Inverter Kya Hai?- इन्वर्टर का क्या काम है और ये कितने प्रकार के होते है

Inverter Kya Hai और इन्वर्टर का क्या काम है एवं इसके प्रकार व कीमत क्या होती है तथा यह कैसे कार्य करता है जाने हिंदी में

कभी-कभी जब ऑफिस से आप थके हारे घर पर आते हैं और चाहते हैं कि अब हम आराम करेंगे ऐसे में अचानक से लाइट चली जाए तो ऐसी स्थिति में लोग बहुत परेशान हो जाते हैं क्योंकि लाइट के जाते ही घर के पंखे लाइट तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल हम नहीं कर पाते। यदि आप बिजली के जाने के बाद भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इनवर्टर लगवाना होगा। तो चलिए दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से Inverter क्या है इन्वर्टर का क्या काम है और यह कितने प्रकार के होते हैं जैसे संपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। कृपया आर्टिकल को विस्तार से पढ़ें।

इन्वर्टर क्या है?

इनवर्टर एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसके माध्यम से डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिंग करंट और अल्टरनेटर करंट को डायरेक्ट करंट में बदला जाता है सरल भाषा में बात की तो अगर घर से लाइट चली जाती है तो घर की में लाइट कट जाने पर इस बिजली का आसानी से उपयोग किया जा सकता है। बिजली का उपयोग आप इन्वर्टर की बैटरी से आसानी से कर सकते हैं। इनवर्टर के माध्यम से आप घर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि पंखा लाइट टीवी आदि बिजली के जाने के बाद भी इनका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। इनवर्टर को चलाने के लिए सबसे पहले बिजली से इनवर्टर की बैटरी को चार्ज किया जाता है। इनवर्टर की बैटरी उसका पावर सोर्स होती हैं, अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा की Inverter Kya Hai |

Inverter Kya Hai
Inverter Kya Hai

इन्वर्टर क्यों जरूरी है?

जैसे की हम सब जानते हैं कि अक्सर हमारे घरों की बिजली गुल रहती है ऐसे में बिजली से चलने वाले उपकरण भी बंद हो जाते हैं और हमें घरों में लाइट पाने के लिए इमरजेंसी लाइट या फिर मोमबत्तियां का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसे में अगर हम चाहते हैं कि बिजली कट जाने के बाद भी घर में पंखा लाइट या अन्य जरूरी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चल सके तो इसी के लिए हमें इनवर्टर खरीदने की जरूरत पड़ती है। इन्वर्टर के माध्यम से वह सभी जरूरी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चल सकते हैं जिसका उपयोग काफी जरूरी होता है।

इनवर्टर के कितने भाग होते हैं?

इनवर्टर के कुल 2 भाग होते हैं, तो चलिए दोस्तों जानते हैं इनवर्टर के दोनों भागों के बारे में

Battery 

बैटरी किसी भी इनवर्टर का पावर सोर्स होती है इनवर्टर से जो बिजली आपको प्राप्त होती है उसके लिए बैटरी एक बहुत ज्यादा जरूरी उपकरण है आपको अपने घर के लोग के हिसाब से बैटरी खरीदनी होती है।

UPS 

यूपीएस का काम होता है कि बैटरी के डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटर पावर सप्लाई में बदलना। और अल्टरनेटिव करंट को डायरेक्ट करंट में बदलना। सरल शब्दों में कहा जाए तो यूपीएस का काम बिजली की अनुपस्थिति में बैटरी के सप्लाई को बिजली सप्लाई में बदलना होता है। आपको अपने बैटरी के एंपियर के हिसाब से ही यूपीएस खरीदना पड़ता है। यूपीएस के फुल फॉर्म होती है Uninterruptible Power Supply तथा इसे हिंदी में अबाधित विद्युत आपूर्ति कहते हैं।

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इनवर्टर कितने प्रकार के होते हैं?

दोस्तों आपको बता दें कि इन्वर्टर के तो प्रकार होते हैं पहला पावर इनवर्टर और दूसरा सोलर इनवर्टर

पावर इनवर्टर

  • Modified Sine Wave Inverter: मॉडिफाइड साइन वेव इनवर्टर की बात की जाए तो यह बहुत सिंपल और सस्ता इनवर्टर होता है। और इसके कार्य क्षमता भी सही नहीं होती। कम सर्किट इस्तेमाल होने की वजह से यह इनवर्टर ज्यादा बिजली और बैटरी की खपत करता है
  • Pure Sine Wave Inverter: प्योर साइन वेव इनवर्टर अच्छी क्वालिटी का इनवर्टर होता है जिसमें बहुत सारे प्रकार के सर्किट लगाए जाते हैं यह इन्वर्टर थोड़ा महंगा होता है। इसके कार्य क्षमता भी बहुत बेहतरीन होती है और काम करने के दौरान यह कम से कम ऊर्जा की खपत करता है।

सोलर इनवर्टर

सोलर इनवर्टर एक प्रकार का इनवर्टर होता है जिससे की बैटरी चार्ज करने के लिए सूर्य के किरणों का उपयोग किया जाता है। इसको चार्ज करने के लिए सोलर प्लेट की जरूरत होती है जो कि बहुत महंगी होती है। अगर आपके एरिया में बिजली बहुत ज्यादा समय तक घूम रहती है तो आप सोलर इनवर्टर खरीद सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको ज्यादा पैसा खर्च करना होगा क्योंकि इसके इस्तेमाल होने वाले सोलर प्लेट बहुत ही महंगे आते हैं।

इनवर्टर कैसे काम करता है?

इनवर्टर चार्जिंग और डिसचार्जिंग पर काम करता है। बिजली की अनुपस्थिति में बैटरी के एनर्जी का उपयोग करके उसे अल्टरनेटिव करंट सप्लाई में बदलता है और जब बिजली आ जाती है तब वह बैटरी को चार्ज करने लग जाता है।

बैटरी को चार्ज करने के लिए इनवर्टर आउटपुट सप्लाई को बाईपास कर देता है अर्थात चार्जिंग के दौरान आपके घर का सारा लोड मेन सप्लाई पर चला जाता है जिससे बैटरी पर लोड खत्म हो जाता है और वह चार्ज होने लग जाती है।

Conclusion

प्रिय दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि Inverter Kya Hai अथवा इनवर्टर के कितने प्रकार होते हैं अगर आपको इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी कठिनाई आती है तो आप हम से नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं आप का कमेंट हमारे लिए महत्वपूर्ण है आगे भी इसी तरह आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से और विषयों के बारे में जानकारी प्रदान करते रहेंगे। धन्यवाद

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