NIFTY Kya Hai और इसको कैसे बनाया गया एवं इसकी फुल फॉर्म क्या होती है व इसमें निवेश कैसे किया जाता है तथा निफ्टी और सेंसेक्स अंतर हिंदी में
एन एस इ यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया। निफ्टी को सन 1994 में शुरू किया गया था और निफ्टी में 50 कंपनियों को शामिल किया गया था NIFTY नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया की 50 कंपनियों के शेयर के बारे में सूचना प्रदान करती है यह नेशनल और फिफ्टी शब्दों के मिलने से बना है इसलिए ऐसे निफ्टी कहते हैं निफ्टी में शेयर की खरीद-फरोख्त होती है शेर को जानने के लिए हमें यह जानना होगा कि शेर का मतलब क्या होता है
शेयर का मतलब होता है हिस्सा यानी कि कंपनियों में हिस्सेदारी हर व्यक्ति जो किसी कंपनी के शेयर खरीदता है उस कंपनी का हिस्सेदार हो जाता है चाहे उसने 100 शेयर ही क्यों ना खरीदे हो अगर कंपनी फायदे में जाती है उसकी शेयर की कीमत बढ़ जाती है और अगर कंपनी नुकसान में जाती है तो उसके शेयर की कीमत कम हो जाती है जिसे शेरहोल्डर को भी नुकसान पहुंचता है।
निफ्टी क्या है
निफ़्टी 50 लिस्टेड कंपनियों को ही इंडेक्स करता है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की 6000 से भी ज्यादा कंपनियां हैं इनमें से कुल 50 कंपनियों को ही इंडेक्स करता है बाकी कंपनियों को निफ़्टी इंडेक्स नहीं करता यह 50 कंपनियां जो 12 अलग-अलग सेक्टरों से ली जाती हैं को ही निफ्टी ऑपरेट करता है 50 कंपनियों में वह कंपनियां शामिल होती हैं जो फाइनेंशली स्ट्रांग बड़ी मजबूत और पुरानी और टिकाऊ होती हैं और ज्यादा कैपिटल वाली कंपनियों को ही इसमें लिस्टेड किया जाता है इसका आरंभ सन 1994 में हुआ था लेकिन इसमें 1995 में अपना काम शुरू किया सन 1995 के मार्केट कैपिटल बेस वैल्यू को 1000 मानकर इसकी गणना की गई वह 50 कंपनी जो NIFTY के अंतर्गत आती हैं
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NIFTY के लाभ
- निफ्टी में जो 50 कंपनियां होती हैं इससे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के परफॉर्मेंस का पता लगाने में आसानी होती है।
- क्योंकि यह 50 कंपनियां ज्यादा पावरफुल होती हैं और इनकी जानकारी से देश की अर्थव्यवस्था का पता चलता है।
- शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का निफटी के द्वारा पता चलता है।
- जिन कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा खरीदे और बेचे जाते हैं उनमें देश की यह 50 कंपनियां होती हैं जो NIFTY के अंतर्गत आती हैं।
- एनएसई में करीब 6000 कंपनियां हैं उनकी कैपिटल का 60 फ़ीसदी हिस्सा निफ्टी में होता है।
- यह सभी कंपनियां काफी शक्तिशाली होती हैं इन्हीं कंपनियों की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था पर फर्क पड़ता है।
शेयर बाजार पूंजीकरण क्या है ?
