भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य क्या है: Power of President, जाने विशेषाधिकार

राष्ट्रपति क्या होता है और भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य क्या है एवं Power of President In Hindi व जाने विशेषाधिकार

हमारे देश में राष्ट्रपति को देश के प्रथम नागरिक के तौर पर संज्ञा प्रदान की गई है और इसके साथ ही साथ देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण शक्तियां भी दी गई है जिससे व्यापक तौर पर देश का संचालन किया जा सकता है President मुख्य तौर पर विश्व स्तर पर हमारे देश को व्यवस्थित तौर पर प्रदर्शित करने का कार्य करता है ऐसे में आज इस लेख के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण शक्तियां और उनके कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की जाएगी जिससे आप भी आसानी से Power of President से संबंधित जानकारी को हासिल कर सकें।

राष्ट्रपति क्या होता है?

भारत का President भारतीय गणराज्य का कार्यपालक अध्यक्ष होता है जो कि संघ के अंतर्गत जितने भी कार्यपालक कार्य होते हैं वह सभी उनके द्वारा ही किए जाते हैं जिसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 53 के अंतर्गत कार्यपालक शक्ति के तौर पर किया गया है और उसके साथ ही साथ और भारतीय सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी होता है जोकि महत्वपूर्ण फैसला लेने के लिए भी उत्तरदाई होता है।

Power of President
Power of President

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भारत के राष्ट्रपति(Power of President) की शक्तियां

देश में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से देश की जनता के माध्यम से हुई होता है परंतु फिर भी संविधान के अंतर्गत निहित शक्तियों को कार्यपालिका में भी विभाजन करने का कार्य किया गया है जिससे एक संतुलित लोकतंत्र का अस्तित्व बन सके और ऐसे में देश हित में President के अपनी शक्तियों का प्रयोग करके फैसला लेता है जो कि हम निम्नलिखित उसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

  • कार्यकारी शक्ति
  • विधायी शक्ति
  • वित्तीय शक्ति
  • न्यायिक शक्ति
  • सैन्य शक्ति
  • आपातकालीन शक्ति

कार्यकारी शक्तिया(Executives Powers)

  • देश में जितने भी शासन से संबंधित कार्य हैं वह सभी राष्ट्रपति के द्वारा ही किए जाते हैं
  • भारत के प्रधानमंत्री एवं मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों की नियुक्ति और उनके बीच मंत्रालय का बंटवारा President की मुहर के द्वारा ही किया जाता है
  • देश के महान्यायवादी(Attorney general), महा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(CAG), मुख्य चुनाव आयुक्त, चुनाव आयुक्त, यूपीएससी अध्यक्ष,वित्त आयोग अध्यक्ष व राज्यपाल इन सभी की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा ही एक सहमति के आधार पर की जाते हैं
  • President के द्वारा कभी भी केंद्र सरकार के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी मांगी जा सकती है।

विधायी शक्तिया (Legislative Powers)

  • संविधान के अनुच्छेद 79 के अंतर्गत राष्ट्रपति को भारत का संसद का अभिन्न हिस्सा भी माना जाता है जिसके तहत उसे कई महत्वपूर्ण विधाई शक्तियां भी प्राप्त होती हैं।
  • President के द्वारा संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा को कभी भी भुलाया जा सकता है और सत्र को समाप्ति की घोषणा भी की जा सकती है।
  • राष्ट्रपति जब चाहे प्रधानमंत्री की सलाह लेकर लोकसभा को भंग कर सकता है।
  • President के द्वारा राज्यसभा में 12 सदस्य और दो एंग्लो इंडियन सदस्यों को मनोनीत किया जा सकता है।

वित्तीय शक्तिया (Financial Powers)

  • दोनों ही सदनों में चाहे वह लोकसभा हो या राज्यसभा धन विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति के बिना कभी भी पेश नहीं किया जा सकता है।
  • किसी भी प्रकार का अनुदान या व्यक्ति संबंधित मांग President की अनुमति के द्वारा ही प्रदान की जाती है।
  • देश में संचित निधि से संबंधित भुगतान का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही मौजूद होता है।
  • भारतीय वित्त आयोग का गठन भारत के President के द्वारा ही किया जाता है।

न्यायिक शक्तिया (Judicial Power)

  • देश के उच्च एवं उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश व उच्च न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा ही की जाती है
  • भारत का President उच्चतम न्यायालय के द्वारा सलाह प्राप्त कर सकता है परंतु सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं होता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 70 के अनुसार राष्ट्रपति को क्षमादान और दंड की प्रकृति बदलने का भी अधिकार प्रदान किया गया है।

सैन्य शक्तिया (Military Power)

  • President देश की तीनों सेनाओं का अध्यक्ष होता है जिस में मुख्य रूप से केंद्र की सिफारिश पर युद्ध को समाप्त करना या युद्ध करने की घोषणा करने का भी जिम्मा इसी के पास होता है।
    • थल सेना
    • वायु सेना
    • नौसेना

आपातकालीन शक्तिया (Emergency Power)

  • भारत का राष्ट्रपति आपातकाल के समय संविधान के अंतर्गत मौजूद कुछ विशेष अनुच्छेद को भी लगा सकता है जो कि निम्नलिखित हैं।
    • अनुच्छेद 352 (राष्ट्रीय आपातकाल)
    • अनुच्छेद 356,365 (राष्ट्रपति शासन)
    • अनुच्छेद 360 (वित्त आपातकाल)

