Top 10 Short Story for Class 1 in Hindi with Pictures

शार्ट स्टोरी कौन कौन सी होती है और Short Story for Class 1 List एवं Top 10 Short Story for Class 1 in Hindi with Pictures

छोटे बच्चे जो होते हैं उन्हें सबसे ज्यादा कहानी पसंद होते हैं जिससे वह खूब मनोरंजन करते हैं और जब भी वह अपने दादी नानी के साथ सोते हैं तो उनसे कहानी सुनाने के लिए जिद करने लगते हैं तब जाकर उनकी दादी नानी उन्हें अच्छी-अच्छी सीख लेने वाली कहानी सुनाते हैं जिससे बच्चों का मन भी लगा रहे और उन्हें सामाजिकता कभी पाठ पढ़ाया जा सके इसलिए आज हम आपको इस लाइफ में Top 10 Short Story for Class 1 बताने जा रहे हैं जो की आप भी अपने बच्चों को सुन सकते हैं।

Short Story for Class 1 in Hindi

लघु कहानियां जो होती हैं वह छोटू बच्चों को काफी ज्यादा आकर्षित करते हैं और उनके माध्यम से ही ऊपर कुछ सीख भी पाते हैं जो कि उनके जीवन में काफी अच्छा किरदार भी निभाते हैं और घर में जो दादियां नानियां होती हैं वह अपने नाती पोतों को इन्हीं छोटी कहानियों के माध्यम से एक अच्छा संदेश देने का कार्य करते हैं जिससे वह कुछ सीख और नैतिकता का पाठ पढ़ सकते हैं तो ऐसे में हम आपको निम्नलिखित Top 10 Short Story for Class 1 बताने जा रहे हैं।

Top 10 Short Story for Class 1 in Hindi with Pictures
Top 10 Short Story for Class 1 in Hindi with Pictures

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Top 10 Short Story for Class 1 List

बूढ़ी दादी की कहानी

एक गांव में एक बूढी दादी रहती थी उन्हें मौसम का अनुमान लगाना बहुत अच्छी तरह से आता था एक दिन वह गांव वालों से कहते हैं कि तुम सभी अपने-अपने कामों को जल्दी डालो क्योंकि आज बहुत ज्यादा तेजी से बारिश होगी जिससे सबकी मानी और जो बछड़े हैं उन्हें नुकसान होगा परंतु गांव वाले देखते हैं तो काफी तेज धूप निकली रहती है और उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं लेकिन जैसे ही रात होती है तेज वर्षा होने लगती है जिस कारण से गांव में पानी लग जाता है और बहुत से लोगों का नुकसान भी हो जाता है तब जाकर सभी गांव वाले बूढी दादी से माफी मांगते हैं और उनके द्वारा बताए गए सभी कार्यों को सही समय पर करने लगते हैं।

बूढ़ी दादी की कहानी
बूढ़ी दादी की कहानी

चींटी और हाथी की नोकझोक

एक विशालकाय हाथी था जो जंगलों में सभी जानवरों को काफी ज्यादा परेशान करता था और चींटियों को देखकर वह फूंक मार देता था जिससे चीटियों का घर भी उजाड़ जाता था और वह एक दूसरे से बढ़ जाती थी ऐसे में सभी चीटियां काफी ज्यादा परेशान हो चुकी थी एक दिन उसके अत्याचार से सभी चीटियों ने एक जूता दिखाई और एक साथ उसकी सूंड में घुस जाती है और उसे काटने लगते हैं जिसके बाद वह हाथी विचलित हो जाता है और बाद में चीटियों से माफी मांगने लगता है तब जाकर चीटियां उसे छोड़ती हैं तब तक उसकी पूरी सूंड लाल हो चुकी रहती है।

