Mission Indradhanush Kya Hota Hai और इंद्रधनुष कार्यक्रम का उद्देश्य, लाभ, कार्यान्वयन, लोगिन करने की प्रक्रिया व विशेषताएं क्या है
देश को स्वस्थ और स्वच्छ जीवन प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किए जाते हैं। इसी प्रकार देश के 2 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 25 दिसंबर 2014 को मिशन इंद्रधनुष को आरंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत भारत में सामाजिक आर्थिक संस्कृति और भौगोलिक क्षेत्र के बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा रहा है। ताकि देश के आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्र के बच्चे और गर्भवती महिलाओं को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके। Mission Indradhanush से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने हेतु हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें|
Mission Indradhanush क्या है?
मिशन इंद्रधनुष भारत सरकार का एक स्वास्थ्य मिशन है जिसके तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को तीव्र गति से पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्रदान किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा इस टीकाकरण की प्रक्रिया को वर्ष 2015 से वर्ष 9 2020 तक बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर Mission Indradhanush के तहत आठ टीकाकरण की रोकथाम योग्य बीमारी को शामिल किया गया है जैसे डिप्थीरिया, काली खासी, टेटनस, पोलियो, खसरा, बचपन के तपेदिक और हेपेटाइटिस बी के गंभीर रूप के खिलाफ टीकाकरण प्रदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के पहले चरण में लगभग 201 जिलों को कवर किया गया है। जिनमें से 82 जिले उत्तर प्रदेश बिहार राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों में से चुने गए हैं।
- चुने गए जिलों में देश के सभी अशिक्षित बच्चों में से लगभग 50% बच्चे हैं।
- इस योजना को भारत में एनडीए सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक योजना माना जा रहा है।
- वर्ष 2017 तक मिशन इंद्रधनुष के चार चरणों का संचालन किया गया है जिसके तहत लगभग 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण किया गया है।
28,005 health & wellness centres set up under #AyushmanBharat as in January 2020
— PIB India (@PIB_India) January 31, 2020
3.39 crore children and 87.18 lakh pregnant women of 680 districts vaccinated under Mission Indradhanush till date
Details: https://t.co/Tt6ZrnYkob pic.twitter.com/VkpTvMKZ0t
मिशन इंद्रधनुष 4.0
हाल ही में 7 फरवरी 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया जी के द्वारा मिशन इंद्रधनुष 4.0 की लॉन्चिंग की गई। जिसके द्वारा लगभग 3 करोड़ महिलाएं तथा ढाई करोड़ बच्चों को युद्ध स्तर पर टीकाकरण करके उनके स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों को दूर करने का कार्य किया जा रहा है।इस मिशन इंद्रधनुष 4.0 के अंतर्गत लगभग 33 राज्य तथा 416 केंद्र शासित प्रदेशों के जिले को चिन्हित कर के तीन दौर में इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा तथा इसके साथ साथ उन 75 किलो को भी शामिल किया जाएगा जो आजादी का अमृत महोत्सव के लिए चिन्हित किए गए थे। इसके साथ साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक मिशन इंद्रधनुष 4.0 पोर्टल की भी शुरुआत की है जिसमें सभी लंबावनितो का ब्यौरा दर्ज होगा।
मिशन इंद्रधनुष 4.0 का महत्व
यह कार्यक्रम पिछड़े प्रदेशों के दिलों में जहां पर टीकाकरण नाम मात्र का किया गया है या फिर नहीं हुआ है उनको एक सार्वजनिक तौर पर टीकाकरण करके स्थाई लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। उसके साथ साथ टीकाकरण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अशिक्षित महिला एवं बच्चों को व्यवहारिक रुप से टीकाकरण किया जाए तथा उन्हें नियमित टीकाकरण (Routine Immunisation) किस सेवाएं प्रदान की जाए।
Mission Indradhanush 4.0 का पहला दौर
जैसा कि आपको बताया जा चुका है कि मिशन इंद्रधनुष 4.0 की शुरुआत हो चुकी है इसका पहला दौर फरवरी 2022 से अप्रैल 2022 तक चलेगा जिसमें 11 प्रदेशों के द्वारा इसका संचालन किया जाएगा।जिसमे असम, गुजरात, उत्तराखंड, नागालैंड,मेघालय,त्रिपुरा, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, सिक्किम, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ को सम्मिलित किया गया है।
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मिशन इंद्रधनुष 4.0 का दूसरा दौर