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भारत के राष्ट्रपति की वीटो पॉवर(Veto Power of President of India)

भारत के President को वीटो पावर प्रदान किया गया है जो कि कई प्रकार के होते हैं जिनके बारे में विस्तार से आपको जानकारी प्रदान करेंगे।

  • आत्यायिक वीटो
  • निलंबनकारी वीटो
  • पॉकेट वीटो

आत्यायिक वीटो (Absolute Power)

भारत का राष्ट्रपति देश हित में किसी भी विधेयक को अपने पास सुरक्षित तौर पर रख सकता है जिसके फल स्वरुप संसद के द्वारा पास या विधायक समाप्त भी हो सकता है।ऐसे में दो परिस्थितियां होती है जोकि निम्न है।

  • किसी किसी भी गैर सरकारी सदस्य के विधेयक के संबंध में President उस विधेयक को अपने पास रख सकता है।
  • सरकारी विधेयक के संबंध में जब पूरा मंत्रिमंडल इस्तीफा दे रहा हो तब उसे विधेयक को अपने पास रख सकता है।

निलंबनकारी वीटो (Suspension Veto)

जब संसद में कोई भी विधेयक पारित हो जाता है तो उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है ऐसे में President इसे दोबारा से पुनर्विचार करने के लिए संसद में भेज सकता है जोकि निलंबनकारी वीटो के अंतर्गत आता है।

पॉकेट वीटो (Pocket Veto)

जब संसद में किसी विधेयक को पारित कर दिया जाता है और ऐसे में उसे धरातल पर लाने के लिए राष्ट्रपति के सहमति प्रदान करनी जरूरी होती है तो ऐसे में उसे President के पास भेजा जाता है परंतु यदि राष्ट्रपति इसे ना ही सहमति प्रदान करता है और ना ही इसे स्थगित करता है तो इस तरह से अनिश्चित काल के लिए उसे अपने पास रख लेता है और इसी अधिकार को पॉकेट वीटो के माध्यम से उसे प्रदान किया जाता है।

भारत के राष्ट्रपति का अध्यादेश सम्बन्धी अधिकार

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 123 के अनुसार जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है तो राष्ट्रपति के द्वारा कभी भी अध्यादेश जारी किया जा सकता है और यह उतनी ही शक्तिशाली और महत्वपूर्ण होती है उतना कम संसद के द्वारा पास किया गया विधायक होता है ऐसे में इसके भी कई प्रावधान नियुक्त किए गए हैं जोकि निम्नलिखित हम आपको बता रहे हैं।

  • जो अध्यादेश President के द्वारा जारी किया जाता है वह सत्र प्रारंभ होने के केवल 6 सप्ताह तक ही मान्य होता है।
  • हालांकि संसद इससे पहले भी चाहे तो अध्यादेश को खत्म कर सकती है।
  • राष्ट्रपति को अध्यादेश बनाने की शक्ति केवल उसी मामलों में प्रदान की जाती है जिन पर संसद सरकार बना सके।
भारतीय राष्ट्रपति की सुविधाएं और उनका वेतनमान

वर्ष 2018 के बाद देश के President और उपराष्ट्रपति के वेतन में काफी बढ़ोतरी की गई है जिससे अब हमारे राष्ट्रपति को ₹5 लाख प्रति माह के तौर पर प्रदान किया जाता है और इसके अतिरिक्त कई अन्य महत्वपूर्ण भक्तों को भी प्रदान किया जाता है और इसके साथ ही साथ भारत के President को 330 एकड़ में फैला हुआ आवास प्रदान किया जाता है जो कि वर्तमान समय में दुनिया के किसी भी राष्ट्रपति को इतना बड़ा आवाज नहीं मुहैया कराया गया है इसके अलावा गाड़ियों का महत्वपूर्ण काफिला और उच्च स्तर की हाईटेक गाड़ियां लग्जरी तौर पर राष्ट्रपति को प्रदान की जाती है और देश के राष्ट्रपति की सुरक्षा खानपान व आवास के रखरखाव के लिए सालाना ₹30 करोड़ खर्च किया जाता है।

भारत के राष्ट्रपति से संबंधित कुछ सवाल और जवाब (FAQs)
राष्ट्रपति का क्या कार्य होता है?

भारत का राष्ट्रपति को संसद सत्र आहूत, सत्रावसान करना एवं लोकसभा को भंग करने की महत्वपूर्ण शक्तियां अपने पास रखता है।ऐसे में नए राज्यों के निर्माण l,राज्य की सीमा में परिवर्तन संबंधित विधेयक, धन विधेयक या संचित निधि से व्यय करने वाला विधेयक एवं राज्य हित से जुड़े विधेयक बिना राष्ट्रपति की अनुमति के संसद में प्रस्तुत नहीं किए जा सकते हैं।

संविधान के किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति का जिक्र किया गया है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अंतर्गत राष्ट्रपति के पद का जिक्र किया गया है और ऐसे में पूर्ण रूप से अनुच्छेद 52 से अनुच्छेद 62 तक राष्ट्रपति से संबंधित के कार्यों के बारे में अंतर्गत बताया गया है।

राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों(लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य, सभी राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होकर मतदान करते हैं।

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