एटीएस (What is ATS) क्या होता है, ATS Full Form- कार्य व अधिकार जाने

एटीएस क्या होता है और ATS Ki Full Form Kya Hoti Hai एवं इसे कैसे ज्वाइन किया जाता है व इसके कार्य तथा अधिकार जाने हिंदी में

जैसा कि हम जानते हैं कि वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व में आतंकवाद की समस्या बनी हुई है और धीरे-धीरे आतंकवाद अपनी जड़े और भी ज्यादा मजबूत कर रहा है और आतंकवादी संगठनों का मुख्य निशाना हमेशा से ही भारत रहा है ऐसे में भारत में आतंकवादी गतिविधियों को खत्म करने के लिए भारत सरकार ने एटीएस(ATS)का गठन किया जोकि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने तथा उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने का मुख्य कार्य करते हैं और बहुत से ऐसे संगठन है जो कि भारत में कई जगहों पर आतंकवाद की पैदावार को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे देश को अंदर से खोखला करने की साजिश भी रची जा रही है ऐसे में ATS मजबूती के साथ तमाम आतंकवाद गतिविधियों को रोकने के लिए तात्पर्य रहता है।

ATS Kya Hota Hai?

एटीएस एक प्रकार की ऐसी एजेंसी है जो कि मुख्य रूप से आतंकवाद गतिविधियों को रोकने का कार्य करती है जिसकी स्थापना मुंबई पुलिस के आयुक्त आफताब अहमद खान के द्वारा साल 1990 में की गई थी क्योंकि उस समय मुंबई शहर Underworld से घिरा हुआ था और ऐसे में वहां पर गैरकानूनी गतिविधियां, आतंकवादी गतिविधियां बहुत जोरों से ऊपर उठ चुकी थी जिससे राज्य में अपराध चरम सीमा पर पहुंच चुका था ऐसे में मुंबई पुलिस को एक ऐसे संगठन की तलाश थी जो कि इस व्यवस्था को सही कर सके ऐसे में ATS का गठन करके जितनी भी आतंकवाद गतिविधियां थी उस पर काबू किया गया और आज के समय में भारत के सभी राज्यों में एटीएस का मुख्यालय मौजूद है।

ATS Kya Hai
ATS Kya Hai

यह भी पढ़े: Indian Air Force जॉइन कैसे करे

ATS का Full Form क्या है?

वैसे अंग्रेजी में यदि ATS के Full Form की बात किया जाए तो यह Anti-Terrorism Squad के नाम से जाना जाता है और हिंदी में इसे आतंकवाद विरोधी दस्ता कहते हैं जोकि एक प्रकार का विशेष पुलिस बल है जिसके द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को खतम करने और आतंकवादी हमलों से देश की सुरक्षा हेतु उसकी जानकारी प्राप्त करके उचित कार्रवाई की जाती है।

एटीएस किस के साथ मिलकर काम करता है?

जब ATS(Anti-T का गठन हुआ है तब से इस संगठन ने भारत में कई बड़े आतंकी हमलों को रोकने में अहम भूमिका दर्ज कराई है और यदि देश के किसी भी राज्य में राष्ट्र विरोधी तत्वों के बाबत कोई भी प्रकार की जानकारी इसे प्राप्त होती है तो यह देश की मुख्य एजेंसियां Intelligence Bureau,RAW आदि के साथ मिलकर उन्हें सूचना साझा करती है तथा समन्वय स्थापित करके कार्य करती है और जिस तरह से हम जानते हैं कि आतंकवाद का मसला अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुका हैं जिसमें संपूर्ण विश्व चाहे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों ही तौर पर प्रभावित हो चुका है और यही कारण था कि भारत में एटीएस का गठन करना पड़ा।

ATS का कार्य व अधिकार क्या है?

