नो कॉस्ट का मतलब क्या है- जानिए No Cost EMI के फायदे और नुकसान

No Cost EMI Kya Hai और नो कॉस्ट का मतलब क्या है एवं यह किस तरह कार्य करती है व इसके नुकसान तथा फायदे क्या होते है जाने सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

हमारे देश में ऑनलाइन शॉपिंग का महत्व काफी बढ़ चुका है। और ऑनलाइन शॉपिंग को आगे ले जाने हेतु भारत में विभिन्न प्रकार के प्लेटफार्म सामने आते रहते हैं। और इन सभी कंपनियों द्वारा कुछ विशेष सम्मान ऊपर नो कॉस्ट ईएमआई का विकल्प भी दिखाई देता है। परंतु जानकारी ना होने के कारण लोग इस विकल्प को छोड़ आगे बढ़ते जाते हैं। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से नो कॉस्ट (NO Cost EMI) का मतलब क्या है- से जुड़ी संपूर्ण जानकारी स्पष्ट करने जा रहे हैं। यदि आपको भी इस विषय से संबंधित जानकारी प्राप्त करनी है तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।

नो कॉस्ट ईएमआई क्या होता है?

जब कोई भी व्यक्ति कोई प्रोडक्ट खरीदता है तो उसे प्रोसेसिंग फीस के साथ साथ कुछ अन्य ब्याज से शुल्क का भी भुगतान करना होता है। उस एक्स्ट्रा कॉस्को हम ईएमआई (EMI) के नाम से जानते हैं। परंतु ऑनलाइन कुछ प्रोडक्ट ऐसे उपलब्ध होते हैं जिन पर हमें कोई एक्स्ट्रा शुल्क नहीं प्रदान करना होता है। इसमें ईएमआई को छोड़कर किसी भी प्रकार की कोई राशि जोड़ी नहीं जाती है इसलिए हम उसे नो कॉस्ट ईएमआई (NO Cost EMI) के नाम से जानते हैं। यह ऑफर कुछ चुनिंदा बैंकों द्वारा ही दिया जाता है। यदि आप फ्लिपकार्ट या ऐमेज़ॉन जैसी पॉपुलर साइड से शॉपिंग कर रहे हैं तो आपको सबसे ज्यादा NO Cost ईएमआई के ऑफर प्राप्त होते हैं।

NO Cost EMI
NO Cost EMI

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NO Cost EMI किस तरह कार्य करती है?

विभिन्न ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म कस्टमर्स को लुभाने के लिए नो कॉस्ट ईएमआई का विकल्प रखती है। नो कॉस्ट ईएमआई दो तरीके से लोगों तक पहुंचाई जाती है। पहले तरीके में कंपनी नो कॉस्ट ईएमआई का ऑप्शन देती है तो प्रोडक्ट के एकमुश्त धन राशि पर डिस्काउंट लोगों को प्रदान करती है। इसका मतलब है कि NO Cost EMI पर आपको प्रोडक्ट पूरी कीमत पर खरीदना पड़ता है। तथा दूसरा तरीका यह है कि कंपनी द्वारा इंटरेस्ट को प्रोडक्ट कॉस्ट में ही शामिल कर लिया जाता है। और प्रोडक्ट पर ब्याज देने की वजह है आरबीआई की ओर से जीरो परसेंट इंटरेस्ट की परमिशन नहीं दी जाती।

नो कॉस्ट ईएमआई के फायदे क्या है?

NO Cost EMI पर प्रोडक्ट खरीदने के कुछ बहुत से फायदे होते हैं जो कि कुछ इस प्रकार है:-

  • इस प्रक्रिया के माध्यम से कस्टमर को फायदा होता है। यदि कोई व्यक्ति एक धनराशि का कोई प्रोडक्ट खरीदता है तो उसे केवल वही कीमत अदा करनी होती है इसके अलावा किसी भी प्रकार का ईएमआई नहीं देना होता है।
  • नो कॉस्ट ईएमआई केवल उन्हीं प्रोडक्ट पर दी जाती है जिनकी डिमांड कम होती है।
  • NO Cost EMI के माध्यम से प्रोडक्ट ज्यादा दिखने लगते हैं और इससे बैंकों को भी फायदा होता है।
  • लोगों को NO Cost EMI प्रोडक्ट खरीदने में आसानी होती है क्योंकि उन्हें बाद में किसी भी प्रकार की राशि का भुगतान नहीं करना होता है।
  • किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने पर एक मुक्त धनराशि प्रदान करने पर लोगों को आसानी महसूस होती है।
NO Cost EMI के नुकसान क्या क्या है?

नो कॉस्ट ईएमआई पर प्रोडक्ट खरीदने के कुछ नुकसान भी होते हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं:-

  • नो कॉस्ट ईएमआई पर बिकने वाले प्रोडक्ट की डिमांड कम होती है तो इसीलिए हमें बहुत सोच-विचार करने के बाद ही प्रॉडक्ट खरीदना चाहिए।
  • नकद वस्तु खरीदने पर डिस्काउंट ईएमआई पर मिलने वाला ब्याज अधिक हो जाता है।
  • कई बार ऐसा होता है कि लोग ईएमआई के चक्कर में महंगा सामान खरीद लेते हैं तो ऐसे उनका बजट गड़बड़ा जाता है।
  • यदि आपने अपने क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान नहीं किया है तो ऐसे में आपके साथ सो ₹750 फाइन के तौर पर कट जाते हैं।
Conclusion

आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से नो कॉस्ट (NO Cost EMI) का मतलब क्या है से जुड़ी संपूर्ण जानकारी स्पष्ट कर दी है। यदि आपको इस विषय से संबंधित कोई भी कठिनाई है मन में कोई भी प्रश्न आता है तो आप हम से नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपकी समस्या का समाधान प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

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