Operating System Kya Hote Hai और ऑपरेटिंग सिस्टम कितने प्रकार के होते है एवं जानिए इसके कार्य, उपयोग क्या होते है
किसी भी फोन कंप्यूटर लैपटॉप आदि को इस्तेमाल करने के लिए या फिर उन्हें ऑपरेट करने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत होती है जिसके द्वारा इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को आसानी से इस्तेमाल में लाया जा सकता है जैसा कि आपने सुना होगा एंड्रॉयड विंडो आदि एक प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कि स्मार्टफोन से लेकर बैंक एटीएम आदि में इस्तेमाल किए जाते हैं यदि आपको ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में नहीं पता है तो आज इस आर्टिकल के द्वारा हम आपको Operating systems kya hai? यह कैसे काम करता है इसके कितने प्रकार होते हैं इन सब के बारे में विशेष जानकारी आपको मैया कराई जाएगी तो Operating System के बारे में जानकारी पाने के लिए हमारे आर्टिकल से अंतर जुड़े रहिए।
What is Operating systems
ऑपरेटिंग सिस्टम(Operating systems) एक प्रकार का सिस्टम Software होता है जिसे हम इस नाम से भी जानते हैं अगर सरल तरीके की बात करें तो यह एक प्रकार के प्रोग्राम का सेट होता है जिसमें कंप्यूटर को जरूरी दिशा निर्देश दिए जाते हैं जिसके द्वारा कंप्यूटर सही तरीके से कार्य करता है यह Computer,iOS, Phones के अंदर के सारे प्रोग्राम को ऑपरेट करता है तथा उन्हें सही दिशा निर्देश देकर संचालन करता है उनके अंदर सॉफ्टवेयर के प्रोग्राम को भी चलाता है जैसे Windows,Photoshop,MS Office VLC Player आदि को ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से ही ऑपरेट किया जाता है इसका उपयोग Mobile phone,ATM,Computer,Laptop तथा आजकल तो Robots में भी किया जाता है। Keyboard,Mouse आदि के द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम इनपुट लेकर उसे मॉनिटर की स्क्रीन पर डिस्प्ले करने के लिए हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर के बीच कोऑर्डिनेट करता है
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Operating System के कार्य
ऐसे बात करें ऑपरेटिंग सिस्टम की उसके बहुत से कार्य ऐसे होते हैं जिनकी सहायता से कंप्यूटर आसानी से चलते हैं यदि ऑपरेटिंग सिस्टम(OS)ना तो फिर इन सॉफ्टवेयर को मैनेज करना काफी मुश्किल हो सकता है मान लीजिए किसी कंप्यूटर में एक मूवी को देखना चाहते हैं उसके लिए आपको उस मूवी के नेम पर क्लिक करना होगा जैसे ही आप डबल क्लिक करेंगे सिस्टम के माध्यम से मिल जाएगा जिससे मूवी आसानी से स्क्रीन के डिस्प्ले पर होने लगेगी आपके सामने अब ऐसे रहेंगे जिससे आपको बहुत ही सरलता से देख लेंगे यह सब संभव सिर्फ Operating Systems के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को मैनेज करने से ही होता है छोटी से छोटी चीजें ऑपरेटिंग सिस्टम का हिस्सा होते हैं। इसके कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित आपको बताया जा रहा है:–
1.File Management (फाइल मैनेजमेंट)
जैसा कि आपको पता है कि किसी भी कंप्यूटर में अनगिनत फायदे होती हैं जिससे उनको किसी एक Particular File को ढूंढना काफी मुश्किल होता है परंतु Operating System के द्वारा यह मुश्किल काम बहुत ही आसानी से किया जा सकता है जिससे फाइल को अलग अलग फोल्डर बनाकर रख सकते हैं इससे उनका रिकॉर्ड सेफ रहता है।
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2.Device Management (डिवाइस मैनेजमेंट)