जैसा कि हम जानते हैं कि ATS का जो गठन हुआ था वो देश में आतंकवाद गतिविधियों को कम करने और रोकने के लिए किया गया था परंतु बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें एटीएस का कार्य व अधिकार नहीं पता होता है ऐसे में हम निम्नलिखित आपको ATS का कार्य और अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं

  • भारत में ऐसे स्थानों की शिनाख्त करना या फिर ऐसे व्यक्ति की शिनाख्त करना जो कि मुख्य तौर पर देश विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित है
  • यदि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में पता चलता है तो ऐसे लोगों को पकड़कर उनसे पूछताछ करना तथा राज्य एवं केंद्रीय एजेंसियों को इसकी सूचना देना
  • यदि कोई आतंकवादी संगठन देश में उपज रहा है तो उनसे संबंधित जानकारियां ग्रहण करना तथा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने का कार्य और उसके साथ ही साथ यदि कोई व्यक्ति उस संगठन के लोगों को आश्रय दे रहा है तो उसकी पहचान करके कानूनी कार्रवाई करना।
  • यदि कोई व्यक्ति विदेशी खुफिया एजेंसी के संपर्क में है और अपने देश की गतिविधियों को वहां तक पहुंचा रहा है तो उसकी शिनाख्त करना तथा उस पर निगरानी बनाए रखना।
  • देश में किसी भी प्रकार के अनैतिक कार्य जैसे विस्फोटक पदार्थों की तस्करी करना, नकली मुद्रा की तस्करी करना, हथियारों की तस्करी करना, एजेंटों और माफियाओं को पकड़ना आदि के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का कार्य
  • राज्य एवं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करके प्राप्त सूचना के आधार पर कार्यवाही करना।

एटीएस कैसे ज्वाइन किया जाता है?

बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो ATS को Join करना चाहते हैं परंतु आपको बताते चलें कि एटीएस की सीधी भर्ती नहीं होती इस में भर्ती होने के लिए पहले से ही पुलिस विभाग में या फिर केंद्रीय बल में होना अनिवार्य होता है जिसके बाद ही उनमें से कुछ काबिल लोगों को ATS में शामिल किया जाता है तो आइए निम्नलिखित हम इसमें जोइनिंग का तरीका बताते हैं।

  • प्रत्येक वर्ष पुलिस डिपार्टमेंट के एटीएस विभाग के द्वारा पुलिस और पीएसी में पहले से ही Join जवानों को ATS में भर्ती के लिए आवेदन मांगे जाते हैं
  •  ATS में भर्ती होने के लिए जवान दिन-रात कड़ी मेहनत करते जिसके बाद ही उन्हें शामिल किया जाता है
  • ATS कमांडो की भर्ती पूर्ण रूप से गोपनीय होती है जिसके लिए कंपनी कमांडर अनुमति लेना अनिवार्य होता है
  • एटीएस भर्ती के लिए आवेदन किए हुए जवानों की एक सूची तैयार की जाती है जिसमें उनकी शारीरिक दक्षता और खूबियों के बारे में जानकारी रखी जाती है और अंत में एक मेरिट के हिसाब से उन्हें भर्ती किया जाता है।
  • उसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए ATS Center में भेज कर आगे की सारी तैयारी कराई जाती है।

ATS में Joining से पहले परीक्षा

यदि किसी जवान को एटीएस में शामिल किया जाता है तो उसके लिए उसको तीन प्रकार की परीक्षा से गुजर ना होता है इसके बारे में हम आपको निम्नलिखित बताने जा रहे हैं

  • एटीएस में Joining होने से पहले जवान को Physical Capacity,Mental Ability,Technical & General Knowledge की परीक्षा से गुजरने के बाद ही जवान को ATS के अगले चरण में जाने का मौका प्रदान किया जाता है
  • जब कोई जवान परीक्षा में पास हो जाता है तो उसको आगे की तैयारी के लिए ATS Training Center में भेज दिया जाता है जहां पर वो आगे का परीक्षण लेता है
  • अपनी Training पूरी करने के बाद जवान को फील्ड में उतारा जाता है जिससे वो परिपक्व हो सके।
Selection के बाद ATS Officer का वेतनमान

यदि कोई जवान ATS Officer के पद पर तैनात होता है तो उसे मासिक वेतन के तौर पर ₹60,000 से ₹80,000 शुरुवाती दौर में प्राप्त होता है जोकि Experience के आधार पर निरंतर बढ़ता जाता रहता है और इसके साथ ही साथ उसे बहुत सी सरकारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है और यदि बात करें एटीएस में तैनात निचले स्तर के जवानों की तो उन्हे शुरुवाती दौर में ₹40,000 से ₹60,000 प्राप्त होते है जोकि दिन ब दिन बढ़ता रहता है और सरकारी सुख सुविधाएं भी उन्हें प्राप्त होती रहती है।

Leave a comment