पत्र लेखन हिंदी क्या है और औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र व Patra Lekhan Kaise Kare तथा यह के प्रकार कितने होते है जाने हिंदी में
आज के समय में डिजिटल दुनिया में मोबाइल का काफी अहम रोल माना जाता है जिसके माध्यम से इंटरनेट का यूज करके हम दूर बैठे सगे संबंधियों सभी से वार्तालाप कर सकते हैं परंतु क्या आपको पता कि पहले जमाने में जब मोबाइल इंटरनेट यह सब नहीं हुआ करता था तो फिर इतनी दूरी के संदेशों को किस तरह से आदान-प्रदान किया जाता था तब पत्र लेखन का सहारा लेकर ऐसे कार्यों को किया जाता था आज भी बहुत जगह Patra Lekhan के द्वारा ही कार्यों को तरजीह दी जाती है क्योंकि यह अपने अंदर की भावना को प्रकट करने का सबसे अच्छा साधन माना जाता है आज इसी के साथ हम आपको पत्र लेखन से संबंधित जानकारियां मुहैया कराएंगे तथा इसके प्रकारों के बारे में भी हम आपको पूर्ण जानकारी देंगे क्योंकि आज के युग में पत्र लेखन को सही तरीके से लिखना आना बहुत जरूरी माना जाता है।
Patra Lekhan Hindi Kya Hai?
जब किसी भी सरकारी दफ्तर में अथवा कार्यालयों में किसी समस्या या छुट्टी के लिए आवेदन या किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए जब एक पत्र लिखा जाता है जिसमें कोई व्यक्ति बिल्कुल निसंकोच होकर उसमें अपनी भावना को प्रकट करता है तो ऐसे पत्र को हम पत्र लेखन कहते हैं और वर्तमान समय में सरकारी दफ्तरों में यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि कोई भी बात यदि लिखित तौर पर दी जाए तो वह ज्यादा प्रभावित लगती है इसलिए पत्र लेखन का महत्व आज के समय में काफी ज्यादा माना जाता है ऐसा नहीं है कि पत्र लेखन सिर्फ सरकारी कार्यों के लिए ही है या निजी एवं व्यापारिक कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाता है जिसमें अपने सगे संबंधियों परिवार वालों या फिर व्यापार से संबंधित किसी प्रकार की बातों को दूसरी जगह पहुंचाने के लिए भी लिखा जाता है।
पत्र लेखन हिंदी का नियम
जैसा कि आपको पता है कि किसी भी पत्र लेखन को यदि एक आदर्श तौर पर ना लिखा जाए तो वह प्रभावित नहीं माना जाता है इसलिए Patra Lekhan के लिए कुछ नियम होते हैं जिसके द्वारा यदि एक पत्र को लिखा जाए तो वह सामने वाले व्यक्ति के ऊपर काफी प्रभाव छोड़ सकते हैं निम्नलिखित पत्र लेखन हिंदी के कुछ नियम बताए जा रहे हैं।
- पत्र लेखन लिखने के लिए सबसे पहले एक आदर्शवादी भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।
- जिसको आप पत्र लेखन लिख रहे हैं उसे अपने पत्र में सम्मान देकर अपनी भावना को प्रकट करना चाहिए।
- जितना अधिक हो सके अपनी भाषा को सरल एवं स्पष्ट रखें जिससे पढ़ने वाला आपकी बातों को आसानी से समझ सके।
- किसी भी पत्र को जब आप पेज पर लिख रहे हैं तो वह साफ तौर पर लिखा होना चाहिए उसमें किसी भी प्रकार की कोई गंदगी या फिर खराब राइटिंग की वजह से आने वाली दिक्कतें ना होनी चाहिए।
- पत्र लिखने के साथ साथ हमेशा ही आदरणीय महोदय प्रिय आदि जैसे शब्दों का इस्तेमाल जरूर करें इससे सामने वाले के मन में प्रसन्नता उत्पन्न होती है।
- जब भी पत्र लिखें तो जितनी कोशिश हो सके सामने वाले की बातें साफ तौर पर लिखी होनी चाहिए जिससे वह पढ़ने में इच्छुक लगे।
पत्र लेखन हिंदी (Patra Lekhan) के प्रकार कितने होते है?