शेयर बाजार को स्टॉक एक्सचेंज भी कहा जाता है इसमें सिर्फ शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं बाजार पूंजीकरण किसी कंपनी की पूरी कैपिटल होती है यानी कि उसमें कितना पैसा लगा हुआ है कोई भी कंपनी अपने सारे शेयर बाजार में नहीं बेचती वह सिर्फ 49% शेयर या उससे कम भी बेच सकती है इन शेयर्स को आप स्टॉक एक्सचेंज की मदद से खरीद सकते हैं और बेच भी सकते हैं 51% शेयर कंपनी अपने पास रखती है।
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निफ्टी में निवेश करने से पहले की सावधानियां
- शेयर बाजार से शेयर खरीद कर उससे प्रॉफिट पाना इतना आसान भी नहीं है इसके लिए आपको प्रत्येक दिन मार्केट पर नजर रखनी पड़ती है।
- शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले निफ़्टी की 50 कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करना जरूरी है।
- इससे मुतालिक जो न्यूज़ पेपर आते हैं उनका अध्ययन करें।
- कंपनियों के बिजनेस प्लान को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- हर रोज शेयर खरीदना और बेचना खतरनाक हो सकता है इससे आपको ज्यादा फायदा भी हो सकता है और ज्यादा नुकसान भी हो सकता है।
- इसलिए लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करें उसमें नुकसान की आशंका कम रहती है।
- जल्दबाजी में आकर किसी भी कंपनी का शेयर ना खरीदें हर कंपनी के बारे में विस्तार से पढ़िए और जो कंपनी ज्यादा अच्छा परफॉर्मेंस कर रही है उसी का शेयर खरीदें।
- उन कंपनियों के शेयर खरीदे जिन कंपनियों के प्रोडक्ट ज्यादा बिकते हैं।
- हमें यह देखना होगा कि रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले प्रोडक्ट कौन सी कंपनी अधिक बनाती है जैसे शैंपू तेल बिस्कुट कुकिंग आयल साबुन और नूडल्स आदि।
- शेयर खरीदने के बाद उसे बेचने में जल्दबाजी ना करें मिसाल के तौर पर किसी व्यक्ति ने किसी कंपनी का शेयर ₹500 का खरीदा तो आप पहले ही से इसका टारगेट प्राइस तय कर देंगे जैसे ₹500 का शेयर आपको ₹800 में बेचना है तो जैसै टारगेट प्राइस पर आएगा अपने आप बिक जाएगा और आप नुकसान से बच सकते हैं।
- कभी भी किसी एक कंपनी के ज्यादा शेयर ना खरीदें जो टॉप की कंपनी हो सबके थोड़े-थोड़े शेयर खरीदने चाहिए ताकि अगर उनमें से कोई कंपनी नुकसान में भी है तो आपको ज्यादा नुकसान ना हो।
- आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत कंपनी को ही चुने जिनके बारे में आप जानकारी रखते हो और अलग-अलग सेक्टरों में इनवेस्ट करें।
NIFTY को कैसे बनाया गया ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 6000 से ज्यादा कंपनियां हैं उनमें से सबसे ज्यादा फाइनेंशली स्ट्रांग कंपनी इस को ही चुना जाता है और यह भी देखा जाता है कि इन कंपनियों के प्रोडक्ट अच्छी क्वांटिटी में बिकते हैं या नहीं इन्हें 12 अलग-अलग सेक्टरों से लिया जाता है मजबूर सेक्टर वाली कंपनी ही इसका हिस्सा बनती है सेक्टरो का अध्ययन भी किया जाता है जैसे डेली यूज़ प्रोडक्ट रियल स्टेट कम्युनिकेशन,ऑटोमोबाइल,,पेट्रोलियम,रिफाइनरी आदि। इन सभी को एक इंडेक्स कमेटी तय करती है जिसमें बड़े-बड़े अर्थशास्त्री शामिल होते हैं मिट्टी की चाल से देश की अर्थव्यवस्था तय होती है क्योंकि यह देश की 50 सबसे ज्यादा शक्तिशाली कंपनियां होती हैं अगर यह फायदे में जाती हैं तो देश की उन्नति होती है और अगर यह नुकसान में होती हैं तो देश की अर्थव्यवस्था खराब होती है।
निफ्टी और सेंसेक्स में क्या अलग है
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की लगभग 6000 कंपनियों में से निफ्टी की 50 सबसे ज्यादा मजबूत कंपनियां सेलेक्ट की जाती हैं इसलिए निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का ही हिस्सा है।
- इसी तरह सेंसेक्स बंबई स्टॉक एक्सचेंज का ही हिस्सा है इसमे टॉप की 30 कंपनी लिस्टेड की जाती है।
- निफ़्टी और बी एस ई सही देश की अर्थव्यवस्था डिपेंड करती है और देश के जीडीपी निर्धारित होती है अगर अगर अधिकतर कंपनियां मुनाफे में जाती हैं तो जीडीपी की दर बढ़ जाती है इसलिए दोनों अलग-अलग जरूर है लेकिन इनकी कार्यप्रणाली एक ही है देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना।