Monkeypox Kya Hota Hai और मंकीपॉक्स कैसे फैलता है एवं इसके लक्षण, कारण, बचाव व उपचार कैसे करे जाने हिंदी में
अभी पूरा विश्व करो ना जैसी गंभीर बीमारी से पूरी तरह से निपटा भी नहीं था कि एक बार फिर से WHO की चेतावनी में पूरे विश्व भर को दोबारा से चिंता में डाल दिया है जी हां एक ऐसी बीमारी जो कि बहुत तेजी से खेल रही है जिसे हम मंकीपॉक्स(Monkeypox) कहते हैं Monkeypox चेचक जैसी गंभीर बीमारियों की तरह ही होती है जिससे इंसान इस वायरस की चपेट में आने से तेजी से बीमारी की तरफ चला जा रहा है साजिद गंभीर बीमारी मन की बात के बारे में हम आपको विस्तार से बताने का कार्य करेंगे तथा इसके साथ ही साथ इसके लक्षण कारण और बचाव के बारे में भी व्यवस्थित और पर बताएंगे और इसका उपचार कैसे किया जाता है यदि हम आपको विस्तृत तौर पर आने की पूरी कोशिश करेंगे तो आइए आज हम आपको Monkeypox क्या है उसके संबंधित जानकारियां प्रदान करते हैं।
What is Monkeypox Kya Hota Hai?
मंकीपॉक्स(Monkeypox) एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार की बीमारी है जो कि जूनोटिक जैसी बीमारियों की श्रेणी में रखा जाता है और यह वायरस की वजह से फैलती है जिससे एक इंसान से दूसरे इंसान में या बहुत ही तेजी से संक्रमित हो जाती है।इस गंभीर बीमारी में मरीज के पूरे शरीर पर बड़े-बड़े फफोले वाले दाने हो जाते हैं जो कि पूरे शरीर को खेल चुके होते हैं जिसका सीधा असर चेहरे पर भी पड़ता है वैसे अधिकतर तौर पर सेंट्रल अफ्रीका और पश्चिमी अफ्रीका में या बहुत तेजी से फैलती हुई दिख रही है और वर्तमान समय में कुछ अन्य देशों में भी Monkeypox पैर पसार चुका है यदि देखा जाए
तो वैज्ञानिकों ने इस बीमारी के रोग के लिए काफी ज्यादा प्रयास भी किया है परंतु इस बीमारी में हर क्षेत्र में अपने पैर को प्रसार लिया है। सन 2021 में अमेरिका में यह पहली बार इस बीमारी को पाया गया था जो कि अब पूरे विश्व भर में फैल रही है।
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मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है
मंकीपॉक्स(Monkeypox) बीमारी का जो लक्षण है वह पूरी तरह से चेचक के ही समान देखने को मिलता है और यह खासतौर पर Monkeypox एक चेचक का ही रूप माना जाता है और इस के वायरस में 7 से 21 दिन तक का समय लगता है चपेट में आने के लिए और खास तौर से यह चेचक के समान है पूरी तरह से पूरे शरीर में फैल जाता है जिसका लक्षण हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।
- बुखार आना
- सिरदर्द में दर्द होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- कमर में दर्द होना
- शरीर में थकान और कमजोरी होना
- ठंड ज्यादा लगना
- लिम्फ नोड्स में सूजन आना
वैसे लक्षण देखा जाए तो शुरुआती दौर में या उपरोक्त बताएं गए लक्षण सही शुरू होते हैं परंतु एक हफ्ते बाद पीड़ित के पूरे शरीर में या मोटे मोटे दाने पहले की तरह दिखने वाले होने लगते हैं जो कि देखने में बिल्कुल चेचक के समान होते हैं और यही Monkeypox का सही लक्षण है।
Monkeypox के कारण क्या है
