बीपीओ कैसे बने और BPO Full Form Kya Hai एवं यह जॉब के लिए अप्लाई कैसे करें व कॉल सेंटर के प्रकार क्या है जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
दोस्तों आज हम आपको BPO के बारे में बताएंगे कि बीपीओ क्या होता है बीपीओ कैसे बने बीपीओ की फुल फॉर्म क्या है। तो जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे देश भारत में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है और डिग्री होल्डर बेरोजगार घूम रहे हैं उनके पास डिग्री तो है पर नौकरी नहीं है इसलिए हम आपको आज बीपीओ के बारे में बता रहे हैं इसमें पढ़े लिखे लोगों को जो डिग्री होल्डर है ग्रेजुएट है बीटेक एमटेक बीए बीएससी एमएससी बीकॉम एमकाम वह तो इस काम को कर ही सकते हैं लेकिन वह लोग भी कर सकते हैं जो दसवीं या 12वीं पास हैं बस उनके अंदर कम्युनिकेशन स्किल होनी चाहिए तो हम आपको बताते हैं कि बीपीओ क्या है ?
बीपीओ क्या है- BPO Kya Hai ?
दोस्तों बीपीओ क्या है यह बताने से पहले हम आपको बीपीओ की फुल फॉर्म बता रहे हैं फुल फॉर्म यह है बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग। BPO प्रोसेस के जरिए हम किसी तीसरे व्यक्ति को कॉन्ट्रैक्ट के जरिए अपने मैनेजमेंट में शामिल करते हैं और ऑफिस के जरिए जिसमें घरेलू उत्पाद ह्यूमन रिसोर्स वित्तीय और एकाउंटिंग को शामिल करना पड़ता है। कॉल सेंटर कस्टमर केयर सर्विस फ्रंट ऑफिस आउटसोर्सिंग के तहत काम करते हैं। अगर हम अगर अपने देश की किसी कंपनी को प्रमोट करते हैं और से देश के बाहर प्रमोट करना चाहते हैं तो उसे Offshore Outsourcing कहा जाता है और अगर किसी विदेशी कंपनी के लिए हम काम कर रहे हैं तो उसे Nearshore Outsourcing कहां जाता है। इसका मकसद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना होता है।
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BPO कॉल सेंटर क्या है ?
किसी भी कंपनी को अपने प्रोडक्ट के बारे में बताने के लिए उसकी जानकारी देने के लिए एक सोर्स की जरूरत पड़ती है। जैसे कि हम अपने सर्विस प्रोवाइडर यानी सिम कार्ड कंपनी का कॉल करते हैं तो उसमें कस्टमर केयर अधिकारी बात करता है वह जो हमें जानकारी देता है उसे ही कॉल सेंटर कस्टमर सर्विस कहते हैं इसी तरीके से कुछ विदेशी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को इंडिया में बेचने के लिए हैं यहां के कॉल सेंटर हायर करती हैं और उन्हें कमीशन के रूप में पैसा मिलता है इसमें कोई खास डिग्री की जरूरत नहीं होती अगर आप हाई स्कूल इंटर पास कर लिया है और आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है कि आप हिंदी इंग्लिश अच्छी बोल सकते हैं तो आप कॉल सेंटर में काम कर सकते हैं BPO सर्विस या कॉल सेंटर एक ही बात है।
Best Career Option In BPO
BPO कॉल सेंटर दो तरह के होते हैं एक इंटरनेशनल और दूसरा डॉमेस्टिक कॉल सेंटर। इंटरनेशनल कॉल सेंटर मैं जॉब करने के लिए आपकी इंग्लिश बहुत अच्छी होनी चाहिए तभी आप सफल हो पाएंगे जबकि डॉमेस्टिक कॉल सेंटर में अगर आपकी इंग्लिश ज्यादा अच्छी नहीं है तब भी आपको जॉब आसानी से मिल सकती है। क्योंकि डॉमेस्टिक कॉल सेंटर में ज्यादातर कस्टमर हिंदी में ही बात करते हैं। उसके अलावा आपको कंप्यूटर का थोड़ा-बहुत ज्ञान और टाइपिंग स्पीड अच्छी होनी आवश्यक है। अगर आप कॉल सेंटर में BPO में जॉब करना चाहते हैं तो आपके पास क्वालिफिकेशन होना जरूरी है।
- बीपीओ कंपनी में जॉब करने के लिए आपको ज्यादा क्वालीफाई होने की जरूरत नहीं है बल्कि आप स्कूल या कॉलेज के बाद भी कॉल सेंटर में काम कर सकते हैं।
- यह जो आप करने के लिए आपका प्रोफेशनल होना भी जरूरी नहीं बस आपको कम्यून की कम्युनिकेशन इश्क अच्छी होनी चाहिए और कस्टमर से बात करना आना चाहिए।
