Computer Processor Kya Hota Hai और कंप्यूटर प्रोसेसर कैसे काम करता है एवं इसके प्राइस, प्रकार क्या होते है जाने हिंदी में
कंप्यूटर में सीपीयू नाम की कोई चीज होती है इस सीपीयू को ही सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कहते हैं जिसको आप प्रोसेसर भी कह सकते हैं। सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट मदर बोर्ड में फिट होता है और यह सेंटर में होता है जैसे एक आम इंसान का दिमाग काम करता है। ऐसे ही यह प्रोसेसर कंप्यूटर का दिमाग है इसमें सारी बातें स्टोर हो जाती हैं जो काम भी हम कंप्यूटर पर करते हैं, उसका सारा जिम्मा कंप्यूटर प्रोसेस का होता है। कंप्यूटर का हर काम इसी प्रोसेस से होकर गुजरता है इसलिए इसे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कहते हैं। तो आइए आज हम आपको Computer Processor से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे यह कैसे काम करता है और इसके फीचर के बारे में बताएंगे। अगर आप भी कंप्यूटर प्रोसेसर से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
कंप्यूटर प्रोसेसर क्या होता है
Computer Processor एक चिप के रूप में सीपीयू में मदरबोर्ड का साथ फिट होता है। इसके अलावा मदर बोर्ड के साथ और कंपोनेंट भी जुड़े हुए होते हैं जो कंप्यूटर को कंट्रोल करते हैं कंप्यूटर प्रोसेस एक खास तरह की इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है जो हमारे कंप्यूटर सिस्टम में प्रयोग की जाती है। मदरबोर्ड से अटैच जितने भी डिवाइस होती हैं और कंप्यूटर प्रोसेसर एक दिमाग की तरह कार्य करता है और पूरे कंप्यूटर सिस्टम को कंट्रोल करता है। यह कंप्यूटर पर काम करने वाले और कंप्यूटर के बीच होने वाली सारी कार्यप्रणाली को समझता है। इसी वजह से प्रोसेसर यूजर के द्वारा कंप्यूटर में दी गई सारी कमांड को अच्छे से पहचानता है और इसके साथ ही इनपुट कमांड पर प्रोसेस का काम करके हमारे कंप्यूटर की स्क्रीन पर डिस्प्ले कर देता है।
प्रोसेसर की स्पीड को गीगाहर्टज में नापा जाता है क्योंकि जितनी अधिक कोर का प्रोसेसर होता है उतना ही ज्यादा अच्छा काम करता है और हम जो भी काम करते हैं उसे इनपुट करके कुछ सेकेंड में ही हमारे कंप्यूटर स्क्रीन के डिस्प्ले पर आ जाता है। अगर सिंगल कोर प्रोसेसर होता तो वह ज्यादा हैवी टास्क क्वालिटी का output नहीं दे पाएगा अर्थात वह हैंग होने लगेगा इसलिए आज कल जितने भी कंप्यूटर, मोबाइल , या लैपटॉप आदि गैजेट्स होते हैं उनमें 4 core , 6 core processor का प्रयोग किया जाता है।
कम्प्युटर प्रोसेसर की हिस्ट्री
वर्ष 1971 में इंटेल ने ही दुनिया में सबसे पहले, पहला सिंगल चिप माइक्रोप्रोसेसर डिजाइन किया था इसे इंटेल के 3 इंजीनियर Federico faggin, Ted Hoff और Stan mazo ने इवेंट किया था। यह चिप जिसका नाम Intel 4004 micro processor को कुछ इस तरह से डिजाइन किया था कि एक ही चिप में सारे प्रोसेसिंग फंक्शन जैसे सीपीयू, मेमोरी और इनपुट एंड आउटपुट कंट्रोल को रखा गया था। धीरे-धीरे समय के साथ नई-नई अविष्कार हुए जिससे कि कंप्यूटर के डिजाइन में काफी बदलाव आया और इनके कार्य करने की क्षमता भी बढ़ गई। आज के दौर में इंटेल, प्रोसेसर की दुनिया का बादशाह है यह हर वैरायटी के प्रोसेसर बनाते हैं।
प्रोसेसर की स्पीड क्लॉक
