What Is Third Party Insurance और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है एवं Type Of Vahicals Insurance व प्रीमियम कैलकुलेट कैसे करे
वैसे तो हम सभी लोग जानते हैं कि जब कोई भी व्यक्ति बाइक, कार या फिर अन्य वाहन खरीदने जाते हैं तो उस वाहन का इंश्योरेंस जरूर करवाते हैं क्योंकि यही इंश्योरेंस हमें आने वाली परेशानियों जैसे आकस्मिक देनदारी और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सहायता करता है। बिना बीमे के गाड़ी चलाना कानूनन अपराध है यह बात सभी लोग बहुत अच्छे से जानते हैं इसीलिए सरकार द्वारा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य किया गया है। चलिए फिर आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से Third Party Insurance क्या है और इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको प्रदान करेंगे। अभी भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें वाहन बीमा के बारे में सही तरीके से संपूर्ण जानकारी नहीं होती है यदि आप भी वाहन बीमा के बारे में नहीं जानते तो आप हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें
वाहन बीमा क्या है (थर्ड पार्टी इंश्योरेंस)
अब हम आपको बहुत ही आसान और सरल भाषा में बताएंगे कि वाहन बीमा क्या है? जब हम कोई वाहन खरीदने जाते हैं तो आपके और किसी इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा किया जाता है। जिसमें कानूनी तौर पर एक एग्रीमेंट साइन किया जाता है जिसमें आप जो प्रीमियम भरते हैं उसके बदले इंश्योरेंस कंपनी आपके वाहन के साथ होने बाली दुर्घटना की स्थिति में आप के नुकसान की भरपाई करती है। इंश्योरेंस कंपनी इस बीमे के माध्यम से आपको लायबिलिटी और मेडिकल कवरेज की सुविधा प्रदान करती है।
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Third Party Insurance
सबसे पहले हम आपको बताएंगे के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है? थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2018 से सभी नए वाहन की खरीद पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया गया है। यह बीमा 5 साल के लिए किया जाएगा। आज भी बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपने नए वाहन के 1 साल के बाद भी इंश्योरेंस नहीं कराते इसीलिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को 5 साल के समय के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य किया गया है। अगर किसी ने व्हीकल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं करवा रखा है तो पकड़े जाने पर 2000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
वाहन बीमा में थर्ड पार्टी उस कहते हैं जिसमें गाड़ी के मालिक और कंपनी के मालिक के बजाय उस व्यक्ति को देनदारी दी जाती है जिसका नुकसान होता है। फर्स्ट पार्टी गाड़ी का मालिक होता है और सेकंड पार्टी वे होता है जो इसे जारी करता है। कानूनी तौर पर अब आप थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बिना वाहन नहीं चला सकते। इस बीमा की रकम से जिस व्यक्ति का नुकसान या उसकी संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाती है।
Type Of Vahicals Insurance
भारत में वाहन बीमा दो प्रकार के होते हैं
फुल टाइम बीमा
फुल टाइम बीमा उसे कहते हैं जिसमें वाहन द्वारा होने वाली दुर्घटना में संपूर्ण क्षति होने पर उसकी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है जैसे ऐक्सिडेंट मैं होने वाले वाहन के ड्राइवर उस वाहन में बैठे लोग दूसरे वाहन में बैठे लोग वाहन की मरम्मत हाथी इन सभी की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा ही की जाती है।
थर्ड पार्टी बीमा
