Communication Kya Hai और यह कितने प्रकार के होते है एवं टेक्नोलॉजी में संचार के प्रकार क्या है | कम्युनिकेशन करने के प्रमुख पार्ट क्या है
हेलो दोस्तों सबसे पहले तो हम आपको बताना चाहेंगे कि कम्युनिकेशन का हिंदी अर्थ होता है संचार करना। जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि पहले के समय में एक दूसरे से संचार का आदान प्रदान करने में कितने दिन लगते थे और कम्युनिकेट करना बहुत मुश्किल होता था। लेकिन आज के समय में टेक्नोलॉजी के आधार पर और डिजिटलाइजेशन की और जिस तरह से देश बढ़ रहा है उसको देखते हुए किसी से कम्युनिकेट करना बहुत ही आसान हो गया है। तो चलिए फिर आज हम आपको आपने इस पोस्ट के माध्यम से कम्युनिकेशन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे कम्युनिकेशन क्या है इसके प्रकार आदि के बारे में बताएंगे। यदि अगर आप भी Communication से संबंधित और ज्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें |
Communication Kya Hai?
किसी प्रकार की सूचना एवं जानकारी के आदान-प्रदान को ही कम्युनिकेशन या संचार कहा जाता है। आज के समय में तो एक दूसरे को किसी प्रकार की सूचना एवं जानकारी का आदान प्रदान करने के लिए लोगों के पास बहुत सारे ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। कुछ ही मिनटों में हमारे द्वारा कोई भी जानकारी दूसरे व्यक्ति तक आसानी से पहुंच जाती है। आज के समय में एक दूसरे से कम्युनिकेट करने के लिए लोग बहुत सारे माध्यम से एक दूसरे से जुड़े रहते हैं जो पहले के जमाने में देखते हुए काफी अच्छे ऑप्शन हैं। क्या आप लोग जानते हैं कि संचार शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के कम्युनिस्ट शब्द से कम्युनिकेशन की उत्पत्ति हुई। हालांकि कम्युनिकेशन का सबसे अच्छा ऑप्शन हमारी आवाज और हमारी भाषा होता है।
इंटरनेट में हमारी सूचनाओं को एक दूसरे से कम्युनिकेट करने के लिए और भी आसान बना दिया है जिसमें बहुत ही कम समय लगता है एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए। केवल मनुष्य को ही संचार की आवश्यकता नहीं होती बल्कि पशु-पक्षी भी आपस में एक दूसरे से कम्युनिकेट करते हैं।
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कम्युनिकेशन के प्रकार
जैसे कि हमने अभी आपको ऊपर बताया कि सूचनाओं एवं जानकारी के आदान प्रदान करने को ही कम्युनिकेशन या संचार कहा जाता है।आइए अब हम जानते हैं कि कम्युनिकेशन कितने प्रकार के होते हैं।
Intrapersonal Communication
Intrapersonal Communication का मतलब खुद से कम्युनिकेट करना होता है। मतलब की व्यक्ति खुद से अकेले बात करता है जैसे कि किसी भी मनुष्य के मन में सोच विचार चलता है। यदि कोई व्यक्ति अपने दिमाग में कोई योजना बनाता है या फिर सपना देखता है या फिर कुछ भी किसी के बारे में भी अपने दिमाग में सोचता है तो यह सब Intrapersonal Communication के अंतर्गत आता है।
Interpersonal Communication
जब कोई व्यक्ति आपस में एक दूसरे से आमने-सामने कोई बात करते हैं तो वह इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन के अंतर्गत आता है। इस प्रकार के संचार में आप कहीं पर भी शब्द चित्र संकेत के रूप में हो सकते हैं क्योंकि इसमें दो लोगों के बीच सीधा संपर्क होता है।
