Class 2 Short Moral Stories in Hindi 2024 with Image

हिंदी नैतिक कहानियां कौन कौन सी होती है और हिंदी नैतिक कहानियो की सूची एवं Class 2 Short Moral Stories in Hindi 2024 with Image

जितने भी छोटे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करते हैं उन्हें सीख देने के लिए नैतिक शिक्षा का सहारा लिया जाता है और कहानियों के द्वारा ही उन्हें एक अच्छा इंसान बनने का प्रयास किया जाता है जिससे वह सही गलत की पहचान कर सकें इसलिए उन बच्चों को Short Moral Stories in Hindi सुनाई जाती है जिससे उनका मन भी इन कहानियों में लगा रहता है और उन्हें इसी के माध्यम से सीख भी मिलती रहती है ऐसे में क्लास 2 शॉर्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी आज इसलिए के माध्यम से हम आपको बताने का प्रयास करेंगे जिससे आप अपने घर में बच्चों को भी इन कहानियों को सुना कर नैतिकता की शिक्षा दे सकते हैं।

Class 2 Short Moral Stories in Hindi 2024

कक्षा 2 के जो बच्चे होते हैं वह छोटे होते हैं और उन्हें सही गलत की पहचान करने के लिए शिक्षक हमेशा कहानियों का ही सहारा लेते हैं इसलिए उनके लिए शॉर्ट मोरल स्टोरी सुनाई जाती है जिससे उन्हें फायदा हो सके तो इस लेख में हम आपको क्लास टू शॉर्ट मोरल स्टोरी बताने जा रहे हैं जो कि आपके घरों में बच्चों के लिए भी काफी ज्यादा सहायता प्रदान करेगी।

Class 2 Short Moral Stories in Hindi
Class 2 Short Moral Stories in Hindi

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Class 2 Short Moral Stories in Hindi List

बहरे मेंढक को बहादुरी

  • एक बार दो मेढ़क एक गड्ढे में गिर जाते हैं जिसमें से एक बहरा मेढ़क रहता है दोनों को गड्ढे में गिरा देख बाकी के मेंढक आकर उन्हें निकालने का प्रयास करते हैं परंतु वह निकल नहीं पाते तब जाकर बाकी मेढ़क उन दोनों मेंढक से बार-बार यह कहते हैं कि तुम लोग अब बाहर नहीं निकल पाओगे जिसके लिए वह काफी हतोत्साहित करने लगते हैं उन मेढको की बात मानकर एक मेंढक अपने दूसरे मेडक से कहता कि हम लोग वाकई में नहीं निकल पाएंगे और वह वहीं बैठे बैठे दम तोड़ देता है परंतु दूसरा मेंढक जो बहरा रहता है वह कोशिश जारी किए रहता है और अंत में एक लंबी छलांग मारकर गड्ढे के बाहर आ जाता है जिससे बाकी मेढ़क सोच में पड़ जाते हैं कि इसने ऐसे कैसे कर लिया जबकि वह दूसरा मेंढक बहरा रहता है वह लोगों की बात नहीं सुन पाता और अपने प्रयास जारी किए रहता है।
बहरे मेंढक को बहादुरी
बहरे मेंढक को बहादुरी

नैतिक शिक्षा :दूसरों की बातों पर ध्यान ना दे कर अपने काम पर ध्यान देना चाहिए इसी से आप सफल हो सकते हैं।

किसान को मिला अच्छे कर्मों का फल

  • एक बार एक राजा ने अपनी प्रजा की परीक्षा लेने के लिए सड़क के बीचो बीच एक बड़ी चट्टान को रखवा दिया जिसके बाद वहां से बहुत से लोग गुजरे लेकिन किसी ने भी उस चट्टान को किनारे ना किया बल्कि उल्टा उन लोगों ने राजा को ही भला बुरा कहा लेकिन राजा यह सब अपनी आंखों से छुपकर देख रहा होता है तभी एक किसान वहां से गुजर रहा होता है वह अपने हाथों से उस मोटी चट्टान को धकेल कर किनारे कर देता है और तभी उसे वहां एक झोला नजर आता है झोले को उठाता है तो उसमें ढेर सारी अशरफिया रहती हैं और उसमें एक कागज पर कुछ लिखा हुआ रहता है जिसमें राजा की तरफ से एक संदेश लिखा रहता है कि जो भी इस चट्टान को बीच सड़क से हटा देगा ये झोला उसका हो जाएगा और इस तरह राजा की परीक्षा भी पूरी हो जाती है और किसान को अशर्फियां भी मिल जाती है।
किसान को मिला अच्छे कर्मों का फल
किसान को मिला अच्छे कर्मों का फल

