Mouse क्या है और माउस कितने प्रकार के होते हैं?

Mouse Kya Hota Hai और इसकी फुल फॉर्म क्या है एवं माउस के कार्य एवं प्रकार क्या होते है व इसका दूसरा नाम क्या होता है जाने हिंदी में

दोस्तों आज हम आपको माउस के बारे में बताएंगे की माउस क्या है और कितने प्रकार का होता है इसके क्या कार्य हैं और उसमें कौन कौन से भाग होते हैं वैसे तो आजकल के जमाने में अधिकतर लोग माउस का प्रयोग करते हैं और उसके साथ साथ कीबोर्ड इस्तेमाल किया जाता है ये दोनों  बहुत महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस का कार्य करती है माउस को pointer डिवाइस भी कहते हैं। इसी के बारे में आज हम आपको बता रहे हैं । Mouse कंप्यूटर को इनपुट इंस्ट्रक्शन देने का कार्य करता है कंप्यूटर के साथ कम्युनिकेशन करने में मदद करता है और  यह इनपुट डिवाइस का कार्य करता है।

माउस क्या हैं 

आमतौर पर माउस को पॉइंटिंग डिवाइस के रूप में देखा जाता है। आपकी स्क्रीन पर जो अभी ऑब्जेक्ट होता है उसको इंडिकेट करने का कार्य करता है या सेलेक्ट करने का कार्य भी कह सकते हैं आजकल सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला प्वाइंटर माउस  माना जाता है। माउस का उपयोग अधिकतर ग्राफिक बनाने का कार्य और किसी ऑब्जेक्ट पर क्लिक करने और मैंन्यू ऑप्शन पर क्लिक करने का कार्य भी करता है। कीबोर्ड के बिना भी आप Mouse के द्वारा अपने कंप्यूटर को कंट्रोल कर सकते हो। आमतौर पर माउस में तीन बटन का उपयोग किया जाता है जिसे राइट बटन लेफ्ट बटन और स्क्रॉल  व्हील के नाम से जानते हैं माउस के नीचे एक बॉल लगी होती है जो सतह पर छूकर चलती है और यह घूमती रहती है।

Mouse Kya Hai
Mouse Kya Hai

Mouse के भाग

आमतौर पर माउस में दो बटन, एक स्करोल व्हील होता हैं और एक यूएसबी केबल होती है जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।

बटन

आमतौर पर Mouse में दो प्रकार के बटन होते हैं एक राइट क्लिक के लिए दूसरा लेफ्ट क्लिक के लिए होता है राइट बटन का इस्तेमाल हम फाइल को खोलने या बंद करने के लिए करते हैं ऑल लेफ्ट बटन का इस्तेमाल हम मेनू बार खोलने के लिए करते हैं।

माउस व्हील

लैफ्ट बटन ओंर राइट बटन के बीच में एक छोटा सा व्हील होता है जिसे हम माउसव्हील कहते हैं इसकी सहायता से हम किसी भी आर्टिकल या वेब पेज को ऊपर नीचे  स्क्रोल करने का कार्य करते हैं।

बाॅल या एलईडी लेजर

मैकेनिकल माउस में बोल के माध्यम से माउस कार्य करता है ठीक उसी प्रकार ऑप्टिकल माउस में एलईडी लेजर का इस्तेमाल किया जाता है बोल और एलईडी के द्वारा ही आप माउस प्वाइंटर को अपनी कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते हैं

केबिल

माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए एक यूएसबी केबल का यूज़ किया जाता है इसी तरह वायरलेस माउस के लिए एक वायरलेस पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है।

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माउस का आविष्कार

माउस को ओरिजिनल एक्स वाई पोजीशन इंडिकेटर कहा जाता है। माउस का आविष्कार वर्ष 1963 में Douglas Carl Engelbart के द्वारा किया गया था। जब मैं उसको बनाया गया था तब इस के जनक Xerox Parc Corporation में काम करते थे। शुरुआत में इसके इस्तेमाल को लेकर लोगों के मन में बहुत सारे संदेश है लेकिन 1984 के बाद इसकी लोकप्रियता इतनी तेजी से बढ़ी के आज के समय में इसका उपयोग कंप्यूटर में कितना है वे देखा जा सकता है।

Mouse के कार्य

  • माउस के बटन के द्वारा आप  किसी भी वेब पेज पर क्लिक करते हैं राइट क्लिक करने पर मेनू खुल जाता है और इसके साथ साथ आप कट कॉपी पेस्ट भी कर सकते हो।
  • माउस की सहायता से आप किसी फाइल पर डबल क्लिक करते हैं तो वह फाइल ओपन हो जाती है उसके बाद उस फाइल को सेलेक्ट करके आप उसमें कोई भी कार्य कर सकने में समर्थ होते हो फाइल को ड्रैग भी कर सकते हैं।
  • जब आप माउस को सीधे सरफेस पर घूमाते हो तब प्वाइंटर के द्वारा किसी भी डायरेक्शन में मूव करा सकते हो।
  • दोनों बटन के बीच में जो व्हील होता है उसको स्क्रोल करके आप किसी भी पेज को ऊपर नीचे करके देख सकते हो इसे स्क्रोलिंग कहा जाता है।
  • प्वाइंटर को जब हम किसी एक फाइल या फोल्डर पर कुछ देर के लिए रोक देते हैं तो उसकी डिटेल हमें दिख जाती है।
  • जब आप किसी फाइल या फोल्डर पर  राइट क्लिक करते हैं तो आप उस फाइल को ओपन, कॉपी,कट पेस्ट, पेस्ट, रिनेम बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

माउस के प्रकार

आमतौर पर मऊ तीन प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।

मैकेनिकल माउस

आपने मुख्य रूप से कुछ माउस में नीचे एक रबड़ की बॉल लगे हुए जरूर देखी होगी उसे ही मैकेनिकल माउस कहते हैं जब आप माउस को इधर-उधर सरकाते हैं रबड़ की बॉल जो होती है वह नीचे घूमती रहती है और बॉल के घूमने से माउस के अंदर लगे सेंसर कंप्यूटर का सिग्नल भेजते हैं जिसकी वजह से कंप्यूटर को इनपुट मिलता है इससे कंप्यूटर कार्य करता है यह माउस बहुत अधिक इस्तेमाल में लिया जाता है।

ऑप्टिकल माउस

इस माउस के नीचे एक एलईडी लाइट लगी हुई होती है जो प्रकाश फेकती  है इसको देखकर आप समझ सकते हो कि यह ऑप्टिकल माउस है यही ऑप्टिकल रेस कंप्यूटर को इनपुट पहुचाने का कार्य करती हैं।

वायरलेस माउस

जैसे नाम से ही पता चलता है यह वायरलेस माउस होता है इसमें किसी भी केबिल की जरूरत नहीं होती इसमें उसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह radio-frequency टेक्निक की मदद से कंप्यूटर से कम्युनिकेट कर सकता है इस माउस का पहला भाग ट्रांसमीटर की तरह कार्य करता है और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल के द्वारा इसकी स्पीड और लिकिंग के संदेश भेजने का कार्य करता है। और दूसरा भाग रिसीवर होता है जो कंप्यूटर से कनेक्ट होता है और यह ट्रांसमीटर की सहायता से भेजो हुए सिंगल को प्राप्त करके कंप्यूटर को भेजता है।

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