Import Export Kya Hota Hai और इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस कैसे शुरू करें एवं आयात निर्यात व्यापार कैसे करे व बिज़नेस रजिस्ट्रेशन फीस क्या है
आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से एक्सपोर्ट इंपोर्ट बिजनेस के बारे में बताने वाले हैं क्योंकि बहुत सारे लोगों को एक्सपोर्ट इंपोर्ट की ज्यादा जानकारी नहीं होती है। प्राचीन समय से ही हमारे देश में आयात और निर्यात का आगमन चलता आ रहा है। जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि हमारे भारत देश में बहुत सी चीजें ऐसी हैं जो बाहर मुल्कों में बहुत ज्यादा पसंद की जाती हैं और बहुत सारी बाहरी चीजें हमारे मुल्क में भी पसंद करते हैं। इसी तरह से एक दूसरे की चीजों की पूर्ति करने को ही आयात निर्यात कहा जाता है। तो चलिए फिर आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से आयात निर्यात से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं।
यदि आप में से अगर कोई Import Export बिजनेस स्टार्ट करना चाहता है तो हमारे इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि हमारे द्वारा प्रदान की गई जानकारी आपके लिए काफी हेल्पफुल हो सकती है।
एक्सपोर्ट क्या है?
एक्सपोर्ट एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसे हिंदी में निर्यात कहा जाता है। जब हमारे भारत देश से कोई भी वस्तु किसी बाहरी मुल्क जाती है तो उसे एक्सपोर्ट कहा जाता है। भारत के लिए एक्सपोर्ट करना बहुत ही लाभकारी होता है क्योंकि हमारे भारत देश में बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जिन्हें बाहरी मुल्कों में बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है और दुगने दामों पर खरीदा भी जाता है।
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इंपोर्ट क्या है ?
इंपोर्ट एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसे हिंदी में आयात कहते हैं। भारत में किसी भी दूसरे देश से किसी भी प्रकार की वस्तु को खरीदना ही आयात कहलाता है। बहुत ही आसान और सरल भाषा में कहें तो किसी दूसरे देश से अपनी जरूरत की चीज मंगाना या खरीदना आयात कहलाता है। कभी कभी हमारे सामने ऐसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं कि हमें बाहरी देशों से वस्तुएं मंगानी पर जाती हैं। सभी प्रतिक्रियाएं आयात ही कहलाती हैं।
आयात निर्यात बिज़नेस रजिस्ट्रेशन फीस
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि आयात और निर्यात दो देशों के बीच होने वाला व्यापार है जो एक कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत आता है। यदि आप अपना एक्सपोर्ट इंपोर्ट बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा जिसके लिए आपको कुछ चार्ज भी देना होता है जिसके बाद ही आप एक्सपोर्ट इंपोर्ट बिजनेस शुरू कर सकते हैं। एक्सपोर्टर या इंपोर्टर के रूप में भारत सरकार से मान्यता प्राप्त करनें के लिए इंपोर्टर एक्सपोर्टर कोड अर्थात आईईसी लेना आवश्यक होता है | आप इंपोर्टर एक्सपोर्टर कोड (IEC) विदेश व्यापार महानिदेशालय, नई दिल्ली से 1,000 रुपये की ऐप्लिकेशन फीस देकर प्राप्त कर सकते है | हालाँकि आप चाहे तो आईईसी का फॉर्म वाणिज्य और अधोग मंत्रालय की ऑफिसियल वेबसाइट पर ऑनलाइन माध्यम से भर सकते है।
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आयात निर्यात व्यापार के लिए पंजीकरण
एमएसएमई के अंतर्गत पंजीकरण
- इस समय भारत सरकार ने किसी भी व्यापार के लिए एमएसएमई के अंतर्गत पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है।
- इसके अलावा उद्योग आधार की सहायता से भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
- उद्योग आधार की सहायता से महज 5 मिनट के अन्दर ऑनलाइन अपना व्यापार भारत सरकार के अधीन पंजीकृत कराया जा सकता है।
शॉप एक्ट रजिस्ट्रेशन
- यदि आप किसी कारपोरेशन इलाके में रहते हुए अपना इम्पोर्ट- एक्सपोर्ट का व्यापार करते हैं, तो आपको शॉप एक्ट रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत भी अपना व्यापार पंजीकृत कराने की आवश्यकता होती है।
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
- यदि आप किसी ग्रामीण क्षेत्र से यह व्यापार करते हैं, तो यह पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