चींटी और हाथी की नोकझोक

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ईमानदार दर्जी की कहानी

एक गांव में एक दर्जी रहता था और वह काफी सीधा-साधा और ईमानदार था और उसके यहां सभी गांव वाले अपना कपड़ा सिलवाते थे एक दिन एक सेठ जी उसकी दुकान पर कपड़ा सिलवाने आते हैं जब वह उसे अपना कपड़ा का नाप देते हैं तो अपनी कोट वहीं पर उतार कर भूल जाते हैं और अपने घर चले जाते हैं जब दरजी उनकी कोर्ट को देखा है तो उसके अंदर रुपए रखे रहते हैं लेकिन ईमानदार दर्जी तुरंत सेठ जी के घर जाकर उन्हें पैसे सहित उनकी कोर् दे देता है जिससे सेठ जी काफी ज्यादा खुश हो जाते हैं और वह दर्जी को इनाम देने लगते हैं परंतु दरजी उनसे इनाम नहीं लेता और वह कहता है कि सेठ जी या मेरा फर्ज था मैं बेमानी नहीं कर सकता क्योंकि ईश्वर ऊपर से सब देखता रहता है।

ईमानदार दर्जी की कहानी
ईमानदार दर्जी की कहानी

पिताजी की बच्चों को सिख

एक आदमी अपने बच्चों को मेला घूमने ले जाता है जहां पर बच्चे खूब खेलते हैं लेकिन जब मिले से सभी बच्चे वापस आते हैं तो वह सब जितने भी पत्थर और ईद रहती है वह सड़कों पर फेंकने लगते हैं तभी पिताजी उन्हें यह करने के लिए मना करते हैं क्योंकि उन ईद और पत्थरों से आने वाले राहगीरों को चोट भी लग सकती है जिसके बाद सभी बच्चे अपने पिताजी से क्षमा मांगते हैं और दोबारा से ऐसी हरकत ना करने का वादा भी करते हैं तब जाकर पिताजी उन बच्चों को आइसक्रीम खिलाने ले जाते हैं।

पिताजी की बच्चों को सिख
पिताजी की बच्चों को सिख

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लोभी लोमड़ी को अंगूर नहीं मिले

एक लोमड़ी रहता है जब वह जंगल में जाता है तो वहां पर उसे अंगूर का पेड़ दिखाई देता है और उसे पेड़ से अंगूर लटक रहा रहता है परंतु लोमड़ी बहुत प्रयास करता है अंगूर लेने के लिए लेकिन वह नहीं ले पता और जितनी ही ज्यादा उछाल मारता है वह उसे अंगूर तक फिर भी नहीं पहुंच पाता अंत में थक हार कर लोमड़ी जमीन पर बैठ जाता है और कहता है कि लगता है अंगूर खट्टे होंगे तभी मुझे नहीं मिल रहे हैं और वह फिर मुंह लटकाए वापस चला जाता है।

लोभी लोमड़ी को अंगूर नहीं मिले
लोभी लोमड़ी को अंगूर नहीं मिले

धोखेबाज दूधवाला की कहानी

एक दूध वाला था जो गांव में सभी घरों में दूध दिया करता था लेकिन वह अपने दूध में एक चौथाई पानी मिला देता था जिससे उसे बहुत फायदा होता था एक दिन गांव के ही एक आदमी ने उसे हैंडपंप पर दूध में पानी मिलते हुए देख लिया और वह वापस आकर गांव वालों को यह बात बताता है तब सभी गांव वाले कुछ दूध वालों को सबक सिखाने की सोचते हैं और जब वह दूध लेकर गांव में आता है तो उसके पीछे ढेर सारे बंदर छोड़ देते हैं और वह तेजी से भागने लगता है जिससे उसका बाल्टा गिर जाता है और उसका पूरा नुकसान हो जाता है और वह गांव से भाग जाता है।

धोखेबाज दूधवाला की कहानी
धोखेबाज दूधवाला की कहानी

झूठा सियार बना राजा

एक बार एक सियार जंगल में भटक रहा होता है और वह नीले रंग के तालाब में गिर जाता है जब वह बाहर निकलता है तो उसका पूरा शरीर नीला हो जाता है तब उसे एक तरकीब सुझाई देती है वह जंगल में जाकर सबको बताता है कि मैं ईश्वर का वरदान हूं और आज से मैं ही जंगल का राजा रहूंगा और सभी जंगल के जानवर उसको मान लेते हैं लेकिन जैसे ही रात होती है सियार अपनी आदत के अनुसार अपनी आवाज निकलने लगता है जिसके बाद सभी जंगली के जानवरों को यह पता चल जाता है कि बस यार है और उसे पीट-पीटकर मार डालते हैं।

