एसओपी क्या है और SOP Full Form Kya Hoti Hai एवं स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर मीनिंग क्या है व इसकी विशेषताएं तथा लाभ के होते है जाने हिंदी में
जैसा कि आप जानते हैं कि किसी भी देश में व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कानून अथवा सविधान की जरूरत पड़ती है ठीक उसी प्रकार किसी भी कंपनी को चलाने के लिए तथा उनमें समय-समय पर होने वाले बदलाव को सुधारने के लिए तथा कर्मचारियों को एकजुट होकर कार्य करने के लिए तथा उन्हें प्रेरित करने के लिए भी एक संविधान की जरूरत पड़ती है जिसे हम SOP(एसओपी) कहते हैं अब आप सोच रहे होंगे कि SOP का कार्य क्या होता है तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको विस्तार से यूपी के बारे में पूर्ण जानकारी मैया करेंगे जिससे यदि भविष्य में आपको एस ओ पी की जरूरत पड़ती है तो आप इस लेख के द्वारा ग्रहण कर सकें तो आगे की जानकारी के लिए निम्नलिखित जानकारियों को अंत तक पढ़ें ।
SOP Kya Hai?
जब भी आप किसी बड़ी कंपनी या फिर संस्था को देखते होंगे तो आपके मन में सवाल जरूर आता होगा कि इसे चलाने के लिए किस तरह का कार्य करना पड़ता है परंतु आपको बताते चलें कि जितनी बड़ी संस्था या कंपनी होती है उसमें SOP (एसओपी) का कार्य उतना ही ज्यादा होता है किसी सामग्री की गुणवत्ता तथा उसके बनावट हेमंत संगठन के अंदर कर्मचारियों के कार्य करने की क्षमता उनकी प्रक्रिया के मानक को SOP के द्वारा ही किया जाता है
यह एक प्रकार का लिखित दस्तावेज होता है जिसमें कंपनी की कार्यशैली को उल्लेखित किया जाता है तथा उसमें समय-समय पर कुछ बदलाव भी किए जाते हैं यदि सरल भाषा में कहें तो यह एक प्रकार का कंपनी कानून होता है जिसके अंतर्गत कंपनी एवं संगठन को चलाने का पूरा तरीका लिखित तौर पर मौजूद होता है जिसका पालन सभी कर्मचारी गण एवं कंपनी के सभी विशेष पद पर बैठे व्यक्तियों के द्वारा किया जाता है।
एसओपी का फुल फॉर्म
जैसा कि उपरोक्त बताए गए हैं की किसी भी कंपनी या निजी संस्था को चलाने के लिए एवं कर्मचारियों की कार्यशैली को बढ़ाने के लिए एक प्रकार के लिखित दस्तावेज तैयार किए जाते हैं जिससे SOP कहते हैं जिस का फुल फॉर्म Standard Operating Procedure (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) होता है
SOP का कार्य:
जैसा कि इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं की SOP का निर्माण खासतौर पर उन कंपनियों एवं संस्थाओं की होता है जहां पर कर्मचारी गणों का ज्यादा कार्य होता है। एसओपी में कार्य करने की सभी प्रक्रियाएं एवं कंपनी में उन्हें कैसे सुचारू रूप से किया जाए वह सभी दस्तावेजों के साथ सम्मिलित होते हैं जिसको पढ़ कर समझ कर कोई भी कर्मचारी उसे आसानी से कर सकता है इसमें सभी गतिविधियों को एक व्यवस्थित तौर पर दर्ज किया जाता है तथा उसका कुछ मानक तय किया जाता है जिसके अंतर्गत सभी कर्मचारियों को कार्य करना होता है और यही इसके कार्य करने का तरीका होता है इसमें बहुत से ऐसे कार्यों का सुझाव दिया जाता है जिसके द्वारा कार्य को और भी आसान किया जा सके।
SOP(एसओपी) का उद्देश:
किसी भी कंपनी एवं संस्था या संगठन में Standard Operating Procedure का निर्माण करने का यही उद्देश होता है कि कंपनी के भीतर कार्यशैली एवं गतिविधियों में किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न ना हो यदि कोई समस्या ऐसी आती है तो इसको SOP माध्यम से उसे हल किया जा सके तथा उसमें काम करने वाले कर्मचारी गणों को एक निर्धारित समय सीमा के हिसाब से कार्य को कराया जा सके उसके साथ साथ कंपनी के अंतर्गत बनने वाले सामग्रियों को उनकी गुणवत्ता के हिसाब से प्रदर्शित किया जा सके यह सभी बातें SOP को बनाने का मुख्य उद्देश्य मानी जाती है जिसके द्वारा कंपनी एवं कर्मचारियों को किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े।
एसओपी(SOP) की विशेषताएं:
जैसा कि मालूम पड़ा है कि किसी भी कंपनी में यदि एसओपी को बनाने की आवश्यकता पड़ रही है तो जाहिर तौर पर यह समझ में आता है कि इसकी कुछ ना कुछ विशेषताएं हैं तभी या किसी कंपनी में मुख्य तौर पर इस्तेमाल में लाई जाती है निम्नलिखित की कुछ विशेषताएं हम आपको बता रहे हैं:
- SOP के अंतर्गत किसी कार्य को करने के लिए उसे कार्य करने का तरीका पूरी तौर पर प्रदर्शित किया जाता है जिसके द्वारा यदि कोई नया कर्मचारी कंपनी में जुड़ता है तो वह उसे पढ़कर उस कार्य को आसानी से कर लेता है।
- SOP को मैनुअली बदला जा सकता है यदि उसके कार्य करने में कोई रुकावट आती है तो इसे कॉपी बनाने वाली के द्वारा इसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है।
- किसी भी कार्य को करने के लिए किसी अन्य कर्मचारियों को उसे सिखाने के आ सकता नहीं पड़ती है एसओपी के माध्यम से वह आसानी पूर्वक उस कार्य को करके उस कार्य के विशेषक बन सकते हैं।
- SOP के माध्यम से किसी भी कार्य को करने में कोई गलतियां सामने नहीं आती है इससे कार्य करने में निखरता आती है।