पवन चक्की क्या है- कैसे काम करती है, Pawan Chakki के उपयोग व लाभ जाने हिंदी में

Pawan Chakki Kya Hai और पवन चक्की कैसे काम करती है एवं इसका अविष्कार किसने किया है व तथा इसका उपयोग व प्राइस क्या है जाने हिंदी में

वर्तमान समय में लगभग सभी जगहों पर बिजली(Electricity) आपूर्ति सुचारू रूप से चालू हो चुकी है चाहे वह गांव हो कस्बा हो शहर हो इन सभी जगहों पर बिजली की आपूर्ति कराना सरकार का दायित्व माना जाता है इसीलिए शहरों में ज्यादातर देखा जाता है कि उन्हें बिजली की एक आदत सी पड़ जाती है इसलिए यदि किसी कारणवश बिजली चली जाती है तो वह एकदम से परेशान हो जाते हैं जिसके लिए उन्हें अपने घरों में Inverter भी लगवाना पड़ता है ऐसे तो आपको पता होगा कि बिजलियां जो उत्पन्न होती हैं वह कई तरीकों से उत्पन्न की जाती है चाहे वह जलप्रपात में पानी और डायनेमो से की जाए या कोई लोगों से की जाए या फिर आपने हमेशा से नाम सुना होगा पवन चक्की का यानी पवन ऊर्जा से की जाए आज हम आपको Pawan Chakki के बारे में जानकारी साझा करेंगे।

Pawan Chakki Kya Hai?

पहले के जमाने में जब बिजली का उत्पादन कम होता था तो उस समय पवन चक्की अथवा पवन ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन(Electricity)की जाती थी पवन चक्की का आविष्कार 1854 में अमेरिका के Daniel Hallade ने किया था पवन चक्की के द्वारा उसकी गतिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तन करके बिजली का उत्पादन किया जाता है पवन चक्की में लगी Blades हमेशा दक्षिणावर्त में हवा के माध्यम से घूमते हैं वर्तमान समय में विश्व भर में Pawan Chakki का इस्तेमाल बहुत तेजी से किया जाता है यदि भारत की बात की जाए तो तमिलनाडु राज्य में पवन चक्की के माध्यम से बिजली उत्पादन का कार्य बहुत तेजी से किया जाता है।पवन चक्की एक प्रकार का बड़े पंखे नुमा यंत्र होता है जोकि हवाओं को रोककर उससे बिजली उत्पादन का कार्य करता है।

Pawan Chakki
Pawan Chakki

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पवन चक्की का उद्देश क्या होता है?

जैसा कि आपको बताया गया कि पहले के जमाने में जब बिजली उत्पादन के संसाधन मौजूद नहीं होते थे तो पवन चक्की ही एकमात्र ऐसा साधन था जिससे बिजली(Electricity) को उत्पाद किया जाता था Pawan Chakki का एक मात्र यही उद्देश्य होता था कि वह पवन ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकें जिसके लिए वह पूरे यंत्रों को एक खुली जगह पर लगाया जाता था यह देखने में पंखे नुमा होते थे परंतु यह विशाल वृक्ष की तरह खड़े होते थे जो निरंतर पंखे की पत्ती के समान हवा के बल से घूमते रहते थे जैसे-जैसे यह घूमते वैसे वैसे बिजली का उत्पादन होता जाता था।

Pawan Chakki में इस्तेमाल होने वाले Parts:

पवन चक्की को स्थापित करने के लिए उनमें कई तरह के सामानों का उपयोग किया जाता है जिसे हम निम्नलिखित बारी-बारी से बताने जा रहे हैं।

टावर(Tower)

Tower, पवन चक्की का मुख्य भाग होता है जो कि जमीन से ऊंचाई तक स्थापित किया जाता है इसमें चार प्रकार के लोहे के रॉड इस्तेमाल किए जाते हैं जो की जमीन में सीमेंट के माध्यम से मजबूती से जोड़ दिए जाते हैं इन टावरों को जितना ऊपर ले जाते हैं इनकी चौड़ाई उतनी ही घटती रहती है यह हवा को पूरी तरीके से रोकने के लिए ऊंचाई पर निर्माण करने के लिए होता है।

पंखे(Blades)

पंखे जो होते हैं वह Tower में फिट होते हैं तथा हवा की गति के साथ साथ यह भी घूमते रहते हैं इनके घूमने से ही उपयुक्त मशीनें चलती हैं जिससे बिजली का उत्पादन होता है यह भी काफी महत्वपूर्ण भाग होता है Pawan Chakki का जिसे बड़े-बड़े Blade के माध्यम से जोड़ा जाता है।

Rotor(रोटर)

Rotor में ही पंखों को जोड़ा जाता है जो वायु के वेग को रोक कर रखते हैं जिनकी सहायता से पंखे घूमते रहते हैं इसका मुख्य काम वायु के वेग को रोक कर ऊर्जा को जमा करने का होता है जिसे बाद में विद्युत ऊर्जा में Convert कर दिया जाता है।

