महापौर किसे कहते है और Mayor की शक्तियां क्या होती है एवं इसके कार्य, चुनाव लड़ने के लिए योग्यता व कार्यकाल जाने हिंदी में
देश के जितने भी बड़े शहर अथवा महानगर है वहां पर एक नगर निगम की स्थापना होती है जिसके द्वारा शहर के सभी क्षेत्र में दायित्व की पूर्ति एवं विकास कार्यों को कराया जाता है इसके साथ ही साथ क्षेत्र की साफ सफाई और पर्यावरण संरक्षण का भी कार्य इस नगर निगम के अंतर्गत ही होता है और जो पूरे इस नगरपालिका को व्यवस्थित रूप से संचालित करता है उसे महापौर कहते हैं जो की पूरे नगर का प्रथम नागरिक भी होता है और नगर निगम के अंतर्गत जितने भी कार्य सूची होती है वह Mayor की सहमति के द्वारा ही सदन के अंदर निवेदीत की जाती है तो आज हम आपको महापौर से संबंधित सभी जानकारी को विस्तार से बताएंगे और उनकी योग्यता और चुनाव प्रक्रिया किस प्रकार से होती है उसके बारे में भी संक्षेप में जानकारी प्रदान करेंगे।
Mayor Kise Kehte Hai?
किसी भी शहर अथवा महानगर को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए एक प्रशासक की आवश्यकता होती है जिसे हम महापौर कहते हैं और प्रत्येक Mayor 5 वर्षों के लिए चुनाव के माध्यम से चुना जाता है जो की नगर निगम के अंतर्गत पार्षदों के चुनाव होने के बाद सभी पार्षदों के वोट के द्वारा मेयर पद का चुनाव होता है जबकि नगर निगम के अंतर्गत पार्षदों का चुनाव आम जनता के द्वारा किया जाता है वह शहर अथवा महानगर का प्रथम नागरिक भी होता है और उसके साथ ही साथ नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यों का क्षेत्र में विकास कार्य महापौर की सहमति के द्वारा ही किया जाता है।
महापौर की शक्ति
Mayor जो होता है वह नगर पालिका का नेता होता है जो की विधि और कार्यात्मक दोनों प्रकार की भूमिका को निभाता है और इसके द्वारा ही नगर पालिका और नगर परिषद की कार्यवाही की अध्यक्षता भी की जाती है निम्नलिखित हम आपको मेयर की शक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं।
- किसी भी महानगर एवं शहर के अंतर्गत नगर निगम के द्वारा कराए जाने वाले प्रत्येक कार्य महापौर की सहमति के द्वारा ही किए जाते हैं।
- शहर का जो प्रथम नागरिक होता है वह Mayor होता है।
- सदन में पार्षदों के द्वारा रखे गए एजेंडे को तभी सहमति प्रदान की जाती है जब महापौर इसके लिए सहमत रहता है।
- Mayor को किसी भी शहर एवं महानगर के अंतर्गत विकास कार्य करने के लिए प्रति वर्ष 2 करोड़ की राशि प्रदान की जाती है जो की वह किसी भी कार्यक्षेत्र में इस्तेमाल कर सकता है।
- मेयर को सुख सुविधा के तौर पर सरकारी गाड़ी तथा सरकारी बांग्ला भी प्रदान किया जाता है और उसके साथ ही साथ सुरक्षा हेतु भी सरकारी गनर दिया जाता है।
Mayor का कार्य क्या होता है?
अपने शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मेयर के द्वारा कई प्रकार के कार्य कराए जाते हैं जो की नगर निगम के अंतर्गत होते हैं इसके साथ ही साथ शहर में विकास कार्यों को बेहतर करना और साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है निम्नलिखित हम आपको महापौर से संबंधित कुछ विशेष कार्य बताने जा रहे हैं।
- शहर एवं महानगर के अंतर्गत जितने भी सके एवं नालियां होती हैं वह सभी नगर निगम के अंतर्गत साफ सूची की जाती हैं जो की महापौर के द्वारा ही होता है।
- शहर की आबादी के सभी कूड़े को निस्तारण करने का कार्य Mayor के द्वारा नगर निगम करता है
- अपने शहर को किस प्रकार से स्वस्थ एवं स्वच्छ रखा जाए उसकी रूपरेखा महापौर ही तैयार करता है।
- नगरवासियों को एक बेहतर जलापूर्ति करने का कार्य और जिम्मेवारी Mayor की ही होती है
- यदि शहर में किसी प्रकार का कोई संक्रमण रोग फैल चुका है तो उसको रोकथाम का उपाय महापौर के द्वारा ही किया जाता है।
- शहर के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण पेड़ों की कटाई को रोकना आदि का कार्य Mayor के द्वारा ही किया जाता है।
- शहर के सभी क्षेत्र के चुने गए पार्षदों को विकास कार्य करने हेतु राशि आवंटन का कार्य महापौर के द्वारा किया जाता है।
महापौर का चुनाव लड़ने के लिए योग्यता
- Mayor बनने के लिए उक्त व्यक्ति को अपने शहर का ही निवासी होना अनिवार्य है
- महापौर बनने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है
- यदि शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो Mayor की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं होनी चाहिए
- मेयर का चुनाव सीधे तौर पर जनता के द्वारा नहीं किया जाता उसके लिए जनता के द्वारा चुने गए पार्षदों के वोटो के आधार पर इसका चयन होता है
- Mayor का चुनाव कोई व्यक्ति तभी लड़ सकता है जब वह किसी भी कारण से अयोग्य घोषित ना हुआ हो।
Mayor का चुनाव कैसे होता है?
किसी भी शहर के नगर निगम का जो चुनाव होता है वह प्रत्येक 5 वर्ष पर आयोजित किया जाता है जिसमें जनता के द्वारा सभी क्षेत्र के पार्षदों को चुना जाता है उसके बाद सभी पार्षद मिलकर सदन के नेता का चुनाव करते हैं जिसे महापौर कहा जाता है इस Mayor के द्वारा ही सभी नगर पालिका को व्यवस्थित रूप से संचालित किया जाता है इसके अंतर्गत शहर के विकास कार्य आदि को भी व्यापक तौर पर व्यवस्थित करने का कार्य किया जाता है।
महापौर का कार्यकाल और वेतनमान
Mayor का जो कार्यकाल होता है वह 5 वर्षों का होता है जो की नगर निगम के चुनाव के बाद से शुरू हो जाता है और अगले नगर निगम के चुनाव तक महापौर अपनी कार्यशक्ति का इस्तेमाल कर सकता है यदि एक Mayor के वेतनमान की बात की जाए तो सरकार की तरफ से इसे ₹30000 वेतनमान भी प्रदान किया जाता है और इसके साथ ही साथ उन्हें सरकार की तरफ से अन्य कई सुविधाएं भी प्रदान की जाती है।