BHMS Kya और इसकी फुल फॉर्म क्या होती है एवं बी.एच.एम.एस कैसे करे व डिग्री लेने के लिए बेस्ट कॉलेज कौन से है जाने हिंदी में
हैलो दोस्तों! आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से बी.एच.एम.एस डिग्री से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं। जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि आज के समय में ज्यादातर विद्यार्थी ज्यादातर उन क्षेत्रों का चुनाव करते हैं जहां पर करियर स्कोप ज्यादा अच्छा होता है इसी तरह बीएचएमएस डिग्री भी अपना करियर बनाने के लिए एक बहुत ही अच्छा स्कोप है। जो लोग होम्योपैथिक डॉक्टर बनने में रुचि रखते हैं या फिर भविष्य में होम्योपैथिक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो उनके लिए सबसे पहले BHMS डिग्री लेना आवश्यक होता है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बताना चाहेंगे कि भारत में एलोपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टर के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में होम्योपैथिक तीसरे नंबर पर आते हैं।
यदि अगर आप में से कोई होम्योपैथिक डॉक्टर बनना चाहता है तो उसके लिए आपको थोड़ा बहुत ज्ञान होना बेहद जरूरी है जैसे होम्योपैथिक डॉक्टर बनने के लिए योग्यता, सैलरी, परीक्षा पैटर्न आदि। इन सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारे इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि किसी भी क्षेत्र का चुनाव करने से पहले उसके बारे में जानकारी हासिल करना जरूरी होता है।
BHMS की फुलफॉर्म
सबसे पहले तो हम आपको बताते हैं कि बी.एच.एम.एस की फुल फॉर्म BACHELOR OF HOMEOPATHIC MEDICINE AND SURGERY होता है। यह एक तरह का अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है जिसमें आपको मेडिकल में होम्योपैथिक से जुड़े जानकारियों के बारे में शिक्षा दी जाते हैं। इस कोर्स में छात्रों को थियोरेटिकल पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिकल शिक्षा भी दी जाती है। इस कोर्स को करने में लगभग 5 साल का समय लगता है जिसमें से आपको 4 साल पढ़ाई करनी होती है और उसके बाद 1 साल की इंटर्नशिप दी जाती है। अगर आप 5 साल की यह डिग्री सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं तो आपके नाम के साथ होम्योपैथिक डॉक्टर शब्द जुड़ जाता है। इस कोर्स को करने में आपको लगभग 3 लाख से 5 लाख तक की फीस देनी होती है।इस प्रणाली में रोग का इलाज तरल पदार्थ और टेबलेट्स के माध्यम से होता है।
होम्योपैथिक दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और यह धीरे धीरे अपना कार्य करती है। क्योंकि होम्योपैथिक दवाइयां आपकी immune system पर काम करती है कहने का मतलब यह है की मरीज के रोग को ठीक करने में जो प्राकृतिक प्रणाली है उसको तेज करती है। इसीलिए होम्योपैथिक की दवाइयों में थोड़ा वक्त लगता है। इस कोर्स को करने में लगभग 5 साल का समय लगता है जिसमें प्रति वर्ष अलग-अलग विषय के अनुसार आपको पढाया जाता है। यह विषय कुछ इस प्रकार है-
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फर्स्ट ईयर
- मेडिसिन का अंग, होम्योपैथिक दर्शन और मनोविज्ञान के सिद्धांत
- एनाटॉमी, ऊतक विज्ञान और भ्रूणविज्ञान
- बायोकैमिस्ट्री सहित फिजियोलॉजी
- होम्योपैथिक फार्मेसी
- होम्योपैथिक मटेरिया मेडिकल
सेकेंड ईयर
- पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी जिसमें पारसीटोलॉजी बैक्टीरिया और वायरोलॉजी शामिल हैं
- फोरेंसिक मेडिसिन और विष विज्ञान
- मेडिसिन का सिद्धांत और होम्योपैथिक दर्शन के सिद्धांत
- होम्योपैथिक मटेरिया मेडिकल
- ईएनटी, आई डेंटल और होमो थैरेप्यूटिक्स सहित सर्जरी
- प्रसूति एवं स्त्री रोग शिशु देखभाल और होमो चिकित्सा विज्ञान
- मेडिसिन और होमो थैरेप्यूटिक्स का अभ्यास
थर्ड ईयर
- चिकित्सा और होमो चिकित्सीय का अभ्यास
- ईएनटी, नेत्र विज्ञान और दंत चिकित्सा और होमो चिकित्सा विज्ञान सहित सर्जरी
- प्रसूति और स्त्री रोग शिशु देखभाल और होमो चिकित्सा विज्ञान
- होम्योपैथिक मटेरिया मेडिकल
- ऑर्गन ऑफ मेडिसिन
फॉर्थ ईयर
- चिकित्सा और होमियो चिकित्सा विज्ञान का अभ्यास
- होम्योपैथिक मटेरिया मेडिकल
- ऑर्गन ऑफ मेडिसिन
- रिपर्टरी
- सामुदायिक चिकित्सा
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फिफ्थ एंड लास्ट ईयर
- पांचवे और आखरी साल में आपको इंटर्नशिप कराई जाती है। जिसमें आपने 4 साल में जो भी शिक्षा प्राप्त की है उनसे रिलेटेड सभी विषयों पर प्रेक्टिकल शामिल होते हैं।
BHMS Course के दौरान क्या क्या शिक्षा दी जाती है?