नैतिक शिक्षा :हमेशा अच्छे आचरण और अच्छे कार्य करते रहना चाहिए जिससे आपको फायदा ही होगा कभी नुकसान नहीं हो सकता।

बीरबल की चालाकी

  • एक बार अकबर ने अपने सभी दरबारी से एक ऐसा प्रश्न पूछ लिया जिससे सभी अचंभित रह गए और कोई भी उस सवाल का जवाब नहीं दे पाया तभी उस दरबार में बीरबल आ जाते हैं और अकबर बीरबल से भी वही प्रश्न पूछते हैं कि बीरबल यह बताओ कि पूरे शहर में कितने कौवे हैं ऐसे में बीरबल थोड़ा सा भी परेशान नहीं होते और तुरंत ही कहते हैं कि महाराज मुझे इसका उत्तर पता है और वह बताते हैं इस शहर में पच्चीस हजार दो सौ बीस कौवे हैं अकबर यह सुनकर तुरंत पूछ बैठते हैं कि तुम्हें यह कैसे पता तब बीरबल कहते हैं कि यदि आपको यकीन ना हो तो अपने दरबारियों से कहें कि वह जाकर पूरे शहर में कौवों को गिने यदि कौवे इस संख्या से ज्यादा है तो समझ लीजिएगा कि उनके रिश्तेदार शहर में आए हैं और यदि कम है तो यह समझ लीजिएगा कि कुछ कौवे बाहर के शहर में अपने रिश्तेदारों के यहां गए हुए हैं तब जाकर अकबर को इस जवाब से संतुष्टि मिलती है।
बीरबल की चालाकी
बीरबल की चालाकी

नैतिक शिक्षा: तेज बुद्धिमान व्यक्ति को कभी कोई हरा नहीं सकता है।

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कुत्ते की बेवकूफी की कहानी

  • एक बार एक कुत्ते को एक रसीली हड्डी प्राप्त हुई जिसे वह अपने मुंह में दबाकर तेजी से अपने घर की तरफ भागा जैसे ही वह जा रहा था तो रास्ते में एक छोटी सी पुलिया पड़ती है जिस पर जाने के बाद उसकी नजर नीचे पानी में जाती है जहां उसे परछाई में एक दूसरा कुत्ता दिखाई देता है जिसके मुंह में हड्डी रहती है और यह देखकर उसे गुस्सा आने लगता है और जोर जोर से भौंकने लगता है जिससे उसके मुंह की हड्डी गिरकर पानी में चली जाती है जोकि वह काफी ज्यादा विचलित हो जाता है और वही रोने लगता है तब उसे एहसास होता है कि उस पानी में कोई और कुत्ता नहीं बल्कि उसकी खुद की परछाई थी और वह मुंह लटकाए हुए अपने घर की तरफ चला जाता है।
कुत्ते की बेवकूफी की कहानी
कुत्ते की बेवकूफी की कहानी

नैतिक शिक्षा:अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से काफी नुकसान भी हो जाता है।

झूठ बोलना लड़के को पड़ा भारी

  • एक लड़का अपनी बकरियों को पहाड़ी पर ले जाकर चराया करता था वहीं बैठे बैठे उसे अचानक से एक मजाक करने की तरकीब सूझती है और जोर से चिल्लाते हुए गांव की तरफ भागता है और कहता है “भेड़िया आया, भेड़िया आया, भेड़िया आया” जिससे गांव के लोग लाठी डंडा लेकर तुरंत उसकी तरफ बढ़ते हैं परंतु वह जोर से हंसने लगता है और कहता है कि अरे मैं तो मजाक कर रहा था जिससे लोग गुस्सा हो जाते हैं यही तरीका एक दो बार और अजमा कर लोगों को परेशान करता है जिससे उसकी बातों पर अब कोई यकीन नहीं करता तभी 1 दिन सच में भेड़िया आ जाता है और उसकी बकरियों को नोच कर खाने लगता है जिससे वह फिर से “भेड़िया आया, भेड़िया आया, भेड़िया आया” चिल्लाता हुआ गांव की तरफ आता है लेकिन इस बार उसकी बात को कोई भी नहीं सुनता और सभी अपने काम में लगे रहते हैं तब जाकर उसे एहसास होता है कि मजाक में भी कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
झूठ बोलना लड़के को पड़ा भारी
झूठ बोलना लड़के को पड़ा भारी

नैतिक शिक्षा:मजाक में भी झूठ कभी नहीं बोलना चाहिए क्योंकि इससे आपको ही नुकसान होगा।

