Mul Niwas Praman Patra Kaise Banaye और मूल निवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया एवं पात्रता व महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जाने
वर्तमान समय में देश के अंतर्गत जितने भी राज्य हैं वहां की राज्य सरकार अपने नागरिकों को कई प्रकार की योजनाएं एवं परियोजनाओं के माध्यम से लाभ और सुविधाएं पहुंचाने का कार्य करते रहते हैं जिससे नागरिक व्यवस्थित तौर पर लाभान्वित भी होते हैं हालांकि कभी-कभी इन योजनाओं को लागू तो कर दिया जाता है परंतु सरकार के सामने यह एक समस्या खड़ी हो जाती है कि आखिर इस बात का निर्धारण किस प्रकार से किया जाए कि हमारे राज्य का व्यक्ति ही इस योजना का लाभ ले सके ऐसे में राज्य सरकार के अधीन राजस्व विभाग के द्वारा राज्य के सभी नागरिकों को एक मूल निवास प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है जिसे अंग्रेजी में Domicile Certificate भी कहते हैं
इसके माध्यम से नागरिकों की शिनाख्त और उनके मूल स्थान निर्धारित करने का कार्य किया जाता है तो आज जिसके आपको Mul Niwas Praman Patra Kaise Banaye उसके बारे में विस्तार से बताएंगे
मूल निवास प्रमाण(Domicile Certificate)क्या होता है?
मूल निवास प्रमाण पत्र जिसे हम अधिवास प्रमाण पत्र या फिर Domicile Certificate के नाम से भी जानते हैं यह पूर्ण रूप से एक Official Documents होता है जो कि आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले निवास स्थान की शिनाख्त को दर्शाता है हालांकि यह राज्य सरकार के द्वारा जारी किया जाता है और उस राज्य में नागरिक को रहने के लिए अनुमति भी प्रदान करता है मूल निवास प्रमाण पत्र किसी भी जाति धर्म वर्ग के लोग बनवा सकते हैं और आसानी से राज्य सरकार की प्रमुख और महत्वपूर्ण योजनाओं,छात्रवृत्ति स्कूल/ कॉलेज में एडमिशन आदि जैसे कार्यों का लाभ भी उठा सकते हैं इस प्रमाण पत्र को किसी भी तहसीलदार,एसडीएम,डीएम आदि के द्वारा जारी किया जाता है जिसकी वैधता केवल 3 वर्षों तक ही निर्धारित की जाती है।
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मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने का उद्देश्य क्या है?
भारत के जितने भी राज्य हैं वहां पर राज्य सरकार के द्वारा अपने नागरिकों को उनके निवास स्थान से संबंधित एक प्रमाण पत्र प्रदान करती है जो कि उनके पते का व्यवस्थित रूप से ब्योरा होता है जिसे हम मूल निवास प्रमाण पत्र कहते हैं पर इसे अंग्रेजी में Domicile Certificate के नाम से भी जानते हैं और यदि इस प्रमाण पत्र को प्रदान किया जाता है तो ऐसे में या निश्चित तौर पर संभव हो जाता है कि उक्त व्यक्ति जिसके नाम मूल निवास प्रमाण पत्र राजस्व विभाग के द्वारा प्रमाणित करके बनवाया गया है उसी के घर मकान का ब्यौरा इसके अंतर्गत दर्ज है जो कि सरकार के पास विवरण के तौर पर रखा जाता है जिससे सरकार भी अपने नागरिकों की निवास स्थान की जानकारी को संग्रहित कर सकती है।
Key Highlights of Domicile Certificate
लेख | मूल निवास प्रमाण पत्र कैसे बनाएं |
Name | Domicile Certificate |
संबंधित विभाग | राज्य सरकार के अधीन राजस्व विभाग |
लाभार्थी | सभी राज्यों के नागरिक |
उद्देश्य | नागरिकों को उनके निवास स्थान का प्रमाण प्रदान करना |
वैद्यता | 3 वर्ष अधिकतम |
शुल्क भुगतान | 10 रुपए से लेकर 200 रुपए तक(अलग अलग राज्यों में शुल्क राशि अलग अलग निर्धारित है) |
आधिकारिक वेबसाइट | सभी राज्य सरकारों की E District की वेबसाइट |
मूल निवास प्रमाण(Domicile Certificate)पत्र का लाभ क्या है?
