Sensex Kya Hota Hai और BSE सेंसेक्स किसे कहते हैं एवं इसके काम करने का तरीका क्या है तथा इसे कैलकुलेट कैसे किया जाता है जाने हिंदी में
दोस्तों आज के जमाने में शेयर बाजार के बारे में कौन नहीं जानता है अधिकतर लोग इससे जुड़े हुए हैं Sensex भी शेयर बाजार का ही एक हिस्सा है यह एक प्रकार का सूचकांक है जो बाजार को निर्देश करता है बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सेंसेक्स इसी का हिस्सा है आज हम इन दोनों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं की सेंसेक्स क्या होता है और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की इसमें क्या भूमिका है यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। हमारे देश की शेयर मार्केट में सेंसेक्स की सबसे बड़ी भूमिका रही है इसके अंतर्गत ही सारी कंपनियां काम करती हैं निफटी भी उनमें से एक है और बीएसई तो इसका हिस्सा है ही।
Sensex क्या है?
सेंसेक्स का मतलब स्टॉक एक्सचेंज सेंसेटिव इंडेक्स है यह तरह का इंडेक्स होता है इस इंडेक्स की शुरुआत सन 1986 में हुई थी यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है सेंसेक्स में लगभग 6 हजार कंपनियां है जिस के उतार-चढ़ाव को सेंसेक्स ही दिखाता है यह मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है। निफ़्टी को छोड़कर सारी कंपनियां सेंसेक्स के अंतर्गत ही आती हैं। देश की अर्थव्यवस्था सेंसेक्स पर निर्भर करती है इसलिए अगर Sensex में उछाल आता है तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और अगर नीचे आने लगता है तो देश की अर्थव्यवस्था नीचे आती है और जीटीपी की दर नीचे गिरती है शेयर बाजार के सारी व्यवस्था सेंसेक्स कहीं अंतर्गत आती है।
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BSE क्या है
बीएससी का मतलब मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है यह Sensex के अंतर्गत कार्य करती है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के अंतर्गत 30 कंपनियां आती है जो देश के अलग-अलग सेक्टरों से ली जाती हैं यह कंपनियां आर्थिक रूप से बहुत सशक्त होती हैं सेंसेक्स मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के अंदर आने वाली 30 कंपनियों पर नजर रखता है कि उनके शयरों में उतार-चढ़ाव किस तरीके से हो रहा है। भारत की जीडीपी टोटल जीडीपी की 40 परसेंट ज़ीडीपी पर निर्भर करती है।
सेंसेक्स से क्या लाभ हैं ?
- दोस्तो आप सब लोगों को तो मालूम ही होगा किर अगर सेनसेक्स बढ़ता है तो कंपनियों को फायदा होता है और निदेशकों को भी फायदा होता है
- इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचता है और ज्यादा लोग कंपनियों के शेयर खरीदते हैं जिसकी वजह से शेयर महंगा हो जाता है
- जब कोई कंपनी अच्छा परफॉर्मेंस देती है तो उसका शेयर की कीमत बढ़ जाती है दूसरे कंपनी आर्थिक रूप से सशक्त हो जाती है और जब कंपनियों शेयरों की कीमत में उछाल आता है तो सेंसेक्स भी ऊपर चढ़ जाता है
- इसकी वजह से विदेशी निवेशक भी निवेश करने लगते हैं जिससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और रुपया की कीमत बढ़ जाती है
- सेंसेक्स ऊपर जाने से निवेशकों को भी फायदा पहुंचता है और देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचता है।
Sensex के काम करने का तरीका
- Sensex के अंतर्गत आने वाली सभी कंपनियों के भाव पर सेंसेक्स कड़ी नजर रखता है और निवेशकों के लिए शेयरों के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। यह शेयरों की एवरेज वैल्यू को दिखाता है जिससे शयरों के उतार-चढ़ाव का पता चलता है।
- बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज मैं जो कंपनियां कार्य करती हैं वह किस तरह से काम कर रही हैं जो कंपनी अच्छा काम करती हैं और ज्यादा मुनाफा कमाती हैं तो उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है और कंपनी अगर अच्छा परफॉर्मेंस नहीं करती यानी कि घाटे में जाती है तो उसके शेयर सस्ते हो जाते हैं और शेयर मार्केट का भाव भी कम हो जाता है।
सेंसेक्स कैलकुलेट कैसे होता है
Sensex की गणना के लिए आधार वर्ष सन 1978 माना गया है उस वक्त सेंसेक्स का आधार मूल्य केवल ₹100 का माना गया था बीएसई को सन 1986 में शुरू किया गया वही उसका आधार वर्ष माना गया था मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में 30 कंपनियां है उन कंपनियों को सन 2003 के बाद से फ्री फ्लोट मेथड के जरिए कैलकुलेट करा जाने लगा था। फ्री फ्लोट मेथड एक बहुत ही बढ़िया तरीका है कंपनियों की गणना के लिए इसके जरिए कंपनी के जो शेयर पब्लिक में बेचे जाते हैं और सरकार की हिस्सेदारी को निकाल कर जो शेयर बचते हैं वह पब्लिक में बेच दिए जाते हैं कोई भी कंपनी फिफ्टी वन परसेंट से ज्यादा शेयर अपने पास रखती है।
वाकी बचे हुए शेयर निवेशकों के लिए होते हैं। जो वह शेयर बाजार से खरीद और बेच सकते हैं। बहुत से निवेशक ऐसे होते हैं जो सुबह को शेयर खरीदते हैं और शाम को बेच देते हैं इसे डे ट्रेडिंग कहते हैं लेकिन बहुत से निवेशक अपने शेयर और लंबे समय के लिए खरीदते हैं और यही सबसे ज्यादा अच्छा तरीका है इससे निवेशकों को नुकसान नहीं होता।