मंकीपॉक्स जो है वह आर्थोपॉक्सवायरस(Orthopoxvirus)के ही समान इसका भी वायरस होता है जो कि चेचक के भी कारण बनते हैं और चेचक के समान दिखने वाले जितने भी वायरस है वह सब इसी परिवार का हिस्सा माने जाते हैं साल 1958 में पहली बार इस बीमारी को पकड़ में लाया गया था जिस पर काफी गहरी सोच भी की गई थी तब उस समय बंदरों के अंदर इस खतरनाक वायरस को देखा गया था इसलिए इस वायरस का नाम Monkeypox (मंकीपॉक्स) रख दिया गया है और इंसानों में साल 1970 में पहली बार इस मन की फौज का पहला मामला कांगो रिपब्लिक में देखने को मिला था और वर्तमान समय में यह साउथ अफ्रीका और पश्चिम अफ्रीका में काफी ज्यादा तेजी से फैलते हुए देखा जा रहा है और अब विश्व में भी धीरे-धीरे कई देशों को प्रभावित कर रहा है।
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मंकीपॉक्स फैलता कैसे है
यह गंभीर बीमारी का Virus ज्यादातर किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है और यदि किसी व्यक्ति को भी इस Virus ने बहुत ज्यादा अपनी जकड़ में ले लिया है तो तो भी उस व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार के संपर्क में आने से या Virus अन्य व्यक्ति को भी हो जाता है निम्नलिखित हम आपको Monkeypox कैसे फैलता है उसका भी लक्षण में बताने जा रहे हैं।
- खून के कारण
- शरीर के तरल पदार्थ
- त्वचा के जख्म को छूने से
- संक्रमित जानवर के द्वारा काटना
- संक्रमित जानवर का मांस खाने पर
- संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर पर सोना या उसके साथ सोने पर
Monkeypox (मंकीपॉक्स) का उपचार कैसे करते है
मंकीपॉक्स जो है उसे हाल ही में एक दो साल पहले ही पहचान में लाया गया है जिसके कारण से इसके Treatment अथवा इलाज का कोई तरीका नहीं पता कर पाया गया है परंतु इस बीमारी से लड़ने के लिए कोई ऐसे Treatment है जो कि इसके असर को लगभग कम कर दे रहे हैं जिसका जिक्र हम आपके इस आर्टिकल में निम्नलिखित करने जा रहे हैं।
- चेचक का टीका लगवाना
- वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन लगवाना
- एंटीबायोटिक(Antibiotic) दवाइयां लेना
खास तौर से यह भी देखने को मिला है कि Monkeypox के Patient को चेचक कभी टीका लगाया जाता है जिससे 15% तक Monkeypox का असर हो पाता है और 85% तक बीमारी खत्म हो जाती है इसलिए चेचक का जो टिका है वह कार्यकाल भी साबित हुआ है बहुत से मरीजों के लिए।
Monkeypox बीमारी से किस प्रकार बचाव करते है
विश्व में मंकीपॉक्स जैसी गंभीर बीमारी से बचाव करने के लिए World Health Organization की तरफ से कुछ दिशा निर्देश दिए गए हैं इसका पालन करके इस बीमारी से लड़ा जा सकता है।
- सबसे पहले आपको जानवरों से दूर रहना है खासतौर से उन जानवरों से जो बहुत दिनों से बीमार चल रहे हैं या फिर मर चुके हैं।
- Monkeypox बीमारी से ग्रस्त मरीज के बिस्तर से दूर रहें तथा उसकी इस्तेमाल की गई किसी भी चीजों से कोई संपर्क ना रखें।
- यदि भूलवश या किसी कारणवश आप पीड़ित के संपर्क में आ गए हैं या फिर किसी जानवर के संपर्क में आ गए हैं तो अच्छी तरीके से आपको नहा लेना चाहिए तथा हाथों को विशेष तौर पर साबुन से धो लेना चाहिए।
- यदि आप मांसाहारी हैं तो जब तक मांस पूरी तरीके से पकना जाए तब तक उसे ना खाएं।
- जैसा कि आपको बताते चलें कि या छुआछूत की बीमारी जैसी ही है और इसे भारत में चेचक का भी रूप कहा जाता है इस वजह से जितना जरूरी हो सके पीड़ित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- यदि आप किसी Hospital में कार्य कर रहे हैं और आपकी ड्यूटी मंकीपॉक्स Virus से पीड़ित व्यक्ति के लिए ही लगी हुई है तो खासतौर आपको PPE KIT पहन लेना चाहिए।