अगर समान तोर पर बात की जाए तो कंप्यूटर को संचालित करने के लिए बहुत से डिवाइस का जरूरत पड़ती है जैसे कि Monitor,Printer, Keyboard,Mouse,Webcam आदि इन्हीं डिवाइस को एक दूसरे से कनेक्ट कर कर ऑपरेट करने का कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम का ही होता है यदि इसे सही से ऑपरेट नहीं किया जाता तो यह काम करना बंद कर देते हैं।
3.Memory Management(मेमोरी मैनेजमेंट)
यदि किसी कंप्यूटर के बाद किया जाए तो उसमें दो प्रकार की मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है Primary Memory तथा दूसरी Secondary Memory, प्राइमरी मेमोरी में RAM तथा ROM शामिल की जाती हैं वहीं दूसरी तरफ सेकेंडरी मेमोरी में Hard disk,CD,DVD आदि को गिना जाता है जब आप किसी भी कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर आदि को ओपन करने की कोशिश करते हैं तो उसके लिए मेमोरी की आवश्यकता पड़ती है जिसको ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा मैनेज किया जाता है।
4.CPU Management
जिस तरह इंसान को किसी भी चीज के बारे में सोचने के लिए दिमाग की जरूरत पड़ती है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर को CPU की जरूरत पड़ती है किसी भी प्रोग्राम को ऑपरेट करने के लिए एक प्रकार का पावर का काम करता है जो की पूरी तरह ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही निर्भर होता है इसका कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किए गए एक्सेस को करना होता है तथा किसी Specific Task को Processor Allocate करना भी होता है।
5.Play Mediator’s Role
ऑपरेटिंग सिस्टम एक प्रकार का मीडिएटर होता है जो कि कंप्यूटर और यूजेस के मध्य भूमिका निभाता है या कंप्यूटर और यूजर्स के बीच ऐसी स्थिति बनाता है जिससे दोनों ही एक दूसरे की भाषा को समझ सके या एक सफल मेडिएटर का कार्य बहुत ही आसानी से करता है।
6.Secure System
प्रत्येक Users अपने कंप्यूटर में अपने Personal Data को प्राइवेसी के तौर पर रखता है और वह बहुत ही भरोसे के साथ इसे सिक्योर करके रखता है ताकि उसका डाटा ना ही leak हो ना ही चोरी,इसके लिए प्रत्येक यूजर डेटा की सुरक्षा संबंधित बातें ध्यान में रखकर करता है इन सब चीजों को विशेष तौर पर Operating System के द्वारा मैनेज किया जाता है जिससे किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी डाटा में ना आ पाए।
7.Graphical User Interface
यदि आप कंप्यूटर के Users है तो आपको Command line Interface और Graphical user Interface के बारे में जरूर जानकारी होगी यह दो अलग-अलग तरह के यूजर इंटरफेस होते हैं जो कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं पहले के कंप्यूटर में Command line Interface होते थे जो कि काफी ज्यादा जटिल माने जाते थे उन्हें कमांड करना बहुत मुश्किल होता था क्योंकि उसमें हर बार अलग-अलग तरह के Code लिखने होते थे लेकिन आज के समय में ऑपरेटिंग सिस्टम काफी ज्यादा सरल हो चुका है जिनमें में Menus,Bars,Icons आदि होते हैं जोकि Mouse की एक क्लिक पर कार्य करने में सक्षम होते हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार:
यदि ऑपरेटिंग सिस्टम(Operating systems) के प्रकार की बात की जाए तो यह कई प्रकार के होते हैं जैसे Tasking के आधार पर Data Processing के आधार पर अलग-अलग तरह के होते हैं कुछ महत्वपूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार बताए जा रहे हैं:
1.Batch Processing Operating systems
