New Education Policy Kya Hoti Hai और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2024 प्रमुख बिंदु, दी जाने वाली सुविधाएं, नियम व लक्ष्य क्या है जाने हिंदी में
हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव लाया है जोकि ISRO प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में किया गया और इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भारत में आवश्यकता भी देखने को मिल रही थी ऐसे में या बदलाव एक नए संकेत की तरफ इशारा भी करता है जो कि खासतौर से E-Learning Concept पर आधारित है जिसमें Nursery से लेकर Higher Education तक की नीतियों को जोड़कर देखा गया है और यह बदलाव काफी हद तक सही भी माना जा रहा है तो आइए आज हम इस Article के माध्यम से आपको नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 के बारे में विस्तार से बताते हैं तथा उसके साथ ही साथ इस New Education Policy के कुछ नियम जो बनाए गए हैं उसके बारे में भी चर्चा करते हैं।
New Education Policy Kya Hai?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा ही स्कूलों एवं कॉलेजों में शिक्षा की तैयारी को व्यवस्थित किया जाता है और हाल ही में भारत सरकार के द्वारा New Education Policy 2020 आरंंभी की गई जिसमें काफी ज्यादा बदलाव भी देखने को मिला है इस नई शिक्षा नीति के द्वारा भारत को वैश्विक ज्ञान का भंडारण बनाने का संकल्प लिया गया है वर्तमान समय में इस New Education Policy के द्वारा साल 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% संपूर्ण विद्यालयों में शिक्षा का सार्वभौमीकरण भी किया जाएगा हालांकि पहले की शिक्षा नीति में 10+2 का Pattern चलता आ रहा था लेकिन इस नई शिक्षा नीति के द्वारा 5+3+3+4 का पैटर्न लागू हो चुका है
इस New Education Policy के माध्यम से सभी वर्ग के लोगों को एक समान शिक्षा मुहैया कराने का भी समीकरण तैयार किया गया है और इसके साथ ही साथ मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
National Education Policy 2024 का उद्देश्य क्या है
भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जो मुख्य उद्देश्य है वह देश की शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाने की है जिससे भारत महान राष्ट्रीय ज्ञान शक्ति बन सके और इसके द्वारा शिक्षा का सार्वभौमीकरण भी किया जा सके वर्तमान समय में पुरानी शिक्षा नीति में केंद्र सरकार ने काफी ज्यादा संशोधन किए हैं जिससे कि देश में शिक्षा के स्तर की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलेगा और सभी छात्र छात्राएं अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे इसके साथ ही साथ New Education Policy को शुरू करने से पहले यह भी ध्यान केंद्रित किया गया की इस नीति के माध्यम से एनसीसी को कक्षा के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए और सभी को एक ट्रेनिंग के समान एनसीसी की तैयारी कराने का भी अवसर प्रदान किया जाए जिससे कि उन्हें एक व्यवस्थित तौर पर स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा सके।
New Education Policy से संबंधित कुछ विशेष जानकारी
योजना | नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2024 |
शुरुवात | 2019 |
अध्यक्षता | इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन |
मंत्रालय | शिक्षा मंत्रालय |
लाभार्थी | देश के सभी छात्र छात्राओं को |
उद्देश | शिक्षा का सार्वभौमीकरण करना है और भारत को वैश्विक ज्ञान का महाशक्ति बनाना |
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कुछ सिद्धांत
New Education Policy को जब धरातल पर लागू किया गया तो इसके कुछ सिद्धांत भी बनाए गए जिसके बारे में हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।
- स्कूलों एवं कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों की क्षमता में विकास करने एवं उसकी पहचान करना
- पिछड़े इलाकों में साक्षरता पर विशेष ध्यान देना एवं बच्चों की में शिक्षा के विकास की भावना उत्पन्न करना
- देश में शिक्षा प्रणाली को लचीला बनाना
- मुख्य तौर पर शिक्षा प्रणाली में सार्वजनिक निवेश करना
- देश की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण प्रदान करना
- देश की संस्कृति को बच्चों तक व्यवस्थित रूप से पहुंचाना
- उच्च स्तर का शोध कार्य करना
- छात्र-छात्राओं को सुशासन का कार्य सिखाना एवं सशक्तिकरण कराना
- देश में शिक्षा की नीति को एक समान रूप से पारदर्शी बनाना
- परीक्षाओं में मूल्यांकन पर जोर देना
- विभिन्न प्रकार की भाषाओं का ज्ञान प्रदान करना
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विवरण
- इस New Education Policy के द्वारा शिक्षकों के लिए व्यवसायिक विकास अनिवार्य किया गया है तथा इसके साथ ही साथ दीक्षा प्लेटफार्म पर 50 घंटे का Modules भी लॉन्च किया गया जिसके अंतर्गत 4 से 5 घंटे के 18 Modules उपलब्ध होंगे।
- हाल ही में शिक्षा मंत्रालय के द्वारा राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत Foundation Literacy & Numeracy Mission को व्यवस्थित तौर पर मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
- केंद्र सरकार के द्वारा दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से E-Learning व्यवस्था का काफी ज्यादा विस्तार किया गया है जिसमें छात्रों को एक कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