इस क्लिक स्पीड को क्लॉक रेट या फिर प्रोसेसर स्पीड भी कहा जाता है। क्लिक स्पीड उस स्पीड को कहते हैं जिसमें स्पीड से माइक्रोप्रोसेसर प्रत्येक इंस्ट्रक्शन को एग्जीक्यूट करती है या फिर क्लॉक की each वाइब्रेशन सीपीयू को एक फैक्स नंबर ऑफ क्लॉक या साइकिल्स की जरूरत होती है। प्रत्येक इंस्ट्रक्शन को एग्जीक्यूट करने के लिए कितनी फास्टर आपकी क्लॉक स्पीड होगी उतनी ही फास्टर आपकी सीपीयू भी होगी। उतनी जल्दी आप का प्रोसेसर इंस्ट्रक्शंस को execute कर सकता है। क्लॉक स्पीड्स को MHz मापा जाता है। MHz का मतलब है कि 1 million cycles पर सेकेंड होता है।
Computer Processor की कोर (core)
प्रोसेसर में उनके कैपेसिटी के अनुसार अलग-अलग कोर (core) होते हैं। एक सामान्य प्रोसेसर में सिंगल कोर होता है यानी कि वह सिंगल सीपीयू होता है। वही dual-core प्रोसेसर में दो समान फ्रीक्वेंसी वाले तो प्रोसेसर सर्किट होते हैं। यह सिंगल कोर प्रोसेसर की तुलना में डबल स्पीड से काम कर सकता है वह भी बड़ी आसानी से। जिस प्रोसेसर में जितने ज्यादा कोर होगा वह उतनी ही सफलतापूर्वक मल्टीटास्किंग को पूरा कर सकता है।
- Dual core में 2 core
- Quad core में 4 core
- Hexo core में 6 core
- Octa core में 8 core
- Deca core में 10 core
कंप्यूटर प्रोसेसर केसे वर्क करता है?
Fetch-
फैच का अर्थ होता है यूजर के द्वारा दी गई सारी इनफार्मेशन को लाना और इनका काम इनपुट को रैम से सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से भेजा जाता है। इन्हें यह एक इंस्ट्रक्शन रजिस्टर में स्टोर कर लेता है इस कार्य को फैच कहते हैं।
Decode-
इस फैच की प्रक्रिया में यूजर द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन जब एक इंस्ट्रक्शन रजिस्टर में स्टोर हो जाते हैं इसके बाद सीपीयू का एक कार्य है कि सारी कमांड को लेकर एक सर्किट से पास किया जाए जिसे डीकॉटर कहते हैं। इससे आगे डिकोडर का कार्य शुरू होता है जो इंस्ट्रक्शन को सिग्नल्स में कन्वर्ट करके सीपीयू के दूसरे लॉजिक यूनिट के पास भेज देता है। उसके बाद यह अर्थमैटिक कैलकुलेशन करता है। इस प्रक्रिया के पश्चात हम मॉनिटर पर या प्रिंटर अपना कार्य कर सकते हैं और देख भी सकते हैं
Execut-
तो जब यह सारी इनफार्मेशन डिकॉड हो जाती है उसके बाद उसके बाद यह सीपीयू के कंट्रोल यूनिट से गुजर कर इंस्ट्रक्शन को एक्जिक्यूट करता है और फिर आउटपुट को जनरेट करता है इसके बाद इन इंस्ट्रक्शन को दोबारा मेमोरी में भेजा जाता है जो इसे कंट्रोल करने में मदद करती है।
Back process –
सबसे पहले यह प्रोसेस फेच प्रक्रिया में हुआ उसके बाद डिकोड होते हुए एक्जिक्यूट हुआ अब यह प्रोसेसर का सबसे लास्ट और कोमन कमांड है। जैसे की हम अपने रजिस्टर में सारी जानकारी को पेन के द्वारा लिखते हैं उसी तरह से यह सारे ऑपरेशन में होने वाली प्रक्रिया सीपीयू एक रजिस्टर में मेंटेन करता है जिसके दौरान यह प्रोसेस अपना काम करते हैं इसकी मदद से ऑउट पुट को जल्दी से एक्सेस कर सकते हैं और आउट पुट को एक्सेस करने का मतलब स्क्रीन पर डिस्प्ले पर देखना या प्रिंट आउट निकालना यह लास्ट स्टेप है इसे राइट प्रोसेस भी कहते हैं या प्रिंट प्रोसेस भी कह सकते हैं।
कंप्यूटर प्रोसेसर के प्रकार
Budget processor