आज के समय में मूल निवास प्रमाण पत्र काफी ज्यादा महत्वपूर्ण दस्तावेजों में गिना जाता है क्योंकि इस प्रमाणपत्र का इस्तेमाल ज्यादातर School/College में Admission लेने सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरी के अंतर्गत आवेदन के लिए Scholarship लेने Passport बनवाने आदि में किया जाता है और कभी-कभी यह लोन लेने के लिए भी व्यवस्थित तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और ज्यादातर लोग अभी से अनिवार्य तौर पर बनवा कर अपने पास रखते हैं हालांकि यदि देखा जाए तो इसकी वैधता केवल 3 वर्षों तक ही होती है परंतु इसे बाद में Renewe करा कर वैधता को बड़वा भी दिया जाता है।
मूल निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate) बनवाने हेतु महत्वपूर्ण दस्तावेज
- Aadhaar Card
- Voter ID Card
- Ration Card
- Electricity Bill
- House Tax
- Birth Certificate
- प्रधान/पार्षद का लेटर पैड
- Passport Size Photo
- Mobile Number
Domicile Certificate पत्र हेतु पात्रता
- जिस भी व्यक्ति को अपना मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाना है उसे उसी राज्य का मूल निवासी होना चाहिए जिस राज्य के अंतर्गत वह रह रहा है।
- जिस भी राज्य का Domicile Certificate आप बनवाना चाहते हैं वहां पर न्यूनतम 3 वर्षों तक आप का निवास स्थान रहना अनिवार्य है।
- केवल उसी आवेदन कर्ता का मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाया जाएगा जिसकी संपत्ति घर भूमि उस राज्य में स्थित होगी।
- आवेदन कर्ता का नाम राज्य की मतदाता सूची के अंतर्गत दर्ज होना चाहिए
Mul Niwas Praman Patra Kaise Banaye (ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया)
Domicile Certificate बनवाने के लिए दो प्रकार की प्रक्रिया होती है एक तो ऑफलाइन प्रक्रिया जिसमें आप स्वयं के द्वारा जाकर अपनी तहसील में बनवा सकते हैं तथा दूसरी ऑनलाइन प्रक्रिया होती है जिसको आप Online माध्यम के द्वारा बनवा सकते है हालांकि निम्नलिखित हम आपको ऑफलाइन प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने जा रहे है।
- यदि आप मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाना चाहते है तो उसके लिए आपको फॉर्म प्राप्त करने के लिए अपने तहसील में जाना होगा जहां से आपको एक Application Form प्रदान किया जाएगा।
- उसके बाद आपको उसे भली-भांति अच्छी तरह से भरना होगा।
- फिर उसने आपको संबंधित दस्तावेजों को संलग्न करके अपनी तहसील में जमा कर देना होगा।
- तथा उसी के साथ-साथ आप के प्रधान अथवा पार्षद का लेटर पैड भी लगेगा जो आपको आपके निवास स्थान का पता सुनिश्चित करेगा।
- उसके बाद तहसीलदार अथवा एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी के द्वारा आपकी जानकारी को सुनिश्चित किया जाएगा तथा सभी जानकारियां सही पाए जाने पर आपको मूल निवास प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया जाएगा।
मूल निवास प्रमाण पत्र(Domicile Certificate) बनवाने की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- यदि आप ऑनलाइन माध्यम से अपना मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपने राज्य की ई डिस्ट्रिक्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा जैसे मान लीजिए आप उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी हैं तो उपरोक्त बताए गए Link के माध्यम से आप आवेदन कर सकते है।
- जिसके बाद आपको ऑनलाइन माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करने के लिए एक Application Form प्राप्त होगा जिसे आप को व्यवस्थित रूप से दर्ज कर देना होगा और उसके अंदर अपनी कुछ Basic Details की जानकारी को भरना होगा।
- जिस में मुख्य रूप से अपना नाम, पिता का नाम,मकान नंबर, पूरा पता, मोबाइल नंबर आदि जानकारियों को दर्ज कर देना होगा।
- उसके बाद उस Form को व्यवस्थित रूप से भरने के बाद उसे Submit कर दें।
- और उसके बाद इसे Printout निकाल कर अपने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संलग्न कर ले और उसे अपनी तहसील में जाकर जमा कर दें।
- जिसके बाद आपके आवेदन फॉर्म की व्यवस्थित रूप से जांच करने के बाद सत्यापित कर दिया जाएगा और मूल निवास प्रमाण पत्र आपको 10 से 15 दिन के भीतर प्रदान कर दिया जाएगा।
- इस प्रकार से आप आसानी से अपना Domicile Certificate बनवा सकेंगे।
मूल निवास प्रमाण पत्र से संबंधित कुछ सवाल जवाब (FAQs)
तहसीलदार, एसडीएम,डीएम आदि
राजस्व विभाग
3 वर्ष
मूल निवास प्रमाण पत्र के माध्यम से आपके निवास स्थान को सुनिश्चित करने का कार्य किया जाता है।