- New Education Policy के अंतर्गत छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखकर इनिशिएटिव लॉन्च करने का कार्य किया जाएगा उसका नाम मनु दर्पण रखा गया है जिसमें छात्रों को परामर्श और भावनात्मक सहायता प्रदान करने का कार्य किया जाएगा जोकि Toll Free Number, Online Chat आदि के माध्यम से छात्र कर सकेंगे।
- भारत के राज्य भाषाओं को एक संकेतिक भाषा के तौर पर शब्दकोश तैयार करने का कार किया जाएगा जो कि NCERT के द्वारा होगा
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत TET में बदलाव
देश में शिक्षकों की गुणवत्ता के स्तर को सुधारने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव करके अब शिक्षक पात्रता परीक्षा(TET) में भी बदलाव किया गया है जैसा कि हम जानते हैं कि टीईटी की जो परीक्षा होती थी वह दो भागों में बटी होती थी जो कि अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था को चार भागों में बांट दिया गया है जिसे फाउंडेशन प्रिपेरेटरी मिडिल और सेकेंडरी के नाम से जाना जाता है अब से इसी के आधार पर टीटी का भी पैटर्न सेट होगा जिसमें भर्ती के समय TET या संबंधित Subject में टेस्ट में प्राप्त स्कूल को भी चेक किया जाएगा जो कि सभी परीक्षाएं एक कॉमन एप्टिट्यूड टेस्ट के द्वारा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) के द्वारा होगी।
5+3+3+4 का स्कूली पाठ्यक्रम तैयार करना
वर्तमान समय में स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को भी बदलकर नई शिक्षा नीति में जोड़ दिया गया है जो कि पहले 10+2 जो शिक्षा नीति होती थी वह आप 5+3+3+4 के स्कूली पाठ्यक्रम के आधार पर विकसित की जाएगी जिसमें 3 से 8,8 से 11,11 से 14 तथा 14 से 18 वर्ष तक की उम्र के छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाएगी जिसमें पहले भाग में प्री स्कूल छात्रों को जो कि 3 साल तक के होंगे उन्हें प्राथमिक स्कूल की पहली एवं दूसरी कक्षा तक में पढ़ाया जाएगा तथा उसके बाद कक्षा 3 से 5 कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे शामिल किए जाएंगे इस नई शिक्षा नीति के द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम को बदलने का जो मुख्य उद्देश्य था उसमें विद्यार्थियों का समग्र विकास करने के लिए बनाया गया है।
New National Education Policy के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के प्रमुख बिंदु
- जिस भी स्कूल में मिड डे मिल की घोषणा की जाएगी उच्च विद्यालय को यह सूचित जरूर करना पड़ेगा कि उसकी गुणवत्ता ठीक है या नहीं तथा इसके साथ ही साथ बच्चों को घर से लंच बॉक्स लाने की आवश्यकता ना पड़े।
- विद्यालय के द्वारा ही बच्चों को पानी एवं खानपान की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- विद्यालय में बच्चों के बैग के वज़न को लेकर खासतौर से दिशा निर्देश दिए गए हैं की कक्षा का Time Table इस प्रकार से बनाया जाए जिसमें बच्चों को सभी किताबों को ना लेकर आना पड़े जिससे उनके बैग का वजन भी कम रहे।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत खासतौर से छोटे बच्चों को होमवर्क ना देने का प्रावधान भी रखा गया जिसमें विशेष तौर पर कक्षा एक एवं दो तक के बच्चों को किसी भी प्रकार का कोई होमवर्क नहीं दिया जाएगा क्योंकि ये आयु में छोटे होते हैं और यह एक जगह काफी देर तक नहीं बैठ सकते।
- वही कक्षा तीसरी चौथी और पांचवी के बच्चों को 1 हफ्ते में सिर्फ 2 घंटे का ही होमवर्क प्रदान किया जाएगा और कक्षा छठी से लेकर आठवीं तक के बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे होमवर्क देने का कार्य किया जाएगा और नवमी और 12वीं क्लास के बच्चों को प्रतिदिन 2 घंटे होमगार्ड देने का कार्य किया जाएगा यही इस New Education Policy में प्रावधान किया गया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कुछ महत्वपूर्ण नियम
New Education Policy के द्वारा कुछ ऐसे महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं जिसके द्वारा ही अब से देश भर में छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाएगी जो कि निम्नलिखित है।
- मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय जो है वह अब से शिक्षा मंत्रालय के नाम से ही प्रयोग में लाया जाएगा।
- National Education Policy के द्वारा संपूर्ण शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा जिसमें Medical और Law की पढ़ाई को छोड़कर सभी पढ़ाई को शामिल किया गया है।
- जैसे कि आपको पता है कि पहले पढ़ाई का जो पैटर्न था वह 10+2 था जिसे इस नई शिक्षा नीति के तहत बदलकर 5+3+3+4 का पैटर्न कर दिया गया है जिसके अंतर्गत 12 साल की स्कूली शिक्षा तथा 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- छात्रों को कक्षा 6 के बाद व्यवसायिक प्रशिक्षण इंटरशिप प्रदान की जाएगी।
- पांचवी कक्षा तक के सभी छात्रों को शिक्षा उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में प्रदान की जाएगी।
- पहले छात्र Science,Commerce तथा Art विश्व के साथ अलग-अलग क्षेत्र में पढ़ाई करते थे परंतु अब इस New Education Policy के माध्यम से छात्र को एक ही क्लास में सभी विषयों के बारे में पढ़ा जा सकेगा जैसे कि छात्र Math के साथ Account या Physics आसानी से पढ़ सकेंगे।
- छठी कक्षा के छात्रों को Coding भी सिखाने का प्रावधान रखा गया है।
- सभी विद्यालयों में Digital करण किया जाएगा जिससे बच्चों को डिजिटली तौर पर पढ़ाया जा सके।
- जितने भी Subject हैं उन सभी को क्षेत्रीय भाषा में Translate करके छात्रों को पढ़ाने का कार्य किया जाएगा।
- सभी विद्यालयों में Virtual Live व्यवस्थित रूप से Develop की जाएंगी।