जैसे कि हमने अभी आपको बताया कि थर्ड पार्टी वाहन का मालिक और बीमा कंपनी के अलावा तीसरे पक्ष को होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है।दुर्घटना के समय यदि तीसरे परिचय की मृत्यु अथवा घायल हो जाता है | तो बीमा कंपनी उसे मुआवजा प्रदान करती है। जिसे सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया। थर्ड पार्टी बीमे का लाभ ना तो इंश्योरेंस करने वाले व्यक्ति को मिलता है और ना ही इंश्योरेंस कराने वाले व्यक्ति को मिलता है बल्कि इसका लाभ उस व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जिसकी संपत्ति का नुकसान होता है।
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Benefits Of Third Party Insurance
- माना की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में बीमा कराने वाले व्यक्तियों को लाभ नहीं मिलता लेकिन किसी प्रकार की दुर्घटना या नुकसान हो जाने पर उस व्यक्ति को बचाता है।
- यदि आपसे कितना ही बड़ा नुकसान क्यों ना हो जाए अगर आपने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करा रखा है तो आपके द्वारा हुआ करोड़ों का नुकसान भी बीमा कंपनी द्वारा किया जाएगा।
- यदिकिसी हादसे की स्थिति में क्षतिग्रस्त व्यक्ति उसकी संपत्ति के लिए वाहन के मालिक को देनदारी देनी होती है लेकिन यह इंश्योरेंस आपको बहुत सारी समस्याओं से बचाता है।
- थर्ड पार्टी बीमे का लाभ बीमा कराने वाले व्यक्ति को नहीं मिलता और ना ही करने वाले व्यक्ति को मिलता है बल्कि उस तीसरे व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जिसकी संपत्ति का नुकसान होता है।
premium Of Third Party Vehicle Insurance
भारती बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण आईआरडीए द्वारा Third Party Insurance के प्रीमियम का शुल्क तय किया जाता है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा 1 रेट सूची भी जारी की जाती है। जिसके अनुसार ही इंश्योरेंस कंपनियां बीमा प्रीमियम का निर्धारण करते हैं। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम में 21 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए नई दरें 16 जून से लागू हो गई हैं।
कार के लिए
- 1000 सीसी से कम क्षमता वाली कार के लिए 2072 रुपए
- 1000 सीसी से 1500 सीसी क्षमता वाली कार के लिए 3221 रुपए
- 1500 सीसी से अधिक क्षमता वाली कार के लिए 7890 रुपए
दो पहिया वाहन के लिए
- 75 cc से कम क्षमता वाले दो पहिया वाहन के लिए 482 रूपय
- 75 cc से 150cc तक के दो पहिया वाहन के लिए 752 रुपए
- 150cc से 350 सीसी तक के दो पहिया वाहन के लिए 1193 रुपए
- 350 सीसी से ऊपर दो पहिया वाहन के लिए 2323 रुपए
डाला , टैक्सी , ट्रक आदि के लिए
- 1000 सीसी से कम क्षमता वाले वाहन के लिए 5437 रूपय
- 1000 सीसी से 1500 CC वाहन के लिए 7147 रूपय
- 1500 CC से अधिक क्षमता वाले वाहन के लिए 9472 रुपए
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत आने वाली देनदारी
थर्ड पार्टी बीना के अंतर्गत भारतीय संविधान के अनुसार एक्सीडेंट में होने वाली शारीरिक और संपत्ति के नुकसान का अच्छा न्यूनतम मूल्य वाहन के मालिक को चुकाना होगा। जो इस प्रकार हैं –
शारीरिक क्षेत्र के लिए देनदारी
यदि किसी व्यक्ति ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराया है और उससे इस बीमे के अंतर्गत कोई दुर्घटना में थर्ड पार्टी को शारीरिक क्षति पहुंचती है तो उसका मुआवजा बीमा कंपनी भर्ती है जिसमें हॉस्पिटल का बिल उसकी संपत्ति का नुकसान और अन्य परेशानियों का खर्चा भी शामिल है।
संपत्ति की क्षति के लिए देनदारी
इस बीमे के अंतर्गत यदि थर्ड पार्टी की संपत्ति का नुकसान होता है तो उसकी भरपाई भी बीमा कंपनी द्वारा की जाती है ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस बीमे के अंतर्गत केवल दुर्घटना में हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई ही बीमा कंपनी द्वारा की जाएगी।