- बीएचएमएस कोर्स में छात्रों को होम्योपैथिक दवाई के बारे में सारी जानकारी विस्तार से दी जाती है।
- आपको होम्योपैथिक की दवाई के द्वारा रोगों का इलाज करना भी इसी कोर्स के माध्यम से सिखाया जाता है।
- इस course में आपको नेचुरल थेरेपी के द्वारा भी रोगों का इलाज करना सिखाया जाता है।
- बीएचएमएस कोर्स में आपको जड़ी बूटी और प्राकृतिक दवाइयों द्वारा इलाज करने का तरीका सिखाया जाता है।
- इस course में human anatomy, biochemistry, physiology, community health materia, medica, organ of medicine जैसे सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं।
बी.एच.एम.एस डिग्री के लिए आवश्यक योग्यता
- सबसे पहले तो आपको 10वी और 12वी परीक्षा भौतिकी, रसायन विज्ञान, और जीव विज्ञान विषय के साथ पढ़ाई करनी अनिवार्य है।
- उसके अलावा 50% अथवा इससे अधिक अंको के साथ पास करनी है उसके बाद आप यह डिग्री कर सकते हैं।
- इस डिग्री को लेने के लिए कम से कम आपकी आयु 17 वर्ष होनी अनिवार्य है।
- BHMS कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको NEET EXAM, PU CET, AP EAMCET, जैसे प्रवेश परीक्षा को देना होता है।
How To DO BHMS Course
- सबसे पहले आपको 10वीं परीक्षा अच्छे नंबर से पास करने के बाद 11वीं और 12वीं कक्षा में साइंस विषय का चुनाव कर के अच्छे नंबरों से पास होना है उसके बाद ही आप BHMS कोर्स कर सकते हैं।
- 12वीं कक्षा में आपको फिजिक्स केमिस्ट्री और साइंस विषय लेकर कम से कम 60% अंकों के साथ पास करनी होगी।
- मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए एक नेशनल लेवल की एग्जाम का आयोजन होता है जिसे नेशनल एलिजिबिलिटी इंट्रेंस टेस्ट कहा जाता है। जिसके माध्यम से आप देश के किसी भी प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं।
- इसके अलावा बहुत स्टेट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए कई सारी राज्य खुद की परीक्षा आयोजित कराती हैं। इसीलिए इस कोर्स में दाखिला (Admission) लेने के लिए आपको और इस परीक्षा देना अनिवार्य है ताकि आपको किसी अच्छे सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन मिल सके और आप वहां से अच्छे से BHMS course को कर सकें।
- इसलिए आपको बीएचएमएस कोर्स करने के लिए 12वीं परीक्षा से ही प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
- प्रवेश परीक्षाओं के लिए हर साल दिसंबर से जनवरी के महीने में आवेदन करना होता है और इनका आवेदन आप इनके ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर कर सकते हैं।
बी.एच.एम.एस डिग्री लेने के लिए बेस्ट कॉलेज
- Government Medical College Patiala
- Maharaja Institute of Medical Science
- Baba Farid University of Health science
- Maharashtra University of Health science
- Janardan Rai Nagar Rajasthan Vidyapeeth
- Punjab University
- Nehru Homoeopathic Medical College and Hospital
- Guru Gobind Singh Indraprastha University
- Dr NTR University of Health science
- Himachal Pradesh University
- Madhav University
बी.एच.एम.एस डिग्री प्राप्त करने के बाद कैरियर ऑप्शन
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि आजकल ज्यादातर लोग आयुर्वेदिक और अंग्रेजी दवाइयों से ज्यादा होम्योपैथिक दवाइयां ज्यादा उपयोग में ला रहे हैं क्योंकि होम्योपैथिक दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता जिस तरह से और दवाइयों का होता है। होम्योपैथिक दवाइयों का एक मुख्य फायदा यह है कि यह दवाइयां हमारी इम्यूनिटी सिस्टम पर कार्य करती है और यह नेचुरल तरीके से हमारे रोगों का इलाज करती हैं। यह कोर्स करने के बाद आपको इन पोस्ट पर जॉब मिल सकती हैं जैसे कि
- Homeopathic Doctor
- Consultant
- Pharmacist
- Public Health specialist
- private practice
- researchers
- teachers
BHMS डिग्री के बाद इन जॉब सेक्टर में कार्य कर सकते हैं।
- clinic
- private and government hospital
- charitable Institute
- consultancy Homeopathic Medical Store
- medical colleges
- pharmacy
- Research Institute
- state dispensaries
- training institutes
बीएचएमएस डिग्री प्राप्त करने के बाद आपको कितनी सेलरी मिलती है?
दोस्तों अगर कोई विद्यार्थी बीएचएमएस कोर्स करने के बाद सफलतापूर्वक डिग्री प्राप्त कर लेता है तो वह किसी भी प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र में डॉक्टर के रूप में जॉब कर सकता है जिसके लिए उसे प्राइवेट फ़ील्ड में शुरुआती तौर पर प्रतिमाह 25 से 35 हजार रुपए तक की सेलरी मिलती है और सरकारी क्षेत्र में 30,000 से 60,000 रूपए प्रति माह सैलरी मिल सकती है। इसके अलावा आप अपना खुद का हॉस्पिटल या डिस्पेंसरी खोल सकता है और अच्छा पैसा कमा सकता है।