Generator(जनरेटर)

किसी भी पवन चक्की में सबसे ज्यादा जो महत्वपूर्ण भाग माना जाता है वह Generator का ही होता है क्योंकि गतिज ऊर्जा से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तन तथा बाद में उसे विद्युत ऊर्जा में बदलने का कार्य एक जनरेटर का ही होता है।

Pump(पंप)

किसी किसी बड़ी Pawan Chakki में पानी का भी इस्तेमाल किया जाता है उन्हें इस्तेमाल के लिए हम Pump को प्रयोग में लाते हैं इस पंप का कार्य पानियों को पवन चक्की तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।

Gear Box (गियर बॉक्स)

कभी-कभी क्या होता है कि पवन चक्की  में रफतारें तेज नहीं हो पाती इसलिए उनकी रफ्तार को बढ़ाने के लिए गियर बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है जिससे उनकी रफ्तार बढ़ी और विद्युत ऊर्जा अधिक से अधिक उत्पन्न हो।

Pawan chakki किस प्रकार कार्य करती है?

जैसा कि आपको मालूम होगा कि पवन चक्की(Pawan Chakki) को जब भी लगाया जाता है उन्हें बड़े पैमाने पर उपयोग में लाया जाता है क्योंकि एक पवन चक्की बिजली उत्पादन के मामले में थोड़ा कम होती हैं इसलिए ज्यादातर ज्यादा तादाद में इन्हें इस्तेमाल में लाया जाता है यह किस प्रकार कार्य करती हैं यह हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।

  • पवन चक्की में लगे हुए जो Blade होते हैं वह विद्युत के पंखे की तरह लगते हैं जिन्हें दक्षिणवर्त दिशा में हल्का सा घुमा कर लगाया जाता है। जिससे हवा के दबाव को रोका जा सके।
  • ऐसे में क्या होता है कि जैसे जैसे हवा की गति तेज होती रहती है पंखे का Blade नियंत्रण झुका चला जाता है जिससे पंखे में लगे Blade का वेग निरंतर बढ़ता रहता है।
  • उसके बाद इसे Gearbox की सहायता से Generator में जोड़ा जाता है क्योंकि कभी-कभी क्या होता है कि पंखे की गति धीरे होने के कारण वह Generator में सही से ऊर्जा परिवर्तन नहीं कर पाता है इसलिए वहां पर Gearbox का इस्तेमाल किया जाता है।
  • उसके बाद Brake की सहायता से बिजली के Cable को Transformer में जोड़कर विद्युत ऊर्जा को एक परिपथ से दूसरे परिपथ तक Transfer किया जाता है।
  • और अंत में  की सहायता से विद्युत ऊर्जा(Electricity) को उपयोग में लाया जाता है ऐसे पवन चक्की का इस्तेमाल किया जाता है।
  • Pawan Chakki के ऊपर एक प्रकार का Velocity Sensor लगाया जाता है जो की हवा की रफ्तार और उसकी दिशा का पता लगाता है।

पवन चक्की से लाभ एवम हानि

जैसा कि आपको पता होगा कि यदि कोई चीज होती है तो उसके लाभ अगर है तो हानि भी जरूर होती है उसी प्रकार Pawan Chakki के भी दोनों पहलू हैं इसलिए निम्नलिखित हम आपको लाभ और हानि दोनों के बारे में बताने जा रहे हैं।

लाभ:
  • यदि पर्यावरण के हिसाब से देखा जाए तो पवन चक्की एक प्रकार की अनुकूल एवं स्वच्छ प्रणाली मानी जाती है।
  • यह एक प्रकार की अक्षय ऊर्जा स्रोत भी मानी जाती है।
  • यदि किसी किसी क्षेत्र में हवा की रफ्तार अच्छी है तो वहां पर पवन चक्की को यदि एक बार स्थापित कर दिया जाए तो वह निरंतर आप को बिजली मुहैया कराती रहेगी।
  • पवन चक्की की सबसे खास बात यह है कि एक बार ही खर्च करने की प्रणाली है इसमें बार-बार पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं होती है।
  • क्षेत्र के वातावरण को साफ एवं सुरक्षित पवन ऊर्जा के माध्यम से रखा जा सकता है।
हानि:
  • यदि पवन चक्की की कमी की बात की जय तो इसे चलाने के लिए कम से कम 15 kilometer की रफ्तार की हवा की जरूरत होती है जो कि अमूमन हर जगह मुहैया नहीं कराई जा सकती।
  • यह काफी खर्चीली पढ़ती है जिसकी वजह से अब इसका काफी कम उपयोग देखने को मिलता है।
  • यदि हवा की रफ्तार ना के बराबर है तो पवन चक्की को चलाने के लिए आपको किसी वैकल्पिक सहारे की जरूरत पड़ सकती है।
  • पवन चक्की को स्थापित करने के लिए किसी बड़ी जगह की आवश्यकता पड़ती है जो कि हर बार हर किसी के लिए नहीं हो सकती।

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