झूठा सियार बना राजा
झूठा सियार बना राजा

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बारहसिंगा अपनी खूबसूरती से मारा गया

एक जंगल में बारहसिंगा रहता था वह जब भी अपने पैरों पर देखा था तो उसे वह बदसूरत लगते थे और जब पानी के प्रतिबिंब में अपनी सिंह को देखा था तो वह काफी खूबसूरत थे और उसे उसे बात का घमंड भी था और वह हमेशा ईश्वर से कहता था कि इतनी अच्छी सिंह देने के बाद मुझे इतनी बदसूरत पर क्यों दिए लेकिन एक दिन शिकारी बारहसिंगा को पकड़ने के लिए जंगल में आते हैं और बारहसिंगा उन्हें बदसूरत पैरों की सहायता से खूब तेजी से दौड़ लगाकर भागने लगता है

लेकिन आगे जाकर उसकी सिंह झाड़ियां में फंस जाती है जिस कारण से वह खुश नहीं कर पाता और अंत में शिकारी के हाथों मारा जाता है मरने से पहले वह सोचता है कि जिसे मैं खूबसूरत समझता था आज उसी के कारण मैं अपनी जान गवाही और जिसे मैं बस सूरत समझता था वही मुझे बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा था।

बारहसिंगा अपनी खूबसूरती से मारा गया
बारहसिंगा अपनी खूबसूरती से मारा गया

लालची नेवला की कहानी

एक जंगल में एक नेवला रहता था वह अन्य सभी जानवरों को काफी परेशान करता था एक दिन एक खरगोश को चोट लग जाती है तो वह नेवला उसे मरहम देता है और जैसे ही खरगोश व मरहम अपनी चोट पर लगता है उसकी चीज निकल जाती है क्योंकि उसे मरहम में मिर्च और नींबू मिला रहता है और नेवला फिर हंसने लगता है यह देखकर खरगोश उसे सबक सिखाने का सोचता है और कुछ दिन बाद वह दो बड़ी डोलची लेकर आता है जिसमें एक में फेविकोल नीचे की तरफ लगा रहता है और वह बड़ी वाली डोलची नेवले को देकर कहता है चलो आओ आज आम तोड़ते हैं जब दोनों आम तोड़ने जाते हैं

तो बड़ी वाली डोलची जमीन में रखकर नेवला उसमें बहुत सारे आम रख देता है जब वह उसे उठाने का प्रयास करता है तो वह जमीन से चिपक जाता है जिससे ज्यादा कोशिश करने पर उसका हाथ भी चिल जाता है तब खरगोश तुरंत उसे एक मरहम देता है जैसे ही नेवला अपने हाथों पर वह मरहम लगाता है उसकी भी चीज निकल जाती है क्योंकि उसे मरहम में मिर्च और नींबू मिला रहता है तब उसे अपने किए पर पछतावा होता है और खरगोश से माफी मांगता है।

लालची नेवला की कहानी
लालची नेवला की कहानी

गोलू और मोलू की दोस्ती

दो लड़के रहते हैं एक का नाम गोलू और दूसरे का नाम मोलू रहता है गोलू काफी पैसे वाला रहता है लेकिन मोलू एक दर्जी का बेटा रहता है एक दिन गोलू अपनी बड़ी कार से स्कूल आता है मोलू उसे एकटक देखता रह जाता है और उसकी कार को छूने लगता है तब गोलू उसे डांट लगा देता है और वह रोता हुआ अपने घर चला जाता है लेकिन एक दिन जब गोलू बाजार जा रहा होता है तो उसकी साइकिल का चैन उतर जाता है और वह उसे चढ़ा नहीं पता है तभी मोलू आता है और वह आसानी से मोलू की साइकिल का चैन चढ़ा देता है और फिर जाने लगता है तभी गोलू उसे रोकता है और उसे अपनी गाड़ी में बैठकर घूमने के लिए आमंत्रित करता है और फिर दोनों एक अच्छे दोस्त हो जाते हैं और खूब मजे करते हैं।

गोलू और मोलू की दोस्ती
गोलू और मोलू की दोस्ती

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