आज के इंटरनेट के युग में बजट प्रोसेसर का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है क्योंकि यह इलेक्ट्रॉनिक पावर को बहुत कम यूज करता है और इसकी कीमत भी मार्केट में बहुत कम है इसलिए यह कंप्यूटर को अपग्रेड करने में बहुत लाभदायक है क्योंकि सस्ता होने की वजह से इसे हर कोई आसानी से खरीद सकता है और इस प्रोसेसर की सहायता से आसानी से अपना काम कर सकता है।
Intel celeron
यह प्रोसेसर जब लॉन्च हुआ था तब ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता था क्योंकि इसकी कार्यक्षमता कम थी और यह बाजार में महंगा भी था इन्हीं कारणों की वजह से इंटर सिलेंरन ने इसे अपग्रेड करके 64 बिट करके दोबारा मार्केट में उतारा और इसकी क्षमता पहले से बढ़ गई अब यह पावर भी कम यूज करता है और गर्म भी नहीं होता इसलिए इसकी मांग इंटरनेट यूजर्स में बढ़ गई है।
Intel pentium 4
हमने आपको अब तक जितने भी प्रोसेसेर के बारे में बताया है इंटेल पेंटीअम 4 उन सब में सबसे ज्यादा अच्छा है इसके काम करने की क्षमता और इसकी स्पीड ऊपर बताए गए प्रोसेसर से ज्यादा है क्योंकि यह 3.2 गीगाहर्टज पर काम करता है जो उनमें से सबसे ज्यादा है उनमें से किसी की स्पीड इतनी ज्यादा नहीं है यह बहुत ज्यादा स्पीड मानी जाती है।
Main stream processor
ये प्रोसेसर ऊपर दिये गये प्रोसेसर से थोडी ज्यादा पावर कंज्यूम करतें हैं इसलिये ये ज्यादा कोर तथा Caches बाले motherboard प्रयोग करतें हैं इनका प्रयोग करने से पहले motherboard की जाँच करनी पड़ती है।
Dual core processor
जैसा कि आप जानते हैं डुअल का मतलब दो होता है इसलिए इसका नाम से ही पता चलता है कि यह 2 कोर वाला प्रोसेसर है जिसे 2 कोर प्रोसेसर के द्वारा बनाया गया है इसी की वजह से इसकी स्पीड भी ज्यादा होती है।स्पीड को बढ़ाने के लिए इसमें दो प्रोसेसर जोड़े जाते हैं ताकि यह बहुत कम समय में ज्यादा से ज्यादा आउटपुट दे सकने में सक्षम हो।
AMD athlon 64×2
इस तरह के प्रोसेसर को कंप्यूटर की काम करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है और यह एलक्ट्रॉनिक पावर का भी कम प्रयोग करता है जिससे हीटिंग होने का खतरा नहीं रहता इस प्रकार के प्रोसेसर मुश्किल काम को भी बड़ी आसानी से कर लेते हैं और कम समय में करते हैं इसमें एक तरह के सॉकेट का प्रयोग किया जाता है जिसे बड़ी सरलता पूर्वक मदरबोर्ड से कनेक्ट कर दिया जाता है।
Intel pentium D
इंटेल पेंटीअम डी द्वारा सभी तरह की सुविधा जैसे कि स्पीड और कार्यक्षमता को बढ़ाने की कोशिश की है इसी वजह से यह मार्केट में ज्यादा पसंद किया जाता है और यह पावर भी बहुत कम लेता है इसे कंप्यूटर से जोड़ने की परेशानी भी नहीं होती इसे इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह किसी तरह भी मदरबोर्ड से अटैच हो जाता है चाहे आप यूएसबी के द्वारा इसे बाहर से ही अटैच कर सकते हो और सीपीयू के बाहर ही रह कर अपना काम कर सकता है इससे काम करने में हर तरह के यूजर अच्छा महसूस करते हैं।
2.AMD processor
यह प्रोसेसर काफी सस्ते होते हैं, इंटेल प्रोसेसर के मुकाबले। अगर हम AMD का प्रोसेसर लैपटॉप में करतें हैं तो ये बैटरी पावर बहुत ही ज्यादा कंज्यूम करते हैं जिससे बैटरी जल्दी डैमेज हो जाती है। इसके साथ ही इसकी speed भी बहुत ही कम होती हैं जिससे ये हीटिंग ज्यादा पैदा करते हैं।
5.AMD Athlon 64
इस प्रकार के प्रोसेसर में दो सॉकेट का इस्तेमाल किया गया है जिससे ये 64 bit को support करता है पर इसमें एक कमीं है ये सिर्फ 32 Bit करके कार्य करती हैं।