नगरपालिका क्या है और Nagar Palika के प्रमुख कार्य क्या होते है एवं Municipality की चुनाव प्रक्रिया व योग्यता जाने हिंदी में
संविधान के 74वें संशोधन में जिसमें Municipality को भाग 9(क) में जोड़ने का कार्य किया गया है और इसे संवैधानिक दर्जा भी दिया गया है ये एक प्रकार का शहरी निकाय शासन है जो की पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत त्रिस्तरीय रूप में विभाजित किया गया है यदि देखा जाए तो नगरपालिका जो है वह पुरी तरह से एक शहरी निकाय शासन के अंतर्गत ही कार्यरत है जिसमें नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगम की श्रेणी को विभाजित किया गया है आज इस लेख में हम आपको नगरपालिका(Municipality) से संबंधित जानकारी प्रदान करेंगे और उनके कार्य शैली के बारे में भी विस्तार से जानकारी देने का कार्य करेंगे क्योंकि आज के समय में किसी भी शहर का विकास कर पुरी तरह से Municipality पर ही निर्भर रहता है तो लिए निम्नलिखित हम आपको इससे संबंधित जानकारी महिया करते हैं।
Nagar Palika Kya Hai?
देश के किसी भी राज्य में स्थित शहरी शासन में जनता की भागीदारी को एक व्यवस्थित रूप से बढ़ाने के लिए 74वें संविधान संशोधन के तौर पर Municipality का गठन किया गया जो की भाग 9(क) में स्थित है और जो नगर पालिका है वह सामान्य रूप से नगर निगम,नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत इन तीनों श्रेणी में जनसंख्या के आधार पर विभाजित की गई है जिनमें से सबसे छोटी इकाई नगर पंचायत है तो वही सबसे बड़ी नगर निगम को कहा जाता है शहर के सभी विकास कार्यों को Municipality के अंतर्गत थी व्यवस्थित करने का कार्य किया जाता है। ऐसे में विकास कार्यों को करने के लिए जनता के द्वारा हर क्षेत्र से प्रतिनिधि चुने जाते हैं जो की नगर पालिका के अंतर्गत ही कार्य करने में सक्षम होते हैं।
नगर पालिका(Municipality)का कार्य क्या होता है?
यदि शहरी क्षेत्र के विकास कार्य को लेकर Municipality की कार्यशैली की बात की है तो नगर पंचायत एवं नगर निगम क्षेत्र के नागरिकों को प्रभावी और बेहतर तौर पर सुविधाएं उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश होता है जिसके अंतर्गत House Tax,Water Tax,सफाई कर आदि कर के रूप में लेता भी है और वही सुविधाओं के तौर पर ये नागरिकों को बहुत सी सरकारी सुविधा भी प्रदान करता है और इसके साथ ही साथ क्षेत्र के विकास कार्य को भी करता है जिसमें ज्यादातर सड़कों गलियों आदि का निर्माण भी होता है परंतु इसके कार्यक्षेत्र को विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस लेख को आपको अंत तक पढ़ना होगा जिससे आपको सभी जानकारियां प्रदान की जा सकेगी।
नगरपालिका नागरिक अधिकार पत्र(Municipal Citizen Charter)के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य
- Municipality के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र की सड़कों एवं नालियों की साफ सफाई का जिम्मा नगर पालिका का ही होता है।
- शहर में जितने भी सार्वजनिक शौचालय एवं मूत्रालय हैं उनके साथ सफाई एवं रखरखाव को व्यवस्थित करना
- शहर की आबादी का कूड़ा एकत्रित करके उनका निस्तारण करना
- मृत पशुओं के शवों का निस्तारण करना
- शहर को स्वस्थ रखने के लिए उपाय एवं प्रबंधन करना
- आबादी के द्वारा इस्तेमाल करने के बाद गंदे जल का निस्तारण करना
- सभी सरकारी प्रमाण पत्रों का पंजीकरण एवं नागरिकों को प्रदान करना
- शहर में किसी भी प्रकार के संक्रमण एवं रोग को रोकना और उनके रोकथाम का उपाय करना
- किसी भी हानिकारक व्यवसाय को रोकना अथवा नियंत्रण करना
- आवारा पशुओं की धर पकड़ करना
- नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले घरों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करना
- जलकल राजस्व संग्रह करना
- शहरी क्षेत्र की जितनी भी सके हैं जो मुख्य मार्ग को जोड़ती हैं उनकी मरम्मत करना
- सड़कों में सुधार एवं चौड़ीकरण करना
- शहर के अंतर्गत सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण को हटाना
- शहर में पर्यावरण संरक्षण का कार्य
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Municipality का गठन और चुनाव प्रक्रिया से संबंधित जानकारी
किसी भी शहर में उसके विकास कार्यों को नगरपालिका के द्वारा ही किया जाता है और उस Municipality का गठन चुनाव प्रक्रिया के द्वारा ही संभव हो पाता है तो अब हम आपको इससे संबंधित कुछ जानकारी प्रदान करते हैं।
- किसी भी शहर में नगर पालिका व्यवस्था के अंतर्गत नगर निगम का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से कराने का कार्य किया जाता है।
- शहरी क्षेत्रों को कई भागों में विभाजित करने का कार्य किया जाता है और प्रत्येक वार्ड से चुनाव जीतकर एक जनप्रतिनिधि चुना जाता है।
- क्षेत्र में जीते हुए जनप्रतिनिधि को सभासद अथवा पार्षद कहा जाता हैं जोकि अपने वार्ड के विकास कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध होता है।
- सभी वार्डों के सभासद अपनी सर्वसम्मति से Municipality का मुख्य संचालक जिसे हम महापौर अथवा मेयर कहते है उस का चुनाव करते हैं
- महापौर का जो चुनाव होता है वह अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है
- नगर पालिका समिति के अंतर्गत सभी सभासद और नियुक्त अध्यक्ष ही सम्मिलित होते हैं
नगरपालिका(Municipality) के अंतर्गत चुनाव लड़ने के हेतु योग्यता
यदि आप Municipality के अंतर्गत सभासद अथवा पार्षद का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको आपको उसकी योग्यता के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिसके बारे में हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे है।
- जो भी व्यक्ति पार्षद अथवा सभासद का चुनाव लड़ना चाहता है वह मूल रूप से भारत का ही नागरिक होना चाहिए।
- यदि कोई नगर पालिका के अंतर्गत चुनाव लड़ना चाहता है तो उसकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
- जिस भी क्षेत्र से वह चुनाव लड़ रहा है उसके निर्वाचक नामावली में उसका नाम दर्ज होना चाहिए।
- केवल वही उम्मीदवार Municipality के अंतर्गत चुनाव लड़ सकता है जो किसी भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान अयोग्य ना घोषित हुआ हो।
- नगर पालिका का चुनाव केवल बाहरी व्यक्ति ही लड़ सकता है नगर पालिका का कर्मचारी इससे वंचित है।