जैसा कि आप जानते हैं कि एक पत्र लेखन का कार्य बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है जिसमें बस सामने वाले को अपनी भावना प्रकट करने का कार्य करता है ऐसी स्थिति में पत्र लेखन हिंदी दो प्रकारों में बांटा गया है जिसे हम निम्नलिखित आप को बारी-बारी से बताएंगे।
- औपचारिक पत्र
- अनौपचारिक पत्र
1.औपचारिक पत्र
वह पत्र जो किसी सरकारी दफ्तर प्रधानाचार्य पदाधिकारी व्यापारी नौकरी के लिए किसी संस्था आदि के लिए स्पष्ट तौर पर लिखा जाता है उसे हम औपचारिक पत्र कहते हैं औपचारिक पत्र को लिखने के लिए हमेशा ही सबसे ऊपर सेवा में शब्द का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए तथा उसके बाद जिसे आप पत्र लिख रहे हैं उसका नाम पता आदि स्पष्ट तौर पर लिखें तथा उसके नीचे महोदय आदरणीय प्रिय शब्द का इस्तेमाल करें तथा उस पत्र में एक निवेदक के तौर पर अपनी भूमिका होनी चाहिए जिससे यह प्रतीत हो कि आप सामने वाले से निवेदन कर रहे हैं निम्नलिखित हम आपको औपचारिक पत्र का उदाहरण बताने जा रहे हैं।
उदाहरण:
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
गोपाल दास इंटर कॉलेज
बेल्थरारोड,बलिया
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं बृजेश कुमार आपके कॉलेज का कक्षा ग्यारहवीं का छात्र हूं मेरे पिताजी एक बिजली विभाग में कर्मचारी हैं जिनका स्थानांतरण अब मऊ जनपद में हो गया है इस कारण वंश मुझे अपने परिवार के साथ मऊ में शिफ्ट होना पड़ रहा है जिसके लिए मुझे आगे की शिक्षा वहां के कॉलेज से प्राप्त करनी है।
इसलिए आप श्रीमान जी से विनती है कि मुझे वर्तमान कॉलेज से स्थानांतरण प्रमाण पत्र और चरित्र प्रमाण पत्र प्रदान करने की कृपा करें जिससे मैं दूसरे कॉलेज में एडमिशन ले सकूं। प्रार्थी आपका सदा आभारी रहेगा।
आपका आज्ञाकारी छात्र
बृजेश कुमार
कक्षा ग्यारहवीं बी
रोल नंबर 65
2.अनौपचारिक पत्र
जब किसी भी पत्र लेखन के द्वारा किसी सगे संबंधियों रिश्तेदारों मित्रों आदि का हालचाल जानने के लिए या फिर उन्हें बधाई एवं शोक संदेश पहुंचाने के लिए कोई पत्र लिखा जाता है तो उसे अनौपचारिक पत्र कहते हैं इसकी विषय ही बात होती है कि इसमें किसी प्रकार की कोई बंदिश नहीं होती है या बिल्कुल बेफिक्र होकर अपनी निजी भाषा को इस्तेमाल करके लिखा जा सकता है इसमें सबसे खास बात यह होती है कि भेजने वाले का पता तथा दिनांक सबसे ऊपर लिखा जाता है और और जिसे आप पत्र लिख रहे हैं उसे प्रिय आदरणीय पूजनीय नमस्कार आदि शब्द से संबोधित किया जाता है पत्र लिखने के बाद अंत में आपका शुभचिंतक आपका प्यारा आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। लिखित हम आपको अनौपचारिक पत्र का उदाहरण पेश कर रहे हैं।
उदाहरण:
मुंब्रा नगर
मुंबई,महाराष्ट्र
दिनांक–12/03/2022
आदरणीय पिता जी,
सादर प्रणाम
आपके द्वारा भेजे गए रुपए आज मुझे प्राप्त हो गए हैं तथा लिफाफे में आपके पत्र को भी मैंने पढ़ा जिसे पढ़कर काफी खुशी हुई डाकिए के द्वारा जैसे ही आपका पत्र मुझे प्राप्त हुआ आंखों में एक चमक से आ गई और आपके द्वारा भेजा गया उपहार भी मुझे काफी ज्यादा पसंद आया।आप लोग से मिलने का बहुत मन करने लगा मई में अपने सेमेस्टर एग्जाम देकर मैं जल्द ही गांव लौटूंगा और आप लोग से मिलूंगा माता जी की बहुत याद आती है उन्हें मेरा प्रणाम कीजिएगा तथा छोटू से कहिए गा के दिल लगाकर पढ़ाई करें।
इस लिफाफे के साथ-साथ मैं अपनी कुछ तस्वीरें भी भेज रहा हूं जिसे माता जी को भी दिखा दीजिएगा तथा उन्हें हमारा प्यार कहिएगा।
आपका आदरणीय पुत्र
विनोद सोलंकी