यदि Mission Indradhanush 4.0 के दूसरे दौर की बात किया जाए तो यह अप्रैल 2022 से मई 2022 तक संचालित किया जाएगा जिसमें 22 प्रदेशों को सम्मिलित किया गया है जो इसका संचालन करेंगे जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल किया गया है जोकि हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश,दिल्ली,महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर,हरियाणा, बिहार,पंजाब,ओडिशा, पुडुचेरी, तमिलनाडु, गोवा, तेलंगाना,, झारखंड, केरल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल है।
मिशन इंद्रधनुष से संबंधित कुछ जानकारी
यदि मिशन इंद्रधनुष के सफल होने की बात की जाए तो इस योजना ने अपने 10 चरण पूरे कर लिए हैं।जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण भारत में 701 जिलों को कवर किया गया।अप्रैल 2021 तक 96.8 लाख गर्भवती महिलाओं और 3.86 करोड़ बच्चों का टीकाकरण सफलतापूर्वक किया जा चुका है।
इंद्रधनुष कार्यक्रम का उद्देश्य
जैसे कि हम सभी जानते हैं हमारे देश में काफी ऐसे बच्चे हैं जो आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपना टीकाकरण कराने में सक्षम रहते हैं और उन्हें काफी बीमारियों द्वारा घेर लिया जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय हेतु मिशन इंद्रधनुष का शुभारंभ किया गया है। इस मिशन के तहत उन सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या टीके से बचाव योग्य बीमारी के खिलाफ आंशिक रूप से टिका लगवाया गया है। इस योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि सालाना 26 मिलियन बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों के खिलाफ मुक्त टीकाकरण प्रदान किया जाए। इस योजना के माध्यम से देश भर के सभी बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त में जीवन रक्षक टीका प्रदान किया जाएगा।
मिशन इंद्रधनुष के मुख्य तथ्य
योजना का नाम | मिशन इंद्रधनुष |
किसके द्वारा शुरू किया गया | भारत सरकार के स्वास्थ्य मिशन द्वारा |
मंत्रालय | स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय |
उद्देश्य | देश की गर्भवती महिलाओं और 2 साल के बच्चों को टीकाकरण प्रदान करना |
लाभार्थी | देश के 26 मिलियन गर्भवती महिलाएं और 2 साल तक के बच्चे |
कार्यक्रम के चरण | 4 चरण |
कार्यक्रम के तहत शामिल बीमारियां | 12 जानलेवा बीमारियां |
टीकाकरण क्या होता है?
टीकाकरण एक प्रकार का टिका होता है जो किसी भी व्यक्ति को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए प्रदान किया जाता है। यह एक बेहद शक्तिशाली दवा होती है जो अधिकांश सुई के द्वारा दी जाती है और कुछ मुंह के द्वारा दी जाती है। और कुछ टीकाकरण ऐसे होते हैं जो नाक में छिड़काव किए जाते हैं। वैक्सीन के माध्यम से मौजूद कीटाणु मर जाते हैं या कमजोर हो जाते हैं ताकि वह किसी इंसान को बीमार ना करें। भारत में टीकाकरण कार्यक्रम 1978 मैं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम को 1985 में कार्यक्रम को स्वर्ग में प्रतिरक्षण कार्यक्रम के रूप में संशोधित किया और सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया था।
मिशन इंद्रधनुष के चरण
इस मिशन को सरकार द्वारा ध्यान केंद्रित और व्यवस्थित टीकाकरण अभियान केचप अभियान के मोड से आरंभ किया गया है। जिसका उद्देश्य उन सभी बच्चों को Mission Indradhanush के तहत कवर करना है जो टीकाकरण से छूट गए हैं। साथ ही इस कार्यक्रम के दौरान गर्भवती महिलाओं को टेटनेस का टीका लगाया जाएगा और गंभीर हालत में ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित की जाएंगी। इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा चार चरणों को आरंभ किया गया है। मिशन इंद्रधनुष के तहत चार चरण कुछ इस प्रकार हैं।
पहला चरण
मिशन इंद्रधनुष के पहले चरण में लगातार चार महीनों के लिए इस अभियान को 201 उच्च फोकस वाले जिलों में शुरू किया गया है। इस योजना के तहत पहले चरण की शुरुआत 7 अप्रैल 2015 को की गई थी। लगभग देश के 75 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण इस चरण के तहत किया गया है। कुल बच्चों में से 20 लोग बच्चों को पूरी तरह से टीकाकरण लगाया गया और बाकी के 20 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को टॉक्सोइड का टीका प्रदान किया गया। मिशन इंद्रधनुष के पहले चरण को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि देश में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषित होने से बचाया जा सके और आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें मुफ्त में टीकाकरण मुहैया कराया जाए।
