|चुनाव बांड| इलेक्टोरल बांड क्या है- What is Electoral Bond, इलेक्शन बांड की खास बातें

What is Electoral Bond और इलेक्टोरल बांड की खास बातें क्या है एवं Benefits Kya Hai व चुनाव बांड क्या होता है जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

जैसे कि आज सभी लोग जानते हैं कि हमारे देश में जब भी चुनाव होते हैं तो प्रत्येक पार्टी अपने दल को जिताने के लिए बहुत सारे प्रयत्न करती है। कुछ पार्टियां अपने दल को जिताने के लिए चंदे के रूप में आर्थिक सहायता भी प्रदान करती हैं। और कभी कभी तो कुछ पार्टियों काले धन से बचने के लिए चंदे के रूप में पैसा दान कर देती हैं। केंद्रीय सरकार द्वारा 2 जनवरी 2018 में चंदे की रकम में पारदर्शिता लाने के लिए इलेक्टोरल बांड अधिसूचित किया गया था जिससे की दानदाता 2000 रुपए की धनराशि तो नगद दान कर सकते हैं लेकिन दो हजार से ज्यादा की धनराशि दान करने के लिए उन्हें चेक या डिजिटल माध्यम से दान करनी होगी। तो चलिए फिर आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से इलेक्ट्रोल कौन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको प्रदान करेंगे।

What is Electoral Bond

जो व्यक्ति 2,000 से अधिक की धनराशि फंडिंग के तौर पर प्रदान करना चाहता है उन्हें सबसे पहले आरबीआई बैंक द्वारा जारी किया गया बोंड खरीदना पड़ेगा उसके बाद जिस भी राजनीतिक दल को चंदा देना चाहता है वह दान के रुप में दे सकता है। जिसके बाद वह राजनीतिक दल जिसे चंदा दिया गया है वह अधिकृत बैंक को बैंक बेच देगा ओर उसकी अवधि के दौरान राजनीतिक दलो के बैंक अकाउंट में रकम जमा करा दी जाएगी। भारतीय स्टेट बैंक की 29 शाखाओं को इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया। ये शाखाएं नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, चंडीगढ़, पटना, रांची, गुवाहाटी, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु की हैं। अब तक इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री के 12 चरण पूरे हो चुके हैं।

  • इलेक्टोरल बांड एक नोट की तरह होगा जिस पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना पड़ेगा और चुनावी बांड को चैक या ई भुगतान के जरिए ही खरीदा जा सकता है। सरकार द्वारा काले धन पर रोक लगाने के लिए ही इलेक्टोरल बांड की शुरुआत की गई है।
  • यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते हैं। इसके लिए ग्राहक बैंक की शाखा में जाकर या उसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन जाकर खरीद सकते है। इस बोंड की कीमत 10000 रुपए से 1 करोड़ तक है।
What is Electoral Bond
What is Electoral Bond

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इलेक्टोरल बांड का उद्देश्य

जैसे कि हमने आपको बताया कि सरकार द्वारा चुनाव के दौरान चंदे के रूप में प्रदान की जाने वाली रकम का कोई लेखा-जोखा नहीं होता है और काले धन के रूप में भी चंदे के रूप में राजनीतिक पार्टियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है इन्हीं सब पर रोक लगाने के उद्देश्य से ही सरकार द्वारा इलेक्टोरल बांड जारी करने का फैसला लिया गया है जिसके माध्यम से चंदे के रूप में दी जाने वाली फंडिंग में पारदर्शिता के साथ साथ ब्लैक मनी पर भी रोक लगेगी। इस बांड का प्रयोग किसी भी राजनीतिक पार्टी, संस्था या किसी व्यक्ति को पैसा दान करनें के लिए किया जाता है।

Important Point Of Electrol Bond

  • जनप्रतिनिधित्व कानून-1951 की धारा 29A के अंतर्गत रजिस्टर्ड एक हजार से लेकर एक करोड़ रुपये तक का इलेक्ट्रॉल बोंड पोलिटिकल पार्टियां ही भुना सकती है जिन्होंने विधान या आम चुनाव में कम से काम 1% वोट हासिल किए हो।
  • चुनाव बोंड खरीदने एवं लेने का समय अवधि केवल 15 दिन तक ही मान्य है।
  • वेलिडिटी कम होने की वजह से इसका गलत उपयोग नहीं किया जा सकता हैं।
  • किसी भी पोलिटिकल पार्टी को बांड मिलने पर इन्हें जल्दसे जल्द कैश कराना होता है।
  • इलेक्टोरल बांड खरीदने वाले व्यक्ति की जानकारी किसी को नहीं दी जाती हैं। इसकी जानकारी केवल बैंक बैंक के पास होती हैं।
  • बोंड खरीदने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है।
  • 2000 से अधिक धनराशि दान करने के लिए आपको इलेक्ट्रॉल बोंड खरीदना पड़ेगा।
  • चुनावी बांड खरीदनें वाले व्यक्ति को अपनी पूरी जानकारी (KYC) बैंक को देनी होगी।
  • इलेक्टोरल बांड पर बैंक द्वारा कोई भी ब्याज नहीं दिया जाता है।
  • 5 कानूनों में बदलाव कर चुनावी बांड की योजना लाई गई।
  • बोंड केवल बैंक अकाउंट से ही खरीदा जा सकता है।
  • देश में 29 ब्रांच सिलेक्ट किए गए जहां से आप इलेक्टोरल बांड खरीद सकते हैं।
  • बोंड खरीदने के लिए केवल एसबीआई को ही चुना गया है।
  • इल्केटोरल बांड साल भर में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते हैं और 10 दिन तक बेचे जाते हैं।
  • हर राजनीतिक पार्टी को चुनाव आयोग को बताना होगा कि बांड के जरिए उसे कितनी राशि मिली है।

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अब तक किस पार्टी को कितने इलेक्टोरल बांड बेचे गए

जैसे कि हमने आपको बताया कि इलेक्ट्रॉल बोंड क्या है और इसका उपयोग केसे किया जाता है। अब हम आपको बताएंगे कि पिछले साल से अब तक देश में लगभग 16 राज्यों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा 12 चरणों में कुल 6,128 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल  बॉन्ड बेचे गए हैं। सबसे ज्यादा 1879 करोड़ रुपये के बॉन्ड मुंबई में बेचे गए हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा 4,917 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाए गए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट आई थी जिसमें SBI में RTI लगाई कि मार्च 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच SBI ने लगभग 12 हजार 313 बांड बेंचे। इनकी कीमत 6 हजार 128 करोड़ रुपए है।

साल 2017-18 में इलेक्टोरल बांड के जरिए 222 करोड़ का चंदा दिया गया। जिसमें बीजेपी को मिले 210 करोड़ का चंदा दिया गया और कांग्रेस को 5 करोड़ बाकि पार्टियों को 7 करोड़। आंकड़ा बीजेपी के पक्ष में है तो सवाल भी उन्हीं पर उठने लगे क्योंकि कानून भी बीजेपी ने बनाया। एडीआर ने हाल में चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

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