लोमड़ी और सारस की दावत

  • एक बार एक लोमड़ी और सारस में दोस्ती हो जाती है जिसके बाद लोमड़ी सारस को अपने घर पर दावत के लिए आमंत्रित करती है जब सारस लोमड़ी के घर जाता है तो वहां लोमड़ी उसे समतल कटोरे में खाना परोसता है जोकि सारस को खाने में काफी कठिनाई होती है और लोमड़ी झटपट अपने खाने को खा लेता है इसके बाद सारस लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए अपने घर पर आमंत्रित करता है और उसे एक गहरे सुराही के बर्तन में खाना देता है जिसे सारस तो आसानी से चोंच डाल कर खा लेता है परंतु लोमड़ी को काफी ज्यादा कठिनाई होती है तब जाकर लोमड़ी को एहसास होता है कि उसने सारस के साथ गलत व्यवहार किया था और उसके लिए वह उससे क्षमा भी मांगती है।
लोमड़ी और सारस की दावत
लोमड़ी और सारस की दावत

नैतिक शिक्षा: एक दूसरे के प्रति हमेशा अच्छा आचरण और व्यवहार रखना चाहिए।

परी और लालची आदमी

  • एक बार एक परी पेड़ों की जाल में फस जाती है तब एक आदमी की नजर उस पर पड़ती है और वह उसे उस जाल से आजाद कर देता है और परी उससे इतना खुश हो जाती है कि उस आदमी से वचन मांगने को कहती है ऐसे में वह लालची आदमी फटाक से यह बोल देता है कि मैं जिस भी चीज को छू बस सोने की हो जाए और परी उसे ये वचन देकर चली जाती है अब लालची आदमी अपने हाथों में कंकड़ , पत्थरों को लेकर सोना बनाने लगता है और यह चीज दिखाने के लिए वह तुरंत घर की तरफ भागता है जैसे ही वह घर में घुसता है उसकी बेटी दौड़े-दौड़े आ जाती है और वह उसको गोदी में उठा लेता है परंतु यह क्या उसकी पुत्री भी तुरंत सोने की बन जाती है जिससे वह बहुत ज्यादा विचलित हो जाता है और रोने लगता है और जगह-जगह परी को ढूंढने लगता है परंतु इसका कोई फायदा नहीं होता।
परी और लालची आदमी
परी और लालची आदमी

नैतिक शिक्षा:लालच बहुत बुरी चीज होती है या आपको अपनों से अलग कर देती है।

बीरबल ने दिखाई चतुराई

  • एक बार जाड़े के दिन में बादशाह अकबर यह कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इस ठंडे तलाब में पूरे कपड़े उतार कर रात भर रहेगा उसे मैं अशरफियों से भर दूंगा तभी एक नवयुवक उनकी बात को मानते हुए रात भर उस तालाब में खड़ा रह लेता है जब सुबह होती है तो राजा उससे पूछते हैं कि बताओ तुमने यह कैसे किया तो वह बोलता है कि हुजूर आपकी बालकनी पर एक चिराग जल रहा था जिसे देखकर मैं गर्मी महसूस कर रहा था और मैं रात भर इस वजह से रह लिया तभी बादशाह अकबर बोलते हैं कि तुमने वादे को पूरा नहीं किया तुमने मेरे चिराग से गर्माहट ली है और वह उसे वापस भेज देते हैं फिर अगले दिन वह बीरबल से खिचड़ी बनाने को कहते हैं बीरबल नीचे आग लगाकर काफी ऊंचाई पर तीन लकड़ियों में बर्तन को बांधकर खिचड़ी पका रहे होते हैं जब अकबर ये देखते हैं तो वह काफी गुस्सा होते हैं और बीरबल से पूछते हैं कि बताओ ईतनी दूरी पर भला खिचड़ी पक सकती है तभी बीरबल फटाक से बोलते हैं कि जब इतनी कम दूरी पर आग से पतीली नहीं गर्म हो सकती तो फिर आप की बालकनी से उस युवक को चिराग से गर्माहट कैसे मिल सकती है तब बादशाह अकबर की आंखें खुल जाती है और वह तुरंत उसने युवक को बुलाकर अशरफिया देते हैं और माफी मांग लेते हैं।
बीरबल ने दिखाई चतुराई
बीरबल ने दिखाई चतुराई

नैतिक शिक्षा: अपने किए गए वादे को पूरा करना चाहिए और कभी भी किसी पर  झूठा लांछन नहीं लगाना चाहिए।

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