What Is Election Commission और भारत निर्वाचन आयोग कार्य क्या है एवं चुनाव आयोग के कार्य व अधिकार क्या है जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
दोस्तों आज हम आपको चुनाव आयोग के बारे में बता रहे हैं के चुनाव आयोग क्या होता है भारतीय निर्वाचन आयोग के क्या क्या कार्य है और उसके क्या क्या अधिकार है और इसके साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि चुनाव आयोग में कैसे आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं इसके अलावा Election Commission ने अपने कार्य में क्या-क्या संशोधन किए हैं इन सभी बातों को इस आर्टिकल के द्वारा आपको बता रहे हैं इसलिए आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।
What Is Election Commission?
स्वतंत्र भारत में Election Commission का गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था जिसके द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जा सके भारतीय चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था के रूप में सामने आई है जो भारतवर्ष में किसी भी तरह के चुनाव कराने में समक्ष है। भारतीय चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त होता है इसके अलावा दो और चुनाव आयुक्त होते हैं चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है। निर्वाचन आयोग या Election Commission की जिम्मेदारी भारतवर्ष में निष्पक्षता से चुनाव कराना है यह एक स्वतंत्र संस्था मानी जाती है जो सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के अधीन कार्य करती है। यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी होती है कि चुनाव में कोई गड़बड़ी ना हो और निष्पक्षता से चुनाव कराए जाएं।
निर्वाचन आयोग के कार्य व अधिकार क्या है ?
भारतवर्ष में होने वाले सभी तरह के चुनाव के निर्देश आयोजन और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी चुनाव आयोग या निर्वाचन आयोग की होती है इस स्वतंत्र संस्था को Election Commission या निर्वाचन आयोग भी कह सकते हैं। निर्वाचन आयोग पूरे भारत में चुनाव कराने की एकमात्र निष्पक्ष संस्था है। सभी राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन तथा निर्वाचन लिस्ट तैयार करना निर्वाचन आयोग का ही काम है सभी राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय स्तर पर या राज्य स्तर पर रजिस्टर्ड करने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है निर्वाचन आयोग की मान्यता के बगैर कोई भी उम्मीदवार इलेक्शन नहीं लड़ सकता। चुनाव आयोग किसी भी एमएलए या एमपी को अयोग्य साबित करने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल की सहमति से उसे आयोग साबित कर सकती हैं। अनुचित तरीके से इलेक्शन में गड़बड़ी करने वाले उम्मीदवार को Election Commission अयोग्य साबित करके इलेक्शन से बाहर कर सकता है।
चुनाव आयोग के नियम
- अगर आप किसी पॉलिटिकल पार्टी के समर्थक है तो आप उस पार्टी का झंडा स्टीकर इस्तेमाल नहीं कर सकते।
- अगर आप किसी राजनीतिक पार्टी का प्रचार करने के लिए बहुत सारे s.m.s. भेजते हैं तो निर्वाचन आयोग को अधिकार है कि वह आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती है।
- नए नियमों के अनुसार आप किसी भी राजनीतिक पार्टी का प्रचार प्रसार लाउडस्पीकर पर नहीं कर सकते।
- वोटिंग के समय शांति बनाए रखें अन्यथा आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
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चुनाव आयोग में शिकायत करने का तरीका
अगर आपके क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना घटित होती है जैसे आचार संहिता का उल्लंघन तो आप सी विजील ऐप के जरिए फोरन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।शिकायत करने के 100 मिनट के अंदर कार्यवाही हो जाती है। आप चुनाव आयोग के टोल फ्री नंबर 1950 पर डायल करके भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं तुरंत कार्यवाही होगी इस नंबर पर आप 24 घंटे में किसी वक्त भी कॉल कर सकते हैं। आपको यह बताना होगा कि कौन से निर्वाचन क्षेत्र में गड़बड़ी हो रही है। Election Commission तुरंत नजदीकी नियंत्रण केंद्र को इसकी जानकारी देगा। पहले यह सुविधा नहीं थी और आपको नजदीकी पुलिस चौकी पर जाकर शिकायत दर्ज करनी होती थी या पत्र लिखकर निर्वाचन आयोग को सूचित करना पड़ता था।
भारत निर्वाचन आयोग का महत्व
- चुनाव आयोग 1952 से लगातार कामयाबी के साथ चुनाव कराता चला आ रहा है।
- भारत निर्वाचन आयोग हमेशा ये कोशिश करता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान करें और लोगों में जागरूकता पैदा करता है।
- चुनाव आयोग का महत्व इसलिए और भी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि वह सभी दलों में समानता निष्पक्षता और स्वतंत्रता के साथ काम करता है।
- Election Commission की वजह से ही विश्वसनीयता पारदर्शिता और अखंडता के साथ चुनाव होते हैं।
- चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर कार्य करता है।
- राजनीतिक पार्टी मतदाता चुनाव अधिकारी और उम्मीदवारों के बीच विश्वास पैदा करने और जागरूकता पैदा करने का कार्य करता है।
निर्वाचन आयोग के नियमों में सुधार
- मतदाता की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- फोटो वाला पहचान पत्र होना अनिवार्य है।
- ईवीएम मशीन द्वारा मतदान प्रक्रिया।
- कोई भी राजनीतिक दल का उम्मीदवार दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव नहीं लड़ सकता।
- कैंडिडेट की मृत्यु पर चुनाव रद्द नहीं होता।
- जमानत धनराशि ₹15000 तय की गई है।
- निर्वाचन आयोग में सन 1999 से पोस्टल बैलट की शुरुआत की है।
- विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए वीवीपीएटी मशीन का उपयोग।
- अधिक से अधिक मतदान की वजह से प्रॉक्सी मतदान की शुरुआत।
- एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- इलेक्शन के खर्चे पर हर पार्टी के उम्मीदवार को निर्वाचन आयोग को जानकारी देनी होगी।
तो दोस्तों आज हमने आपको बताया कि निर्वाचन आयोग क्या है और उसके काम करने का तरीका क्या है निर्वाचन आयोग का क्या महत्व है और इसने अपने नियमों में क्या-क्या सुधार किए हैं।