Carding Kya Hai और कार्डिंग फ्रॉड से कैसे बचे एवं इस प्रक्रिया बचने का तरीका क्या है जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से कार्डिंग से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने जा रहे हैं क्योंकि बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने कार्डिंग का नाम तो सुना होगा लेकिन यह असल में है क्या उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं होती है। जैसे कि आजकल सभी लोग ज्यादातर डिजिटल प्रणाली के माध्यम से सभी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी गई है। एक तरफ इसके फायदे हैं तो दूसरी तरफ हमारी पर्सनल डिटेल्स भी आप ही नुकसानदायक सिद्ध हो सकते हैं। Carding एक प्रकार का ऑनलाइन फ्रॉड है जिसकी सहायता से लोगों के क्रेडिट या डेबिट कार्ड की इंफॉर्मेशन को चुरा कर पैसे निकाल लिए जाते हैं। तो चलिए फिर यदि आप भी कोडिंग से होने वाले नुकसान से बचना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
Carding Kya Hai ?
जैसे कि हम सभी लोग जानते हैं कि आजकल ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहते हैं कई बार जाने अनजाने में लोगों से अपनी पर्सनल डिटेल शेयर हो जाती हैं जिसकी वजह से बहुत सारे लोग कार्डिंग की सहायता से बिना पैसे खर्च किये बहुत सारा महंगा सामान फ्री में खरीद लेते हैं और जाने अनजाने ही सही लोग कार्डिंग का शिकार हो जाते हैं। Carding में आपको सिर्फ सामने वाले के क्रेडिट की जानकारी चाहिए होती है उसके बाद आप उस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हो। अब तो हैकर्स ने कॉर्डिंग करने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक और सोशल मीडिया पर भी ग्रुप बना रखे हैं। इसने भी कार्ड्स को जानकारी मिल जाती है।
जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए है कोर्स को पास से 10% कमीशन दी जाती है और अगर किसी के अकाउंट में ज्यादा अमाउंट होता है तू 20% तक कार्ड की जानकारी देने पर कमीशन दी जाती है।कार्डिंग के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको तीन महत्वपूर्ण चीजों के बारे में जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह पूरी प्रक्रिया 3 बेसिस पर ही कंप्लीट होती है। जो इस प्रकार है-
- Credit Card Hacker
- Carding Process
- Carder
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क्रेडिट कार्ड हैकर्स
क्रेडिट कार्ड हैकर्स विभिन्न प्रकार से कार्डिंग करते हैं इसमें हैकर हैकिंग ट्रिक्स का इस्तेमाल करते क्रेडिट कार्ड की सारी इनफार्मेशन को कलेक्ट करते हैं और ऐसे लोगों के पास एक या दो नहीं बल्कि हजारों क्रेडिट कार्ड्स होते हैं जिनके द्वारा यह इंफॉर्मेशन को इकट्ठा करते हैं जिनमें से कुछ फेमस तरीके इस प्रकार हैं जैसे Online Shopping Website, Internet Photo, Memorization, Gmail, Google Plus, Video, WhatsApp , Facebook, Twitter, Ect , ATM Scanning, Banks, online Search आदि। इन हैकर्स द्वारा अलग-अलग प्रकार से कलेक्ट की गई इंफॉर्मेशन में से केवल 20% ही मैच होती है।
Carding प्रोसेस
बहुत सारे कार्ड्स क्रेडिट कार्ड की इनफार्मेशन का इस्तेमाल करके बहुत सारे विभिन्न तरीकों से Carding करते हैं कुछ इस प्रकार है जैसे ऑनलाइन शॉपिंग जैसे स्मार्टफोन, कैमरा कंप्यूटर टीवी कपड़े टेबलेट और भी बहुत कुछ और उसके बाद खरीदे गए सामान को कम दामों में बेच देते हैं। इसके अलावा यह लोग क्रेडिट कार्ड इंफॉर्मेशन इसे बिटकॉइन भी खरीदते हैं और फिर उसे भेज कर अपने पैसे बना लेते हैं।
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कार्डर
कार्डर वह व्यक्ति होता है, जो हैकिंग करवाता है या हैकिंग की गई जानकारी को खरीदता है, और बाद में ऑनलाइन इस details का उपयोग करके शौपिंग करता है।
कॉर्डिंग फ्रॉड से कैसे बचें
- अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की इनफार्मेशन कभी भी किसी व्यक्ति को ना दें और ना ही कार्ड का पिन नंबर बताएं।
- कभी भी एटीएम कार्ड की इंफॉर्मेशन को s.m.s. के द्वारा किसी को भी सेंड ना करें।
- ऑनलाइन पेमेंट करते समय हमेशा ओटीपी का ही उपयोग करें और कभी भी कार्ड की डिटेल ऑनलाइन सेव ना करें।
- अगर ऑनलाइन साइट से आप कार्ड से भुगतान करते है, तो साइट का url जरुर चेक करे, अगर url में ग्रीन कलर में Secure HTTPS नहीं लिख कर आ रहा है, तो आप अपने कार्ड की इंफॉर्मेशन एंटर ना करे ।
- अगर आप किसी mall या shop पर MicroATM के द्वारा Payment कर रहे है , तो ध्यान रखे की कोई अपने कार्ड का नंबर तो नहीं देख रहा है।
कौन लोग हैकर्स से जुड़े रहते हैं
वेटर, पेट्रोल पंप कर्मी, मॉल कर्मी, ज्वैलरी शॉप कर्मी, आवारा स्टूडेंट, बैंक कर्मी, डाक कर्मी आदि लोग हैकर ग्रुप से जुड़े है। पहली इस तरह की घटनाएं अमेरिका या विदेशों ज्यादा अंजाम दी जाती थी क्योंकि वहां के लोग ज्यादातर क्रेडिट कार्ड का ही यूज करते हैं इसीलिए इस तरह की घटनाएं आम थी लेकिन अब यूपी में भी साइबर क्राइम बढ़ता ही जा रहा है पिछले कुछ दिनों में लगभग 300 से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया है।