Group Communication
दोस्तों जैसे कि आपको नाम से ही पता चल रहा होगा कि यहां पर हम ग्रुप कम्युनिकेशन की बात कर रहे हैं जिसे हिंदी में हम समूह संचार भी कहते हैं।यह कम्युनिकेशन केवल एक या दो व्यक्तियों में नहीं बल्कि 2 से ज्यादा सदस्यों में समूह बनाकर की जाती है जैसे कि कोई मीटिंग या पार्टी आदि।
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Mass Communication
इस प्रकार के संचार को जनसंचार भी कहा जाता है क्योंकि इसमें ग्रुप संचार का एक बहुत बड़ा समूह होता है जिसका मतलब जनता तक संचार माध्यम से किसी प्रकार की सूचना पहुंचाना ही मास कम्युनिकेशन के अंतर्गत आता है।
टेक्नोलॉजी में संचार के प्रकार
Simplex ( सिम्पलेक्स)
सिंपलेक्स के माध्यम से यदि आप किसी को सूचना पहुंचाना चाहते हैं तो यह केवल एक ही दिशा में कार्य करती है कहने का मतलब यह है कि या तो सिंपलेक्स द्वारा आप सूचना भेज सकते हैं या फिर आप सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर टीवी से हम केवल सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं लेकिन भेज नहीं सकते और कंप्यूटर में कीबोर्ड के माध्यम से हम अपनी सूचना भेज सकते हैं।
Half Duplex ( हाफ डुप्लेक्स)
हाफ डुप्लेक्स के माध्यम से आप किसी भी सूचना एवं जानकारी का आदान-प्रदान दोनों और से कर सकते हैं लेकिन यह एक ही समय पर संभव होता है।जैसे कि उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि अगर आप पेन ड्राइव में कुछ डाटा कंप्यूटर में सेव करते हैं तो उस समय आप उसको ओपन नहीं कर सकते।
Full Duplex ( पूर्ण डुप्लेक्स)
फुल डुप्लेक्स यह एक ऐसा माध्यम है जहां पर दोनों और से सूचनाओं का आदान-प्रदान एक ही समय पर किया जा सकता है उदाहरण के तौर पर जैसे कि आपका स्मार्टफोन।
कम्युनिकेशन करने के प्रमुख पार्ट
मैसेज ( Message)
जिस का आदान प्रदान किया जाता है यह सूचना या डाटा होता है।
प्रेषक या भेजने वाला (Sender )
किसी भी इन्फ्रमेशन को भेजने वाला सेंडर कहलाता है।
माध्यम (Mediam)
जब हम किसी सूचना या इंफॉर्मेशन को जिस माध्यम से दूसरों तक भेजते हैं उसे माध्यम कहते हैं। जैसे कि उदाहरण के तौर पर यदि हम किसी से बात करके कम्युनिकेट कर रहे हैं तो आवाज हमारा माध्यम है। ओर अगर हम किसी को लेटर लिखकर अपनी सूचना भेजते हैं तो वह लेटर हमारा माध्यम बनता है।
प्राप्त करने वाला ( Reciver)
हमारे द्वारा भेजी गई सूचना जो व्यक्ति प्राप्त करता है उसे रिसीवर कहते है। उदाहरण के तौर पर हमारी सूचना प्राप्त करने वाला व्यक्ति हमारा टेलीफोन या कंप्यूटर भी हो सकता है।
Decoding ( कूट संकेत)
किसी भी सुचना को या तो सीधे शब्दों में या फिर किसी कूट संकेत के द्वारा भेजा जाता है। इन संकेतो को समझकर रिसीवर इनको अनकोड करता है।
प्रोटोकॉल
किसी से भी हमारी सूचनाएं का आदान प्रदान करने के लिए कुछ नियम बने हुए होते हैं जिनके आधार पर ही हम उनसे कम्युनिकेट कर सकते हैं।उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि हम ब्लूटूथ के जरिए दो मोबाइल को कम्युनिकेट कर किसी भी तरह का डाटा का आदान-प्रदान कर सकते हैं तो वह एक प्रोटोकॉल के माध्यम से ही संभव हो सकता है।