यदि उपरोक्त Operating System(OS)की बात करें तो यह कम समय में अधिक Data प्रोसेस करने का कार्य करता है या डाटा को Batch के रूप में प्रोसेस बहुत ही आसानी से करता है BPOS का यूजर अपने कंप्यूटर से सीधे तौर पर संपर्क नहीं कर पाता है बल्कि इसे करने के लिए वह ऑफलाइन कार्य करता है उसके बाद ही सामान्य डाटा के बैच बनाने का कार्य करता है तथा अपने ग्रुप में Execute करता है ये आमतौर पर बड़े Data Process के कार्य में उपयुक्त होता है।
2.Network Operating systems
जैसा कि आपको नाम से ही मालूम पड़ता होगा कि एक प्रकार का Server Base Operating system है जो कि बहुत सारे कंप्यूटर को मिलाकर एक नेटवर्क के अंतर्गत कार्य करता है यह एक प्रकार के Private network के द्वारा कनेक्ट किया जाता है तथा उसमें सभी कंप्यूटर को जोड़कर Server के माध्यम से उनके सारे डेटा को एक्सेस करने का कार्य करता है ऑपरेटिंग सिस्टम को करने के लिए Login I’d तथा Password की आवश्यकता पड़ती है बैंको में इनका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
3.Distributed Operating systems
ऑपरेटिंग सिस्टम(OS) की बात की जाए तो इसमें बहुत सारे सिस्टम जुड़ के कार्य करते हैं बहुत सारे Network के माध्यम से जोड़ दिया जाता है जो कि एक साथ मिलकर करते हैं इसमें प्रत्येक सिस्टम में अपने खुद के CPU, Primary Memory, Secondary Memory तथा बहुत से ऐसे Resources होते हैं जिनके माध्यम से ये individual कार्य कर सकते हैं जो बहुत ही आसानी से किया जा सकता है।
4.Multiprocessing Operating systems
यह एक प्रकार का मल्टीटास्किंग प्रोसेसिंग सिस्टम होता है जिसमें एक ही तो करने के लिए बहुत सारे Multiprocessor मिलकर कार्य करते हैं यह Normal user के लिए नहीं होता है या विशेष तौर पर ऑफिस आदि में इस्तेमाल किया जाता है जिससे एक ही वर्क पर बहुत से Users मिलकर कार्य कर सकते हैं। जैसा कि आपको नाम सही प्रतीत हो रहा होगा कि 1 से अधिक ऑपरेटिंग सिस्टम को संचालन करने की प्रक्रिया को ही Multiprocessing Operating systems कहते हैं
5.Time Sharing Operating systems
जैसा कि आपको नाम से ही प्रतीत होता होगा किया समय की बचत करने के लिए इस ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है इसका उपयोग Multiple Users के द्वारा एक ही समय में Multiple task को करने के लिए करते हैं इसमें बहुत सारे यूजर्स से मिलकर एक ही सिस्टम को इस्तेमाल करते हैं जिसमें किसी Task को निश्चित समय में पूरा करने के लिए इस ऑपरेटिंग सिस्टम(OS) का इस्तेमाल किया जाता है जिससे समय की भी बचत होती है।
6.Real time Operating systems
यह एक प्रकार का Advance Operating systems माना जाता है जो कि डाटा को Real time में प्रोसेस करने का कार्य करता है इसकी सहायता से बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा तथा महत्वपूर्ण कार्यों को किया जाता है इसका ज्यादातर इस्तेमाल Calculation आदि में किया जाता है जो कि बहुत कम समय में हो जाता है Satellite launch करते वक्त Missile Guidance के तौर पर इस ऑपरेटर का इस्तेमाल किया जाता है।
7.Embedded Operating systems
इस ऑपरेटिंग सिस्टम का ज्यादातर इस्तेमाल Non-Computer Device के लिए किया जाता है उन डिवाइसों में इस्तेमाल किया जाता है जोकि कंप्यूटर आधारित नहीं होती है यह सीधे तौर पर कहे जो सेंसर पर आधारित होती हैं जैसे की Lifts,Petrol pump, ATM machine, smartwatch आदि इन सभी डिवाइसेज में Embedded OS का इस्तेमाल किया जाता है इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि जिस भी डिवाइस के लिए ये बनाया जाता है बस उसी में कार्य कर सकता है।