दूसरे चरण
इस योजना के दूसरे चरण में देश के 352 जिले शामिल किए गए हैं जिनमें से 279 मध्यम शो कलर्स वाले जिले हैं और शेष 7 चरण 1 के उच्च फोकस वाले जिले हैं। मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चरण को अक्टूबर 2015 मैं शुरू किया गया और इसे सप्ताह भर चलाया गया। मिशन इंद्रधनुष के तहत लगभग 4 विशेष अभियान आरंभ किए गए। इस योजना के पहले और दूसरे चरण के लगभग 1.48 करोड बच्चे शामिल थे और 38 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण लगाया गया। सरकार द्वारा इस योजना के तहत विभिन्न चरणों को शामिल करने का मुख्य उद्देश्य है कि जो व्यक्ति पहले चरण में भी टीकाकरण प्राप्त नहीं कर पाए हैं उन्हें दूसरे चरणों में टीकाकरण की सुविधा मुहैया कराई जाए ताकि उन्हें जानलेवा बीमारियों का शिकार ना होना पड़े।
तीसरा चरण
मिशन इंद्रधनुष के तीसरे चरण को 7 अप्रैल 2016 में आरंभ किया गया। तीसरे चरण में देश के लगभग 216 जिलों को कवर किया गया। इन जिलों में अप्रैल और जुलाई 2016 के बीच प्रत्येक में 7 दिनों के लिए चार संघन टीकाकरण ग्राउंड आयोजित किए गए थे। इन जिलों की पहचान अनुमानों के आधार पर की गई थी जहां टीकाकरण का ब्रिज 7% से कम है और उच्च ड्रॉपआउट दर ज्यादा है। 2 साल से कम उम्र के बच्चे के मानक के अलावा इसमें 5 साल के बच्चों और डीपीटी बूस्टर कवरेज बढ़ाने और गर्भवती महिलाओं को टेटनेस टॉक्सोइड इंजेक्शन देने पर विशेष ध्यान दिया गया।
चौथा चरण
इस योजना के चौथे चरण को 7 फरवरी 2017 में आरंभ किया गया। जिसके तहत अरुणाचल प्रदेश असम मेघालय मिजोरम नागालैंड सिक्किम और त्रिपुरा के राज्यों को कवर करते हुए शुरू किया गया। साथ ही साथ मिशन इंद्रधनुष अप्रैल 2017 के दौरान पूरे देश के बाकी हिस्सों में रोल आउट किया गया। इस मिशन के चार चरणों में 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं को जीवन रक्षक टीके लगाए गए। इन चरणों के दौरान मंत्रालय को w.h.o. यूनिसेफ रोटरी इंटरनेशनल और अन्नदाता भागीदारी द्वारा तकनीकी रूप से समर्थन दिया गया।
मिशन इंद्रधनुष का कार्यान्वयन
इस कार्यक्रम के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा एक रणनीति तैयार की गई है जो कि कुछ इस प्रकार है:-
- सभी स्तरों पर अभियान- देश के सभी क्षेत्रों में तिको की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले के सभी ब्लॉक को और शहरी क्षेत्रों में माइक्रो प्लान सुनिश्चित किया जाएगा। इस प्लान के तहत 400000 से अधिक जोखिम वाली बस्तियों में पहुंच से बाहर बच्चों तक टीकाकरण प्रदान किया जाएगा।
- प्रभावी संचार और समाजिक लामबंदी के प्रयास- विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में समुदाय की भागीदारी बढ़ाई जाएगी ताकि टीकाकरण की सेवाओं के बारे में जागरुकता और मांग पैदा हो।
- अधिकारियों और कार्यकर्ताओं का गहन प्रशिक्षण- गुणवत्ता पूर्ण टीकाकरण सेवाओं के लिए नियमित टीकाकरण गतिविधियों में स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की क्षमता का निर्माण किया जाएगा।
- कार्य बलों के माध्यम से ढांचा स्थापित करना- भारत के सभी जिलों में टीकाकरण के लिए जिला टास्क फोर्स तैयार की जाएगी। माध्यम से समय के आधार पर कार्यान्वयन में डेटा का उपयोग कर सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक व्यक्ति को टीकाकरण सुविधा प्राप्त हो।
मिशन इंद्रधनुष के तहत शामिल विशेष क्षेत्र
इस कार्यक्रम के दौरान निम्नलिखित क्षेत्रों को विशेष टीकाकरण अभियान से लक्षित किया गया है:-
- पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के द्वारा पहचाने गए जोखिम क्षेत्र
- वह क्षेत्र जिसमें निम्नलिखित अब आदि शामिल है
- प्रवास के साथ शहरी मलिन बस्तियां
- खानाबदोश
- ईट भट्टे
- निर्माण स्थल
- प्रवासी जैसे मछुआरे नदी के किनारे रहने वाले आबादी वाले
- जंगल और आदिवासी आबादी के लोग
- कम नियमित टीकाकरण कवरेज वाले क्षेत्र
- खाली उपकेंद्र वाले क्षेत्र
- छोटे हुए नियमित टीकाकरण वाले क्षेत्र
- छोटे गांव, बस्तियों, पूनबाओं और आर आई सत्रों के क्षेत्र
इंटेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 2.0
भारत सरकार द्वारा टीकाकरण कवरेज में सुधार लाने हेतु और 90% और टीकाकरण कवरेज प्रदान करने के लिए मिशन इंद्रधनुष जैसे बड़े पैमाने पर नियमित टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत आंशिक रूप से बाल मृत्यु दर और रूद्र को कम करने के लिए सर्वभोमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकार के प्रयासों को दर्शाया जाएगा। सरकार द्वारा टीकाकरण को बढ़ावा देने और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के कवरेज में तेजी लाने के लिए दिसंबर 2019 और मार्च 2020 से गहन मिशन इंद्रधनुष 2.0 शुरू करने की योजना बनाई। और साथ ही साथ आई एम आई 2.0 पोर्टल फॉर डाटा रिपोर्टिंग और विश्लेषण के प्रबंधन करने के लिए डिजाइन किया गया।