- अगर आप आईटी में टेक्निकली क्वालिफाइड है तो आप टेक्निकल सपोर्ट प्रोफेशनल के लिए ट्राई कर सकते हैं।
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BPO कॉल सेंटर के फायदे
- कम पढ़े लिखे लोग जिंदगी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है।अपनी बेरोजगारी दूर कर सकते हैं।
- आउटसोर्सिंग कंपनी को कम लागत पर स्टाफ मिल जाता है।
- सस्ता स्टाफ होने की वजह से कंपनी को ज्यादा मुनाफा होता है।
- पढ़े-लिखे बेरोजगार लोगों को रोजगार मिल जाता है।
- कॉल सेंटर का ऑफिस आप किसी भी छोटे बड़े शहर में खोल सकते हैं।
- बीपीओ कॉल सेंटर को अपने एंप्लाइज की ट्रेनिंग के लिए ज्यादा मुशक्कत नहीं करनी पड़ती।
आप किन फील्ड्स में जॉब कर सकते है
- Operations Management
- Content Management
- Research And Analytics
- Legal Services
- Training And Consultancy
- Data Analytics
Disadvantage Of BPO
- डेटा प्राइवेसी की breach होने की संभावना ज्यादा होती है।
- यहां पर रनिंग कॉस्ट्स को अंडर एस्टीमेट कर दिया जाता है।
- सर्विस प्रोवाइडर्स के ऊपर ज्यादा ओवर डिपेंडेंस करना पड़ जाता है।
बीपीओ की सेलरी
भारत में एक BPO एग्जीक्यूटिव की एवरेज सैलेरी लगभग 202380 सालाना होती है। वही एक्सपीरियंस का होना भी सैलरी के लिए बहुत जरूरी होता है। यदि आपको इस फील्ड में अच्छा एक्सपीरियंस होगा तो आपकी सैलरी बढ़ने के साथ-साथ प्रमोशन के चांसेस भी बढ़ जाते हैं।
बीपीओ कॉल सेंटर के प्रकार
दुनिया की अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग सेक्टर में काम करती हैं फिर भी यहां हम आपको बता रहे हैं कि कॉल सेंटर या बीपीओ सेंटर कितने प्रकार के हो सकते हैं।
Onshore आउटसोर्सिंग
जब हम अपनी ही देश की किसी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट करते हैं तो उसे आॅनशोर आउटसोर्सिंग कहते हैं।
Nearshore आउटसोर्सिंग
जब हम किसी पड़ोसी देश की कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट करते हैं तो उसे नियर शोर आउटसोर्सिंग कहते हैं।
Outshore आउटसोर्सिंग
जब हम किसी विदेशी कंपनी के साथ आउटसोर्सिंग करते हैं जैसे कि यूएसए, यूरोप तो उसे आउटशोर आउटसोर्सिंग कहते हैं।
BPO बनाने का तरीका
बीपीओ बनाने के लिए हमें कुछ यह पता होना चाहिए कि बीपीओ की कैटेगरी कौन-कौन सी हैं।
इनबॉउंड बीपीओ
जब हम किसी कंपनी के प्रोडक्ट मंगवाने के लिए कॉल करते हैं या इंटरनेट के माध्यम से कांटेक्ट करते हैं तो उसे इनबॉउंड बीपीओ कहते हैं।
आउटबाउंड बीपीओ
जब कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट की सेल के लिए कॉल सेंटर के द्वारा अपने प्रतिनिधि से ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट के बारे में बताता है और उसकी सेल को बढ़ावा देता है और वह ग्राहकों को कॉल करते हैं तो उसे आउटबाउंड बीपीओ कहते हैं।
बीपीओ का रजिस्ट्रेशन
BPO का रजिस्ट्रेशन हमें एक लिमिटेड कंपनी के अंतर्गत कराना पड़ता है जिसके लिए कंपनी का पैन कार्ड और कंपनी के नाम से बैंक अकाउंट होना आवश्यक है।
बीपीओ में जॉब के लिए अप्लाई कैसे करें ?
BPO Call Centre दो तरह के हो सकते हैं डॉमेस्टिक कॉल सेंटर और इंटरनेशनल कॉल सेंटर डॉमेस्टिक कॉल सेंटर में आपको अगर इंग्लिश ज्यादा अच्छी नहीं भी आती है तो आपको डोमेस्टिक कॉल सेंटर में काम मिल सकता है आपको हिंदी में कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए लेकिन अगर आप इंटरनेशनल कॉल सेंटर में काम करना चाहते हैं तो आपकी इंग्लिश कम्युनिकेशन इसके लिए अच्छी होनी चाहिए इसमें किसी खास डिग्री की आवश्यकता नहीं होती। तो इस तरह आप बीपीओ कॉल सेंटर में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं।