SHO Kya Hota Hai और एसएचओ कैसे बने एवं इसके बनने का तरीका, कार्य, योग्यता व उम्र-सीमा क्या है जाने हिंदी में
आज हम आपको Police Department के उस पोस्ट के बारे में जानकारी देंगे जो कि अपने आप में एक अलग ही रुतबा रखता है जी हां एसएचओ एक ऐसा पद है जोकि अपने पुलिस विभाग में कानून को अपने क्षेत्र में बनाए रखने के लिए हर संभव कार्य में लगा रहता है और शायद यही कारण है कि देश का हर युवा Police Department में जाने के लिए उत्सुक रहता है तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको SHO बारे में विस्तार से जानकारियां प्रदान करेंगे और एसएचओ कैसे बने और उनकी योग्यता क्या होती है इनसे संबंधित भी संक्षेप में जानकारी देने का कार्य करेंगे तो आइए हम आपको निम्नलिखित Police Department के सबसे खास ओहदे के बारे में विस्तार से बताते हैं।
SHO Kya Hota Hai?
एक प्रकार का थानाध्यक्ष होता है जो कि अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए इस पद पर कार्यरत होता है जिस का Full Form ‘Station House Officer’ होता है अक्सर ही आपने देखा होगा की वर्दी पर तीन सितारे तथा नीली और लाल रंग की पट्टी लगी हुई होती है जिस भी व्यक्ति पर ऐसी वर्दी आपको दिखाई दे आपको सीधे तौर पर समझ लेना होगा कि वह व्यक्ति SHO है एक जिम्मेदार पद होता है जोक अपने क्षेत्र में किसी भी वारदात को एक व्यवस्थित तौर पर खत्म करने के लिए तथा उनसे जुड़ी सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए और उसके साथ ही साथ थाने में मौजूद सभी कर्मचारी गण को दिशा निर्देश देने के लिए इस ओहदे पर बैठता है।
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एसएचओ के कार्य क्या होते है?
अपने थाना क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों को एक व्यवस्थित रूप से चलाने का कार्य एक SHO के हाथ में होता है जोकि अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई वारदात ना करें उसको रोकने का कोई कार्य करता है तो आइए निम्नलिखित हम ऐसे क्यों के कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हैं।
- एक SHO अपने पद पर रहते हुए अपने थाना क्षेत्र के इलाकों में यदि कोई गैरकानूनी गतिविधियां हो रही है तो उस पर नजर बनाकर रखता है और उसे पूर्णता रोकने का प्रयास भी करता है जिसके लिए उसे किसी भी कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त होता है।
- अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्वों को क्षेत्र का माहौल करने से रोकने का कार्य तथा कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करने का कार्य
- अपने थाने के अंतर्गत जितने भी पुलिसकर्मी कार्य कर रहे हैं उन्हें सही दिशा निर्देश देने का कार्य तथा उनके साथ एक व्यवहारिक तौर पर कार्य करने का कार्य।
- क्षेत्र में निकलकर दैनिक भ्रमण करना तथा क्षेत्र निवासियों से उनसे संबंधित शिकायतों को सुनना और उसके निवारण करने का कार्य
- यदि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की घटना घट जाती है तो वहां मौके पर पहुंचकर घटनाक्रम का जायजा लेने का कार्य तथा उससे संबंधित एफ आई आर दर्ज करने का कार्य।
- क्षेत्र में वाहन चेकिंग तथा नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य।
SHO की पहचान क्या होती है
यदि आपको अपने क्षेत्र में एसएचओ की पहचान करनी है तो उसके लिए आप पहनी गई वर्दी को देखकर आसानी से पहचान सकते हैं जो कि हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।
- SHO के द्वारा खाकी रंग की वर्दी पहनी जाती है जिसके कंधे पर सुनहरे रंग के तीन तीन सितारे मौजूद होते हैं।
- उसके साथ ही साथ सितारे के बगल में नीली और लाल पटिया भी लगी हुई होती हैं।
- बाएं हाथ के बाजू पर एक Police Department का एक Batch भी लगा हुआ होता है।
- सर पर एक कैप होती है जिस पर बीचोबीच पुलिस विभाग का Batch लगा होता है तथा लाल चमड़े की पट्टी भी लगी हुई होती है।
एसएचओ कैसे बने?
आज के समय में बहुत से ऐसे युवा है जो Police Department में जाने के लिए हमेशा से ही उतावले रहते हैं और उसके लिए कई प्रकार की तैयारियां भी करते हैं तो कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी देते हैं परंतु आज हम आपको SHO कैसे बनते हैं उसके बारे में निम्नलिखित बताने जा रहे हैं।
Sub-inspector की परीक्षा देना
हम आपको बताते चलें कि ऐसे क्यों बनने के लिए आपको सबसे पहले सब इंस्पेक्टर की परीक्षा को पास करना होगा क्योंकि यह सोचो कि Direct भर्ती नहीं होती है उसके लिए आपको एसआई यानी कि दरोगा बनना होगा फिर आपको अपने क्षेत्र में अच्छे कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा जितना ही अधिक प्रशस्ति पत्र आपको प्राप्त होते रहेंगे उसके बाद आप को न्यूनतम 7 सालों के बाद SHO के पद पर Promotion मिल जाएगा यही एक ऐसा तरीका है जिससे आप आसानी से एसएचओ बन सकते हैं।
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SHO बनने के लिए योग्यता
यदि ऐसे जो बनने के लिए योग्यता की बात किया जाए तो वह SI के बराबर की ही योग्यता मान्य होती है तो यह निम्नलिखित उसकी योग्यता के बारे में आपको जानकारी दे।
- SHO बनने के लिए आपको किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज से Graduate की डिग्री प्राप्त करनी होगी उसके बाद ही आप SHO बन सकते हैं।
- एसएचओ बनने के लिए किसी भी आयु सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है परंतु आपको बताते चलें कि एसआई की जो भर्ती होती है अधिकतम 28 वर्ष तक के छात्रों को ही दिया जाता है उसके साथ ही साथ आरक्षण वर्ग के विद्यार्थियों को कुछ छोड़ो प्रदान की जाती है तो उसके बाद ही सोचो का पद प्रमोशन के बात प्रदान किया जाता है।
- यदि कोई भी व्यक्ति जो पहले से ही Police Department में है और दरोगा के पद पर कार्यरत है वह बनना चाहता है तो उसके लिए उसे अपने थाना क्षेत्र में बेहतर कार्य करना होगा और उसके साथ ही साथ अपनी काबिलियत को लोगों के सामने प्रकट भी करना होगा तभी आपके जिले के Superintendent Of Police के द्वारा आपको Promotion देकर SHO का पद प्रदान किया जाएगा।
Police Station में मुख्य अधिकारी-SHO
बताते चलें कि किसी भी थाना क्षेत्र में जो Police Station होता है उसका मुख्य अधिकारी SHO(Station House Officer) ही होता है जिसे हम स्टेशन हाउस ऑफिसर कहते हैं उसके अंतर्गत ही तीन से चार दरोगा और 15 से 20 Constable और Head Constable कार्य करते हैं यह सभी अपने थाना क्षेत्र में आने वाले सभी इलाकों को व्यवस्थित पर पर चलाने का कार्य करते हैं और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वह हर संभव प्रयास नहीं करते हैं किसी भी घटनाक्रम का प्रमुख विवेचक भी होता है जो कि FIR के बाद सारे घटनाक्रम को समझ कर Report तैयार करता है।
एसएचओ का वेतनमान कितना होता है
एक एसएचओ 4200 Grade Pay पर की नौकरी पर कार्य करता है यदि उसके मासिक वेतन मान की बात की जाए तो वह लगभग ₹50000 से ₹80000 तक का हो सकता है कहीं-कहीं थाना क्षेत्र के हिसाब से उनकी वेतनमान में बढ़ोतरी भी देखने को मिलती है उसके साथ ही साथ सरकार की तरफ से उन्हें कई सरकारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है जैसे कि मकान भत्ता कपड़ा धुलाई भत्ता आवास भत्ता स्वास्थ्य भत्ता खानपान भत्ता आदि यह सभी सरकार की तरफ से उन्हें प्रदान किया जाता है।