- व्यापारी को ग्राम पंचायत की तरफ से एक एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता है।
आईई कोड
- आईई कोड का फुल फॉर्म इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड होता है। अतः इसके नाम से ही यह समझा जा सकता है कि इस व्यापार के लिए ये कितना महत्वपूर्ण है।
- यह कोड भारत सरकार के फॉरेन ट्रेड मंत्रालय से प्राप्त होता है।
- अतः इसके लिए वहाँ पर आवेदन देने की आवश्यक्त होती है।
- यह कार्य किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से भी 2000 रुपए के अन्दर हो सकता है।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन
- भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान रखते हुए जीएसटी टैक्स सिस्टम का आरम्भ किया है।
- इम्पोर्ट एक्सपोर्ट के व्यापार के लिए इसके अंतर्गत पंजीकरण कराना भी अनिवार्य है।
- इस पंजीकरण के लिए भी किसी सीए की मदद ली जा सकती है।
इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिज़नेस शुरू करने की प्रक्रिया
वैसे तो पंजीकरण कराने के लिए कई कम्पनियाँ भी हैं, जिनके द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। लेकिन हम यहाँ पर एक ऑनलाइन वेबसाइट का नाम से रहे हैं जिसके द्वारा आपको पंजीकरण कराने में मदद प्राप्त हो सकती है |
ट्रेड व्यापार
Trend Business बिज़नेस के के माध्यम से लोग विदेशों में बिकने वाली सस्ती चीजें अपने देश में लाकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं और खूब मुनाफा कमाते हैं। यह आयात निर्यात की प्रक्रिया द्वारा होता है। इस प्रक्रिया को अलग-अलग देशों में अलग-अलग वेबसाइट पर किया जाता है। जिसके माध्यम से कोई भी दूसरा देश का व्यक्ति अपने देश में सामान मंगवा सकता है और लाभ कमा सकता है। जिस भी देश से आयात निर्यात करना चाहते हैं आप उस देश की वेबसाइट पर जाकर अपनी आवश्यकता के अनुसार क्वेरी डाल सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपके द्वारा क्वेरी डालने के बाद आपको उस तरफ से लगभग 15- 20 कोटेशन प्राप्त होते हैं।
ट्रेड व्यापार की प्रक्रिया
- वेबसाइट के द्वारा आपको कोटेशन प्राप्त हो जाने के बाद आप किसी कंपनी को ट्रेड के लिए चुन सकते हैं।
- कंपनी को चुन लेने के बाद उस कंपनी के द्वारा आपके सभी प्रश्नों के जवाब दिए जायेंगे। इसके बाद किसी कोटेशन को ट्रेड के लिए चुन लेना होता है।
- कंपनी का चयन कर लेने के बाद आपको इस कंपनी को ईमेल के जरिये एक फॉर्म के द्वारा डिलेवरी आर्डर अथवा डिस्पैच आर्डर देना होता है।
- इसके उपरान्त आपको चयनित कंपनी को अपने फर्म की जानकारियाँ भेजनी होती है। कुल लागत के आधा पैसा भेजने के बाद आपका आर्डर अप्प्रूव हो जाता है।
- इसके बाद आपसे चीनी कम्पनी द्वारा ये पूछा जाता है कि लोजिस्टिक फर्म आपका होगा या आर्डर भेजने वाले का होगा।इस समय अपने देश का फर्म जैसे कोलकाता, चेन्नई, महाराष्ट्र आदि बंदरगाह चुनने की आवश्यकता होती है।
- यह आयात निर्यात पोर्ट से पोर्ट का होता है, अतः आपको किसी लोजिस्टिक फर्म को रेंट पर लेना होता है और उन्हें आयातित होने वाली वस्तुओं सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारियाँ देने की आवश्यकता होती है। इस समय जिस स्थान से वस्तु मंगवाई जा रही है, वहाँ की समस्त जानकारियाँ रखने की आवश्यकता होती है।
- ये लोजिस्टिक फर्म आपको आर्डर को आपके निजी स्थान तक लाने का भी कार्य कर देता है। ये फर्म कस्टम और ड्यूटी सम्बंधित सभी औपचारिकताएं और जीएसटी आदि पूरा करते हुए आपके गोडाउन तक सामान पहुंचा देता है।
- इसके उपरान्त एक बार आपके हाथ में लैंडिंग बिल आ जाने के बाद आप उस कंपनी की बाक़ी राशि का भुगतान कर देते हैं।
- इस तरह के व्यापार को इम्पोर्ट बिजनेस कहा जाता है।
आयात निर्यात में वस्तु का खर्च
यह खर्च कंटेनर के साइज पर डिपेंड करता है। इसके लिए आप 20 फीट का कंटेनर पोर्ट टू पोर्ट किराए पर ले सकते हैं। इस कंटेनर का किराया आपको चीन से भारत सामान मंगाने के लिए 500 से 700 डॉलर तक का हो सकता है। हालाँकि यह किराया विभिन्न देशों के लिए अलग अलग होता है। इस कंटेनर के हिसाब से आप अपना सामान निर्यात करा सकते हैं। आम तौर पर इस व्यापार को शुरू करने का कुल लागत 5 से 6 लाख रूपए तक की होती है। इसके अंतर्गत टैक्स आदि भी शामिल हैं।