भी सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में उनके कार्यालयों में जो व्यक्ति लिखित कार्यों को सुसंगठित तरीके से करता है। जो उस विभाग का लेखा-जोखा की व्यवस्था करता है वह उस पद पर क्लर्क कहलाता है जिसे हम लिपिक, बाबू, मुंशी आदि भी कहते हैं।यह पद तो एक ही होता है परंतु अलग-अलग विभागों में इसे भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। यह पद सरकार द्वारा भर्तियों से भरा जाता है जो भी व्यक्ति इसके योग्य होता है उसे नियुक्त किया जाता है। निजी क्षेत्रों में भी जैसे बैंक या किसी निजी संस्था स्कूल आदि में भी क्लर्क की नियुक्ति होती है। जो अपने विभागों अथवा कंपनियों की सारी व्यवस्था देखता है यह एक तरह का काफी जिम्मेदारी वाला पद है। कर्मचारियों के समस्या के निवारण से लेकर वेतन वितरण तक की व्यवस्था क्लर्क की ही होती है।
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ClerK के कार्य
क्लर्क के कार्यों की बात करें तो या काफी लंबी चौड़ी लिस्ट में आता है क्लर्क एक प्रकार का उस विभाग का वह कर्मचारी होता है जिसके द्वारा सभी व्यवस्था को समायोजित किया जाता है। निम्नलिखित क्लर्क के कार्यों से संबंधित कुछ बातें नीचे बताई गई है:–
- विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटिंग तथा टाइपिस्ट का कार्य क्लर्क का ही होता है।
- किसी भी प्रकार की रिपोर्ट का कार्य इसी पद के अंतर्गत आता है।
- डाक डायरी अथवा पोस्टकार्ड को भेजना तथा ग्रहण करना भी इसके मुख्य कार्यों में आते हैं।
- अपने अधिकारियों द्वारा दिए गए लेखा-जोखा आदि कार्य को ठीक प्रकार से करना तथा उसे विभागदिकारी तक पेश करना क्लर्क का ही काम होता है।
- किसी भी प्रकार की समस्या का निवारण तथा विभाग में किए गए टेलीफोन संबंधित निवारण भी कलर के कार्यों में गिने जाते हैं।
- विभाग के दफ्तरों एवं उनकी मशीनों की देख रेख तथा सभी कर्मचारियों के वेतनमान संबंधित कार्य भी इन्हीं के द्वारा किए जाते हैं।
- विभाग एवं स्कूलों में रहने वाले एक एक व्यक्ति का सारा विवरण क्लर्क के पास होता है।
क्लर्क का वेतनमान
एक क्लर्क की वेतनमान की बात की जाए तो यह तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों की लिस्ट में काफी बेहतर होता है यदि एक सरकारी क्लर्क की शुरुआती वेतनमान देखा जाए तो 19900 तक होती है जो अधिकतम 30000 तक पहुंच जाती है परंतु 7 साल के एक्सपीरियंस के बाद यह वेतनमान लगभग ₹43000 तक हो जाता है जोकि एक बाबू के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।इसमें इन्हें महंगाई भत्ता भी दिया जाता है तथा सरकार की तरफ से दी जाने वाली सभी सरकारी व्यवस्था जो बिल्कुल मुफ्त होती है, वह भी प्रदान की जाती है, जिसमें चिकित्सक व्यवस्था भी जुड़ी होती है। जिससे एक बेहतर तथा अच्छी सैलरी कहां जाता है।
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CLERK की योग्यता क्या होती है?
क्लर्क की योग्यता की बात की जाए तो यह बारहवीं कक्षा के बाद से ही शुरू हो जाती है, परंतु वर्तमान में ग्रेजुएशन को अधिकतम शैक्षणिक योग्यता माना गया है। किसी क्लर्क को किसी रजिस्टर्ड बोर्ड के द्वारा 12वीं या फिर ग्रेजुएशन तक डिग्री धारक होना चाहिए। तरह-तरह के विभागों में या अपनी अलग अलग योग्यताएं मांगी जाती है निजी क्षेत्रों में अथवा स्कूलों में शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ कंप्यूटर से संबंधित जानकारी मांगी जाती है क्योंकि वर्तमान समय में ज्यादातर कार्य अब कंप्यूटर के आधार पर होने लगे हैं। जिसके लिए अब कंप्यूटर का ज्ञान होना अति आवश्यक माना गया है। ग्रेजुएशन डिग्री धारक होने के साथ-साथ आवेदक ने जिस क्षेत्र में क्लर्क के लिए आवेदन किया है उस क्षेत्र की अच्छे से जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
CLERK की एग्जाम पैटर्न से संबंधित बातें
- वर्तमान समय में एक क्लर्क की नौकरी के लिए हर साल बहुत से अभ्यर्थी प्रयास करते रहते हैं।
- भारत सरकार द्वारा STAFF SELECTION COMMISSION(SSC) के माध्यम से भर्ती निकलती है जिसका 3 फेज में एग्जाम होता है। या भर्ती प्रत्येक वर्ष निकाली जाती है।जिसमें सरकारी विभागो के बहुत से पद होते हैं जैसे SBI,RRB,NTPC,IBPS आदि।
- इसका एग्जाम पैटर्न की बात करें तो यह मुख्यता दो भागों में होता है।पहला जोकि PRELIMS होता है,जो 100 नंबर का नेगेटिव मार्किंग का एग्जाम होता है, सिलेक्ट हुए अभ्यार्थी को MAINS एग्जाम के लिए बुलाया जाता है। जो कि 2 घंटा 40 मिनट का 200 नंबर का एग्जाम होता है इसके बाद फाइनल लिस्ट बन जाती है, परंतु आईबीपीएस जैसे विभाग में मेंस एग्जाम के बाद भी इंटरव्यू कराया जाता है। जिसमें सिलेक्ट हुए व्यक्ति की फाइनल लिस्ट तैयार की जाती है।
क्लर्क के सिलेबस की जानकारी
क्लर्क के परीक्षा एग्जाम की तैयारी के सिलेबस की बात करें तो यह ज्यादा उच्च स्तर का नहीं होता, परंतु कंपटीशन इसमें काफी जटिल होता है समानता: अंग्रेजी हिंदी,सामान्य ज्ञान,रीजनिंग, गणित,कंप्यूटर,करंट अफेयर आदि से ही सवाल पूछे जाते हैं। जिन भी अभ्यर्थियों को इन विषयों पर पकड़ मजबूत है वह सरलता पूर्वक इसके परीक्षा को उत्तीर्ण कर सकते हैं।इसके साथ साथ बहुत से विभागों में टाइपिस्ट की भी मांग होती है उसके लिए टाइपिंग स्किल का होना भी बहुत आवश्यक होता है।