वर्ग | विवरण |
आरंभ वर्ष | इंटेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 1.0 को अक्टूबर वर्ष 2017 में आरंभ किया गया |
कवरेज | आईएमआई के तहत शहरी क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया गया जो मिशन इंद्रधनुष के अंतराल में से एक है। इसमें 2020 के बजाय दिसंबर 2018 तक 90% से अधिक पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए चुनिंदा जिलों और शहर में टीकाकरण कवरेज में सुधार करने पर विशेष ध्यान केंद्रित दिया गया |
कुल बच्चों का टीकाकरण | 952381 |
गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण | 180576 |
इंटेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 3.0
भारत सरकार द्वारा टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने और देश के बच्चों और महिलाओं को 90% पूर्ण टीकाकरण प्रदान करने हेतु इंसेंटिसाइड मिशन इंद्रधनुष 3.0 का शुभारंभ किया गया। इस पोर्टल को फरवरी 2021 से लेकर मार्च 2021 से चिन्हित से लो और ब्लॉकों के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कवरेज प्रदान करने के लिए शुरू किया। इस पोर्टल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को पूरा कवरेज प्रदान किया गया है और अभियान के बाद संकेतों को कैप्चर किया गया है।
वर्ग | विवरण |
आरंभ वर्ष | यह पल्स पोलियो कार्यक्रम 2019-20 के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान था |
विवरण | इसमें 27 राज्यों में फैले 272 जिलों में पूर्ण टीकाकरण का ब्रिज का लक्ष्य बनाया गया इसका लक्ष्य 2022 तक कम से कम 90% अखिल भारतीय टीकाकरण कवरेज हासिल करना था। |
कुल बच्चों का टीकाकरण | 402558 |
गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण | 97245 |
मिशन इंद्रधनुष के लाभ एवं विशेषताएं
- इंद्रधनुष की शुरुआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 25 दिसंबर 2014 को की गई।
- मिशन इंद्रधनुष को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि देश के 2 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्रदान किया जाए।
- इस कार्यक्रम के तहत भारत में सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक और भौगोलिक क्षेत्र के बच्चों को टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
- भारत सरकार द्वारा इस टीकाकरण की प्रक्रिया को 2020 तक बनाए रखने के विभिन्न प्रयास किए गए हैं।
- इस कार्यक्रम को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि देश के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को 12:00 जानलेवा बीमारियों के खिलाफ मुक्त टीकाकरण प्रदान किया जाए।
- Mission Indradhanush के तहत टीकाकरण बच्चों और महिलाओं को मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम को सरकार द्वारा चरणों में आरंभ किया गया है।
- मिशन इंद्रधनुष के पहले चरण में देश के लगभग 201 जिलों को कवर किया गया है।
- इस योजना के दूसरे चरण में देश के 352 जिलों को शामिल किया गया है।
- सरकार द्वारा इस योजना के तीसरे चरण में लगभग 216 जिलों को टीकाकरण की सुविधा मुहैया कराई गई।
- और अंतिम व चौथे चरण में देश के कुछ जिलों को शामिल किया गया जैसे अरुणाचल प्रदेश असम मेघालय मिजोरम नागालैंड सिक्किम और त्रिपुरा।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के बच्चों और महिलाओं पर ध्यान दिया जाएगा जो आर्थिक स्थिति के कारण टीकाकरण नहीं कर पाती है।
- सरकार द्वारा इस कार्यक्रम के तहत 12 जानलेवा बीमारियों को शामिल किया गया है।
- मिशन इंद्रधनुष के पहले दूसरे एवं तीसरे चरण की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा ऑनलाइन पोर्टल आरंभ किए गए हैं।
- इस योजना के तहत लाभान्वित महिलाओं और बच्चों के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु आप इस पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं।
मिशन इंद्रधनुष पोर्टल लोगिन करने की प्रक्रिया
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सेल्यूरेशन रिपोर्ट डाउनलोड करने की प्रक्रिया
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सर्कुलर/ लेटर डाउनलोड करने की प्रक्रिया
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